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प्रोफ़ाइल
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न्यूज़ीलैंड खाद्य मुद्रास्फीति

शेयर मूल्य

3.5 %
परिवर्तन +/-
+1.1 %
प्रतिशत में परिवर्तन
+37.29 %

न्यूज़ीलैंड में वर्तमान खाद्य मुद्रास्फीति का मूल्य 3.5 % है। न्यूज़ीलैंड में खाद्य मुद्रास्फीति 1/3/2025 को बढ़कर 3.5 % हो गया, जबकि यह 1/2/2025 को 2.4 % था। 1/1/1961 से 1/3/2025 तक, न्यूज़ीलैंड में औसत जीडीपी 5.46 % था। 1/3/1980 को सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 25.2 % पर पहुंचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/6/2010 को -2 % दर्ज किया गया।

स्रोत: Statistics New Zealand

खाद्य मुद्रास्फीति

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

खाद्य मुद्रास्फीति

खाद्य मुद्रास्फीति इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/20253.5 %
1/2/20252.4 %
1/1/20252.3 %
1/12/20241.5 %
1/11/20241.3 %
1/10/20241.2 %
1/9/20241.2 %
1/8/20240.4 %
1/7/20240.6 %
1/5/20240.2 %
1
2
3
4
5
...
70

खाद्य मुद्रास्फीति के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇳🇿
CPI ट्रांसपोर्ट
1,264 points1,254 pointsतिमाही
🇳🇿
PPI इनपुट
-0.9 %1.9 %तिमाही
🇳🇿
आयात मूल्य
1,009 points1,008 pointsतिमाही
🇳🇿
इनपुट-उत्पादक मूल्य
1,426 points1,439 pointsतिमाही
🇳🇿
उत्पादक मूल्य परिवर्तन
3.3 %4.2 %तिमाही
🇳🇿
उत्पादक मूल्य स्फीति मासिक दर मास
-0.1 %1.5 %तिमाही
🇳🇿
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
1,299 points1,287 pointsतिमाही
🇳🇿
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आवास और पार्श्व लागत
1,415 points1,405 pointsतिमाही
🇳🇿
कच्चे माल के दाम YoY
14.4 %15 %मासिक
🇳🇿
निर्माता मूल्य
1,443 points1,445 pointsतिमाही
🇳🇿
निर्यात मूल्य
1,490 points1,444 pointsतिमाही
🇳🇿
निर्यात मूल्य MoM
3.2 %0.7 %तिमाही
🇳🇿
बीआईपी-डेफ्लेटर
1,502 points1,488 pointsतिमाही
🇳🇿
मासिक आयात मूल्य
0.1 %-1.7 %तिमाही
🇳🇿
मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
1,295 points1,284 pointsतिमाही
🇳🇿
मुख्य मुद्रास्फीति दर
2.8 %2.7 %तिमाही
🇳🇿
मुद्रास्फीति की अपेक्षाएँ
2.06 %2.12 %तिमाही
🇳🇿
मुद्रास्फीति दर
2.5 %2.2 %तिमाही
🇳🇿
मुद्रास्फीति दर मासिक
0.9 %0.5 %तिमाही

न्यूज़ीलैंड में, खाद्य मूल्य सूचकांक (एफपीआई) उन कीमतों में परिवर्तन को मापता है जो घरेलू परिवार भोजन के लिए भुगतान करते हैं।

खाद्य मुद्रास्फीति क्या है?

Eulerpool वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहाँ हम आपको पेशेवर और विस्तृत आकड़ों के साथ वैश्विक और स्थानीय आर्थिक मुद्दों की जानकारी प्रदान करते हैं। आज हम 'भोजन मुद्रास्फीति' के विषय में चर्चा करेंगे, जो कि एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकनॉमिक श्रेणी है। भोजन मुद्रास्फीति का मतलब है खाद्य पदार्थों की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी। यह ना केवल आम उपभोक्ता की जेब पर असर डालता है, बल्कि व्यापक आर्थिक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है। भोजन मुद्रास्फीति का असर सामान्य जनता पर सबसे पहले और सबसे अधिक दिखाई देता है। जब खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति और उनकी दैनिक आवश्यकताओं पर पड़ता है। उच्च भोजन मुद्रास्फीति का मतलब है कि उपभोक्ताओं को उन्हीं वस्त्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है, जो उनकी जेब पर अत्यधिक बोझ डालता है। यही कारण है कि सरकारें और केंद्रीय बैंक भोजन मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए युद्ध स्तर पर कोशिशें करते हैं। भोजन मुद्रास्फीति के कई कारण हो सकते हैं। इनमें खराब मौसम, उत्पादन की कमी, कृषि उपज की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव, परिवहन लागत, सरकार की नीतियाँ और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उतार-चढ़ाव शामिल हैं। ज्वार-भाटा और सूखा जैसे प्राकृतिक आपदाएं भी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में व्यवधान डाल सकती हैं, जो कीमतों में वृद्धि का कारण बनती हैं। इसी प्रकार, वैश्विक बाज़ार में तेल की कीमतें बढ़ने पर परिवहन लागत में वृद्धि होती है, जो कि अंततः उपभोक्ता कीमतों में परिलक्षित होती है। कृषि उत्पादन में कमी एक अन्य प्रमुख कारण है जिसे ध्यान में रखना ज़रूरी है। जब खेत में पर्याप्त उत्पादन नहीं होता, तो इसकी मांग में वृद्धि होती है और कीमतें बढ़ जाती हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी वर्ष धान या गेहूं का उत्पादन कम हो जाता है, तो उसकी कीमतें आसमान छू सकती हैं। इसके अलावा, खाद, बीज और अन्य कृषि उपज की कीमतों में वृद्धि भी अंततः खाद्य पदार्थों की अंतिम क़ीमत पर असर डालती है। सरकारी नीतियाँ भी भोजन मुद्रास्फीति पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से असर डाल सकती हैं। कर, सब्सिडी, आयात-निर्यात पर प्रतिबंध, और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी नीतियाँ खाद्य पदार्थों की कीमतें निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब सरकार कृषि उपज पर निर्यात प्रतिबंध लगाती है, तो घरेलू बाजार में आपूर्ति सुधारती है और कीमतें नियंत्रण में रहती हैं। इसी प्रकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को एक सुनिश्चित आय देने के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की कीमतों को भी प्रभावित करता है। भारतीय संदर्भ में, भोजन मुद्रास्फीति एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक मुद्दा है। भारत में भोजन मुद्रास्फीति का असर शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में महसूस किया जाता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां आय के स्रोत सीमित होते हैं, भोजन मुद्रास्फीति का सीधा असर जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है। शहरी क्षेत्रों में, जहां लोग अपेक्षाकृत उच्च आय वाली नौकरियों में होते हैं, वे भी भोजन मुद्रास्फीति के चलते आर्थिक तनाव का सामना करते हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें कृषि उत्पादन में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार, सरकारी नीतियों का पुनर्मूल्यांकन और वैश्विक परिदृश्य में सामंजस्य शामिल है। उदाहरण के तौर पर, नई कृषि तकनीकों और सिंचाई सुविधाओं को अपनाना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में संतुलन बनाए रखना कुछ उपाय हो सकते हैं। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि भोजन मुद्रास्फीति का दीर्घकालिक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर गहरा हो सकता है। उच्च मुद्रास्फीति दर ना केवल उपभोक्ता खर्च के पैटर्न में परिवर्तन लाती है, बल्कि निवेश और बचत पर भी असर डालती है। जब उपभोक्ता खाद्य पदार्थों के लिए अधिक खर्च करते हैं, तो उनके पास अन्य वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी आवश्यकताओं के लिए कम पैसे बचते हैं। इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव आर्थिक विकास और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ता है। Eulerpool पर हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि भोजन मुद्रास्फीति जैसी जटिल आर्थिक समस्याओं के विभिन्न आयाम क्या हो सकते हैं। इसके लिए हम आपको नवीनतम अपडेट्स, शोध और विश्लेषण प्रदान करते हैं ताकि आप गहराई से इस विषय को समझ सकें। हमारा उद्देश्य आपको सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है ताकि आप अपने आर्थिक निर्णयों में बेहतर पहुँच बना सकें। अंत में, भोजन मुद्रास्फीति एक गंभीर और जटिल मुद्दा है जो समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करता है। हमारे प्लेटफार्म पर आप भोजन मुद्रास्फीति सहित विभिन्न मैक्रोइकनॉमिक मुद्दों पर विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। हम आपको नवीनतम आँकड़े, शोध और विशेषज्ञ विश्लेषण प्रदान करेंगे ताकि आप महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय ले सकें। Eulerpool के साथ जुड़े रहें और अपनी आर्थिक समझ को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएं।