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2 यूरो में सुरक्षित करें संयुक्त राज्य अमेरिका खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP)
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संयुक्त राज्य अमेरिका में खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का वर्तमान मूल्य 340.8 अरब USD है। संयुक्त राज्य अमेरिका में खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 1/3/2024 को घटकर 340.8 अरब USD हो गया, जबकि 1/12/2023 को यह 350.4 अरब USD था। 1/3/2005 से 1/6/2024 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में औसत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 335.39 अरब USD था। 1/3/2016 को 479.7 अरब USD के साथ अब तक का उच्चतम स्तर प्राप्त हुआ, जबकि 1/6/2022 को 232.9 अरब USD के साथ सबसे कम मूल्य दर्ज किया गया।
खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
खनन से सकल घरेलू उत्पाद | |
---|---|
1/3/2005 | 263.3 अरब USD |
1/6/2005 | 262.9 अरब USD |
1/9/2005 | 246.4 अरब USD |
1/12/2005 | 241.4 अरब USD |
1/3/2006 | 282.2 अरब USD |
1/6/2006 | 285.4 अरब USD |
1/9/2006 | 292.7 अरब USD |
1/12/2006 | 311.1 अरब USD |
1/3/2007 | 316.7 अरब USD |
1/6/2007 | 325.5 अरब USD |
1/9/2007 | 318.8 अरब USD |
1/12/2007 | 302.6 अरब USD |
1/3/2008 | 285.8 अरब USD |
1/6/2008 | 275.2 अरब USD |
1/9/2008 | 291.2 अरब USD |
1/12/2008 | 371.2 अरब USD |
1/3/2009 | 387.4 अरब USD |
1/6/2009 | 353.9 अरब USD |
1/9/2009 | 338.6 अरब USD |
1/12/2009 | 319.1 अरब USD |
1/3/2010 | 301.2 अरब USD |
1/6/2010 | 310 अरब USD |
1/9/2010 | 310.5 अरब USD |
1/12/2010 | 318.1 अरब USD |
1/3/2011 | 309.2 अरब USD |
1/6/2011 | 312.4 अरब USD |
1/9/2011 | 323.8 अरब USD |
1/12/2011 | 343.7 अरब USD |
1/3/2012 | 349.2 अरब USD |
1/6/2012 | 364.6 अरब USD |
1/9/2012 | 361.2 अरब USD |
1/12/2012 | 367.1 अरब USD |
1/3/2013 | 364.7 अरब USD |
1/6/2013 | 368.8 अरब USD |
1/9/2013 | 374.4 अरब USD |
1/12/2013 | 388.3 अरब USD |
1/3/2014 | 378.5 अरब USD |
1/6/2014 | 399.9 अरब USD |
1/9/2014 | 424.8 अरब USD |
1/12/2014 | 454.9 अरब USD |
1/3/2015 | 479.3 अरब USD |
1/6/2015 | 430.5 अरब USD |
1/9/2015 | 445.7 अरब USD |
1/12/2015 | 449.5 अरब USD |
1/3/2016 | 479.7 अरब USD |
1/6/2016 | 418 अरब USD |
1/9/2016 | 406.7 अरब USD |
1/12/2016 | 404.5 अरब USD |
1/3/2017 | 409.1 अरब USD |
1/6/2017 | 432.7 अरब USD |
1/9/2017 | 447.7 अरब USD |
1/12/2017 | 444.2 अरब USD |
1/3/2018 | 270.2 अरब USD |
1/6/2018 | 280 अरब USD |
1/9/2018 | 276.5 अरब USD |
1/12/2018 | 281.4 अरब USD |
1/3/2019 | 303.4 अरब USD |
1/6/2019 | 312 अरब USD |
1/9/2019 | 322.8 अरब USD |
1/12/2019 | 311.6 अरब USD |
1/3/2020 | 322.8 अरब USD |
1/6/2020 | 301.7 अरब USD |
1/9/2020 | 299 अरब USD |
1/12/2020 | 294.5 अरब USD |
1/3/2021 | 294.1 अरब USD |
1/6/2021 | 278.2 अरब USD |
1/9/2021 | 274.2 अरब USD |
1/12/2021 | 264.1 अरब USD |
1/3/2022 | 243.3 अरब USD |
1/6/2022 | 232.9 अरब USD |
1/9/2022 | 250 अरब USD |
1/12/2022 | 280.8 अरब USD |
1/3/2023 | 303.5 अरब USD |
1/6/2023 | 340.1 अरब USD |
1/9/2023 | 351.2 अरब USD |
1/12/2023 | 350.4 अरब USD |
1/3/2024 | 340.8 अरब USD |
खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/3/2024 | 340.8 अरब USD |
1/12/2023 | 350.4 अरब USD |
1/9/2023 | 351.2 अरब USD |
1/6/2023 | 340.1 अरब USD |
1/3/2023 | 303.5 अरब USD |
1/12/2022 | 280.8 अरब USD |
1/9/2022 | 250 अरब USD |
1/6/2022 | 232.9 अरब USD |
1/3/2022 | 243.3 अरब USD |
1/12/2021 | 264.1 अरब USD |
खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के समान मैक्रो संकेतक
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज अमेरिका
- 🇦🇷अर्जेंटीना
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- 🇩🇲डोमिनिका
- 🇬🇩ग्रेनाडा
खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) क्या है?
GDP from Mining एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचकांक है जो किसी देश की खनन गतिविधियों से उत्पादित कुल आर्थिक मूल्य को मापता है। खनन उद्योग, कोई भी अर्थव्यवस्था के लिए आधारभूत उद्योगों में से एक है और इसका प्रभाव व्यापक रूप से देखने को मिलता है। खनिज संसाधन जैसे कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, धातुएं और अन्य खनिज पदार्थों का उत्पादन, किसी भी राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि और विकास दर में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहां हम विस्तार में वर्णन करेंगे कि कैसे 'GDP from Mining' एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है। खनन उद्योग का अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव होता है। प्रत्यक्ष प्रभाव में खनिज संसाधनों का उत्पादन और उनकी बिक्री शामिल होती है, जिससे रोजगार सृजन, टैक्स राजस्व और विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। उदाहरणस्वरूप, किसी देश द्वारा निकाले गए कोयले का बड़ा हिस्सा बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है, जो औद्योगिक उत्पादन को सशक्त करता है। इसी तरह, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के उत्पादन से ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति होती है और इस प्रकार यह उद्योग कई अन्य उद्योगों को संचालित करता है, जैसे पेट्रोलियम रिफाइनरी, केमिकल उद्योग, आदि। अप्रत्यक्ष प्रभाव में खनन उद्योग द्वारा उत्पन्न अधोसंरचना विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल है। खनन मोटरवे, रेलवे और बंदरगाहों के निर्माण को भी प्रोत्साहित करता है, जो न सिर्फ खनन क्षेत्र की बल्कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों की भी जरूरतों को पूरा करता है। इसके अलावा, खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में किया जा सकता है जो समग्र समाज को लाभ पहुंचाती हैं। 'GDP from Mining' की गणना में खनिज उत्पादन के मूल्य को उसके विक्रय मूल्य पर मापा जाता है। इसे नेशनल अकाउंट्स जारी करने वाले संस्थान द्वारा मापा जाता है, जैसे भारत में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा। इसमें सभी खनिज पदार्थों का मूल्य शामिल होता है, चाहे वे घरेलू बाजार में बेचे जाएं या निर्यात किए जाएं। यहां हमें इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि मूल्य निर्धारण एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें अलग-अलग कारक जैसे वैश्विक बाजार दर, स्थानीय उत्पादन लागत और मांग व आपूर्ति के संतुलन को ध्यान में रखा जाता है। वैश्विक स्तर पर खनिज पदार्थों की कीमतें लगातार परिवर्तनशील होती हैं। यह कीमतें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड मार्केट, राजनीतिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होती हैं। उदाहरणस्वरूप, अगर किसी देश में सोने के भंडार एकाएक खोजे जाते हैं, तो इससे वैश्विक बाजार में सोने की आपूर्ति बढ़ जाती है और उसकी कीमतें गिर सकती हैं। इसके विपरीत, अगर किसी मुख्य खनिज उत्पादक देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा होती है, तो इसकी आपूर्ति में बाधा आ सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं। किसी देश की खनन उद्योग की स्वास्थ्य स्थिति का प्रत्यक्ष संबंध उसके 'GDP from Mining' से है। एक विकसित खनन क्षेत्र अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ तकनीकी और सामाजिक तरक्की में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकासशील देशों के लिए, यह क्षेत्र निवेश आकर्षित करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक हो सकता है। खनन में निवेश के माध्यम से न सिर्फ रोजगार सृजन होता है, बल्कि तकनीकी और मानव संसाधनों का भी विकास होता है। भारत जैसे विकासशील देशों के संदर्भ में, खनन क्षेत्र का विकास विदेशी निवेश को आकर्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विभिन्न सरकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार लाया जा सकता है। विशेषकर, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं के माध्यम से खनन क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है और विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। खनन क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का उपयोग भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। डिजिटलाइजेशन, बिग डेटा, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का प्रयोग खनन प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और कुशल बना रहा है। अधुनातन ड्रिलिंग तकनीकें और ऑटोमेटेड मशीनरी न केवल सुरक्षा मानकों में सुधार ला रही हैं, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में भी वृद्धि कर रही हैं। खनन क्षेत्र के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पर्यावरण प्रदूषण, जल स्रोतों पर दबाव, जैव विविधता को क्षति, और स्थानीय जनसंख्या के विस्थापन जैसी समस्याएं खनन से संबंधित हैं। इसलिए, सरकार और उद्योग दोनों को यह सुनिश्चित करना होता है कि खनन प्रक्रियाएं सतत विकास के अनुकूल हों। पर्यावरण संरक्षण कानूनों का पालन, स्थायिकता के उपायों को लागू करना और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को सुनिश्चित करना आवश्यक है। संक्षेप में, 'GDP from Mining' किसी भी देश की आर्थिक संरचना का अविभाज्य हिस्सा है और इसकी महत्ता को कम करके नहीं आंका जा सकता। यह न केवल आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक और तकनीकी प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे जैसे प्रोफेशनल वेबसाइट, eulerpool, में इस डेटा को प्रस्तुत करते समय इन सभी पहलुओं का ध्यान रखते हैं ताकि उपयोगकर्ताओं को सम्पूर्ण और सटीक जानकारी प्राप्त हो सके। खनन क्षेत्र की आर्थिक महत्वपूर्णता, उसके उत्पादन मूल्य और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उसकी भूमिका पर विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण करना बेहद महत्वपूर्ण है। यह डाटा न सिर्फ नीति निर्माण के लिए उपयोगी है, बल्कि निवेशकों, शोधकर्ताओं और व्यवसायियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अंततः, 'GDP from Mining' एक ऐसा सूचकांक है जो किसी राष्ट्र की आर्थिक मजबूती और सतत विकास के मार्ग को परिलक्षित करता है। इसके प्रभाव को समझना और इसका सही उपयोग करना हमारी वेबसाइट eulerpool का प्रमुख उद्देश्य है।