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2 यूरो में सुरक्षित करें नाइजीरिया सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र
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नाइजीरिया में वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र का मूल्य 5.06 % है। नाइजीरिया में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र 1/3/2020 को 5.06 % में घट गया, जबकि यह 1/12/2019 को 6.36 % था। 1/3/2011 से 1/12/2023 तक, नाइजीरिया में औसत जीडीपी -4.67 % थी। उच्चतम स्तर 1/3/2011 को 24.21 % के साथ पहुँचा गया था, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/3/2022 को -26.04 % पर दर्ज किया गया था।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि तेल क्षेत्र | |
---|---|
1/3/2011 | 24.21 % |
1/6/2011 | 10.57 % |
1/9/2012 | 9.83 % |
1/6/2014 | 5.14 % |
1/12/2014 | 1.18 % |
1/9/2015 | 1.06 % |
1/6/2017 | 3.53 % |
1/9/2017 | 23.03 % |
1/12/2017 | 11.2 % |
1/3/2018 | 14.02 % |
1/6/2019 | 7.17 % |
1/9/2019 | 6.49 % |
1/12/2019 | 6.36 % |
1/3/2020 | 5.06 % |
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/3/2020 | 5.06 % |
1/12/2019 | 6.36 % |
1/9/2019 | 6.49 % |
1/6/2019 | 7.17 % |
1/3/2018 | 14.02 % |
1/12/2017 | 11.2 % |
1/9/2017 | 23.03 % |
1/6/2017 | 3.53 % |
1/9/2015 | 1.06 % |
1/12/2014 | 1.18 % |
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सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि तेल क्षेत्र क्या है?
ई-यूलरपूल वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहाँ हम आपको व्यापक और सटीक मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं। इस श्रेणी में, हम "जीडीपी ग्रोथ ऑयल सेक्टर" पर विचार करेंगे, जो कि अर्थव्यवस्था में तेल क्षेत्र का विशेष महत्व, उसकी वृद्धि दर और आर्थिक विकास पर उसके प्रभाव को दर्शाता है। तेल क्षेत्र (ऑयल सेक्टर) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। इस उद्योग का महत्व केवल ऊर्जा संसाधनों की पूर्ति तक सीमित नहीं है; यह उद्योग रोजगार, निर्यात, और राष्ट्रीय आय के स्रोत के रूप में भी महत्वपूर्ण है। जब हम जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की बात करते हैं, तो तेल क्षेत्र की वृद्धि दर का निरीक्षण करना आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह आर्थिक गतिविधियों और उत्पादकता का प्रतिबिंब है। ग्रोथ रेट ऑयल सेक्टर का महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह वैश्विक तेल की कीमतों, उत्पादन की मात्रा, और राजनीतिक स्थिरता पर निर्भर करता है। तेल की कीमतों में तेजी या गिरावट, आवश्यक मूल्यों पर निर्भरता, और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मौजूदा प्रतिस्पर्धा, सभी जीडीपी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालते हैं। यह क्षेत्र न केवल ऊर्जा की पूर्ति करता है, बल्कि पेट्रोकेमिकल्स, जल परिवहन, और अन्य उद्योगों को भी ईंधन प्रदान करता है। अगर हम भारत की बात करें, तो तेल क्षेत्र के योगदान का विश्लेषण करना और उसे जीडीपी के परिप्रेक्ष्य में समझना अति आवश्यक है। भारत में तेल और गैस क्षेत्र पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और यह क्षेत्र राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियाँ जैसे ONGC और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन पर निर्भर है। साथ ही, निजी कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों का भी तेल पर अत्यधिक निर्भरता है। जैसे-जैसे औद्योगिक उत्पादन और परिवहन सेवाओं की मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे तेल की मांग में भी वृद्धि होती है। इससे तेल के दामों पर दबाव बनता है और संपूर्ण अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। दूसरे शब्दों में, तेल की कीमतें, उत्पादन की मात्रा, आयात और निर्यात की नीतियाँ, सभी मिलकर जीडीपी ग्रोथ रेट पर प्रभाव डालते हैं। तेल क्षेत्र की उत्पादन क्षमता, नई खोजें, और तकनीकी प्रगति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कम्पनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तकनीकी इन्नोवेशंस से उत्पादन में सुधार और लागत कम होती है, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ मिलता है। इसके साथ ही, जब सरकारें इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाती हैं और नई नीतियाँ अपनाती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव जीडीपी ग्रोथ पर पड़ता है। आर्थिक नीति निर्धारण में सरकार की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जब सरकारें तेल क्षेत्र में निवेश करती हैं या उसे प्रोत्साहन देती हैं, तो रोजगार सृजन होता है, बुनियादी ढांचे का विकास होता है, और अंततः यह सब आर्थिक वृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है। उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में विभिन्न योजनाएं एवं परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनका सीधा प्रभाव जीडीपी पर देखा जा सकता है। आर्थिक अस्थिरता और वैश्विक तेल बाजार में उतार-चढ़ाव भी जीडीपी ग्रोथ रेट को प्रभावित करते हैं। तेल के दामों में गिरावट से जहाँ एक ओर आयात करने वाले देशों को फायदा होता है, वहीं निर्यात करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इस तरह के वैश्विक परिदृश्य में, नीतिगत समायोजन और रणनीतिक निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं। इस संदर्भ में, स्थिरता और निवेश की आवश्यकता पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। निवेशकों के लिए तेल क्षेत्र में स्थिरता और अच्छे रिटर्न की संभावना अत्यधिक मायने रखती है। इसलिए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी भी जीडीपी ग्रोथ में फलदायी हो सकती हैं। अंततः, जीडीपी ग्रोथ ऑयल सेक्टर का विश्लेषण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न कारक और पहलू शामिल होते हैं। यह न केवल अर्थशास्त्रियों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकारों के लिए भी आवश्यक जानकारी प्रदान करता है जिससे वे अपनी नीतियों को व्यवहार में ला सकें और देश की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित कर सकें। हमारी वेबसाइट ई-यूलरपूल पर हम आपको इन सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी एवं विश्लेषण प्रदान करते हैं। यहाँ आपको अद्यतित और सटीक डेटा मिलेगा, जो आपकी अर्थव्यवस्था संबंधित निर्णयों में सहायक होगा। इस श्रेणी के तहत, हम आपको व्यापक डेटा और विश्लेषण प्रदान करते हैं ताकि आप तेल क्षेत्र की जीडीपी ग्रोथ रेट को बेहतर तरीके से समझ सकें और उससे जुड़े मुनाफे एवं जोखिमों का सही अनुमान लगा सकें। हमारी टीम इनसूचना और डेटा की सटीकता की पुष्टि करने के लिए सख्त मानकों का पालन करती है, ताकि आपको विश्वसनीय जानकारी मिल सके जो आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हो। अंत में, ई-यूलरपूल पर हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप तेल क्षेत्र से संबंधित जीडीपी ग्रोथ संबंधी डेटा और विश्लेषण का लाभ उठाएं और अपनी अर्थव्यवस्था की समझ को और सुदृढ़ बनाएं।