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🇩🇰

डेनमार्क किराया अनुपात के लिए मूल्य

शेयर मूल्य

121.373
परिवर्तन +/-
-1.855
प्रतिशत में परिवर्तन
-1.52 %

डेनमार्क में किराया अनुपात के लिए मूल्य का वर्तमान मूल्य 121.373 है। डेनमार्क में किराया अनुपात के लिए मूल्य 1/3/2024 को घटकर 121.373 हो गया, जब कि यह 1/12/2023 को 123.228 था। 1/3/1970 से 1/6/2024 तक, डेनमार्क में औसत GDP 83.28 था। सर्वकालीन उच्चतम मूल्य 1/3/2022 को 132.41 के साथ प्राप्त हुआ, जबकि सबसे कम मूल्य 1/6/1993 को 47.71 दर्ज किया गया।

स्रोत: OECD

किराया अनुपात के लिए मूल्य

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

किराया-मूल्य अनुपात

किराया अनुपात के लिए मूल्य इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/2024121.373
1/12/2023123.228
1/9/2023120.656
1/6/2023120.103
1/3/2023122.402
1/12/2022127.653
1/9/2022130.271
1/6/2022131.546
1/3/2022132.409
1/12/2021130.253
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किराया अनुपात के लिए मूल्य के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇩🇰
आवासीय संपत्ति की कीमतें
2.56 %-1.75 %तिमाही
🇩🇰
ईजनहोम कोटा
60 %59.6 %वार्षिक
🇩🇰
निर्माण उत्पादन
1.7 %1.9 %मासिक
🇩🇰
निर्माण प्रारंभ
2,511 units2,272 unitsतिमाही
🇩🇰
वोहनुंग्सइंडेक्स
131.97 points135.07 pointsतिमाही

डेनमार्क में कीमत से किराया अनुपात नाममात्र आवास मूल्य सूचकांक को आवास किराया मूल्य सूचकांक से विभाजित करके मापा जाता है।

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किराया अनुपात के लिए मूल्य क्या है?

पुलरपूल वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहाँ हम आपको व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं। आज हम 'प्राइस टू रेंट रेशियो' (किराया-संबंधित मूल्य अनुपात) पर चर्चा करेंगे, जो एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक है। यह संकेतक मुख्य रूप से आवास बाजार में निवेश और प्रदर्शन की समझ के लिए उपयोगी होता है। प्राइस टू रेंट रेशियो को आमतौर पर हाउसिंग मार्केट के मूल्यांकन के एक मापक के रूप में देखा जाता है। यह रेशियो एक रेजिडेंशियल संपत्ति की कीमत और उस संपत्ति से प्राप्त होने वाले वार्षिक किराये के राजस्व के बीच का अनुपात होता है। सामान्य तौर पर, इसे निम्नलिखित सूत्र द्वारा कैलकुलेट किया जा सकता है: \[ \text{प्राइस टू रेंट रेशियो} = \frac{\text{संपत्ति की मार्केट प्राइस}}{\text{वार्षिक किराया आय}} \] इस सूत्र से यह स्पष्ट है कि प्राइस टू रेंट रेशियो हमें यह संकेत देता है कि एक आवासीय संपत्ति कितनी व्यवहारिक रूप से खरीदी जा सकती है व उसकी तुलना में किराये की आय क्या होगी। जब प्राइस टू रेंट रेशियो अधिक होता है, तो यह दर्शाता है कि संपत्तियों की कीमतें अपेक्षाकृत अधिक हो रही हैं, और इस स्थिति में किराया प्राप्त करने की तुलना में घर खरीदने का निर्णय आर्थिक रूप से कम आकर्षक हो सकता है। वहीं, जब यह रेशियो कम होता है, तो यह इंगित करता है कि संपत्तियों की कीमतें कम हैं और किराया आय के माध्यम से निवेश में उचित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। प्राइस टू रेंट रेशियो का उपयोग विभिन्न निवेशकों, अर्थशास्त्रियों, और नीति निर्माताओं द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है। यह निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है: 1. **आवासीय बाजार की स्थिति का विश्लेषण**: यह रेशियो हाउसिंग मार्केट के ओवरवैल्यूड या अंडरवैल्यूड होने के संकेत देता है। यदि रेशियो बहुत अधिक है, तो यह संकेत देता है कि मार्केट में आवासीय संपत्तियों की कीमतें बढ़ी हुई हैं जो सामान्यतः बुलबुले की स्थिति का स्नाक्त करती है। दूसरी ओर, यदि यह रेशियो कम है, तो यह बताता है कि मार्केट अंडरवैल्यूड है और संपत्तियों की कीमतें कम हैं। 2. **निवेश करने के निर्णय**: निवेशक इसे एक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकते हैं ताकि यह निर्णय ले सकें कि किसी विशेष क्षेत्र में घर खरीदा जाए या किराया पर लिया जाए। उच्च प्राइस टू रेंट रेशियो वाले क्षेत्रों में संपत्तियों को किराया पर लेना आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है, जबकि कम रेशियो वाले क्षेत्रों में संपत्तियाँ खरीदना बेहतर निवेश हो सकता है। 3. **आर्थिक नीति निर्माण**: सरकार और नीति निर्माता इस रेशियो का उपयोग हाउसिंग नीतियों और योजनाओं को तैयार करने के लिए करते हैं। उच्च प्राइस टू रेंट रेशियो संपत्ति बबल के निहितार्थों को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता को इंगित कर सकता है। 4. **रेण्टल मार्केट डायनामिक्स**: रेशियो का ट्रैक रखना यह भी बताता है कि किराये के बाजार में क्या प्रवृत्तियाँ हैं। उच्च रेशियो इंगित कर सकता है कि व्यवहार किया गया किराया अधिक है, जबकि कम रेशियो इंगित कर सकता है कि संपत्तियों का किराया अपेक्षाकृत कम है। प्राइस टू रेंट रेशियो को विभिन्न तकनीकी और फंडामेंटल एनालिसिस में भी देखा जाता है। यह संकेतक विभिन्न समयावधियों और भौगोलिक क्षेत्रों में हाउसिंग मार्केट का विश्लेषण करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह संकेतक सुगमता से डेटा सेट में उपलब्ध होता है और इसका संकलन तुलनात्मक रूप से सरल होता है। हालांकि, प्राइस टू रेंट रेशियो के साथ कुछ सावधानियाँ भी हैं। रेशियो अकेले मार्केट की पूरी तस्वीर नहीं बता सकता। बाजार की गहराई से समझने के लिए अन्य अनेक आर्थिक संकेतकों का भी विश्लेषण आवश्यक है, जैसे कि इनकम ट्रेंड्स, इंटरेस्ट रेट्स, बाजार की मांग और आपूर्ति आदि। इसके साथ ही, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह संकेतक विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से व्यवहार कर सकता है। उदाहरण के लिए, बड़े मेट्रोपॉलिटन शहरों में जहाँ संपत्तियों की कीमतें उच्च होती हैं, वहाँ प्राइस टू रेंट रेशियो सामान्यतः अधिक होता है, जबकि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में यह रेशियो कम हो सकता है। अंततः, प्राइस टू रेंट रेशियो हाउसिंग मार्केट के मूल्यांकन का एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो निवेशकों, नीति निर्माताओं, और अर्थशास्त्रियों को बाजार की स्थितियों का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। Eulerpool वेबसाइट पर हम आपको इसे समझने और प्रभावी निर्णय लेने की जानकारी प्रदान करते हैं। हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करते रहें और विस्तृत मैक्रोइकोनॉमिक डेटा का लाभ उठाएँ।