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जॉर्डन आयात
शेयर मूल्य
जॉर्डन में आयात का वर्तमान मूल्य 1.83 अरब JOD है। जॉर्डन में आयात 1/9/2025 को घटकर 1.83 अरब JOD हो गया, जबकि यह 1/8/2025 को 1.837 अरब JOD था। 1/1/1972 से 1/9/2025 तक, जॉर्डन में औसत GDP 536.48 मिलियन JOD थी। सर्वकालिक उच्चतम 1/8/2022 को 1.96 अरब JOD तक पहुँच गया था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/1/1974 को 5.09 मिलियन JOD दर्ज किया गया था।
आयात
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३ वर्ष
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२५ वर्ष
मैक्स
आयात इतिहास
| तारीख | मूल्य |
|---|---|
| 1/9/2025 | 1.83 अरब JOD |
| 1/8/2025 | 1.837 अरब JOD |
| 1/7/2025 | 1.78 अरब JOD |
| 1/6/2025 | 1.404 अरब JOD |
| 1/5/2025 | 1.581 अरब JOD |
| 1/4/2025 | 1.875 अरब JOD |
| 1/3/2025 | 1.614 अरब JOD |
| 1/2/2025 | 1.442 अरब JOD |
| 1/1/2025 | 1.623 अरब JOD |
| 1/12/2024 | 1.826 अरब JOD |
आयात के समान मैक्रो संकेतक
आतंकवाद सूचकांक
वार्षिक
चालू खाता
तिमाही
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
वार्षिक
निधि अंतरण
तिमाही
निर्यात
मासिक
पर्यटक आगमन
मासिक
पूंजी प्रवाह
तिमाही
विदेशी कर्ज
वार्षिक
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
तिमाही
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
मासिक
व्यापारिक शर्तें
मासिक
शस्त्र बिक्री
वार्षिक
स्वर्ण भंडार
तिमाही
जॉर्डन के मुख्य आयात मशीनरी और परिवहन उपकरण, ईंधन, खाद्य पदार्थ, विनिर्मित रसायन और विद्युत उपकरण हैं। जॉर्डन के प्रमुख आयात साझेदार सऊदी अरब, चीन, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका और इटली हैं।
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आयात क्या है?
'आयात' श्रेणी को समर्पित यह विवरण मैक्रोइकोनॉमिक्स के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हमारी वेबसाइट Eulerpool पर, हम उच्च गुणवत्ता के आर्थिक आंकड़े, दिशानिर्देश और विश्लेषण प्रदान करते हैं, जो नीति निर्माताओं, व्यापारी समुदाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। आयात का अर्थ और महत्व: आयात किसी भी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक है, जो किसी देश द्वारा अन्य देशों से वस्त्र, तकनीक, कच्चा माल, ऊर्जा और विभिन्न सेवाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया को दर्शाता है। यह प्रक्रिया न केवल स्थानीय बाजार की जरूरतें पूरी करती है, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी प्रोत्साहित करती है। किसी देश की आर्थिक स्थिति, व्यापार संतुलन, और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आयात की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आयात की प्रक्रिया: आयात की प्रक्रिया सामान्यतः जटिल होती है और इसमें कई कारक शामिल होते हैं, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियाँ, टैरिफ, विनियम और स्थानीय मांग। जब कोई कंपनी या सरकार आयात करती है, तो उसे निम्नलिखित मुख्य चरणों से गुजरना होता है: 1. मांग विश्लेषण: सबसे पहले, स्थानीय बाजार की मांग का अध्ययन किया जाता है कि कौन सी वस्त्र या सेवाओं की आवश्यकता है। 2. आपूर्तिकर्ता चयन: इसके बाद, वैश्विक बाजार से उपयुक्त आपूर्तिकर्ता की पहचान की जाती है। 3. कानूनी प्रक्रिया: इसके बाद, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधित कागजी कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। 4. शिपमेंट: फिर वस्त्र या सेवाओं को शिपिंग द्वारा देश में लाया जाता है। 5. कस्टम्स: अंततः, कस्टम्स प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें टैरिफ और अन्य शुल्क का निर्धारण होता है। आयात का आर्थिक प्रभाव: आयात का एक देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विभिन्न दृष्टिकोण से इसे समझा जा सकता है: 1. व्यापार संतुलन: आयात और निर्यात का संतुलन किसी भी अर्थव्यवस्था का प्रमुख घटक है। अधिक आयात और कम निर्यात का परिणाम नकारात्मक व्यापार संतुलन के रूप में हो सकता है। 2. घरेलू उद्योग: आयात से स्थानीय उद्योगों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव बढ़ता है, जिससे उन्हें अधिक गुणवत्ता और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। 3. उपभोक्ता लाभ: आयात उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करता है, जिससे उन्हें लाभ होता है। 4. मुद्राण नीतियाँ: आयात मुद्रा विनिमय दर और मुद्रास्फीति दर पर भी प्रभाव डालता है। आयात संबंधी चुनौतियाँ: हालाँकि आयात से कई फायदे होते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी होती हैं: 1. ट्रेड डेफिसिट: निरंतर उच्च आयात की दर किसी देश के लिए ट्रेड डेफिसिट का कारण बन सकती है। 2. मुद्रा अवमूल्यन: अधिक आयात से घरेलू मुद्रा की कमजोरी हो सकती है। 3. स्थानीय उद्योग पर प्रभाव: अत्यधिक आयात से घरेलू उद्योगों की कमजोरी हो सकती है, खासकर उन उद्योगों में जहाँ प्रतिस्पर्धा कम है। 4. व्यापारिक विवाद: आयात से जुड़े विवाद और शुल्क विवाद अक्सर होते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। आयात नीतियाँ: किसी भी देश की आयात नीतियाँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि वे अपने घरेलू उद्योगों को किस हद तक सुरक्षा देना चाहते हैं। कई देश अपनाते हैं: 1. टैरिफ और शुल्क: आयात की जाने वाली वस्त्रों पर शुल्क और टैरिफ का निर्धारण होता है ताकि घरेलू उत्पादकों को संरक्षण मिल सके। 2. क्वोटा: कुछ देशों में आयात की जाने वाली वस्त्रों के लिए क्वोटा निर्धारित किया जाता है ताकि नियंत्रित मात्रा में ही आयात हो। 3. एंटी-डंपिंग नीतियाँ: यह नीति उन उत्पादों पर लागू होती है जो अन्य देशों द्वारा अपनी घरेलू कीमत से कम मूल्य पर बेचे जाते हैं। 4. विनियम और मानक: आयात वस्त्रों के लिए कठोर गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होता है। Eulerpool पर आयात डेटा: Eulerpool पर, हम व्यापक और विस्तृत आयात डेटा प्रदान करते हैं, जो विभिन्न देशों, उत्पाद श्रेणियों और समयावधियों के आधार पर होता है। हमारे डेटा बैंक में आपको निम्नलिखित प्रमुख जानकारी मिलेगी: 1. देशवार आयात डेटा: विभिन्न देशों द्वारा किए गए आयात का विस्तृत विश्लेषण। 2. उत्पादवार आयात डेटा: विभिन्न उत्पाद श्रेणियों जैसे कि टेक्नोलॉजी, कृषि उत्पाद, ऊर्जा संसाधन आदि का विस्तृत डेटा। 3. समयावधि: समय के आधार पर आयात रुझान और ऐतिहासिक डेटा। 4. विश्लेषण और रिपोर्ट: गहराई से विश्लेषण, रिपोर्ट और आउटलुक टिप्पणियाँ। निष्कर्ष: आयात किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है जो व्यापार संतुलन, उपभोक्ता लाभ, और उद्योगिक प्रतिस्पर्धा को सीधे प्रभावित करता है। फायदों के साथ-साथ इससे जुड़े चुनौतियों का भी उचित समाधान आवश्यक है। Eulerpool पर हमारी विशेषज्ञ टीम इन सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण और डेटा प्रदान करती है, जिससे आप अपनी आर्थिक नीतियाँ और रणनीतियाँ बेहतर बनाने में सक्षम होंगे। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध उच्च गुणवत्ता के आयात डेटा और विश्लेषण का पूर्ण लाभ उठाएँ और अपने आर्थिक निर्णयों को सशक्त बनाएँ। अगर आपको किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी या विश्लेषण की आवश्यकता है, तो हमारी विशेषज्ञ टीम हमेशा आपकी सहायता के लिए तत्पर है।

