इंडोनेशिया आयात
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इंडोनेशिया में आयात का वर्तमान मूल्य 194.7 अरब USD है। इंडोनेशिया में आयात 1/8/2025 को बढ़कर 194.7 अरब USD हो गया, जबकि यह 1/7/2025 को 20.575 अरब USD था। 1/1/1959 से 1/8/2025 तक, इंडोनेशिया में औसत GDP 5.14 अरब USD था। 1/8/2025 को 194.7 अरब USD के साथ सर्वकालिक उच्चतम स्तर पहुँचा गया, जबकि 1/9/1959 को सबसे कम मूल्य 21 मिलियन USD दर्ज किया गया।
आयात
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
आयात इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/8/2025 | 194.7 अरब USD |
1/7/2025 | 20.575 अरब USD |
1/6/2025 | 19.333 अरब USD |
1/5/2025 | 20.312 अरब USD |
1/4/2025 | 20.585 अरब USD |
1/3/2025 | 18.92 अरब USD |
1/2/2025 | 18.864 अरब USD |
1/1/2025 | 18 अरब USD |
1/12/2024 | 21.221 अरब USD |
1/11/2024 | 19.588 अरब USD |
आयात के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇮🇩 आतंकवाद सूचकांक | 4.17 Points | 3.993 Points | वार्षिक |
🇮🇩 आयात YoY | -6.56 % | -5.86 % | मासिक |
🇮🇩 कच्चे तेल का उत्पादन | 585 BBL/D/1K | 580 BBL/D/1K | मासिक |
🇮🇩 चालू खाता | -3.014 अरब USD | -228 मिलियन USD | तिमाही |
🇮🇩 चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में | -0.63 % of GDP | -0.15 % of GDP | वार्षिक |
🇮🇩 निधि अंतरण | 4.248 अरब USD | 4.164 अरब USD | तिमाही |
🇮🇩 निर्यात | 24.963 अरब USD | 24.749 अरब USD | मासिक |
🇮🇩 निर्यात YoY | 5.78 % | 9.86 % | मासिक |
🇮🇩 पर्यटक आगमन | 1.505 मिलियन | 1.481 मिलियन | मासिक |
🇮🇩 पर्यटन आयें | 4.39 अरब USD | 3.808 अरब USD | तिमाही |
🇮🇩 पूंजी प्रवाह | -5.159 अरब USD | -438 मिलियन USD | तिमाही |
🇮🇩 विदेशी कर्ज | 433.343 अरब USD | 430.358 अरब USD | तिमाही |
🇮🇩 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 202.2 IDR Trillion | 230.4 IDR Trillion | तिमाही |
🇮🇩 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश YoY | -7 % | 12.7 % | तिमाही |
🇮🇩 व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस) | 5.488 अरब USD | 4.174 अरब USD | मासिक |
🇮🇩 व्यापारिक शर्तें | 113.2 points | 112.05 points | मासिक |
🇮🇩 शस्त्र बिक्री | 17 मिलियन SIPRI TIV | 9 मिलियन SIPRI TIV | वार्षिक |
🇮🇩 स्वर्ण भंडार | 78.57 Tonnes | 78.57 Tonnes | तिमाही |
2004 से 2012 तक, इंडोनेशिया में आयात तीन गुना हो गया, क्योंकि बड़ी आबादी मध्यम वर्ग में प्रवेश कर चुकी थी और तेल एवं उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद में वृद्धि हो रही थी। हालांकि, 2013 के मध्य से कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और घरेलू खपत और निवेश में कमजोरी के कारण आयात कम होने लगे। मुख्य आयात उत्पाद: तेल और गैस (कुल आयात का लगभग 17 प्रतिशत), न्यूक्लियर रिएक्शन, बॉयलर, मैकेनिकल उपकरण (19 प्रतिशत); लोहा और इस्पात (5.4 प्रतिशत), जैविक रासायनिक सामग्री (4.8 प्रतिशत) और वाहन (4.5 प्रतिशत) हैं। मुख्य आयात साझेदार हैं: चीन (कुल आयात का 25 प्रतिशत), जापान (11 प्रतिशत), सिंगापुर (7.6 प्रतिशत), थाईलैंड (6.8 प्रतिशत) और संयुक्त राज्य अमेरिका (6.4 प्रतिशत)।
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आयात क्या है?
'आयात' श्रेणी को समर्पित यह विवरण मैक्रोइकोनॉमिक्स के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हमारी वेबसाइट Eulerpool पर, हम उच्च गुणवत्ता के आर्थिक आंकड़े, दिशानिर्देश और विश्लेषण प्रदान करते हैं, जो नीति निर्माताओं, व्यापारी समुदाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। आयात का अर्थ और महत्व: आयात किसी भी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक है, जो किसी देश द्वारा अन्य देशों से वस्त्र, तकनीक, कच्चा माल, ऊर्जा और विभिन्न सेवाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया को दर्शाता है। यह प्रक्रिया न केवल स्थानीय बाजार की जरूरतें पूरी करती है, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी प्रोत्साहित करती है। किसी देश की आर्थिक स्थिति, व्यापार संतुलन, और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आयात की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आयात की प्रक्रिया: आयात की प्रक्रिया सामान्यतः जटिल होती है और इसमें कई कारक शामिल होते हैं, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियाँ, टैरिफ, विनियम और स्थानीय मांग। जब कोई कंपनी या सरकार आयात करती है, तो उसे निम्नलिखित मुख्य चरणों से गुजरना होता है: 1. मांग विश्लेषण: सबसे पहले, स्थानीय बाजार की मांग का अध्ययन किया जाता है कि कौन सी वस्त्र या सेवाओं की आवश्यकता है। 2. आपूर्तिकर्ता चयन: इसके बाद, वैश्विक बाजार से उपयुक्त आपूर्तिकर्ता की पहचान की जाती है। 3. कानूनी प्रक्रिया: इसके बाद, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधित कागजी कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। 4. शिपमेंट: फिर वस्त्र या सेवाओं को शिपिंग द्वारा देश में लाया जाता है। 5. कस्टम्स: अंततः, कस्टम्स प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें टैरिफ और अन्य शुल्क का निर्धारण होता है। आयात का आर्थिक प्रभाव: आयात का एक देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विभिन्न दृष्टिकोण से इसे समझा जा सकता है: 1. व्यापार संतुलन: आयात और निर्यात का संतुलन किसी भी अर्थव्यवस्था का प्रमुख घटक है। अधिक आयात और कम निर्यात का परिणाम नकारात्मक व्यापार संतुलन के रूप में हो सकता है। 2. घरेलू उद्योग: आयात से स्थानीय उद्योगों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव बढ़ता है, जिससे उन्हें अधिक गुणवत्ता और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। 3. उपभोक्ता लाभ: आयात उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करता है, जिससे उन्हें लाभ होता है। 4. मुद्राण नीतियाँ: आयात मुद्रा विनिमय दर और मुद्रास्फीति दर पर भी प्रभाव डालता है। आयात संबंधी चुनौतियाँ: हालाँकि आयात से कई फायदे होते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी होती हैं: 1. ट्रेड डेफिसिट: निरंतर उच्च आयात की दर किसी देश के लिए ट्रेड डेफिसिट का कारण बन सकती है। 2. मुद्रा अवमूल्यन: अधिक आयात से घरेलू मुद्रा की कमजोरी हो सकती है। 3. स्थानीय उद्योग पर प्रभाव: अत्यधिक आयात से घरेलू उद्योगों की कमजोरी हो सकती है, खासकर उन उद्योगों में जहाँ प्रतिस्पर्धा कम है। 4. व्यापारिक विवाद: आयात से जुड़े विवाद और शुल्क विवाद अक्सर होते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। आयात नीतियाँ: किसी भी देश की आयात नीतियाँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि वे अपने घरेलू उद्योगों को किस हद तक सुरक्षा देना चाहते हैं। कई देश अपनाते हैं: 1. टैरिफ और शुल्क: आयात की जाने वाली वस्त्रों पर शुल्क और टैरिफ का निर्धारण होता है ताकि घरेलू उत्पादकों को संरक्षण मिल सके। 2. क्वोटा: कुछ देशों में आयात की जाने वाली वस्त्रों के लिए क्वोटा निर्धारित किया जाता है ताकि नियंत्रित मात्रा में ही आयात हो। 3. एंटी-डंपिंग नीतियाँ: यह नीति उन उत्पादों पर लागू होती है जो अन्य देशों द्वारा अपनी घरेलू कीमत से कम मूल्य पर बेचे जाते हैं। 4. विनियम और मानक: आयात वस्त्रों के लिए कठोर गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होता है। Eulerpool पर आयात डेटा: Eulerpool पर, हम व्यापक और विस्तृत आयात डेटा प्रदान करते हैं, जो विभिन्न देशों, उत्पाद श्रेणियों और समयावधियों के आधार पर होता है। हमारे डेटा बैंक में आपको निम्नलिखित प्रमुख जानकारी मिलेगी: 1. देशवार आयात डेटा: विभिन्न देशों द्वारा किए गए आयात का विस्तृत विश्लेषण। 2. उत्पादवार आयात डेटा: विभिन्न उत्पाद श्रेणियों जैसे कि टेक्नोलॉजी, कृषि उत्पाद, ऊर्जा संसाधन आदि का विस्तृत डेटा। 3. समयावधि: समय के आधार पर आयात रुझान और ऐतिहासिक डेटा। 4. विश्लेषण और रिपोर्ट: गहराई से विश्लेषण, रिपोर्ट और आउटलुक टिप्पणियाँ। निष्कर्ष: आयात किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है जो व्यापार संतुलन, उपभोक्ता लाभ, और उद्योगिक प्रतिस्पर्धा को सीधे प्रभावित करता है। फायदों के साथ-साथ इससे जुड़े चुनौतियों का भी उचित समाधान आवश्यक है। Eulerpool पर हमारी विशेषज्ञ टीम इन सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण और डेटा प्रदान करती है, जिससे आप अपनी आर्थिक नीतियाँ और रणनीतियाँ बेहतर बनाने में सक्षम होंगे। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध उच्च गुणवत्ता के आयात डेटा और विश्लेषण का पूर्ण लाभ उठाएँ और अपने आर्थिक निर्णयों को सशक्त बनाएँ। अगर आपको किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी या विश्लेषण की आवश्यकता है, तो हमारी विशेषज्ञ टीम हमेशा आपकी सहायता के लिए तत्पर है।