अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें

2 यूरो में सुरक्षित करें
Analyse
प्रोफ़ाइल
🇸🇪

स्वीडन कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)

शेयर मूल्य

22.608 अरब SEK
परिवर्तन +/-
-708 मिलियन SEK
प्रतिशत में परिवर्तन
-3.08 %

स्वीडन में कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का वर्तमान मूल्य 22.608 अरब SEK है। स्वीडन में कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 1/3/2025 को 22.608 अरब SEK हो गया, जो 1/12/2024 को 23.316 अरब SEK था। 1/3/1981 से 1/3/2025 तक, स्वीडन में औसत जीडीपी 19.32 अरब SEK था। सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 1/9/2017 को 26.08 अरब SEK था, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/12/1981 को 13.85 अरब SEK दर्ज किया गया था।

स्रोत: Statistics Sweden

कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

कृषि से सकल घरेलू उत्पाद

कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/202522.608 अरब SEK
1/12/202423.316 अरब SEK
1/9/202422.961 अरब SEK
1/6/202423.116 अरब SEK
1/3/202424.352 अरब SEK
1/12/202323.425 अरब SEK
1/9/202323.516 अरब SEK
1/6/202323.142 अरब SEK
1/3/202324.132 अरब SEK
1/12/202225.424 अरब SEK
1
2
3
4
5
...
18

कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇸🇪
उपयोगिता कंपनियों से सकल घरेलू उत्पाद
39.237 अरब SEK42.762 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
खनन से सकल घरेलू उत्पाद
213.141 अरब SEK217.874 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
निर्माण क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद
87.356 अरब SEK88.656 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
परिवहन क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद
52.015 अरब SEK51.301 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद
54,449.798 USD54,878.292 USDवार्षिक
🇸🇪
मासिक जीडीपी वर्ष दर वर्ष
1.3 %0.1 %मासिक
🇸🇪
मासिक सकल घरेलू उत्पाद माह दर माह
0.6 %-0.7 %मासिक
🇸🇪
वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर
0.9 %2.4 %तिमाही
🇸🇪
विनिर्माण से सकल घरेलू उत्पाद
203.928 अरब SEK207.996 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
सकल घरेलू उत्पाद
584.961 अरब USD579.896 अरब USDवार्षिक
🇸🇪
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर
-0.2 %0.5 %तिमाही
🇸🇪
सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति समता
62,665.22 USD63,158.36 USDवार्षिक
🇸🇪
सकल पूंजीगत निवेश
388.514 अरब SEK403.994 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
सकल राष्ट्रीय आय
1.78 जैव. SEK1.613 जैव. SEKतिमाही
🇸🇪
संपूर्ण वर्ष की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि
1 %-0.1 %वार्षिक
🇸🇪
सार्वजनिक प्रशासन से सकल घरेलू उत्पाद
298.406 अरब SEK299.841 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
सेवाओं से सकल घरेलू उत्पाद
760.372 अरब SEK751.968 अरब SEKतिमाही
🇸🇪
स्थिर मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद
1.606 जैव. SEK1.609 जैव. SEKतिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

कृषि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) क्या है?

जीडीपी से कृषि: एक समग्र दृष्टिकोण ईलरपूल पर हम सभी प्रमुख आर्थिक संकेतकों की गहन जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें से एक अत्यधिक महत्वपूर्ण सूचकांक 'जीडीपी से कृषि' है। यह सूचकांक न केवल भारत जैसी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है। इस लेख में, हम 'जीडीपी से कृषि' की महत्ता, इसके तत्व, इसके प्रमुख कारक, और इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे ताकि हमारे पाठकों को इस मानक की गहरी समझ प्राप्त हो सके। 'जीडीपी से कृषि' को समझना जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) किसी देश की आर्थिक स्थिति का एक प्रमुख मापक है, और 'जीडीपी से कृषि' उस जीडीपी का एक उपखंड है जो कृषि संबंधी गतिविधियों से उत्पन्न होता है। इसमें फसल उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, वनीकरण, और कृषि-आधारित उद्योग शामिल होते हैं। इसे अक्सर 'कृषि जीडीपी' भी कहा जाता है। महत्ता और भूमिका भारत जैसे कृषि प्रधान देश में, कृषि जीडीपी का विशेष महत्व है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी संस्थाएं भी इसे महत्वपूर्ण मानती हैं क्योंकि यह सूचकांक न केवल कृषि के प्रति जीडीपी में योगदान को दर्शाता है, बल्कि व्यापक आर्थिक स्थिरता एवं वृद्धि का भी प्रतीक है। कृषि क्षेत्र में वृद्धि राष्ट्रीय आय में सीधे-सीधे योगदान करती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करती है। प्रमुख तत्व कृषि जीडीपी के विभिन्न तत्व हैं जो इसे आकार देते हैं। सबसे प्रमुख हैं: 1. **फसल उत्पादन**: फसल Production का जीडीपी में बड़ा हिस्सा होता है, जिसमें मुख्य रूप से अनाज, दलहन, तिलहन, और बागवानी की फसलें शामिल होती हैं। 2. **पशुपालन**: डेयरी उत्पाद, मांस, और ऊन जैसे तत्व पशुपालन से उत्पन्न होते हैं। 3. **मत्स्य पालन और जलीय कृषि**: इसमें मछलियों के उत्पादन और अन्य जलीय उत्पाद शामिल होते हैं। 4. **वनीकरण और संबद्ध क्रियाकलाप**: लकड़ी और गैर-लकड़ी उत्पादों का उत्पादन भी इसमें शामिल होता है। 5. **कृषि-आधारित उद्योग**: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, जैव-ऊर्जा उत्पादन, और कृषि यंत्र निर्माण भी कृषि जीडीपी में योगदान करते हैं। भौगोलिक और जलवायु संबंध कृषि जीडीपी का एक महत्वपूर्ण पहलू भी यह है कि यह भौगोलिक और जलवायु परिवर्तन से बेहद प्रभावित होता है। किसी विशेष क्षेत्र की जलवायु और भौगोलिक स्थितियां यह निर्धारित करती हैं कि वहां कौन सी फसलें सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं। विभिन्न मौसमों में विभिन्न फसलों का उत्पादन, मौसमी संकट, सूखा, बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं का भी बहुत प्रभाव पड़ता है। नीतिगत सुधार और सरकारी पहल भारत में कृषि जीडीपी को बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न नीतिगत सुधार और योजनाएं लागू करती हैं। पीएम किसान, कृषि बीमा योजना, और विभिन्न कृषि-आधारित सब्सिडी जैसी योजनाएं किसानों की आय को सुनिश्चित करती हैं और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देती हैं। सरकारें अनुसंधान और विकास (R&D) में भी निवेश करती हैं ताकि नई तकनीकों और उन्नत बीजों का उपयोग करके पैदावार में वृद्धि की जा सके। चुनौतियां और समस्याएं हालांकि कृषि जीडीपी महत्त्वपूर्ण है, इस क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं जिन्हें सुलझाना आवश्यक है। असमान भूमिभुगतान, वितरण प्रणाली की खामियां, जलवायु परिवर्तन, और लगातार बढ़ती जनसंख्या की मांग पूरी करने जैसी चुनौतियां प्रमुख हैं। इन चुनौतियों का समाधान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, तकनीकी उन्नति, और स्थायी कृषि विधियों के माध्यम से किया जाना चाहिए। तकनीकी उन्नति और कृषि जीडीपी हाल के वर्षों में कृषि में तकनीकी उन्नति ने कृषि जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आधुनिक कृषि यंत्र, सिंचाई के बेहतर साधन, जैव प्रौद्योगिकी, और डिजिटल कृषि प्रणाली किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि कर रहे हैं। ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी, और IoT डिवाइस का उपयोग भी कृषि संचालन को कारगर बनाने में सहायक है। समग्र आर्थिक प्रभाव कृषि जीडीपी का समग्र आर्थिक प्रभाव कई पहलुओं में देखा जा सकता है। यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करता है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा, कच्चे माल की उपलब्धता, और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में भी योगदान करता है। कृषि और संबंधित क्षेत्रों में निवेश राष्ट्रीय आय और विकास दर को भी प्रभावित करता है। भविष्य की दिशा आने वाले समय में, कृषि जीडीपी का भविष्य बहुत हद तक विभिन्न नीतिगत और तकनीकी नवाचारों पर निर्भर करेगा। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, कृषि आधारभूत संरचना में सुधार, और वैश्विक बाजारों में कृषि उत्पादों की पहुँच को बढ़ावा देने से इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत और स्थायी बनाया जा सकता है। निष्कर्ष ईलरपूल पर 'जीडीपी से कृषि' की यह विस्तृत चर्चा इस विषय की गहराई और व्यापकता को उजागर करती है। यह सूचकांक न केवल कृषि की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि सम्पूर्ण देश की आर्थिक स्थिरता और विकास को भी प्रतिबिंबित करता है। मौजूदा चुनौतियाँ और संभावनाएँ इस बात की ओर संकेत करती हैं कि कृषि जीडीपी को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रयास, सामूहिक सहयोग, और नवाचार की अत्यधिक आवश्यकता है। इसका सम्पूर्ण प्रभाव तभी महसूस किया जा सकता है जब सभी संबंधित पक्ष एकीकृत रूप से काम करें और विकास की दिशा में कदम बढ़ाएं।