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प्रोफ़ाइल
🇷🇸

सर्बिया हथियारों की बिक्री

शेयर मूल्य

3 मिलियन SIPRI TIV
परिवर्तन +/-
-46 मिलियन SIPRI TIV
प्रतिशत में परिवर्तन
-176.92 %

वर्तमान में सर्बिया में हथियारों की बिक्री का मूल्य 3 मिलियन SIPRI TIV है। सर्बिया में हथियारों की बिक्री 1/1/2021 को घटकर 3 मिलियन SIPRI TIV हो गई, जो 1/1/2020 को 49 मिलियन SIPRI TIV थी। 1/1/1996 से 1/1/2021 तक, सर्बिया में औसत GDP 22.84 मिलियन SIPRI TIV थी। सर्वकालिक उच्चतम स्तर 1/1/2016 को 86 मिलियन SIPRI TIV के साथ पहुँचा, जबकि निम्नतम मूल्य 1/1/2009 को 0 SIPRI TIV के साथ दर्ज किया गया।

स्रोत: SIPRI

हथियारों की बिक्री

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

शस्त्र बिक्री

हथियारों की बिक्री इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20213 मिलियन SIPRI TIV
1/1/202049 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201926 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201827 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201711 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201686 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201562 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201410 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201310 मिलियन SIPRI TIV
1/1/201215 मिलियन SIPRI TIV
1
2

हथियारों की बिक्री के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇷🇸
आतंकवाद सूचकांक
0.582 Points0 Pointsवार्षिक
🇷🇸
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
4.184 अरब USD4.096 अरब USDमासिक
🇷🇸
कच्चे तेल का उत्पादन
12 BBL/D/1K12 BBL/D/1Kमासिक
🇷🇸
चालू खाता
-933 मिलियन USD-462 मिलियन USDमासिक
🇷🇸
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
-6.3 % of GDP-2.4 % of GDPवार्षिक
🇷🇸
निर्यात
3.042 अरब USD3.154 अरब USDमासिक
🇷🇸
पर्यटक आगमन
1,76,724 1,42,053 मासिक
🇷🇸
पूंजी प्रवाह
-932 मिलियन USD-480 मिलियन USDमासिक
🇷🇸
विदेशी कर्ज
49.811 अरब EUR48.443 अरब EURतिमाही
🇷🇸
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
-212.5 मिलियन USD-165.7 मिलियन USDमासिक
🇷🇸
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
-1.142 अरब USD-942 मिलियन USDमासिक
🇷🇸
स्वर्ण भंडार
49.11 Tonnes48.15 Tonnesतिमाही

हथियारों की बिक्री को ट्रेंड-सीचक मूल्य के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जो कुछ मुख्य हथियारों जैसे कि विमान, वायु रक्षा प्रणाली, पनडुब्बी विरोधी युद्ध हथियार, बख्तरबंद वाहन, तोपखाना, इंजन, मिसाइल, सेंसर, उपग्रह, जहाज और अन्य के ज्ञात इकाई उत्पादन लागत पर आधारित होता है। यह सूचक सैन्य संसाधनों के स्थानांतरण मूल्य को प्रस्तुत करने का उद्देश्य रखता है न कि स्थानांतरण के वित्तीय मूल्य को।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

हथियारों की बिक्री क्या है?

### हथियार बिक्री: एक व्यापक विश्लेषण हथियार बिक्री, जिसे वैश्विक रक्षा उद्योग के महत्वपूर्ण घटक के रूप में माना जाता है, एक ऐसा क्षेत्र है जिसका प्रभाव न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर भी पड़ता है। हथियार बिक्री की श्रेणी में युद्धक विमान, टैंक, मिसाइल प्रणाली, नौसैनिक जहाज और छोटे हथियार शामिल होते हैं। हमारे विश्लेषण का उद्देश्य इस महत्त्वपूर्ण उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालना तथा इसके व्यापक प्रभावों को समझना है। दुनिया भर में हथियारों की बिक्री विशेष रूप से बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और सैन्य रूप से शक्तिशाली देशों के लिए एक आवश्यक गतिविधि है। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, और जर्मनी उन प्रमुख देशों में शामिल हैं जो विश्वभर में हथियारों की आपूर्ति करते हैं। ये देश अपने अत्याधुनिक तकनीक और सामरिक विशेषज्ञता के बल पर वैश्विक हथियार बाजार में प्रमुख स्थान बनाए हुए हैं। ### वैश्विक सुरक्षा और राजनीतिक दिशा हथियार बिक्री का प्रभाव केवल आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध अंतरराष्ट्रीय व्यापार और राजनीतिक समीकरणों से भी है। जब एक देश दूसरे देश को हथियार बेचता है, तो यह सौदा केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसके माध्यम से राजनीतिक गठबंधन और रणनीतिक साझेदारियों का भी निर्माण होता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका और सऊदी अरब के बीच होने वाले हथियार सौदों से न केवल दोनों देशों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है, बल्कि इससे राजनीतिक समीकरण भी दृढ़ होते हैं। ### आर्थिक प्रभाव एवं रोजगार हथियारों की बिक्री से निर्यातक देशों की अर्थव्यवस्था को बहुमूल्य योगदान प्राप्त होता है। यह केवल निर्यात फिगर तक सीमित नहीं बल्कि इससे राष्ट्रीय स्वदेशी उत्पादन और संबंधित अनुशासनिक उद्योगों को भी बढ़ावा मिलता है। रक्षा उद्योग के माध्यम से हजारों रोजगारों का सृजन किया जाता है, जिसमें इंजीनियरिंग, अनुसंधान, विकास, और उत्पादन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इन रोजगारों से सम्बद्ध कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन भी देश की औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ावा देता है। ### तकनीकी उन्नयन और अनुसंधान हथियार उद्योग में सतत् अनुसंधान और विकास अत्यावश्यक है। अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के लिए निरंतर अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में, उच्च तकनीकी क्षमताओं और सटीक इंजीनियरिंग के लिए निवेश किया जाता है। यह न केवल सैन्य क्षमताओं को बेहतर बनाता है, बल्कि इससे जुड़ी हुई तकनीकों का अनुप्रयोग अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है। ### नैतिक और सामाजिक प्रभाव हथियारों की बिक्री के साथ ही कई नैतिक और सामाजिक विचारणीय मुद्दे भी जुड़े होते हैं। हथियारों की आपूर्ति अक्सर उन क्षेत्रों में विवाद उत्पन्न कर सकती है जहाँ पहले से ही सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता हो। इसके कारण मानवाधिकार हनन और मानवीय संकट भी उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा, विकसित देशों से विकासशील देशों को हथियार बेचना कभी-कभी उन देशों में सत्ता संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है। ### हथियार नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय संधियां वैश्विक हथियार बिक्री पर नियंत्रण और उसकी निगरानी हेतु कई अंतरराष्ट्रीय संधियां और नियमावली बनाई गई हैं। जैसे कि वार्सा संधि और केंद्रीयकृत अंतरराष्ट्रीय हथियार व्यापार समझौता (ATT) आदि। इन संधियों का उद्देश्य हथियारों की अवैध बिक्री और उनके दुरुपयोग को रोकना है। इसके साथ ही, विभिन्न देशों के बीच पारदर्शिता और विश्वास को बनाए रखने में भी मदद मिलती है। ### भविष्य की दिशा आने वाले समय में हथियार बिक्री में कुछ प्रमुख तकनीकी और रणनीतिक बदलाव देखे जा सकते हैं। इनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, और साइबर हथियार प्रणाली जैसी नई तकनीकों का समावेश हो सकता है। इन नवाचारों से हथियार उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की संभावना है। इसके साथ ही, जलवायु परिवर्तनों और जैविक खतरों जैसे नए वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में भी नए प्रकार के हथियार प्रणालियों का विकास आवश्यक हो सकता है। ### निष्कर्ष हथियार की बिक्री एक व्यापक और जटिल क्षेत्र है, जो न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक, सामरिक, और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। हमारे वेबसाइट eulerpool पर, हम इस महत्वपूर्ण उद्योग से सम्बंधित सभी सूचनाओं और विश्लेषणों को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहाँ आप हथियार बिक्री के आंकड़े, उनके वैश्विक वितरण, और इससे संबंधित तमाम महत्वपूर्ण जानकारी पा सकते हैं। हथियारों की बिक्री की गहराई में जाकर इसका समग्र अध्ययन करना एक आवश्यक अनुसंधान क्षेत्र है, जो नीति निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार सामरिकता के सन्दर्भ में निहायत ही महत्वपूर्ण है।