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🇩🇪

जर्मनी कार उत्पादन

शेयर मूल्य

3,40,800 Units
परिवर्तन +/-
+1,15,645 Units
प्रतिशत में परिवर्तन
+40.87 %

जर्मनी में कार उत्पादन का वर्तमान मूल्य 3,40,800 Units है। जर्मनी में कार उत्पादन 1/1/2025 को 3,40,800 Units तक बढ़ गया, जब यह 1/12/2024 को 2,25,155 Units था। 1/7/1999 से 1/1/2025 तक, जर्मनी में औसत GDP 4,22,757.93 Units था। सर्वकालिक उच्चतम 1/3/2011 को 5,83,399 Units के साथ प्राप्त किया गया, जबकि सबसे न्यूनतम मूल्य 1/4/2020 को 11,287 Units दर्ज किया गया।

स्रोत: VDA - German Association of the Automotive Industry

कार उत्पादन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

ऑटोमोबिल उत्पादन

कार उत्पादन इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20253,40,800 Units
1/12/20242,25,155 Units
1/11/20243,90,819 Units
1/10/20243,66,585 Units
1/9/20243,79,324 Units
1/8/20243,00,964 Units
1/7/20243,18,585 Units
1/6/20243,49,310 Units
1/5/20243,05,554 Units
1/4/20243,96,427 Units
1
2
3
4
5
...
31

कार उत्पादन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇩🇪
ZEW आर्थिक अपेक्षा सूचकांक
47.5 points47.1 pointsमासिक
🇩🇪
ZEW वर्तमान स्थिति
-84.5 points-77.3 pointsमासिक
🇩🇪
इफो-उम्मीदें
84.2 points84.4 pointsमासिक
🇩🇪
इफो-व्यापारिक माहौल
86.1 points85.1 pointsमासिक
🇩🇪
इलेक्ट्रिक कारों के अनुमोदन
33,561 Units35,167 Unitsमासिक
🇩🇪
औद्योगिक उत्पादन
-2.7 %-5.6 %मासिक
🇩🇪
औद्योगिक उत्पादन मासिक वृद्धि
2.9 %-2.9 %मासिक
🇩🇪
कंपनी के लाभ
223.95 अरब EUR210.325 अरब EURतिमाही
🇩🇪
क्षमता उपयोगिता
76.3 %77.4 %तिमाही
🇩🇪
खनन उत्पादन
8.6 %9.5 %मासिक
🇩🇪
दिवालियापन
1,653 Companies1,934 Companiesमासिक
🇩🇪
नई ऑर्डर्स
88.2 points85.7 pointsमासिक
🇩🇪
निर्माण-PMI
43.5 points45.4 pointsमासिक
🇩🇪
फैक्ट्री ऑर्डर्स
6.9 %-5.2 %मासिक
🇩🇪
यात्री कारों के नए पंजीकरण YoY
-2.1 %6.1 %मासिक
🇩🇪
वाहन पंजीकरण
2,24,721 Units2,07,640 Unitsमासिक
🇩🇪
विद्युत-स्पॉट मूल्य
77.75 EUR/MWh74.88 EUR/MWhfrequency_null
🇩🇪
विनिर्माण उत्पादन
-5.9 %-4.1 %मासिक
🇩🇪
व्यापारिक माहौल
85.4 points86.6 pointsमासिक
🇩🇪
समग्र PMI
47.5 points48.4 pointsमासिक
🇩🇪
संयुक्त प्रारंभिक संकेतक
100.327 points100.031 pointsमासिक
🇩🇪
सूची में परिवर्तन
27.586 अरब EUR4.847 अरब EURतिमाही
🇩🇪
सेवा क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI)
52.5 points51.2 pointsमासिक
🇩🇪
स्टील उत्पादन
2.7 मिलियन Tonnes2.9 मिलियन Tonnesमासिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

कार उत्पादन क्या है?

कार उत्पादन - मैक्रोइकोनॉमिक कैटेगिरी कार उत्पादन किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण संकेतक होता है। यह उद्योग न केवल आर्थिक विकास को प्रभावित करता है बल्कि रोजगार के अवसरों का भी जनक होता है। कार उत्पादन की गति और गुणवत्ता किसी भी देश की आर्थिक स्वास्थ्य का प्रदर्शन करती है। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें अनेक घटक, विनिर्माण संयंत्र, श्रमिक और वैज्ञानिकों की सहभागिता होती है। ई-कॉमर्स साइट Eulerpool ने इस श्रेणी को विशेष महत्व दिया है ताकि इसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सके और उपयोगकर्ताओं को समृद्ध विश्लेषण प्रदान किया जा सके। भारत जैसे विकासशील देशों में कार उत्पादन का बड़ा योगदान है। भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व विकास देखा है। इस उद्योग ने न केवल देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को बढ़ाया है बल्कि हजारों लोगों को रोजगार प्रदान किया है। भारतीय बाजार में मारुति सुज़ुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। इनके योगदान को मापने और समझने के लिए Eulerpool व्यापक आंकड़े और विश्लेषण प्रदान करता है। कार उत्पादन में टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण स्थान है। आज की दुनिया में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स के उपयोग ने इस उद्योग को एक नई दिशा दी है। उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली नई तकनीकों ने न केवल उत्पादन की गति बढ़ाई है बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार किया है। भारत में भी अनेक संयंत्रों ने आधुनिक तकनीक अपनाई है। उदाहरण के लिए, टाटा मोटर्स का पुणे प्लांट और मारुति सुज़ुकी का मानेसर प्लांट आधुनिक तकनीक के स्पष्ट उदाहरण हैं। कार उत्पादन का पर्यावरण पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इस उद्योग से होने वाली वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करना आवश्यक है। सरकार और उद्योग जगत दोनों मिलकर इस चुनौती का समाधान तलाश रहे हैं। भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनेक पहलकदमियाँ की हैं। फेम (FAME) योजना और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाती है ताकि इस उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल दिशा दी जा सके। कार उत्पादन में सप्लाई चेन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यह कोई एकल प्रक्रिया नहीं है; इसमें कच्चे माल से लेकर अंतिम उत्पाद तक की अनेक चरण शामिल होते हैं। भारत में कार उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल जैसे स्टील, एल्युमीनियम, प्लास्टिक आदि की उपलब्‍धता और सप्लाई चेन की मजबूती आवश्यक है। Eulerpool के आकड़ों की सहायता से उपयोगकर्ता इस पूरी प्रक्रिया का विस्तृत विश्लेषण कर सकते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो कार उत्पादन देश के विदेशी मुद्रा भंडार को भी प्रभावित करता है। भारतीय कार उद्योग ने निर्यात के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारतीय कारें दुनिया के अनेक देशों में निर्यात की जाती हैं जिससे विदेशी मुद्रा अर्जित होती है। युरोप, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका जैसे बाजारों में भारतीय कारों की बढ़ती लोकप्रियता इस तथ्य का प्रमाण है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की प्रतिस्पर्धा भी इस इंडस्ट्री को प्रभावित करती है। विदेशी कंपनियाँ भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाना चाहती हैं। यह प्रतिस्पर्धा गुणवत्ता और टेक्नोलॉजी में सुधार को बल देती है। विदेशी निवेशकों का भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में विश्वास बढ़ा है। जापान, कोरिया, और जर्मनी जैसे देशों की कंपनियाँ भारत में निवेश करना चाहती हैं जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को नई ऊर्जा मिलती है। कार उत्पादन का सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। इस उद्योग ने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कुशल श्रमिकों की बड़ी खेप तैयार की जा रही है। इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (ITI) और अन्य तकनीकी संस्थान इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। Eulerpool पर उपलब्ध कार उत्पादन के विस्तृत आंकड़े और विश्लेषण उपयोगकर्ताओं को इस उद्योग के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेंगे। चाहे वह उत्पादन की तकनीक हो, सप्लाई चेन, निर्यात, या सामाजिक प्रभाव, Eulerpool का डेटा इन सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण प्रदान करता है। उपयोगकर्ता इन आंकड़ों का प्रयोग विभिन्न निर्णय लेने की प्रक्रिया में कर सकते हैं। इस प्रकार, कार उत्पादन एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक कैटेगिरी है जो न केवल एक देश की आर्थिक स्थिति को प्रतिबिंबित करती है, बल्कि समाज की समग्र प्रगति में भी योगदान देती है। Eulerpool जैसी पेशेवर वेबसाइट के माध्यम से, उपयोगकर्ता इस महत्वपूर्ण क्षेत्र का विस्तृत और समृद्ध विश्लेषण प्राप्त कर सकते हैं जो उनके व्यवसायिक निर्णयों को अधिक सटीक और प्रभावी बना सकते हैं। इन आंकड़ों के माध्यम से हम देश की आर्थिक विकास यात्रा को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उसे सही दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।