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लक्ज़मबर्ग न्यूनतम वेतन

शेयर मूल्य

2,570.93 EUR/महीना
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लक्ज़मबर्ग में वर्तमान न्यूनतम वेतन का मूल्य 2,570.93 EUR/महीना है। लक्ज़मबर्ग में न्यूनतम वेतन 1/6/2024 को घटकर 2,570.93 EUR/महीना हो गया, जो 1/3/2024 को 2,570.93 EUR/महीना था। 1/3/1999 से 1/12/2024 के बीच, लक्ज़मबर्ग में औसत GDP 1,872.44 EUR/महीना थी। सबसे उच्चतम मूल्य 1/3/2024 को 2,570.93 EUR/महीना के साथ पहुँचा गया, जबकि सबसे न्यूनतम मूल्य 1/3/1999 को 1,162.08 EUR/महीना पर दर्ज किया गया।

स्रोत: EUROSTAT

न्यूनतम वेतन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

न्यूनतम वेतन

न्यूनतम वेतन इतिहास

तारीखमूल्य
1/6/20242,570.93 EUR/महीना
1/3/20242,570.93 EUR/महीना
1/12/20232,508.24 EUR/महीना
1/9/20232,508.24 EUR/महीना
1/6/20232,387.4 EUR/महीना
1/3/20232,387.4 EUR/महीना
1/12/20222,313.38 EUR/महीना
1/9/20222,313.38 EUR/महीना
1/6/20222,256.95 EUR/महीना
1/3/20222,256.95 EUR/महीना
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...
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न्यूनतम वेतन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇱🇺
अंशकालिक काम
53,000 54,400 तिमाही
🇱🇺
उत्पादकता
93.888 points97.528 pointsतिमाही
🇱🇺
काम करने के लागत
137.819 points195.131 pointsमासिक
🇱🇺
जनसंख्या
6,60,000 6,50,000 वार्षिक
🇱🇺
दीर्घकालिक बेरोजगारी दर
1.5 %1.6 %तिमाही
🇱🇺
निर्माण में मजदूरी
115 points155.4 pointsमासिक
🇱🇺
नौकरी की पेशकश दर
1.5 %1.5 %तिमाही
🇱🇺
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
65 Years65 Yearsवार्षिक
🇱🇺
पूर्णकालिक रोजगार
2,64,600 2,56,900 तिमाही
🇱🇺
बेरोजगार व्यक्ति
17,083 17,470 मासिक
🇱🇺
बेरोजगारी दर
5.7 %5.7 %मासिक
🇱🇺
मजदूरी
6,307.6 EUR/Month6,026.9 EUR/Monthवार्षिक
🇱🇺
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
65 Years65 Yearsवार्षिक
🇱🇺
युवा बेरोजगारी दर
19.4 %19.6 %मासिक
🇱🇺
रोजगार के अवसर
3,090 3,489 मासिक
🇱🇺
रोजगार दर
69.8 %69.1 %तिमाही
🇱🇺
रोजगार दर
61.7 %61.7 %तिमाही
🇱🇺
रोजगार परिवर्तन
0.2 %0.4 %तिमाही
🇱🇺
रोजगार में लगे व्यक्ति
5,18,895 5,18,017 मासिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

न्यूनतम वेतन क्या है?

"न्यूनतम वेतन" एक महत्वपूर्ण आर्थिक नीति का क्षेत्र है जो किसी देश या क्षेत्र के श्रमिकों के संरक्षण और आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। न्यूनतम वेतन का निर्धारण आम तौर पर सरकार द्वारा किया जाता है और इसका उद्देश्य श्रमिकों को उचित जीवन स्तर प्रदान करना होता है। न्यूनतम वेतन नीति न केवल आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह सामाजिक मुद्दों को भी संबोधित करती है, जैसे कि आय असमानता और गरीबी। आर्थिक दृष्टिकोण से, न्यूनतम वेतन एक ऐसा साधन है जो मांग और आपूर्ति के सिद्धांतों को प्रभावित करता है। यह एक न्यूनतम सीमा निर्धारित करता है जिसके नीचे कोई भी नियोक्ता श्रमिक को भुगतान नहीं कर सकता। यह सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और वे आर्थिक असंतुलन के शिकार न हो। इसके अलावा, न्यूनतम वेतन का निर्धारण श्रम बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है और इसकी प्रवृत्तियों पर नियंत्रण रखता है। प्रभावी न्यूनतम वेतन नीति का अनुसरण करने से श्रमिकों की क्रय शक्ति में वृद्धि होती है, जिससे देश की समग्र आर्थिक गतिविधि को बल मिलता है। अधिक क्रय शक्ति का अर्थ है अधिक खर्च, जो व्यापार और उद्योगों के लिए लाभकारी होता है। इससे उत्पादकता में वृद्धि होती है और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। न्यूनतम वेतन नीति का सरोकार केवल आर्थिक लाभों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रमिकों के सामाजिक कल्याण और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि, न्यूनतम वेतन के निर्धारण से जुड़े कुछ विवाद भी हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि अत्यधिक न्यूनतम वेतन से नियोक्ता पर वित्तीय बोझ बढ़ता है, जिससे उन्हें श्रमिकों की संख्या में कटौती करनी पड़ती है या उत्पादन लागत बढ़ानी पड़ती है। यह एक दुष्चक्र उत्पन्न कर सकता है जहाँ बेरोजगारी बढ़ सकती है और छोटे व्यवसाय वित्तीय संकट में आ सकते हैं। इसलिए, न्यूनतम वेतन का निर्धारण करते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इसका स्तर उचित हो और अर्थव्यवस्था के समग्र लाभ के अनुकूल हो। न्यूनतम वेतन का प्रभाव विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में भिन्न हो सकता है। सेवा क्षेत्रों में, जहाँ श्रमिकों की मांग और आपूर्ति अधिक होती है, न्यूनतम वेतन का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके विपरीत, कृषि और निर्माण क्षेत्रों में, इसका प्रभाव नकारात्मक हो सकता है यदि यह उत्पादन लागत को अत्यधिक बढ़ा दे। इस संदर्भ में, नीति निर्माताओं को न्यूनतम वेतन के निर्धारण के समय विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों की विशिष्टताओं का ध्यान रखना चाहिए। न्यूनतम वेतन का निर्धारण एक संरचित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न हितधारकों से परामर्श लिया जाता है और विभिन्न आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में श्रमिक संघों, नियोक्ता संघों, अर्थशास्त्रियों और नीतिकारों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। उचित डेटा और अनुभवजन्य अध्ययनों का उपयोग करके न्यूनतम वेतन का स्तर निर्धारित किया जाता है, जो देश की आर्थिक स्थिति और श्रम बाजार की गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें तो विभिन्न देशों में न्यूनतम वेतन नीति का स्वरूप और प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, कुछ विकसित देशों में न्यूनतम वेतन का स्तर अत्यधिक उच्च होता है, जिससे वहां के श्रमिकों को उच्च जीवन स्तर मिलता है। वहीं विकासशील देशों में न्यूनतम वेतन का स्तर निम्न होता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को प्राप्त करने में चुनौतियाँ आती हैं। वैश्विक परिपेक्ष्य में न्यूनतम वेतन नीति का अध्ययन महत्वपूर्ण होता है, ताकि विभिन्न देशों में इसके सफल कार्यान्वयन के उदाहरणों और उनसे मिली सीखों को समझा जा सके। न्यूनतम वेतन नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि यह समाज के कमजोर वर्गों, जैसे कि महिलाएं, अल्पसंख्यक और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों, के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। यह नीति उन्हें आर्थिक शोषण से बचाती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता करती है। इसके साथ ही, यह नीति श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच की शक्ति असंतुलन को भी कम करती है, जिससे एक अधिक न्यायसंगत और संतुलित समाज की स्थापना होती है। 'ईलरपूल' जैसे पेशेवर मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदाता प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम वेतन से संबंधित विस्तृत और गहन जानकारी उपलब्ध होती है, जिसका उपयोग शोधकर्ता, नीति निर्माता और सामान्य जन कर सकते हैं। विस्तृत डेटा विश्लेषण और ग्राफिकल प्रस्तुतियों के माध्यम से, हमारी वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को न्यूनतम वेतन के रुझान, पटर्न और प्रभावों को समझने में सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, हम आर्थिक संकेतकों और मौजूदा नीतियों का तुलनात्मक अध्ययन भी प्रदान करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता विभिन्न देशों और क्षेत्रों में न्यूनतम वेतन नीतियों के प्रभावों का समग्र दृष्टिकोण प्राप्त कर सकें। समन्वित और संतुलित न्यूनतम वेतन नीति का कार्यान्वयन न केवल आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह श्रमिकों के सामाजिक उत्थान और समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 'ईलरपूल' का प्रयास हमेशा से यही रहा है कि हम अति सूक्ष्म और सटीक डेटा प्रदान कर सकें ताकि हमारे उपयोगकर्ता आर्थिक नीतियों की जटिलताओं को समझें और उन्हें बेहतर तरीके से लागू कर सकें। निष्कर्षस्वरूप, न्यूनतम वेतन एक महत्वपूर्ण आर्थिक नीति है जिसका उद्देश्य श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और समग्र आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसके प्रभाव और लाभ समग्र समाज के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इसकी सही और संतुलित निर्धारण प्रक्रिया अनिवार्य है। 'ईलरपूल' पर उपलब्ध विस्तृत और सटीक डेटा उपयोगकर्ताओं को इस महत्वपूर्ण नीति के प्रभावों को समझने और उसे प्रभावी रूप से लागू करने में मदद करता है, जिससे समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।