अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें

2 यूरो में सुरक्षित करें
Analyse
प्रोफ़ाइल
🇨🇦

कनाडा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण

शेयर मूल्य

112.8 % of GDP
परिवर्तन +/-
-5 % of GDP
प्रतिशत में परिवर्तन
-4.34 %

कनाडा में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण का वर्तमान मूल्य 112.8 % of GDP है। कनाडा में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण 1/1/2021 को 112.8 % of GDP हो गया, जबकि यह 1/1/2020 को 117.8 % of GDP था। 1/1/1980 से 1/1/2022 तक, कनाडा में औसत जीडीपी 80.83 % of GDP थी। सर्वकालिक उच्चतम 1/1/2020 को 117.8 % of GDP के साथ पहुंचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/1/1980 को 44.9 % of GDP दर्ज किया गया।

स्रोत: IMF

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

राजकोषीय ऋण से सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/2021112.8 % of GDP
1/1/2020117.8 % of GDP
1/1/201986.8 % of GDP
1/1/201889.7 % of GDP
1/1/201790.1 % of GDP
1/1/201691.8 % of GDP
1/1/201591.3 % of GDP
1/1/201485.7 % of GDP
1/1/201386.2 % of GDP
1/1/201285.5 % of GDP
1
2
3
4
...
5

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇨🇦
भ्रष्टाचार रैंक
12 14 वार्षिक
🇨🇦
भ्रष्टाचार सूचकांक
76 Points74 Pointsवार्षिक
🇨🇦
राजकीय व्यय
520.17 अरब CAD517.447 अरब CADतिमाही
🇨🇦
राजकोष
-1.3 % of GDP-3.6 % of GDPवार्षिक
🇨🇦
राजकोष का मूल्य
-33.59 अरब CAD8.3 अरब CADमासिक
🇨🇦
राजकोषीय ऋण
1.173 जैव. CAD1.14 जैव. CADवार्षिक
🇨🇦
राजकोषीय व्यय
67.399 अरब CAD33.763 अरब CADमासिक
🇨🇦
राजस्व
39.048 अरब CAD46.409 अरब CADमासिक
🇨🇦
शरणार्थी आवेदन
15,750 Persons15,600 Personsमासिक
🇨🇦
सैन्य व्यय
27.222 अरब USD25.568 अरब USDवार्षिक

आमतौर पर, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत के रूप में सरकारी ऋण का उपयोग निवेशकों द्वारा एक देश की भविष्य में अपने ऋणों का भुगतान करने की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है, जिससे देश की उधारी लागत और सरकारी बांड की उपज प्रभावित होती है।

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सरकारी ऋण क्या है?

सरकारी ऋण से जीडीपी अनुपात (Government Debt to GDP) आधुनिक अर्थशास्त्र में एक महत्वपूर्ण मापदंड है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय स्वास्थ्य को समझने में मदद करता है। इस आलेख में हम इस मापदंड के विभिन्न आयामों पर विचार करेंगे और समझेंगे कि यह आंकड़ा किसी देश की आर्थिक स्थिति को कैसे प्रतिबिंबित करता है और नीति निर्माण में इसकी क्या भूमिका होती है। सरकारी ऋण से जीडीपी अनुपात दरअसल, एक अनुपातीय मापदंड है जो किसी राष्ट्र के कुल सरकारी ऋण और उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बीच संबंध को व्यक्त करता है। इस अनुपात का मुख्य उद्देश्य यह है कि इससे पता चलता है कि किसी देश की सरकार ने अपने आर्थिक संसाधनों का कितना हिस्सा ऋण लेने में लगाया है। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश का सरकारी ऋण उसके जीडीपी के 60% के बराबर है, तो इसका तात्पर्य है कि देश की सरकार ने अपने कुल आर्थिक उत्पादन का 60% ऋण के रूप में लिया है। इस मापदंड का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और देश के आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत देता है। यदि किसी देश का सरकारी ऋण बहुत अधिक है, तो इसे आर्थिक अस्थिरता और संभावित आर्थिक संकट का संकेत माना जा सकता है। उच्च सरकारी ऋण भविष्य में अधिक कराधान की आवश्यकता को जन्म दे सकता है, जो आर्थिक विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि, सरकारी ऋण से जीडीपी अनुपात को समझने के लिए हमें इसे पूरी आर्थिक पृष्ठभूमि में देखना होगा। कई बार उच्च ऋण का स्तर आवश्यक हो सकता है, विशेष रूप से आर्थिक संकट के समय जब सरकारें आर्थिक स्थिरता के लिए बड़े पैमाने पर ऋण लेती हैं। उदाहरणस्वरूप, 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान और कोविड-19 महामारी के दौरान कई देशों ने अपने सरकारी खर्चों को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर ऋण लिया। सरकारी ऋण के स्तर का अर्थशास्त्रीय विश्लेषण विभिन्न दृष्टिकोणों से किया जा सकता है। पहला दृष्टिकोण है कीनेसियन अर्थशास्त्र का, जो आर्थिक संकट के समय सरकारी खर्च और ऋण को आर्थिक पुनरुद्धार का एक महत्वपूर्ण साधन मानता है। इस दृष्टिकोण के अनुसार, सरकारी ऋण को आर्थिक पुनरुत्थान के लिए एक प्रभावशाली उपकरण के रूप में देखा जा सकता है, जब निजी क्षेत्र में निवेश और खर्च की कमी होती है। दूसरा दृष्टिकोण है नवसंशोधनवादी (Neoclassical) अर्थशास्त्र का, जो सरकारी ऋण को अनुत्पादक और दीर्घकालिक आर्थिक असंतुलन का कारण मानता है। इस दृष्टिकोण के अनुसार, उच्च सरकारी ऋण ब्याज दरों में वृद्धि और निजी निवेश के लिए संसाधनों की कमी का कारण बन सकता है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के लिए सरकारी ऋण से जीडीपी अनुपात की स्थिति भिन्न-भिन्न होती है। विकसित देशों में यह अनुपात सामान्यतः अधिक होता है, जबकि विकासशील देशों में यह अधिकतर निम्न स्तर पर रहता है। उदाहरण के तौर पर, जापान और यूरोप के कई देशों में यह अनुपात जीडीपी के 100% से भी अधिक पहुंच जाता है। दूसरी ओर, भारत और चीन जैसे विकासशील देशों में यह अनुपात अपेक्षाकृत कम है। इस मापदंड का विश्लेषण करते समय सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन और नीति निर्माण में पारदर्शिता का महत्व भी ध्यान में रखना जरूरी है। उच्च सरकारी ऋण वाले देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी वित्तीय नीतियों को संरचित और स्थिर तरीके से लागू करें ताकि दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, सरकारी ऋण का संरचनात्मक विश्लेषण करना भी आवश्यक है, जहां हमें दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण, घरेलू और विदेशी ऋण, और उत्पादक तथा अनुत्पादक ऋण में अंतर को समझना होगा। संक्षेप में, सरकारी ऋण से जीडीपी अनुपात न केवल एक आर्थिक संकेतक है बल्कि यह किसी देश की वित्तीय और आर्थिक नीति की प्रभावशीलता का भी प्रतिबिंब हो सकता है। हांलांकि, इसे एक स्थिर या निश्चित मापदंड के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समग्र आर्थिक स्थितियों, वित्तीय नीतियों और दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों के संदर्भ में विश्लेषित किया जाना चाहिए। हमारी वेबसाइट, Eulerpool, ने इस महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक को पेश करने का उद्यम किया है ताकि हमारे उपयोगकर्ता और नीति निर्धारक इसे समझ सकें और अपने आर्थिक मूल्यांकन में अधिक सटीकता और व्यापकता ला सकें। हमारे द्वारा प्रस्तुत आंकड़े और विश्लेषण इस बात का प्रयास हैं कि हम आर्थिक समझ को अधिक विज्ञानसंगत और प्रमाणित आधार पर मजबूत कर सकें।