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🇮🇳

भारत थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ईंधन वर्ष दर वर्ष (वर्षाना)

शेयर मूल्य

1.38 %
परिवर्तन +/-
+0.45 %
प्रतिशत में परिवर्तन
+38.96 %

भारत में वर्तमान थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मूल्य 1.38 % है। 1/4/2024 को भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 1.38 % तक बढ़ गया, जबकि 1/4/2023 को यह 0.93 % था। 1/4/1995 से 1/5/2024 तक, भारत में औसत GDP 7.5 % था। सभी समय का उच्चतम स्तर 1/6/2022 को 50.95 % के साथ पहुंचा गया था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/2/2015 को -25.57 % दर्ज किया गया था।

स्रोत: Office of the Economic Advisor, India

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ईंधन वर्ष दर वर्ष (वर्षाना)

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

WPI ईंधन YoY

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ईंधन वर्ष दर वर्ष (वर्षाना) इतिहास

तारीखमूल्य
1/4/20241.38 %
1/4/20230.93 %
1/3/20238.96 %
1/2/202314.82 %
1/1/202315.15 %
1/12/202218.09 %
1/11/202217.35 %
1/10/202223.17 %
1/9/202232.61 %
1/8/202235.03 %
1
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...
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थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ईंधन वर्ष दर वर्ष (वर्षाना) के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇮🇳
CPI ट्रांसपोर्ट
170.6 points170.4 pointsमासिक
🇮🇳
WPI खाद्य सूचकांक YoY
3.26 %3.55 %मासिक
🇮🇳
WPI विनिर्माण YoY
0.78 %-0.42 %मासिक
🇮🇳
आयात मूल्य
157.3 points133.7 pointsवार्षिक
🇮🇳
उत्पादक मूल्य परिवर्तन
1.31 %2.04 %मासिक
🇮🇳
उत्पादक मूल्य स्फीति मासिक दर मास
-0.451 %0.779 %मासिक
🇮🇳
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
193 points193 pointsमासिक
🇮🇳
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आवास और पार्श्व लागत
181.1 points180 pointsमासिक
🇮🇳
खाद्य मुद्रास्फीति
9.24 %5.66 %मासिक
🇮🇳
निर्माता मूल्य
155.2 points153.9 pointsमासिक
🇮🇳
निर्यात मूल्य
159.6 points143.8 pointsवार्षिक
🇮🇳
बीआईपी-डेफ्लेटर
172.6 points170.2 pointsवार्षिक
🇮🇳
मुद्रास्फीति की अपेक्षाएँ
10 %10.1 %मासिक
🇮🇳
मुद्रास्फीति दर
4.75 %4.83 %मासिक
🇮🇳
मुद्रास्फीति दर मासिक
1.4 %1.33 %मासिक

भारत में, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति का मुख्य मापक है। WPI थोक वस्तुओं की एक प्रतिनिधि टोकरी की कीमत को मापता है। भारत में, थोक मूल्य सूचकांक को तीन समूहों में विभाजित किया गया है: प्राथमिक लेख (कुल वजन का 22.6 प्रतिशत); ईंधन और शक्ति (13.2 प्रतिशत); और निर्मित उत्पाद (64.2 प्रतिशत)। प्राथमिक लेख और निर्मित उत्पाद समूहों से खाद्य सूचकांक का कुल वजन में 24.4 प्रतिशत का योगदान है। निर्मित उत्पाद समूह के सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं: बुनियादी धातुएं (कुल वजन का 9.7 प्रतिशत); खाद्य उत्पाद (9.1 प्रतिशत); रसायन और रासायनिक उत्पाद (6.5 प्रतिशत); और वस्त्र (4.9 प्रतिशत)। प्राथमिक लेख समूह में, सबसे महत्वपूर्ण घटक खाद्य लेख (15.3 प्रतिशत) है, जबकि ईंधन और शक्ति समूह में, सबसे महत्वपूर्ण श्रेणी HSD (3.1 प्रतिशत) है।

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थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ईंधन वर्ष दर वर्ष (वर्षाना) क्या है?

वेबसाइट "eulerpool" पर आपका स्वागत है, जहां हम पेशेवर तरीकों से व्यापक आर्थिक डेटा प्रस्तुत करते हैं। यहां हम "WPI Fuel YoY" श्रेणी के बारे में विस्तृत और सटीक जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जिसे भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। WPI (Wholesale Price Index) या थोक मूल्य सूचकांक एक आर्थिक संकेतक है जो विभिन्न वस्तुओं की कीमतों के उतार-चढ़ाव को ट्रैक करता है। इसमें ईंधन की कीमतों का वार्षिक आधार पर तुलना की जाती है। "WPI Fuel YoY" का आशय यह होता है कि एक साल के अंतराल में ईंधन की कीमतों में कितनी वृद्धि या गिरावट आई है। यह संकेतक नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों, और निवेशकों के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। भारत में ऊर्जा क्षेत्र का आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। देश की औद्योगिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा, परिवहन व्यवस्था और घरेलू उपयोगिता सभी ईंधन पर निर्भर करते हैं। इसे समझने के लिए, वाणिज्यिक और औद्योगिक उत्पादन में प्रयुक्त ईंधन के प्रकार और उनकी कीमतों में हुए उतार-चढ़ाव को ट्रैक करना आवश्यक है। WPI Fuel YoY श्रेणी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। WPI को सामान्यत: तीन प्रमुख घटकों में विभाजित किया जाता है: प्राथमिक वस्त्र, ईंधन और बिजली, और विनिर्माण उत्पाद। इन तीन घटकों में से ईंधन और बिजली का अपना विशेष महत्व है। ईंधन की कीमतों में हुई वार्षिक परिवर्तनशीलता अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को सीधे प्रभावित करती है। इसमें पेट्रोल, डीजल, कोयला, गैस, और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। WPI Fuel YoY की गणना करते समय पिछले वर्ष की औसत कीमतों की वर्तमान वर्ष की औसत कीमतों से तुलना की जाती है। यह एक प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, जो दिखाता है कि ईंधन की कीमतें कितनी वृद्धि या गिरावट हुई हैं। उदाहरण के लिए, यदि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ईंधन की कीमतों में 10% की वृद्धि हुई है, तो WPI Fuel YoY +10% होगा। ईंधन की कीमतों का प्रभाव बहुमुखी है। उर्जा की कीमतों में वृद्धि विभिन्न उद्योगों पर दबाव डाल सकती है, जिससे उत्पादकता और मुनाफ़े पर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, आवास और परिवहन की लागत में वृद्धि भी उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप, मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है, जो व्यापक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। नीति निर्माताओं के लिए WPI Fuel YoY डेटा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उन्हें मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों पर निर्णय लेने में मदद करता है। यदि ईंधन की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तो सरकार हस्तक्षेप कर सकती है, जैसे कि टैक्स में छूट देना या सब्सिडी प्रदान करना। इसी तरह, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया भी मौद्रिक नीति के तहत ब्याज दरों में बदलाव कर सकता है ताकि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा जा सके। औद्योगिक क्षेत्र के अलावा, घरेलू उपभोक्ताओं को भी ईंधन की कीमतों में होने वाले परिवर्तनों का आभास होता है। परिवहन के लिए प्रयुक्त ईंधन की कीमतें सीधे तौर पर उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित करती हैं। हालांकि, घरेलू स्तर पर उपयोग में आने वाले गैस या अन्य ईंधन उत्पाद भी प्रभावित हो सकते हैं, जिससे परिवारों के खर्च में वृद्घि हो सकती है। Eulerpool पर, हम आपको सबसे सटीक और अद्यतित जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी WPI Fuel YoY श्रेणी में आप ईंधन की कीमतों के वार्षिक परिवर्तन की व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हो सकते हैं। हमारी पेशेवर टीम डेटा को सावधानीपूर्वक एकत्रित करती है और उसे विश्लेषित करने के बाद प्रस्तुत करती है, ताकि आप सूचित और सही निर्णय ले सकें। विश्लेषण करते समय, हमें दीर्घकालिक प्रवृत्तियों और मौसमी परिवर्तन दोनों पर ध्यान देना चाहिए। कुछ समयावधियों में ईंधन की कीमतें मौसमी मांग और आपूर्ति के आधार पर बदल सकती हैं। जैसे कि, सरदी के महीने में हीटिंग ऑयल की मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसी तरह, गर्मियों में पेट्रोल और डीजल की खपत में वृद्धि हो सकती है, जिससे कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इन सबके अलावा, वैश्विक तेल कीमतों में हुए परिवर्तन भी भारतीय बाजार पर प्रभाव डालते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव, ओपेक के निर्णय, और अन्य वैश्विक घटनाओं का सीधा प्रभाव भारतीय ईंधन की कीमतों पर पड़ता है। साथ ही, मौजूदा सरकारी नीतियाँ और घरेलू उत्पादन क्षमताएँ भी मूल्य निर्धारण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Eulerpool का उद्देश्य आपको व्यापक आर्थिक परिदृश्य के हर आयाम से परिचित कराना है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि आप हमारे मंच पर उपलब्ध सभी सूचनाओं की मदद से हर समय अद्यतन रहें और सही निर्णय ले सकें। "WPI Fuel YoY" श्रेणी की विस्तृत जानकारी के लिए हमारे पोर्टल पर आते रहें और हमारे साथ बने रहें। हम आपके सभी सवालों का जवाब देने और आपको प्रासंगिक और सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए हमेशा तत्पर हैं। आपके आर्थिक ज्ञान और जागरूकता को बढ़ाने के लिए हम अपनी पूरी टीम के साथ निरंतर प्रयासरत हैं। धन्यवाद! Eulerpool पर आपका विश्वास हमारा सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत है।