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2 यूरो में सुरक्षित करें भारत नकद आरक्षित अनुपात
शेयर मूल्य
नकद आरक्षित अनुपात का वर्तमान मान भारत में 4.5 % है। भारत में नकद आरक्षित अनुपात घटकर 4.5 % हो गया 1/8/2024 को, जबकि यह 4.5 % था 1/6/2024 को। 15/3/1999 से 8/8/2024 तक, भारत में औसत GDP 5.16 % थी। सबसे उच्चतम मान 15/3/1999 को 10.5 % था, जबकि सबसे निम्नतम मान 17/4/2020 को 3 % रिकॉर्ड किया गया।
नकद आरक्षित अनुपात ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
नकदी आरक्षित अनुपात | |
---|---|
1/4/1999 | 10.5 % |
1/5/1999 | 10.12 % |
1/6/1999 | 10 % |
1/7/1999 | 10 % |
1/8/1999 | 10 % |
1/9/1999 | 10 % |
1/10/1999 | 10 % |
1/11/1999 | 9.45 % |
1/12/1999 | 9 % |
1/1/2000 | 9 % |
1/2/2000 | 9 % |
1/3/2000 | 9 % |
1/4/2000 | 8.5 % |
1/5/2000 | 8 % |
1/6/2000 | 8 % |
1/7/2000 | 8.01 % |
1/8/2000 | 8.4 % |
1/9/2000 | 8.5 % |
1/10/2000 | 8.5 % |
1/11/2000 | 8.5 % |
1/12/2000 | 8.5 % |
1/1/2001 | 8.5 % |
1/2/2001 | 8.46 % |
1/3/2001 | 8.08 % |
1/4/2001 | 8 % |
1/5/2001 | 7.8 % |
1/6/2001 | 7.5 % |
1/7/2001 | 7.5 % |
1/8/2001 | 7.5 % |
1/9/2001 | 7.5 % |
1/10/2001 | 7.5 % |
1/11/2001 | 5.91 % |
1/12/2001 | 5.74 % |
1/1/2002 | 5.5 % |
1/2/2002 | 5.5 % |
1/3/2002 | 5.5 % |
1/4/2002 | 5.5 % |
1/5/2002 | 5.5 % |
1/6/2002 | 5 % |
1/7/2002 | 5 % |
1/8/2002 | 5 % |
1/9/2002 | 5 % |
1/10/2002 | 5 % |
1/11/2002 | 4.88 % |
1/12/2002 | 4.75 % |
1/1/2003 | 4.75 % |
1/2/2003 | 4.75 % |
1/3/2003 | 4.75 % |
1/4/2003 | 4.75 % |
1/5/2003 | 4.75 % |
1/6/2003 | 4.62 % |
1/7/2003 | 4.5 % |
1/8/2003 | 4.5 % |
1/9/2003 | 4.5 % |
1/10/2003 | 4.5 % |
1/11/2003 | 4.5 % |
1/12/2003 | 4.5 % |
1/1/2004 | 4.5 % |
1/2/2004 | 4.5 % |
1/3/2004 | 4.5 % |
1/4/2004 | 4.5 % |
1/5/2004 | 4.5 % |
1/6/2004 | 4.5 % |
1/7/2004 | 4.5 % |
1/8/2004 | 4.5 % |
1/9/2004 | 4.6 % |
1/10/2004 | 4.99 % |
1/11/2004 | 5 % |
1/12/2004 | 5 % |
1/1/2005 | 5 % |
1/2/2005 | 5 % |
1/3/2005 | 5 % |
1/4/2005 | 5 % |
1/5/2005 | 5 % |
1/6/2005 | 5 % |
1/7/2005 | 5 % |
1/8/2005 | 5 % |
1/9/2005 | 5 % |
1/10/2005 | 5 % |
1/11/2005 | 5 % |
1/12/2005 | 5 % |
1/1/2006 | 5 % |
1/2/2006 | 5 % |
1/3/2006 | 5 % |
1/4/2006 | 5 % |
1/5/2006 | 5 % |
1/6/2006 | 5 % |
1/7/2006 | 5 % |
1/8/2006 | 5 % |
1/9/2006 | 5 % |
1/10/2006 | 5 % |
1/11/2006 | 5 % |
1/12/2006 | 5.06 % |
1/1/2007 | 5.45 % |
1/2/2007 | 5.6 % |
1/3/2007 | 5.98 % |
1/4/2007 | 6.14 % |
1/5/2007 | 6.5 % |
1/6/2007 | 6.5 % |
1/7/2007 | 6.5 % |
1/8/2007 | 6.93 % |
1/9/2007 | 7 % |
1/10/2007 | 7 % |
1/11/2007 | 7.34 % |
1/12/2007 | 7.5 % |
1/1/2008 | 7.5 % |
1/2/2008 | 7.5 % |
1/3/2008 | 7.5 % |
1/4/2008 | 7.53 % |
1/5/2008 | 7.98 % |
1/6/2008 | 8.25 % |
1/7/2008 | 8.55 % |
1/8/2008 | 8.75 % |
1/9/2008 | 9 % |
1/10/2008 | 7.26 % |
1/11/2008 | 5.63 % |
1/12/2008 | 5.5 % |
1/1/2009 | 5.27 % |
1/2/2009 | 5 % |
1/3/2009 | 5 % |
1/4/2009 | 5 % |
1/5/2009 | 5 % |
1/6/2009 | 5 % |
1/7/2009 | 5 % |
1/8/2009 | 5 % |
1/9/2009 | 5 % |
1/10/2009 | 5 % |
1/11/2009 | 5 % |
1/12/2009 | 5 % |
1/1/2010 | 5 % |
1/2/2010 | 5.25 % |
1/3/2010 | 5.75 % |
1/4/2010 | 5.81 % |
1/5/2010 | 6 % |
1/6/2010 | 6 % |
1/7/2010 | 6 % |
1/8/2010 | 6 % |
1/9/2010 | 6 % |
1/10/2010 | 6 % |
1/11/2010 | 6 % |
1/12/2010 | 6 % |
1/1/2011 | 6 % |
1/2/2011 | 6 % |
1/3/2011 | 6 % |
1/4/2011 | 6 % |
1/5/2011 | 6 % |
1/6/2011 | 6 % |
1/7/2011 | 6 % |
1/8/2011 | 6 % |
1/9/2011 | 6 % |
1/10/2011 | 6 % |
1/11/2011 | 6 % |
1/12/2011 | 6 % |
1/1/2012 | 5.95 % |
1/2/2012 | 5.5 % |
1/3/2012 | 4.99 % |
1/4/2012 | 4.75 % |
1/5/2012 | 4.75 % |
1/6/2012 | 4.75 % |
1/7/2012 | 4.75 % |
1/8/2012 | 4.75 % |
1/9/2012 | 4.69 % |
1/10/2012 | 4.5 % |
1/11/2012 | 4.27 % |
1/12/2012 | 4.25 % |
1/1/2013 | 4.25 % |
1/2/2013 | 4.08 % |
1/3/2013 | 4 % |
1/4/2013 | 4 % |
1/5/2013 | 4 % |
1/6/2013 | 4 % |
1/7/2013 | 4 % |
1/8/2013 | 4 % |
1/9/2013 | 4 % |
1/10/2013 | 4 % |
1/11/2013 | 4 % |
1/12/2013 | 4 % |
1/1/2014 | 4 % |
1/2/2014 | 4 % |
1/3/2014 | 4 % |
1/4/2014 | 4 % |
1/5/2014 | 4 % |
1/6/2014 | 4 % |
1/7/2014 | 4 % |
1/8/2014 | 4 % |
1/9/2014 | 4 % |
1/10/2014 | 4 % |
1/11/2014 | 4 % |
1/12/2014 | 4 % |
1/1/2015 | 4 % |
1/2/2015 | 4 % |
1/3/2015 | 4 % |
1/4/2015 | 4 % |
1/5/2015 | 4 % |
1/6/2015 | 4 % |
1/7/2015 | 4 % |
1/8/2015 | 4 % |
1/9/2015 | 4 % |
1/10/2015 | 4 % |
1/11/2015 | 4 % |
1/12/2015 | 4 % |
1/1/2016 | 4 % |
1/2/2016 | 4 % |
1/3/2016 | 4 % |
1/4/2016 | 4 % |
1/5/2016 | 4 % |
1/6/2016 | 4 % |
1/7/2016 | 4 % |
1/8/2016 | 4 % |
1/9/2016 | 4 % |
1/10/2016 | 4 % |
1/11/2016 | 4 % |
1/12/2016 | 4 % |
1/1/2017 | 4 % |
1/2/2017 | 4 % |
1/3/2017 | 4 % |
1/4/2017 | 4 % |
1/5/2017 | 4 % |
1/6/2017 | 4 % |
1/7/2017 | 4 % |
1/8/2017 | 4 % |
1/9/2017 | 4 % |
1/10/2017 | 4 % |
1/11/2017 | 4 % |
1/12/2017 | 4 % |
1/1/2018 | 4 % |
1/2/2018 | 4 % |
1/3/2018 | 4 % |
1/4/2018 | 4 % |
1/5/2018 | 4 % |
1/6/2018 | 4 % |
1/7/2018 | 4 % |
1/8/2018 | 4 % |
1/9/2018 | 4 % |
1/10/2018 | 4 % |
1/11/2018 | 4 % |
1/12/2018 | 4 % |
1/1/2019 | 4 % |
1/2/2019 | 4 % |
1/3/2019 | 4 % |
1/4/2019 | 4 % |
1/5/2019 | 4 % |
1/6/2019 | 4 % |
1/7/2019 | 4 % |
1/8/2019 | 4 % |
1/9/2019 | 4 % |
1/10/2019 | 4 % |
1/11/2019 | 4 % |
1/12/2019 | 4 % |
1/1/2020 | 4 % |
1/2/2020 | 4 % |
1/3/2020 | 4 % |
1/4/2020 | 3.55 % |
1/5/2020 | 3 % |
1/6/2020 | 3 % |
1/7/2020 | 3 % |
1/8/2020 | 3 % |
1/9/2020 | 3 % |
1/10/2020 | 3 % |
1/11/2020 | 3 % |
1/12/2020 | 3 % |
1/1/2021 | 3 % |
1/2/2021 | 3 % |
1/3/2021 | 3 % |
1/4/2021 | 3.45 % |
1/5/2021 | 3.5 % |
1/6/2021 | 3.93 % |
1/7/2021 | 4 % |
1/8/2021 | 4 % |
1/9/2021 | 4 % |
1/10/2021 | 4 % |
1/11/2021 | 4 % |
1/12/2021 | 4 % |
1/1/2022 | 4 % |
1/2/2022 | 4 % |
1/3/2022 | 4 % |
1/4/2022 | 4 % |
1/5/2022 | 4.16 % |
1/6/2022 | 4.5 % |
1/7/2022 | 4.5 % |
1/8/2022 | 4.5 % |
1/9/2022 | 4.5 % |
1/10/2022 | 4.5 % |
1/11/2022 | 4.5 % |
1/12/2022 | 4.5 % |
1/1/2023 | 4.5 % |
1/2/2023 | 4.5 % |
1/3/2023 | 4.5 % |
1/4/2023 | 4.5 % |
1/5/2023 | 4.5 % |
1/6/2023 | 4.5 % |
1/7/2023 | 4.5 % |
1/8/2023 | 4.5 % |
1/9/2023 | 4.5 % |
1/10/2023 | 4.5 % |
1/11/2023 | 4.5 % |
1/12/2023 | 4.5 % |
1/1/2024 | 4.5 % |
1/2/2024 | 4.5 % |
1/3/2024 | 4.5 % |
1/4/2024 | 4.5 % |
1/6/2024 | 4.5 % |
1/8/2024 | 4.5 % |
नकद आरक्षित अनुपात इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/8/2024 | 4.5 % |
1/6/2024 | 4.5 % |
1/4/2024 | 4.5 % |
1/3/2024 | 4.5 % |
1/2/2024 | 4.5 % |
1/1/2024 | 4.5 % |
1/12/2023 | 4.5 % |
1/11/2023 | 4.5 % |
1/10/2023 | 4.5 % |
1/9/2023 | 4.5 % |
नकद आरक्षित अनुपात के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇮🇳 इंटरबैंक दर | 7.28 % | 7.28 % | frequency_daily |
🇮🇳 केंद्रीय बैंक का बैलेंस शीट | 38.609 जैव. INR | 36.201 जैव. INR | मासिक |
🇮🇳 क्रेडिट वृद्धि | 12.8 % | 13 % | frequency_biweekly |
🇮🇳 ब्याज दर | 6.5 % | 6.5 % | frequency_daily |
🇮🇳 मुद्रा आपूर्ति M0 | 46.682 जैव. INR | 46.675 जैव. INR | मासिक |
🇮🇳 मुद्रा आपूर्ति M1 | 60.85 जैव. INR | 61.047 जैव. INR | मासिक |
🇮🇳 मुद्रा आपूर्ति M2 | 63.11 जैव. INR | 63.307 जैव. INR | मासिक |
🇮🇳 मुद्रा भंडार | 704.89 अरब USD | 692.3 अरब USD | frequency_weekly |
🇮🇳 मुद्रा समूह M3 | 256.14 जैव. INR | 257.011 जैव. INR | frequency_biweekly |
🇮🇳 रिवर्स रेपो दर | 3.35 % | 3.35 % | मासिक |
कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) ग्राहकों की कुल जमा राशि का एक निर्धारित न्यूनतम अंश होता है, जिसे वाणिज्यिक बैंकों को नकदी के रूप में या केंद्रीय बैंक के साथ जमा के रूप में रिज़र्व के रूप में रखना अनिवार्य होता है।
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया
- 🇨🇳चीन
- 🇮🇩इंडोनेशिया
- 🇯🇵जापान
- 🇸🇦सऊदी अरब
- 🇸🇬सिंगापुर
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- 🇹🇭थाईलैंड
- 🇹🇲तुर्कमेनिस्तान
- 🇦🇪संयुक्त अरब अमीरात
- 🇺🇿उज़्बेकिस्तान
- 🇻🇳वियतनाम
- 🇾🇪यमन
नकद आरक्षित अनुपात क्या है?
कैश रिजर्व अनुपात (Cash Reserve Ratio या CRR) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो किसी देश की मौद्रिक नीति और बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता का आकलन करने में सहायक होता है। इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित किया जाता है और यह बैंकों के लिए अनिवार्य होता है कि वे अपनी कुल जमा निधि का एक निश्चित प्रतिशत केंद्रीय बैंक के पास नकद के रूप में रखे। यह अनुपात सीधे बैंकिंग प्रणाली और अर्थव्यवस्था के नकदी प्रवाह को प्रभावित करता है। कैश रिज़र्व अनुपात की अवधारणा मुख्यतः मौद्रिक नीति के एक उपकरण के रूप में काम करती है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में तरलता (liquidity) का प्रबंधन करना और अर्थव्यवस्था में अति-उधारी (excessive borrowing) को नियंत्रित करना है। जब भी RBI को अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक नकदी प्रवाह का अंदेशा होता है, तो वह CRR को बढ़ा देता है। इससे बैंकों के पास उपलब्ध कुल धनराशि कम हो जाती है, और वे अधिक उधार देने के लिए सीमित रह जाते हैं। इसके विपरीत, जब अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी होती है, तो CRR को कम किया जाता है, जिससे बैंकों के पास अधिक रकम उपलब्ध हो जाती है जिसके फलस्वरूप वे अधिक ऋण दे सकते हैं। CRR का निर्धारण कई आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें मुद्रास्फीति (inflation), आर्थिक विकास दर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा स्थिरता, और मौद्रिक नीति के अन्य उपकरण शामिल हैं। उदाहरण के लिए, अगर मुद्रास्फीति बढ़ रही है, तो आरबीआई CRR को बढ़ा सकता है ताकि सिस्टम में नकदी की उपलब्धता कम हो और मुद्रास्फीति नियंत्रित हो सके। दूसरी ओर, आर्थिक मंदी की स्थिति में, CRR को कम किया जा सकता है ताकि बैंकों के पास पर्याप्त रकम हो और वे अधिक ऋण प्रदान कर सकें, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ तेज हों। CRR का प्रभाव व्यापक होता है। यह बैंकों की लाभप्रदता (profitability) पर भी असर डालता है। उच्च CRR का मतलब है कि बैंक अपनी जमा राशि का बड़ा हिस्सा किसी भी लाभकारी गतिविधि में संलग्न नहीं कर सकते। इसके अलावा, यह बैंकों की उधारी क्षमता (lending capacity) को भी प्रभावित करता है। कम CRR का मतलब है कि बैंक अधिक धनराशि उधार देने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं और उनकी लाभप्रदता में वृद्धि हो सकती है। अन्य देशों में भी CRR जैसे उपाय प्रचलित होते हैं लेकिन उनके कार्यान्वयन का तरीका और प्रतिशत भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में इसे रिवर्स रेपो रेट या फेडरल रिजर्व द्वारा नियंत्रित अन्य मौद्रिक उपकरणों के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है। यूरोपीय संघ के देशों में भी ऐसे उपकरण होते हैं जो कि केंद्रीय बैंकों के माध्यम से नियंत्रित किए जाते हैं। समाज और जनता पर भी CRR का व्यापक प्रभाव होता है। उद्योगों को ऋण प्राप्त करने में आसानी होती है और बैंकों के पास अधिक धन होने पर वे कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान कर सकते हैं जिससे आर्थिक विकास को गति मिल सकती है। इसके अलावा, व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए भी अधिक ऋण सम्भावनाएँ होती हैं, जैसे कि गृह ऋण, वाहन ऋण, आदि, जिससे उनकी भुगतान क्षमता में वृद्धि होती है और जीवन के स्तर में सुधार होता है। हालांकि, इस नीति का नकारात्मक पहलु भी है। कभी-कभी उच्च CRR की वजह से बैंकों के पास उपलब्ध नकदी कम हो जाती है, जिससे वे अपनी ऋण देने की प्रक्रिया में सकुचाते हैं। इसके परिणामस्वरूप आर्थिक गतिविधियाँ धीमी हो सकती हैं और निवेश में कमी आ सकती है। ऐसी स्थिति में आर्थिक सुधार के प्रयास और कठिन हो सकते हैं, विशेषकर तब जब अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रही हो। समग्र छहढ़ावा में, कैश रिजर्व अनुपात एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावी उपकरण है जिसके माध्यम से केंद्रीय बैंक जैसे RBI अर्थव्यवस्था को नियंत्रित और संतुलित करने का काम करता है। यह एक दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देश की वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करता है और मौद्रिक नीति के अन्य उपकरणों के साथ मिलकर एक समग्र वित्तीय ढांचे को स्थापित करता है। हमारे वेबसाइट eulerpool पर, आप कैश रिज़र्व अनुपात और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण और तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य आपको विशेषज्ञ दृष्टिकोण और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा के माध्यम से समावेशित जानकारी प्रदान करना है, जिससे आप अपने आर्थिक निर्णयों को सूचित और सटीक बना सकें। यदि आप macroeconomic डेटा में रुचि रखते हैं और अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुधारना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट आपके लिए सबसे अच्छा स्रोत होगी।