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🇮🇳

भारत रोज़गार दर

शेयर मूल्य

46.9 %
परिवर्तन +/-
+0.3 %
प्रतिशत में परिवर्तन
+0.64 %

भारत में वर्तमान रोज़गार दर 46.9 % है। भारत में रोज़गार दर 1/3/2024 को बढ़कर 46.9 % हो गई, जो 1/12/2023 को 46.6 % थी। 1/12/2012 से 1/6/2024 तक, भारत में औसत GDP 44.71 % थी। 1/12/2012 को सबसे उच्चतम रिकॉर्ड 50.8 % था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/6/2020 को 36.4 % था।

स्रोत: Ministry of Statistics and Programme Implementation (MOSPI)

रोज़गार दर

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

रोजगार दर

रोज़गार दर इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/202446.9 %
1/12/202346.6 %
1/9/202346 %
1/6/202345.5 %
1/3/202345.2 %
1/12/202244.7 %
1/9/202244.5 %
1/6/202243.9 %
1/3/202243.4 %
1/12/202143.2 %
1
2
3

रोज़गार दर के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇮🇳
जनसंख्या
1.386 अरब 1.374 अरब वार्षिक
🇮🇳
न्यूनतम वेतन
178 INR/Day178 INR/Dayवार्षिक
🇮🇳
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
60 Years60 Yearsवार्षिक
🇮🇳
बेरोजगारी दर
7.64 %8.01 %मासिक
🇮🇳
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
60 Years60 Yearsवार्षिक
🇮🇳
रोजगार दर
50.8 %50.2 %तिमाही

भारत में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) जनसंख्या में व्यक्तियों के बीच नियोजित व्यक्तियों का प्रतिशत है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

रोज़गार दर क्या है?

वेबसाइट ‘Eulerpool’ में आपका स्वागत है, जहां हम विश्वसनीय और गहन मैक्रोइकनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं। आज, हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण मैक्रोइकनॉमिक इंडिकेटर 'रोज़गार दर' (Employment Rate) पर चर्चा करेंगे। इस लेख का उद्देश्य आपको रोज़गार दर के महत्त्व, इसके विभिन्न पहलुओं, और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है। रोज़गार दर एक प्रमुख आर्थिक सूचकांक है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति का जायजा लेने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दर हमें बताती है कि कार्यशील आयु वर्ग में से कितने लोग सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति, विकास की दर, और आर्थिक स्थिरता का आकलन करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पैमाना है। उच्च रोजगार दर आमतौर पर एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था का सूचक है। रोज़गार दर की गणना करने के लिए, कार्यशील आयु वर्ग के कुल व्यक्तियों की संख्या का पता लगाया जाता है और इनमें से काम कर रहे लोगों की संख्या निकाली जाती है। इस संख्या का प्रतिशत के रूप में निरूपण ही रोजगार दर कहलाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश में 1000 कार्यशील आयु वर्ग के लोग हैं और इनमें से 600 लोग कार्यरत हैं, तो रोजगार दर 60% होगी। रोज़गार दर के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि पूर्णकालिक और अंशकालिक रोजगार दर। पूर्णकालिक रोजगार दर उन व्यक्तियों की संख्या को दर्शाती है जो नियमित रूप से पूर्णकालिक नौकरियों में काम कर रहे हैं। वहीं, अंशकालिक रोजगार दर उन व्यक्तियों की संख्या को दर्शाती है जो अंशकालिक नौकरियों में कार्यरत हैं। दोनों ही प्रकार की दरें महत्वपूर्ण होती हैं और रोजगार बाजार की मूलभूत स्थिति को समझने में मदद करती हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि रोजगार दर का उतार-चढ़ाव विशेष रूप से आर्थिक विविधता, राजनीतिक स्थिरता, और नीतिगत परिवर्तन के कारण होता है। उदाहरण के लिए, आर्थिक मंदी के समय रोजगार दर में गिरावट देखी जा सकती है, जबकि आर्थिक उछाल के समय इसमें वृद्धि होती है। रोज़गार दर न केवल सामान्य जनसंख्या की आर्थिक स्थिति का सूचक होती है, बल्कि इसके जरिए नीतिगत निर्णय, निवेश के मौके और विकास की रणनीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। कई बार सरकारें रोजगार दर को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की नीतियाँ और योजनाएँ लागू करती हैं। इनमें औद्योगिक विकास, कौशल विकास, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), और उद्यमिता को प्रोत्साहन देना शामिल हो सकता है। सरकारों के साथ-साथ, रोजगार दर के आंकड़े निवेशकों और व्यवसायियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उच्च रोजगार दर आमतौर पर उच्च उपभोक्ता खर्च और अधिक मांग का संकेत देती है, जो कि व्यापारिक विस्तार और निवेश के लिए अनुकूल स्थितियाँ उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिए, एक उच्च रोजगार दर से यह उम्मीद की जा सकती है कि जनता के पास अधिक खर्च करने की क्षमता होगी, जिससे विभिन्न उद्योगों को लाभ मिलेगा। हालांकि, रोजगार दर का अध्ययन करते समय यह भी महत्वपूर्ण है कि बेकार होने की दर (Unemployment Rate) और अंडरएम्प्लॉयमेंट (Underemployment) को भी ध्यान में रखा जाए। कभी-कभी, रोजगार दर उच्च हो सकती है, लेकिन यदि अधिकांश लोग अंशकालिक या अस्थिर नौकरियों में कार्यरत हैं, तो इसका मतलब होगा कि रोजगार की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं है। इसलिए, रोजगार दर के साथ-साथ इस तरह की अन्य मापदंडों का विश्लेषण करना भी जरूरी है। इसके अलावा, रोजगार दर में लैंगिक, सामाजिक, और क्षेत्रीय असमानता का विश्लेषण भी महत्वपूर्ण है। लैंगिक असमानता के उदाहरण के तौर पर, कई देशों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की रोजगार दर कम होती है। सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताओं के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक रोजगार के मौके हो सकते हैं। हमारी वेबसाइट Eulerpool पर, हम आपको अद्यतित और विस्तृत रोजगार दर के आंकड़े एक स्थान पर उपलब्ध कराते हैं। यह डेटा स्रोतों से संकलित किया गया है जो कि विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त हैं। इस डेटा का विश्लेषण करके आप समकालीन आर्थिक स्थिति का एक स्पष्ट चित्रण प्राप्त कर सकते हैं और अपने व्यवसायिक निर्णयों को बेहतर बना सकते हैं। अंत में, रोजगार दर न केवल एक संख्या है बल्कि यह उस संपन्नता और स्थिरता का प्रतीक है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति को परिभाषित करती है। इसके व्यापक विश्लेषण से हम न केवल वर्तमान आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, बल्कि एक मजबूत और स्थिर भविष्य की योजना भी बना सकते हैं। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको रोजगार दर के विभिन्न पहलुओं और इसके महत्त्व को समझने में सहायक सिद्ध होगा। Eulerpool पर अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट कर सकते हैं और अपने आर्थिक ज्ञान को विस्तृत कर सकते हैं।