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फ़ैरो द्वीपसमूह आर्थिक आशावाद सूचकांक

शेयर मूल्य

17 अंक
परिवर्तन +/-
-12 अंक
प्रतिशत में परिवर्तन
-52.17 %

फ़ैरो द्वीपसमूह में वर्तमान आर्थिक आशावाद सूचकांक का मूल्य 17 अंक है। फ़ैरो द्वीपसमूह में आर्थिक आशावाद सूचकांक 1/1/2023 को घटकर 17 अंक हो गया, जबकि यह 1/6/2022 को 29 अंक था। 1/6/2006 से 1/1/2024 तक, फ़ैरो द्वीपसमूह में औसत GDP 16.64 अंक था। 1/1/2007 को उच्चतम स्तर 47 अंक पर पहुंचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/1/2009 को -29 अंक दर्ज किया गया।

स्रोत: Statistics Faroe Islands

आर्थिक आशावाद सूचकांक

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

आर्थिक आशावाद का सूचकांक

आर्थिक आशावाद सूचकांक इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/202317 अंक
1/6/202229 अंक
1/1/202229 अंक
1/6/202111 अंक
1/1/202032 अंक
1/6/201922 अंक
1/1/201921 अंक
1/6/201825 अंक
1/1/201826 अंक
1/6/201726 अंक
1
2
3

आर्थिक आशावाद सूचकांक के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇫🇴
उपभोक्था विश्वास
1 points1 pointsतिमाही

फैरो द्वीपसमूह में, आर्थिक भावना सूचकांक व्यापार और उपभोक्ता सर्वेक्षणों के संकेतकों पर आधारित है। प्रत्येक सर्वेक्षण के संकेतकों की गणना कुछ प्रश्नों के सकारात्मक और नकारात्मक उत्तरों के 'बैलेंस' के औसत के रूप में की जाती है, जैसे कि उपभोक्ता सूचकांक सर्वेक्षण के 15 प्रश्नों में से 4 प्रश्नों का अंकगणितीय औसत है। संयुक्त सूचकांक और प्रत्येक सूचकांक का दायरा प्लस 100 से लेकर माइनस 100 तक होता है। किसी भी एकल मान का अर्थ तभी समझ में आता है जब उसकी तुलना उसी प्रश्न के पिछले उत्तरों से की जाए।

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आर्थिक आशावाद सूचकांक क्या है?

इकोनॉमिक ऑप्टिमिज़म इंडेक्स (ईओआई) एक महत्वपूर्ण सूचक है जो किसी देश या क्षेत्र की आर्थिक स्थिति और भविष्य की संभावनाओं के बारे में लोगों की धारणा को मापता है। यह सूचक विश्लेषकों, शोधकर्ताओं और निवेशकों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है, जिससे न केवल वर्तमान आर्थिक परिस्थिति के बारे में जानकारी मिलती है, बल्कि भविष्य की आर्थिक स्थिति के निरिक्षण और पूर्वानुमान करने में भी सहायता मिलती है। ईओआई आमतौर पर सर्वेक्षणों के माध्यम से संग्रहीत डेटा पर आधारित होता है, जिसमें उपभोक्ताओं, व्यवसायों, और अन्य आर्थिक भागीदारों के विचार शामिल होते हैं। ईओआई को समझने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि यह सूचक कैसे निर्मित होता है। यह आमतौर पर विभिन्न संकेतकों पर आधारित होता है, जैसे कि बेरोजगारी दर, घरेलू आय, व्यापार विकास, और उपभोक्ता खर्च। इन संकेतकों का उपयोग करके एक संकलित सूचकांक तैयार किया जाता है, जो आर्थिक धारणा को प्रदर्शित करता है। यदि यह सूचकांक उच्च होता है, तो इसका मतलब है कि लोग आर्थिक भविष्य के प्रति आशावादी हैं; और यदि यह निम्न होता है, तो यह आर्थिक निराशावाद का संकेत दे सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी देश में बेरोजगारी दर कम हो रही है और औसत घरेलू आय बढ़ रही है, तो यह लोगों को विश्वास दिलाता है कि आने वाले समय में आर्थिक स्थिति सुधरेगी। इस धारणा का सीधा प्रभाव उपभोक्ता खर्च पर पड़ता है, क्योंकि लोग अधिक खर्च करने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। यही कारण है कि ईओआई एक महत्वपूर्ण संकेतक है जिसे नीति निर्धारक, व्यापारी, और आर्थिक शोधकर्ता ध्यान से अनलाइज करते हैं। ईओआई की माप और उसका विश्लेषण किसी देश की आर्थिक नीति निर्धारण और व्यापारिक रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि ईओआई लगातार वृद्धि दर्शा रहा है, तो सरकार और केंद्रीय बैंक इसे आर्थिक स्थायित्व और विकास के संकेत के रूप में देख सकते हैं। इस जानकारी के आधार पर, वे अपनी मौद्रिक और वित्तीय नीतियों में परिवर्तन कर सकते हैं ताकि आर्थिक विकास को समर्थन मिल सके। इसके विपरीत, यदि ईओआई गिरावट दर्शा रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आर्थिक नीतियों में कुछ बदलाव की आवश्यकता है, या शायद अतिरिक्त प्रोत्साहन उपायों की आवश्यकता हो सकती है। व्यापारिक दृष्टिकोण से, ईओआई कंपनियों को महत्वपूर्ण इनसाइट्स प्रदान करता है। व्यापारिक प्रबंधक और निवेशक ईओआई के आधार पर अपने व्यापारिक निर्णयों को समायोजित कर सकते हैं। यदि ईओआई ऊंचा है, तो कंपनियों को आर्थिक विकास और उपभोक्ता खर्च के बढ़ने की संभावना होती है। इसका मतलब यह हो सकता है कि बाजार में नई संभावनाएं खुल रही हैं, जो इन्वेस्टमेंट और विस्तार के लिए उपयुक्त समय हो सकता है। इसके विपरीत, यदि ईओआई गिर रहा है, तो व्यवसाय अपने खर्च और निवेश योजनाओं को पुनः विचार कर सकते हैं, ताकि आर्थिक नरमी के समय में भी उन्हें नुकसान न हो। ईओआई केवल घरेलू आर्थिक नीति और व्यापारिक निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश निर्णयों में भी प्रभाव डालता है। निवेशक और अंतर्राष्ट्रीय निगम किसी देश के ईओआई को देखकर वहां निवेश के बारे में निर्णय लेते हैं। एक उच्च ईओआई विदेशी निवेशकों को यह संकेत दे सकता है कि देश में आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाएं हैं, जिससे उन्हें वहां अपने पैसे निवेश करने की प्रेरणा मिलती है। इसके विपरीत, एक निम्न ईओआई विदेशी निवेशकों को सतर्क कर सकता है और उन्हें अपने निवेश के फैसलों को पुनः विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है। अन्य मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों के साथ-साथ ईओआई भी आर्थिक अनुसंधान और विश्लेषण में अत्यधिक मूल्यवान है। यह नीति निर्माताओं, व्यापारिक प्रबंधकों, और सामाजिक वैज्ञानिकों को आर्थिक धारणा और व्यवहार के बारे में मूल्यवान सूचनाएं प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, उपभोक्ता व्यवहार के अध्ययन में, ईओआई का उपयोग यह समझने के लिए किया जा सकता है कि विभिन्न आर्थिक संकेतकों के परिवर्तन का उपभोक्ता विश्वास और खर्च पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसी तरह, सामाजिक अनुसंधान में यह देखा जा सकता है कि विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कारक आर्थिक धारणा को कैसे प्रभावित करते हैं। काफी हद तक, इकोनॉमिक ऑप्टिमिज़म इंडेक्स का महत्व इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार की जानकारी प्रदान करता है और उसका विश्लेषण कैसे किया जाता है। यद्यपि यह केवल एक सूचक है, इसमें निहित जानकारी बहुआयामी प्रभाव रखती है। इसके माध्यम से न केवल आर्थिक विकास की प्रवृत्तियों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, बल्कि यह भी समझने में सहायता मिलती है कि आर्थिक नीतियों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रकार, ईओआई को एक व्यापक और विविध प्रकार की सूचनाओं के भण्डार के रूप में देखा जा सकता है, जो व्यक्तिगत, व्यापारिक, और सरकारी निर्णयों में महत्वपूर्ण योगदान देता है। Eulerpool जैसे प्लेटफ़ॉर्म, जो व्यापक और सटीक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं, के लिए ईओआई को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के डेटा के माध्यम से उपयोगकर्ता न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को समझ सकते हैं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का भी आकलन कर सकते हैं। यह न केवल आर्थिक शोधकर्ताओं के लिए बल्कि सामान्य उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होता है, जो अपने व्यावसायिक और व्यक्तिगत आर्थिक निर्णयों को अधिक सटीकता और विश्लेषण के साथ नियोजित करना चाहते हैं। इस प्रकार, इकोनॉमिक ऑप्टिमिज़म इंडेक्स (ईओआई) एक महत्वपूर्ण और व्यापक उपकरण है जो आर्थिक धारणा को मापता है और आने वाले समय में आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाओं को पूर्वानुमानित करता है। आर्थिक शोध और विश्लेषण के लिए यह सूचक अनिवार्य हो गया है, जो मौजूदा आर्थिक स्थिति के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं और निर्णयों को भी आकार देता है। Eulerpool जैसे प्लेटफ़ॉर्म इस महत्वपूर्ण डेटा को प्रस्तुत करके आर्थिक समझ को गहराई देते हैं और उपयोगकर्ताओं को अधिक जानकारीपूर्ण और रणनीतिक निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं।