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प्रोफ़ाइल
🇪🇪

एस्टोनिया सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण

शेयर मूल्य

168.7 %
परिवर्तन +/-
-10.7 %
प्रतिशत में परिवर्तन
-6.15 %

एस्टोनिया में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण का वर्तमान मूल्य 168.7 % है। एस्टोनिया में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण 1/1/2021 को घटकर 168.7 % हो गया, जबकि 1/1/2020 को यह 179.4 % था। 1/1/1995 से 1/1/2022 तक, एस्टोनिया में औसत जीडीपी 155.34 % था। अब तक का उच्चतम स्तर 1/1/2009 को 205.4 % के साथ पहुंचा, जबकि सबसे कम मूल्य 1/1/1995 को 65.2 % पर दर्ज किया गया।

स्रोत: OECD

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निजी ऋण से सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/2021168.7 %
1/1/2020179.4 %
1/1/2019174.8 %
1/1/2018170.5 %
1/1/2017185.6 %
1/1/2016189.6 %
1/1/2015184.3 %
1/1/2014182.5 %
1/1/2013175.1 %
1/1/2012178.5 %
1
2
3

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇪🇪
केंद्रीय बैंक का बैलेंस शीट
15.76 अरब EUR15.295 अरब EURतिमाही
🇪🇪
निजी क्षेत्र को दिए गए क्रेडिट
10.07 अरब EUR9.969 अरब EURमासिक
🇪🇪
बैंकों का बैलेंस शीट
42.57 अरब EUR42.857 अरब EURमासिक
🇪🇪
मुद्रा आपूर्ति M1
17.31 अरब EUR17.373 अरब EURमासिक
🇪🇪
मुद्रा आपूर्ति M2
27.837 अरब EUR27.919 अरब EURमासिक
🇪🇪
मुद्रा समूह M3
28.052 अरब EUR27.633 अरब EURमासिक

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले निजी क्षेत्र का ऋण, गैर-वित्तीय निगमों और घरेलू तथा घरेलू सेवा करने वाले गैर-लाभकारी संस्थानों के ऋण को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में मापता है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में निजी ऋण क्या है?

प्राइवेट डेट टू जीडीपी (Private Debt to GDP) एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक सूचक है, जो किसी देश की प्राइवेट सेक्टर की कुल कर्ज का उसके ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के संदर्भ में मापन करता है। यह सूचक यह विश्लेषण करने में सहायक होता है कि किसी देश का प्राइवेट सेक्टर (जैसे कि घरेलू और कारोबारी संगठन) कितनी वित्तीय जिम्मेदारी उठा रहा है। हमारे वेबसाइट ईउलरपूल पर, हम इस जानकारी को पेश करने में गर्व महसूस करते हैं ताकि आर्थिक जानकारियां और इनसाइट्स बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो सकें। प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात को समझना अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि इससे हमें यह अंदाजा मिलता है कि किसी देश के प्राइवेट सेक्टर में कितना आदान-प्रदान हो रहा है। यदि यह अनुपात अधिक है, तो यह संकेत हो सकता है कि प्राइवेट सेक्टर अत्यधिक कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। यह कई आर्थिक समस्याओं, जैसे कि कर्ज चुकाने में असमर्थता, ब्याज दरों पर अधिक दबाव और इकोनॉमिक अस्थिरता, का कारण बन सकता है। दूसरी ओर, यदि यह अनुपात कम है, तो इसका मतलब हो सकता है कि प्राइवेट सेक्टर कर्ज के मामले में संयमी है और वित्तीय स्थिरता की दिशा में बढ़ रहा है। प्राइवेट डेट टू जीडीपी के मापन के लिए, दो प्रमुख घटकों का उपयोग किया जाता है: प्राइवेट डेट और जीडीपी। प्राइवेट डेट में घरेलू कर्ज और कॉर्पोरेट कर्ज शामिल हैं। जीडीपी, या ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट, एक देश की आर्थिक गतिविधियों का कुल मापन होता है, जो माल और सेवाओं के उत्पादन और उपभोग के आधार पर निर्धारित होता है। प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात को गणना करने के लिए, प्राइवेट डेट को जीडीपी से विभाजित किया जाता है और फिर प्रतिशत के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। अब बात आती है कि इस सूचक के महत्व की। प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात सरकारों, निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है। अगर यह अनुपात बहुत अधिक है, तो नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना पड़ सकता है कि प्राइवेट सेक्टर पर कर्ज का बोझ नियंत्रण में रहे। इसके अलावा, यह अनुपात निवेशकों को यह निर्णय लेने में सहायता करता है कि किस देश में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है। उच्च अनुपात संभावित जोखिम दर्शाता है जबकि निम्न अनुपात प्राइवेट सेक्टर की वित्तीय स्थिरता को इंगित करता है। इसके अतिरिक्त, प्राइवेट डेट टू जीडीपी सूचक का उपयोग विभिन्न आर्थिक नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए भी किया जाता है। आर्थिक संकटों के दौरान, यह अनुपात सरकार की वित्तीय नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने में उपयोगी हो सकता है। यदि आर्थिक सुधारों के बावजूद यह अनुपात उच्च बना रहता है, तो यह संकेत हो सकता है कि सुधार अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे हैं। प्राइवेट डेट टू जीडीपी का विश्लेषण करने के लिए सांख्यिकीय डेटा और ट्रेंड्स का अध्ययन किया जाता है। पिछले दशकों के आंकड़ों का विश्लेषण करके, नीति निर्माता यह समझने की कोशिश करते हैं कि इस सूचक में किस प्रकार के बदलाव हुए हैं और इनका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ा है। इसके माध्यम से वे भविष्य की वित्तीय नीतियों को रूप देने में सहायक होते हैं। जब हम वैश्विक परिदृश्य की बात करते हैं, तो प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात का अंतरराष्ट्रीय तुलना में भी महत्व होता है। विभिन्न देशों के बीच इस अनुपात की तुलना करके, हम यह जान सकते हैं कि कौन सा देश अधिक वित्तीय अस्थिरता की स्थिति में है और कौन सा नहीं। इस प्रकार की तुलनात्मक व्याख्या वैश्विक निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे अपने निवेश को सुरक्षित स्थानांतरित करने का निर्णय ले सकते हैं। ईउलरपूल पर हम इस प्रकार के सूचक को उपयोगकर्ता के लिए निष्पक्ष, विस्तृत और अद्यतित जानकारी के साथ प्रस्तुत करते हैं। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध डेटाबेस का प्रयोग करके आप आसानी से विभिन्न देशों के प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात का विश्लेषण कर सकते हैं और महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय ले सकते हैं। सारांश में, प्राइवेट डेट टू जीडीपी एक अत्यंत महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक सूचक है जो हमें प्राइवेट सेक्टर की वित्तीय स्तिथि का सही आकलन करने में मदद करता है। इसका सही और सटीक मापन और विश्लेषण हमारी वेबसाइट ईउलरपूल में आपकों उपलब्ध है जिससे आप अपनी वित्तीय रणनीतियों को और भी मजबूत और कारगर बना सकते हैं। चाहे आप एक निवेशक हों, एक नीति निर्माता हों, या एक अर्थशास्त्री हो, प्राइवेट डेट टू जीडीपी अनुपात को समझना और उसका सही उपयोग करना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है।