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अफगानिस्तान बिजली उत्पादन

शेयर मूल्य

1,061.18 Gigawatt-hour
परिवर्तन +/-
-3.2 Gigawatt-hour
प्रतिशत में परिवर्तन
-0.30 %

अफगानिस्तान में बिजली उत्पादन का वर्तमान मूल्य 1,061.18 Gigawatt-hour है। अफगानिस्तान में बिजली उत्पादन 1/1/2021 को घटकर 1,061.18 Gigawatt-hour हो गया है, जबकि यह 1/1/2020 को 1,064.38 Gigawatt-hour था। 1/1/2008 से 1/1/2022 तक, अफगानिस्तान में औसत GDP 1,004.43 Gigawatt-hour था। उच्चतम स्तर 1/1/2019 पर 1,285.5 Gigawatt-hour के साथ पहुंचा गया था, जबकि निम्नतम मूल्य 1/1/2008 को 827.1 Gigawatt-hour दर्ज किया गया था।

स्रोत: National Statistics and Information Authority (NSIA)

बिजली उत्पादन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

विद्युत उत्पादन

बिजली उत्पादन इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20211,061.18 Gigawatt-hour
1/1/20201,064.38 Gigawatt-hour
1/1/20191,285.5 Gigawatt-hour
1/1/2018978.7 Gigawatt-hour
1/1/20171,098.1 Gigawatt-hour
1/1/20161,076.3 Gigawatt-hour
1/1/20151,033.7 Gigawatt-hour
1/1/20141,049 Gigawatt-hour
1/1/20131,022.3 Gigawatt-hour
1/1/2012882.9 Gigawatt-hour
1
2

बिजली उत्पादन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇦🇫
खनन उत्पादन
15 %-10.3 %वार्षिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

बिजली उत्पादन क्या है?

इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन का आर्थिक महत्व और प्रभाव आज के आधुनिक समय में, बिजली उत्पादन (इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन) किसी भी देश की आर्थिक प्रणाली के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। यह न केवल जीवंत उद्योगों का निर्माण करता है बल्कि विभिन्न सेक्टरों में भी विकास और प्रगति को प्रेरित करता है। हमारे पेशेवर आर्थिक डाटा वेबसाइट यूलेरपूल (eulerpool) पर, हम बिजली उत्पादन से संबंधित आंकड़ों और विश्लेषणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं, जिससे देश और दुनिया की आर्थिक स्थिति को समझने में मदद मिलती है। बिजली उत्पादन की प्रक्रिया को समझने के लिए, हमें पहले उस स्रोत के बारे में समझना होगा जिससे बिजली उत्पन्न होती है। प्रमुख स्रोतों में कोयला, प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत, और नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन, जैवमास) शामिल हैं। कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे पारंपरिक स्रोत अभी भी वैश्विक बिजली उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन पर्यावरणीय चिंताओं और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती किफायतीसता के कारण, सौर और पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है। बिजली उत्पादन का सीधा संबंध राष्ट्रीय उत्पादन (GDP) और मानव विकास सूचकांक (HDI) से होता है। यह सीधे-सीधे उद्योगों की संचालन क्षमता, कृषि की उपज, और सेवा क्षेत्र की उत्पादकता को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, बिजली की उपलब्धता इनमेंटरनेट सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा प्रणाली में सुधार करती है, जिससे संपूर्ण समाज की गुणवत्ताप्रियता में वृद्धि होती है। एक मजबूत बिजली उत्पादन इंफ्रास्ट्रक्चर देश की औद्योगिक वृद्धि को भी बढ़ाता है। उन्नत उत्पादकता और बेहतर उद्योग संचालित करने की क्षमता उच्च उत्पादन और निचली उत्पादन लागत को प्रेरित करती है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) जैसे संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार, बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और स्थिरता देश की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख कारक होती है। भारत जैसे विकासशील देशों के संदर्भ में, बिजली उत्पादन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। देश की तेजी से बढ़ती आबादी और तेजी से विकासशील ॠकनॉमी का मतलब है कि बिजली की मांग प्रति वर्ष तेजी से बढ़ रही है। भारतीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में बिजली की मांग में सालाना 6-7% की वृद्धि देखी गई है। इससे न केवल उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जरूरत है बल्कि उसे सतत रूप से बनाए रखना भी आवश्यक है। पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण महत्वपूर्ण है। भारत ने अपनी राष्ट्रीय सौर मिशन और विभिन्न पवन ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। ये प्रयास न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेंगे बल्कि पर्यावरणीय प्रदूषण को भी कम करेंगे, जिससे जनस्वास्थ्य और जलवायु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से, बिजली उत्पादन में निवेश देश के वित्तीय स्थिरता और विकास के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उच्च श्रमशक्ति की भागीदारी, दीर्घकालिक परियोजनाओं में निवेश, और तकनीकी नवाचार आर्थिक पद्धतियों को नवीनतम बनाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार, जैसे स्मार्ट ग्रिड तकनीक, ऊर्जा भंडारण समाधान, और कुशल ऊर्जा उत्पादन तकनीकें, उद्योग की दक्षता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी महत्वपूर्ण हैं। ग्लोबल ऊर्जा बाजार में भागीदारी और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा समझौतों के माध्यम से, देश अपनी ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर सकते हैं और तकनीकी नवाचारों व निवेश के लिए अधिक अवसर प्राप्त कर सकते हैं। भारत सहित कई विकासशील देशों ने वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाई है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी, और निवेशशील योजनाओं के माध्यम से बिजली उत्पादन में सुधार संभव है। सरकारों की नीति समर्थन, अनुदानों, और नीतिगत सुधारों के माध्यम से, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली, ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं की दक्षता, और नवोन्वेषी तकनीकों का उपयोग भी आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यूलेरपूल पर, हम बिजली उत्पादन के सभी पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करते हैं, जिससे हमारे यूजर्स को सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है। हमें विश्वास है कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में गहराई से जुड़ी जानकारी, आंकड़े, और विश्लेषण आपके आर्थिक निर्णयों में सहायक सिद्ध होंगे। इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन का क्षेत्र वास्तव में अधिक चुनौतीपूर्ण और अवसरवादी है, और इसके सही विश्लेषण और डेटा के माध्यम से, देशों की आर्थिक प्रगति को एक नई दिशा दी जा सकती है। यूलेरपूल (eulerpool) का उद्देश्य इन स्तंभों को समझना और हमारे यूजर्स के लिए उपयोगी बनाना है।