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2 यूरो में सुरक्षित करें फ़ैरो द्वीपसमूह बेरोज़गार व्यक्ति
शेयर मूल्य
फ़ैरो द्वीपसमूह में बेरोज़गार व्यक्ति का वर्तमान मूल्य 291 है। फ़ैरो द्वीपसमूह में बेरोज़गार व्यक्ति 1/4/2024 को घट कर 291 हो गया, जबकि यह 1/3/2024 को 301 था। 1/4/1995 से 1/5/2024 तक, फ़ैरो द्वीपसमूह का औसत GDP 949.24 था। अब तक का उच्चतम मूल्य 1/4/1995 को 3,236 के साथ दर्ज किया गया था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/9/2022 को 218 के साथ दर्ज किया गया था।
बेरोज़गार व्यक्ति ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
बेरोजगार व्यक्ति | |
---|---|
1/4/1995 | 3,236 |
1/5/1995 | 2,952 |
1/6/1995 | 2,741 |
1/7/1995 | 2,741 |
1/8/1995 | 2,589 |
1/9/1995 | 2,383 |
1/10/1995 | 2,366 |
1/11/1995 | 2,376 |
1/12/1995 | 2,458 |
1/1/1996 | 2,595 |
1/2/1996 | 2,543 |
1/3/1996 | 2,473 |
1/4/1996 | 2,314 |
1/5/1996 | 2,106 |
1/6/1996 | 1,948 |
1/7/1996 | 1,942 |
1/8/1996 | 1,841 |
1/9/1996 | 1,709 |
1/10/1996 | 1,711 |
1/11/1996 | 1,733 |
1/12/1996 | 1,808 |
1/1/1997 | 1,937 |
1/2/1997 | 1,941 |
1/3/1997 | 1,930 |
1/4/1997 | 1,846 |
1/5/1997 | 1,717 |
1/6/1997 | 1,627 |
1/7/1997 | 1,659 |
1/8/1997 | 1,587 |
1/9/1997 | 1,478 |
1/10/1997 | 1,482 |
1/11/1997 | 1,505 |
1/12/1997 | 1,590 |
1/1/1998 | 1,713 |
1/2/1998 | 1,704 |
1/3/1998 | 1,678 |
1/4/1998 | 1,589 |
1/5/1998 | 1,466 |
1/6/1998 | 1,381 |
1/7/1998 | 1,406 |
1/8/1998 | 1,353 |
1/9/1998 | 1,267 |
1/10/1998 | 1,269 |
1/11/1998 | 1,285 |
1/12/1998 | 1,343 |
1/1/1999 | 1,434 |
1/2/1999 | 1,427 |
1/3/1999 | 1,407 |
1/4/1999 | 1,335 |
1/5/1999 | 1,234 |
1/6/1999 | 1,159 |
1/7/1999 | 1,173 |
1/8/1999 | 1,122 |
1/9/1999 | 1,048 |
1/10/1999 | 1,050 |
1/11/1999 | 1,065 |
1/12/1999 | 1,117 |
1/1/2000 | 1,194 |
1/2/2000 | 1,186 |
1/3/2000 | 1,167 |
1/4/2000 | 1,104 |
1/5/2000 | 1,020 |
1/6/2000 | 961 |
1/7/2000 | 974 |
1/8/2000 | 929 |
1/9/2000 | 863 |
1/10/2000 | 863 |
1/11/2000 | 871 |
1/12/2000 | 907 |
1/1/2001 | 963 |
1/2/2001 | 949 |
1/3/2001 | 925 |
1/4/2001 | 869 |
1/5/2001 | 794 |
1/6/2001 | 740 |
1/7/2001 | 742 |
1/8/2001 | 702 |
1/9/2001 | 645 |
1/10/2001 | 636 |
1/11/2001 | 640 |
1/12/2001 | 668 |
1/1/2002 | 714 |
1/2/2002 | 710 |
1/3/2002 | 699 |
1/4/2002 | 660 |
1/5/2002 | 607 |
1/6/2002 | 569 |
1/7/2002 | 581 |
1/8/2002 | 566 |
1/9/2002 | 539 |
1/10/2002 | 551 |
1/11/2002 | 568 |
1/12/2002 | 607 |
1/1/2003 | 663 |
1/2/2003 | 673 |
1/3/2003 | 679 |
1/4/2003 | 664 |
1/5/2003 | 635 |
1/6/2003 | 622 |
1/7/2003 | 655 |
1/8/2003 | 651 |
1/9/2003 | 637 |
1/10/2003 | 675 |
1/11/2003 | 722 |
1/12/2003 | 792 |
1/1/2004 | 887 |
1/2/2004 | 927 |
1/3/2004 | 959 |
1/4/2004 | 951 |
1/5/2004 | 915 |
1/6/2004 | 897 |
1/7/2004 | 950 |
1/8/2004 | 951 |
1/9/2004 | 918 |
1/10/2004 | 945 |
1/11/2004 | 981 |
1/12/2004 | 1,050 |
1/1/2005 | 1,146 |
1/2/2005 | 1,160 |
1/3/2005 | 1,161 |
1/4/2005 | 1,119 |
1/5/2005 | 1,049 |
1/6/2005 | 1,001 |
1/7/2005 | 1,023 |
1/8/2005 | 980 |
1/9/2005 | 911 |
1/10/2005 | 910 |
1/11/2005 | 916 |
1/12/2005 | 954 |
1/1/2006 | 1,014 |
1/2/2006 | 1,001 |
1/3/2006 | 975 |
1/4/2006 | 907 |
1/5/2006 | 815 |
1/6/2006 | 743 |
1/7/2006 | 730 |
1/8/2006 | 674 |
1/9/2006 | 607 |
1/10/2006 | 588 |
1/11/2006 | 578 |
1/12/2006 | 585 |
1/1/2007 | 604 |
1/2/2007 | 578 |
1/3/2007 | 551 |
1/4/2007 | 507 |
1/5/2007 | 456 |
1/6/2007 | 418 |
1/7/2007 | 414 |
1/8/2007 | 389 |
1/9/2007 | 360 |
1/10/2007 | 359 |
1/11/2007 | 362 |
1/12/2007 | 376 |
1/1/2008 | 402 |
1/2/2008 | 400 |
1/3/2008 | 395 |
1/4/2008 | 379 |
1/5/2008 | 357 |
1/6/2008 | 349 |
1/7/2008 | 377 |
1/8/2008 | 396 |
1/9/2008 | 414 |
1/10/2008 | 468 |
1/11/2008 | 531 |
1/12/2008 | 621 |
1/1/2009 | 742 |
1/2/2009 | 819 |
1/3/2009 | 893 |
1/4/2009 | 936 |
1/5/2009 | 954 |
1/6/2009 | 986 |
1/7/2009 | 1,088 |
1/8/2009 | 1,124 |
1/9/2009 | 1,120 |
1/10/2009 | 1,195 |
1/11/2009 | 1,283 |
1/12/2009 | 1,410 |
1/1/2010 | 1,571 |
1/2/2010 | 1,620 |
1/3/2010 | 1,644 |
1/4/2010 | 1,598 |
1/5/2010 | 1,508 |
1/6/2010 | 1,463 |
1/7/2010 | 1,550 |
1/8/2010 | 1,554 |
1/9/2010 | 1,510 |
1/10/2010 | 1,565 |
1/11/2010 | 1,634 |
1/12/2010 | 1,759 |
1/1/2011 | 1,934 |
1/2/2011 | 1,971 |
1/3/2011 | 1,987 |
1/4/2011 | 1,931 |
1/5/2011 | 1,830 |
1/6/2011 | 1,753 |
1/7/2011 | 1,791 |
1/8/2011 | 1,717 |
1/9/2011 | 1,603 |
1/10/2011 | 1,609 |
1/11/2011 | 1,630 |
1/12/2011 | 1,703 |
1/1/2012 | 1,818 |
1/2/2012 | 1,805 |
1/3/2012 | 1,776 |
1/4/2012 | 1,676 |
1/5/2012 | 1,534 |
1/6/2012 | 1,431 |
1/7/2012 | 1,437 |
1/8/2012 | 1,363 |
1/9/2012 | 1,266 |
1/10/2012 | 1,268 |
1/11/2012 | 1,285 |
1/12/2012 | 1,345 |
1/1/2013 | 1,438 |
1/2/2013 | 1,427 |
1/3/2013 | 1,404 |
1/4/2013 | 1,329 |
1/5/2013 | 1,227 |
1/6/2013 | 1,158 |
1/7/2013 | 1,179 |
1/8/2013 | 1,135 |
1/9/2013 | 1,063 |
1/10/2013 | 1,066 |
1/11/2013 | 1,081 |
1/12/2013 | 1,133 |
1/1/2014 | 1,216 |
1/2/2014 | 1,215 |
1/3/2014 | 1,202 |
1/4/2014 | 1,142 |
1/5/2014 | 1,051 |
1/6/2014 | 983 |
1/7/2014 | 993 |
1/8/2014 | 945 |
1/9/2014 | 878 |
1/10/2014 | 878 |
1/11/2014 | 888 |
1/12/2014 | 923 |
1/1/2015 | 980 |
1/2/2015 | 969 |
1/3/2015 | 950 |
1/4/2015 | 894 |
1/5/2015 | 819 |
1/6/2015 | 770 |
1/7/2015 | 785 |
1/8/2015 | 755 |
1/9/2015 | 709 |
1/10/2015 | 718 |
1/11/2015 | 736 |
1/12/2015 | 782 |
1/1/2016 | 851 |
1/2/2016 | 860 |
1/3/2016 | 861 |
1/4/2016 | 834 |
1/5/2016 | 788 |
1/6/2016 | 751 |
1/7/2016 | 767 |
1/8/2016 | 737 |
1/9/2016 | 686 |
1/10/2016 | 684 |
1/11/2016 | 689 |
1/12/2016 | 717 |
1/1/2017 | 764 |
1/2/2017 | 758 |
1/3/2017 | 748 |
1/4/2017 | 709 |
1/5/2017 | 651 |
1/6/2017 | 610 |
1/7/2017 | 617 |
1/8/2017 | 593 |
1/9/2017 | 559 |
1/10/2017 | 568 |
1/11/2017 | 582 |
1/12/2017 | 609 |
1/1/2018 | 644 |
1/2/2018 | 630 |
1/3/2018 | 607 |
1/4/2018 | 564 |
1/5/2018 | 512 |
1/6/2018 | 472 |
1/7/2018 | 465 |
1/8/2018 | 429 |
1/9/2018 | 383 |
1/10/2018 | 369 |
1/11/2018 | 361 |
1/12/2018 | 369 |
1/1/2019 | 389 |
1/2/2019 | 382 |
1/3/2019 | 371 |
1/4/2019 | 348 |
1/5/2019 | 318 |
1/6/2019 | 297 |
1/7/2019 | 301 |
1/8/2019 | 292 |
1/9/2019 | 281 |
1/10/2019 | 296 |
1/11/2019 | 319 |
1/12/2019 | 357 |
1/1/2020 | 406 |
1/2/2020 | 426 |
1/3/2020 | 441 |
1/4/2020 | 438 |
1/5/2020 | 423 |
1/6/2020 | 417 |
1/7/2020 | 441 |
1/8/2020 | 439 |
1/9/2020 | 421 |
1/10/2020 | 428 |
1/11/2020 | 433 |
1/12/2020 | 447 |
1/1/2021 | 468 |
1/2/2021 | 456 |
1/3/2021 | 441 |
1/4/2021 | 410 |
1/5/2021 | 372 |
1/6/2021 | 343 |
1/7/2021 | 339 |
1/8/2021 | 315 |
1/9/2021 | 285 |
1/10/2021 | 276 |
1/11/2021 | 271 |
1/12/2021 | 276 |
1/1/2022 | 289 |
1/2/2022 | 281 |
1/3/2022 | 276 |
1/4/2022 | 264 |
1/5/2022 | 245 |
1/6/2022 | 234 |
1/7/2022 | 241 |
1/8/2022 | 233 |
1/9/2022 | 218 |
1/10/2022 | 220 |
1/11/2022 | 224 |
1/12/2022 | 236 |
1/1/2023 | 255 |
1/2/2023 | 256 |
1/3/2023 | 254 |
1/4/2023 | 245 |
1/5/2023 | 232 |
1/6/2023 | 222 |
1/7/2023 | 232 |
1/8/2023 | 230 |
1/9/2023 | 222 |
1/10/2023 | 226 |
1/11/2023 | 233 |
1/12/2023 | 248 |
1/1/2024 | 291 |
1/2/2024 | 296 |
1/3/2024 | 301 |
1/4/2024 | 291 |
बेरोज़गार व्यक्ति इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/4/2024 | 291 |
1/3/2024 | 301 |
1/2/2024 | 296 |
1/1/2024 | 291 |
1/12/2023 | 248 |
1/11/2023 | 233 |
1/10/2023 | 226 |
1/9/2023 | 222 |
1/8/2023 | 230 |
1/7/2023 | 232 |
बेरोज़गार व्यक्ति के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇫🇴 जनसंख्या | 50,000 | 50,000 | वार्षिक |
🇫🇴 बेरोजगारी दर | 0.9 % | 1 % | मासिक |
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप
- 🇦🇱अल्बानिया
- 🇦🇹ऑस्ट्रिया
- 🇧🇾बेलारूस
- 🇧🇪बेल्जियम
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- 🇬🇧संयुक्त राज्य शासित प्रदेश
- 🇦🇩अंडोरा
बेरोज़गार व्यक्ति क्या है?
ईयूएलरपूल में आपका स्वागत है, जहां हम आपको विश्वसनीय और सटीक मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे प्लेटफार्म पर आप 'Unemployed Persons' श्रेणी के अंतर्गत भारत और विश्व भर में बेरोजगारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस विस्तृत लेख में, हम 'Unemployed Persons' की परिभाषा, इसके विभिन्न प्रकार, और इसके मैक्रोइकॉनॉमिक प्रभावों का विश्लेषण करेंगे। 'Unemployed Persons' का विचार समझने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि बेरोजगारी का अर्थ क्या है। सामान्यतः, बेरोजगारी को उस स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें काम के योग्य व्यक्ति, जो कार्य करने के लिए उपलब्ध और इसके लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हों, वे कार्य प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं। बेरोजगारी के विभिन्न प्रकार होते हैं जो विभिन्न आर्थिक परिस्थितियों का संकेत देते हैं। इनमें मुख्यतः फ्रिक्शनल, सायक्लिकल, स्ट्रक्चरल और सीजनल बेरोजगारी शामिल होती हैं। फ्रिक्शनल बेरोजगारी उन व्यक्तियों को दर्शाती है जो नई नौकरी की तलाश में हैं या नौकरी बदलने की प्रक्रिया में हैं। सायक्लिकल बेरोजगारी आम तौर पर आर्थिक मंदी के दौरान बढ़ती है जब व्यवसाय अपने उत्पादन को कम कर देते हैं। स्ट्रक्चरल बेरोजगारी तब होती है जब रोजगार की मांग के पैटर्न में बदलाव होता है, जैसे कि नई तकनीकों का आगमन। सीजनल बेरोजगारी विशिष्ट उद्योगों में पाई जाती है, जो मौसम या छुट्टियों के अनुसार बदलती है। भारत जैसे विकासशील देश में, बेरोजगारी एक प्रमुख चिंता का विषय है। यहाँ परिश्रम भुगतान की असमानता, कौशल की कमी और जनसंख्या वृद्धि जैसी समस्याएं अत्यधिक हैं, जो बेरोजगारी के उच्च स्तर का कारण बनती हैं। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के डेटा दर्शाते हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में बेरोजगारी की दर में निरंतर बदलाव हो रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि काम की खोज में लगे लोगों की संख्या के साथ ही, नौकरी के अवसरों की उपलब्धता में असंतुलन बना रहता है। बेरोजगारी न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक स्थिरता के लिए भी खतरा है। लंबे समय तक बेरोजगार रहने वाले व्यक्तियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आर्थिक दृष्टिकोण से, यह एक महत्वपूर्ण समस्या है क्योंकि यह राष्ट्रीय उत्पादन और उत्पादकता को प्रभावित करती है। बेरोजगारी के उच्च स्तर वाले देश आमतौर पर निम्न जीडीपी, निम्न निवेश दर, और उच्च गरीबी दर से ग्रस्त होते हैं। जहां तक मैक्रोइकॉनॉमिक दृष्टिकोण की बात है, बेरोजगारी की दर को महत्वपूर्ण इंडिकेटर माना जाता है। यह न केवल अर्थव्यवस्था की सेहत का निदान करता है, बल्कि भविष्य के आर्थिक नीतियों को बनाने में भी सहायता करता है। जब बेरोजगारी की दर बढ़ती है, तो सरकार और केंद्रीय बैंक विशेष नीतियों को अपनाने पर विचार करते हैं जैसे कि मौद्रिक नीतियों में बदलाव, रोजगार सृजन योजनाएं और अन्य आर्थिक प्रोत्साहन उपाय। बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए, भारत सरकार ने भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जैसी स्कीम्स लागू की हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने का प्रयास करती हैं। इसके अलावा, इंडिया स्किल्स रिपोर्ट और पी.एम. स्किल इंडिया प्रोग्राम जैसी पहलें भी महत्वपूर्ण हैं। ये प्रोग्राम्स रोजगार क्षमता को बढ़ाने और कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए बनाए गए हैं, जिससे कि लोग नए और आधुनिक तकनीकों के अनुकूल हो सकें। व्यापक दृष्टिकोण से, बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए एक समेकित रणनीति अत्यावश्यक है, जिसमें शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक सुधार और सामाजिक नीतियों का सम्मिलन हो। हम, ईयूएलरपूल पर, आपको इन सभी कारकों के समेकित डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं ताकि आप एक स्पष्ट और संपूर्ण दृष्टिकोण प्राप्त कर सकें। आखिर में, यह कहना गलत नहीं होगा कि बेरोजगारी केवल एक व्यक्ति या परिवार को प्रभावित नहीं करती, बल्कि यह पूरी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसके समाधान के लिए प्रभावी और निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि यह विस्तृत विवरण आपको 'Unemployed Persons' की श्रेणी के बारे में गहराई से समझने में सहायक सिद्ध होगा। हमारे प्लेटफार्म ईयूएलरपूल पर नियमित जाकर आप और भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपको एक विस्तृत और सटीक दृष्टिकोण मिल सके। हम हमेशा यहां हैं आपकी जानकारी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, ताकि आप सूचित और समझदार निर्णय ले सकें। धन्यवाद!