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संयुक्त राज्य अमेरिका पेट्रोल की कीमतें

शेयर मूल्य

0.85 USD/Liter
परिवर्तन +/-
-0.05 USD/Liter
प्रतिशत में परिवर्तन
-5.71 %

वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रोल की कीमतें 0.85 USD/Liter हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रोल की कीमतें 1/9/2024 को घटकर 0.85 USD/Liter हो गई, जो 1/8/2024 को 0.9 USD/Liter थी। 1/2/1991 से 1/10/2024 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में औसत GDP 0.59 USD/Liter थी। सर्वकालिक उच्चतम 1/6/2022 को 1.3 USD/Liter पर पहुँचा, जबकि न्यूनतम 1/2/1999 को 0.24 USD/Liter दर्ज किया गया।

स्रोत: U.S. Energy Information Administration

पेट्रोल की कीमतें

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

पेट्रोल की कीमतें

पेट्रोल की कीमतें इतिहास

तारीखमूल्य
1/9/20240.85 USD/Liter
1/8/20240.9 USD/Liter
1/7/20240.92 USD/Liter
1/6/20240.91 USD/Liter
1/5/20240.95 USD/Liter
1/4/20240.95 USD/Liter
1/3/20240.91 USD/Liter
1/2/20240.85 USD/Liter
1/1/20240.81 USD/Liter
1/12/20230.83 USD/Liter
1
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पेट्रोल की कीमतें के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇺🇸
आर्थिक आशावाद का सूचकांक
44.2 points40.5 pointsमासिक
🇺🇸
उपभोक्ता ऋण
6.4 अरब USD6.27 अरब USDमासिक
🇺🇸
उपभोक्ता व्यय
16.112 जैव. USD15.967 जैव. USDतिमाही
🇺🇸
उपभोक्था विश्वास
68.2 points69.1 pointsमासिक
🇺🇸
उपलब्ध व्यक्तिगत आय
21.856 जैव. USD21.798 जैव. USDमासिक
🇺🇸
ऑटो ऋण का ऋण-शेष
1.616 Trillion USD1.607 Trillion USDतिमाही
🇺🇸
ऑटो के बिना खुदरा बिक्री
0.4 %0.1 %मासिक
🇺🇸
कुल ऋण बैलेंस
17.7 USD Trillion17.503 USD Trillionतिमाही
🇺🇸
क्रेडिट कार्ड का शेष राशि
1.115 Trillion USD1.129 Trillion USDतिमाही
🇺🇸
क्रेडिट कार्ड खाते
596.58 मिलियन 594.75 मिलियन तिमाही
🇺🇸
खुदरा बिक्री YoY
1.7 %2.2 %मासिक
🇺🇸
खुदरा बिक्री गैस और कारों को छोड़कर माह दर माह
0.7 %0.3 %मासिक
🇺🇸
खुदरा बिक्री मासिक परिवर्तन
0.1 %-0.2 %मासिक
🇺🇸
घरेलू ऋण से सकल घरेलू उत्पाद
72.9 % of GDP73.4 % of GDPतिमाही
🇺🇸
निजी आय
0.3 %0.2 %मासिक
🇺🇸
निजी क्षेत्र का क्रेडिट
12.485 जैव. USD12.47 जैव. USDमासिक
🇺🇸
प्रयुक्ग्त कारों की कीमतें YoY
-12.1 %-14 %मासिक
🇺🇸
प्रयुक्त कारों के मूल्य MoM
-0.1 %-0.5 %मासिक
🇺🇸
बंधक ऋण
12.52 Trillion USD12.44 Trillion USDतिमाही
🇺🇸
बैंक क्रेडिट ब्याज दर
8 %8.5 %मासिक
🇺🇸
मिशिगन उपभोक्ता अपेक्षाएँ
69.6 points68.8 pointsमासिक
🇺🇸
मिशिगन में वर्तमान आर्थिक स्थितियाँ
65.9 points69.6 pointsमासिक
🇺🇸
रेडबुक-इंडेक्स
5.8 %5.3 %frequency_weekly
🇺🇸
विद्यार्थी ऋण का शेष राशि
1.6 Trillion USD1.601 Trillion USDतिमाही
🇺🇸
व्यक्तिगत बचत
3.6 %3.6 %मासिक
🇺🇸
व्यक्तिगत व्यय
0.2 %0.1 %मासिक
🇺🇸
शाखा व्यापार की बिक्री
2.332 अरब USD2.317 अरब USDमासिक

पेट्रोल की कीमतें क्या है?

इंधन जैसे पेट्रोल (गैसोलीन) की कीमतें एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आर्थिक संकेतक हैं जो सिर्फ व्यक्तिगत उपभोक्ताओं ही नहीं बल्कि व्यापक अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती हैं। पेट्रोल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव विभिन्न सेक्टर्स पर देखने को मिलता है जैसे परिवहन, उत्पादन, कृषि और यहां तक की उपभोक्ता वस्त्रों पर भी। नवीनतम बाजार विश्लेषण और आर्थिक शोध से ज्ञात होता है कि पेट्रोल की कीमतें कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती हैं। इनमें से प्रमुख हैं वैश्विक तेल उत्पादन, मांग और आपूर्ति में असंतुलन, भौगोलिक राजनीतिक घटनाएँ, संगठन पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़ (OPEC) के निर्णय और मौद्रिक नीति के प्रभाव। इनमें से हर एक कारक का प्रभाव अलग-अलग होता है और यह संगठित रूप में भी कार्य कर सकते हैं। वैश्विक ऊर्जा बाजार में तेल की कीमतों का निर्धारण अक्सर पेट्रोल की कीमतों पर सीधा प्रभाव डालता है। इस संदर्भ में, मध्य पूर्व में होने वाली स्थिरता और राजनीतिक उथल-पुथल का महत्वपूर्ण रोल है। जब भी तेल उत्पादन क्षेत्रों में अस्थिरता आती है, तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं क्योंकि बाजार में उसका प्रभाव तुरंत ही देखने को मिलता है। ईरान, इराक और सऊदी अरब जैसे तेल उत्पादक देशों में तनावपूर्ण स्थिति पेट्रोल की कीमतों पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। इसके साथ ही, मांग और आपूर्ति का असंतुलन भी पेट्रोल की कीमतों को प्रभावित करता है। जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल आता है, तो तेल की मांग बढ़ जाती है, जिससे पेट्रोल की कीमतें बढ़ सकती हैं। दूसरी तरफ, आपूर्ति में कमी होने पर भी यही स्थिति उत्पन्न होती है। प्राकृतिक आपदाओं, उत्पादकता में अड़चनें और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध भी महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं। OPEC यानि संगठन पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़, सदस्य देशों का एक समूह है जो वैश्विक पेट्रोलियम बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस संगठन के निर्णय, जैसे उत्पादन कटौती या वृद्धि, बाजार की स्थिरता और पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं। जब OPEC उत्पादन में कटौती करता है, तो बाजार में तेल की उपलब्धता कम हो जाती है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी होती है। मौद्रिक नीति भी पेट्रोल की कीमतों पर व्यापक प्रभाव डालती है। जब केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बदलाव करते हैं, तो यह मुद्रा की कीमत को प्रभावित करता है। एक मजबूत मुद्रा आयात किए जाने वाले तेल की कीमत को कम कर सकती है जबकि कमजोर मुद्रा इसे महंगा बना सकती है। इस प्रकार, ब्याज दरों और मुद्रा विनियम दरों में बदलाव भी पेट्रोल के मूल्यों पर असर डालता है। भारत में, पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण बहु-स्तरीय प्रणाली के द्वारा होता है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें, रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर, आपूर्ति लागत, परिवहन लागत, कमीशन और सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स शामिल होते हैं। भारत सरकार पेट्रोल पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाती है जिन्हें केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी और राज्य वैट के रूप में जाना जाता है। ये टैक्स भी पेट्रोल की अंतिम खुदरा कीमत को प्रभावित करते हैं। हमने यह भी देखा है कि पेट्रोल की कीमतें विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक कारणों से भी बदल सकती हैं। जब भी सरकारें पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सब्सिडी या टैक्स में परिवर्तन करती हैं, तो इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं और उद्योगों पर पड़ता है। इसके अलावा, सामाजिक और आर्थिक नीतियों, जैसे स्वच्छ ऊर्जा और वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां भी पेट्रोल की मांग और कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। पेट्रोल की कीमतें सिर्फ परिवहन सेक्टर को ही नहीं बल्कि कृषि और उद्योग जैसे प्रमुख सेक्टरों को भी प्रभावित करती हैं। बढ़ती हुई कीमतें उत्पादन लागत को बढ़ा सकती हैं जिससे समग्र महंगाई दर में वृद्धि हो सकती है। इसलिए, पेट्रोल की कीमतों को लगातार मॉनिटर करना बहुत आवश्यक है ताकि इससे जुड़े संभावित आर्थिक और सामाजिक प्रभावों का पूर्वानुमान लगाया जा सके और उचित नीतियां बनाई जा सकें। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के परिणामस्वरूप, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की मांग भी बढ़ती जा रही है। इस दिशा में सरकारें कई प्रकार के अनुदान और प्रोत्साहन योजनाएं चला रही हैं ताकि सोलर ऊर्जा, विद्युत वाहन (इलेक्ट्रिक वाहन) और अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का विकास हो सके। दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से लाभकारी हो सकता है बल्कि पेट्रोल की कीमतों पर निर्भरता को भी कम कर सकता है। अंत में, भारतीय अर्थव्यवस्था में पेट्रोल की कीमतों का महत्व अभूतपूर्व है। यह सिर्फ व्यक्तिगत उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि व्यापक रूप से सभी आर्थिक सेक्टरों को भी प्रभावित करता है। इसलिए, पेट्रोल की कीमतों को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण पक्ष होता है। eulerpool जैसी पेशेवर वेबसाइट, जो मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करती है, इस तरीके के डेटा की एनालिसिस और पेशकश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हमारे विशेषज्ञों द्वारा संकलित और विश्लेषित डेटा न केवल उद्योग विशेषज्ञों बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी उपयोगी हो सकता है।