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2 यूरो में सुरक्षित करें मॉरीशस प्रेषण
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मॉरीशस में वर्तमान में प्रेषण का मूल्य 747 मिलियन MUR है। मॉरीशस में प्रेषण 1/9/2023 को घटकर 747 मिलियन MUR हो गया, जबकि यह 1/6/2023 को 809 मिलियन MUR था। 1/3/2017 से 1/12/2023 तक, मॉरीशस में औसत जीडीपी 683.36 मिलियन MUR थी। 1/12/2021 को सबसे उच्चतम स्तर 1.03 अरब MUR पर पहुँचा, जबकि सबसे निम्नतम मूल्य 1/3/2017 पर 425 मिलियन MUR दर्ज किया गया था।
प्रेषण ·
३ वर्ष
5 वर्ष
मैक्स
निधि अंतरण | |
---|---|
1/3/2017 | 425 मिलियन MUR |
1/6/2017 | 524 मिलियन MUR |
1/9/2017 | 519 मिलियन MUR |
1/12/2017 | 531 मिलियन MUR |
1/3/2018 | 473 मिलियन MUR |
1/6/2018 | 600 मिलियन MUR |
1/9/2018 | 659 मिलियन MUR |
1/12/2018 | 713 मिलियन MUR |
1/3/2019 | 702 मिलियन MUR |
1/6/2019 | 715 मिलियन MUR |
1/9/2019 | 671 मिलियन MUR |
1/12/2019 | 734 मिलियन MUR |
1/3/2020 | 738 मिलियन MUR |
1/6/2020 | 591 मिलियन MUR |
1/9/2020 | 847 मिलियन MUR |
1/12/2020 | 886 मिलियन MUR |
1/3/2021 | 616 मिलियन MUR |
1/6/2021 | 520 मिलियन MUR |
1/9/2021 | 787 मिलियन MUR |
1/12/2021 | 1.03 अरब MUR |
1/3/2022 | 575 मिलियन MUR |
1/6/2022 | 722 मिलियन MUR |
1/9/2022 | 802 मिलियन MUR |
1/12/2022 | 719 मिलियन MUR |
1/3/2023 | 737 मिलियन MUR |
1/6/2023 | 809 मिलियन MUR |
1/9/2023 | 747 मिलियन MUR |
प्रेषण इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/9/2023 | 747 मिलियन MUR |
1/6/2023 | 809 मिलियन MUR |
1/3/2023 | 737 मिलियन MUR |
1/12/2022 | 719 मिलियन MUR |
1/9/2022 | 802 मिलियन MUR |
1/6/2022 | 722 मिलियन MUR |
1/3/2022 | 575 मिलियन MUR |
1/12/2021 | 1.03 अरब MUR |
1/9/2021 | 787 मिलियन MUR |
1/6/2021 | 520 मिलियन MUR |
प्रेषण के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
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🇲🇺 आतंकवाद सूचकांक | 0 Points | 0 Points | वार्षिक |
🇲🇺 आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK | 24.891 अरब MUR | 26.024 अरब MUR | मासिक |
🇲🇺 चालू खाता | -6.431 अरब MUR | -8.33 अरब MUR | तिमाही |
🇲🇺 चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में | -5.6 % of GDP | -11.5 % of GDP | वार्षिक |
🇲🇺 निर्यात | 9.066 अरब MUR | 8.817 अरब MUR | मासिक |
🇲🇺 पर्यटक आगमन | 1,19,305 | 1,49,145 | मासिक |
🇲🇺 पर्यटन आयें | 7.833 अरब MUR | 7.437 अरब MUR | मासिक |
🇲🇺 विदेशी कर्ज | 83.784 अरब MUR | 79.518 अरब MUR | तिमाही |
🇲🇺 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 33.491 अरब MUR | 18.469 अरब MUR | वार्षिक |
🇲🇺 व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस) | -15.825 अरब MUR | -17.207 अरब MUR | मासिक |
🇲🇺 व्यापारिक शर्तें | 98.4 points | 98.5 points | तिमाही |
🇲🇺 स्वर्ण भंडार | 12.42 Tonnes | 12.42 Tonnes | तिमाही |
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प्रेषण क्या है?
रेमिटेंस (Remittances) एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवधारणा है, जो सामान्यत: व्यक्तियों द्वारा अपने देश से बाहर रहते हुए अपने गृह देश में धन भेजने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। यह प्रक्रिया आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती है, और इनका प्रभाव व्यापक हो सकता है। हमारे वेबसाइट Eulerpool पर हम विस्तृत मैक्रोइकनॉमिक डेटा प्रस्तुत करते हैं, जिसमें रेमिटेंस का अध्ययन भी शामिल है। रेमिटेंस का महत्व विशेष रूप से उन देशों के लिए होता है जहां बड़ी संख्या में लोग विदेशों में काम करते हैं। यह उन देशों की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और गरीब एवं विकासशील देशों के लिए जीवनरेखा का काम करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में देखें तो 1970 के दशक से ही रेमिटेंस का महत्व बढ़ गया है। आज, विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। रेमिटेंस का आर्थिक दायरा और प्रभाव विस्तार से समझने के लिए, हमें इसे विभिन्न कोणों से देखना होगा। सबसे पहला और स्पष्ट प्रभाव तो बढ़ी हुई घरेलू आय में देखा जाता है। जब विदेशों में काम करने वाले व्यक्ति अपने परिवार को धन भेजते हैं, तो यह धन उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होता है। यह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, और घर की मरम्मत आदि अनेक जरूरी खर्चों में मदद करता है। इसके अलावा, यह पैसे बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से देश की वित्तीय स्थिरता को भी मजबूत करते हैं। इसके बाद, रेमिटेंस आर्थिक विकास के इंजन के रूप में भी कार्य करता है। विदेशों से आने वाला धन घरेलू बाजार में खर्च होता है, जिससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि होती है और छोटे एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) को बल मिलती है। इससे व्यवसाय एवं उत्पादन में वृद्धि होती है, जो रोजगार पैदा करती है और आमदनी में बढ़ोतरी लाती है। भारत में, विशेष रूप से केरल जैसे राज्य जहां बड़े पैमाने पर लोग खाड़ी देशों में काम करने जाते हैं, रेमिटेंस घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होता है। रेमिटेंस का एक और महत्वपूर्ण पहलू विदेशी मुद्रा की उपलब्धता है। जब विदेशों में काम करने वाले व्यक्ति भारत वापस धन भेजते हैं, तो वे डॉलर, यूरो, या अन्य विदेशी मुद्रा के रूप में यह रकम भेजते हैं, जिसे भारत में बदलकर भारतीय रुपया (INR) प्राप्त किया जाता है। इससे देश की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है, जो आयात बिलों का भुगतान करने, विदेशी ऋण का सेवाएं देने, और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है। सामाजिक दृष्टिकोण से भी रेमिटेंस का महत्वपूर्ण योगदान है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गरीबी में कमी के रूप में देखा जा सकता है। गरीब परिवार जिनके सदस्य विदेशों में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह धन जीवन-स्तर में सुधार लाने का प्रमुख साधन बनता है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और वे गरीबी की चंगुल से बाहर आ सकते हैं। इसके अलावा, रेमिटेंस सामाजिक न्याय और समता को भी बढ़ावा देते हैं। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलता है। जब महिलाएँ विदेशों में काम करके अपने देश में धन भेजती हैं, तो इससे उनके परिवार में उनकी स्थिति भी मजबूत होती है और वे निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, रेमिटेंस के कुछ नकारात्मक पहलू भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका एक प्रमुख नकारात्मक पक्ष ’ब्रेन ड्रेन’ का होता है। जब उच्च शिक्षित और कुशल युवा विदेशों में काम करने चले जाते हैं, तो इससे उनके अपने देश में कुशल मैनपावर की कमी हो जाती है। इससे दीर्घकालीन आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर बड़ी मात्रा में विदेशी धन वापस भेजा जाता है तो इससे घरेलू बाजार में असमानता भी बढ़ सकती है। जो परिवार विदेश से धन प्राप्त करते हैं, उनका जीवन-स्तर और क्रय शक्ति दूसरे परिवारों की तुलना में बहुत अधिक हो सकती है, जिससे सामाजिक असामानता में वृद्धि हो सकती है। अतः रेमिटेंस का सही उपयोग और प्रभावी प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। सरकारों और नीति निर्माताओं को इसे वैज्ञानिक ढंग से संचालित करने की आवश्यकता होती है, ताकि देश के समग्र विकास में रेमिटेंस का सकारात्मक योगदान बढ़ सके। Eulerpool पर हम रेमिटेंस से जुड़े विभिन्न आंकड़ों एवं विश्लेषणों को समेकित रूप से प्रस्तुत करते हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ता विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकें। इससे न केवल आर्थिक शोधकर्ताओं और विश्लेषकों को फायदा होता है, बल्कि नीति निर्माताओं को भी बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। अंततः, रेमिटेंस एक बहुमूल्य आर्थिक संसाधन है, जो व्यक्तिगत, सामुदायिक, और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक लाभ प्रदान करता है। इसके महत्व को समझना और उसका सही उपयोग करने के लिए यह आवश्यक है कि हम इसके विविध पहलुओं पर व्यापक दृष्टिकोण रखें और तदनुसार रणनीतियों का विकास करें।