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माल्टा निजी क्षेत्र ऋण

शेयर मूल्य

15.028 अरब EUR
परिवर्तन +/-
+108.5 मिलियन EUR
प्रतिशत में परिवर्तन
+0.72 %

माल्टा में निजी क्षेत्र ऋण की वर्तमान मूल्य 15.028 अरब EUR है। माल्टा में निजी क्षेत्र ऋण 1/2/2025 को बढ़कर 15.028 अरब EUR हो गया, जबकि 1/1/2025 को यह 14.919 अरब EUR था। 1/10/2003 से 1/1/2025 तक, माल्टा में औसत जीडीपी 8.5 अरब EUR थी। सभी समय का उच्चतम स्तर 1/1/2025 को 14.91 अरब EUR के साथ पहुंचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/10/2003 को 4.06 अरब EUR दर्ज किया गया।

स्रोत: Central Bank of Malta

निजी क्षेत्र ऋण

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निजी क्षेत्र का क्रेडिट

निजी क्षेत्र ऋण इतिहास

तारीखमूल्य
1/2/202515.028 अरब EUR
1/1/202514.919 अरब EUR
1/12/202414.81 अरब EUR
1/11/202414.753 अरब EUR
1/10/202414.638 अरब EUR
1/9/202414.564 अरब EUR
1/8/202414.445 अरब EUR
1/7/202414.366 अरब EUR
1/6/202414.338 अरब EUR
1/5/202414.246 अरब EUR
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निजी क्षेत्र ऋण के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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उपभोक्ता ऋण
9.186 अरब EUR9.116 अरब EURमासिक
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उपभोक्ता व्यय
2.322 अरब EUR2.143 अरब EURतिमाही
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उपभोक्था विश्वास
-2.4 points1.3 pointsमासिक
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खुदरा बिक्री YoY
3.8 %6.6 %मासिक
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खुदरा बिक्री मासिक परिवर्तन
-0.8 %0.8 %मासिक
🇲🇹
पेट्रोल की कीमतें
1.24 USD/Liter1.28 USD/Literमासिक
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बैंक क्रेडिट ब्याज दर
4.63 %4.67 %मासिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

निजी क्षेत्र ऋण क्या है?

प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट: अर्थव्यवस्था की धड़कन वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, "प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट" एक अहम भूमिका निभाता है। प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट से तात्पर्य निजी क्षेत्रों द्वारा उधार लिए गए धन से है, जिसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। यह किसी भी आर्थिक प्रणाली का एक मौलिक तत्व है और इसके अध्ययन से हमें आर्थिक गतिविधियों की बेहतर समझ प्राप्त होती है। प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का प्रभावी प्रबंधन और निगरानी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह निवेश, उत्पादन, और विगत दरों पर बड़ा प्रभाव डालता है। इस लेख में, हम प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट के महत्व, उसके विभिन्न आयाम, और इसके प्रभावों पर प्रकाश डालेंगे। ### प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का महत्व प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट आर्थिक विकास की एक प्रमुख धारा है। जब निजी कंपनियां उधार लेती हैं, तो वे इस पूंजी का इस्तेमाल अपने व्यवसायों के विस्तार के लिए करती हैं। यह उत्पादन क्षमता में वृद्धि का कारण बनता है और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करता है। उच्चतम आर्थिक विकास दर का अनुसरण करने वाले देशों में, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का बड़ा योगदान होता है। प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट की वृद्धि अर्थव्यवस्था में विश्वास का प्रतीक होती है। जब कंपनियां और उद्यमी भविष्य में लाभ प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं, तब वे उधार लेने के लिए प्रस्तुत होते हैं। यह वित्तीय स्वास्थ्य का एक संकेतक है और इससे यह पता चलता है कि व्यवसाय संतोषजनक लाभ की उम्मीद कर रहे हैं। ### प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट की विभिन्न श्रेणियां अर्थशास्त्र में, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। मुख्यतः इनमें व्यापारिक ऋण, व्यक्तिगत ऋण, और रियल एस्टेट ऋण शामिल हैं। 1. **व्यापारिक ऋण**: यह व्यवसायों द्वारा लिए जाने वाले ऋण हैं, जो उत्पादन एवं परिचालन गतिविधियों के लिए आवश्यक होते हैं। इनमें वर्किंग कैपिटल लोन, इक्विपमेंट फाइनेंसिंग, ट्रेड क्रेडिट आदि शामिल हैं। यह ऋण कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नये प्रोडक्ट्स या सर्विसेज पेश करने में मदद करता है। 2. **व्यक्तिगत ऋण**: यह व्यक्तियों को व्यक्तिगत खर्चों के लिए दिए गए ऋण हैं। इनमें पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन आदि शामिल हैं। व्यक्तिगत ऋण उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देते हैं और समग्र आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करते हैं। 3. **रियल एस्टेट ऋण**: यह ऋण रियल एस्टेट सेक्टर से संबंधित होते हैं, जिनका उपयोग ज्यादातर भवनों, भूमि, वाणिज्यिक संपत्तियों, व हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए किया जाता है। रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश प्रॉपर्टी मार्केट और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए आवश्यक होता है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। ### प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट और अर्थव्यवस्था प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का सीधा असर अर्थव्यवस्था पर होता है। इसकी उपलब्धता और उपयोगिता से यह पता चलता है कि अर्थव्यवस्था किस दिशा में बढ़ रही है। अगर प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट की उपलब्धता अधिक होती है और इसका उपयोग सही तरह से होता है, तो इससे आर्थिक विकास दर में सकारात्मक वृद्धि होती है। प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट की मात्रा को मापने के लिए विभिन्न आर्थिक संकेतकों का प्रयोग किया जाता है। इन संकेतकों में क्रेडिट-ग्रोथ रेट, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की दर, और ऋण-से-जीडीपी अनुपात प्रमुख हैं। ये संकेतक हमें यह समझने में मदद करते हैं कि प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट किस प्रकार से अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है और उनकी स्थिरता को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। ### प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट से उत्पन्न होने वाले जोखिम हालांकि प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं। अत्यधिक ऋण भार के चलते कंपनियों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है और इससे दिवालियापन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, त्याज्य ऋण (वह ऋण जिसे वापस नहीं किया जा सकता) का प्रतिशत बढ़ने से बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है। कई बार, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का अत्यधिक उपयोग आर्थिक अस्थिरता का कारण भी बन सकता है। इससे बचने के लिए केंद्रीय बैंकों को कड़ी निगरानी रखनी होती है और आवश्यकतानुसार नियामक उपाय करने पड़ते हैं। ### प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का भविष्य आने वाले समय में, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का महत्व और भी बढ़ने की संभावना है। प्रौद्योगिकी में हो रही प्रगति, वित्तीय समावेश, और बढ़ते डिजिटल लेनदेन जैसे कारक प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। भारत जैसे विकासशील देशों में, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का विस्तार आर्थिक पुनरुत्थान और रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार और निजी क्षेत्र की संयुक्त पहल से यह संभव हो सकता है कि क्रेडिट का सीमित उपयोगीकरण हो और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। ### निष्कर्ष प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट आर्थिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल कंपनियों को उनकी संचालन गतिविधियों के लिए आवश्यक पूंजी प्रदान करता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। हालांकि, इसके उपयोग से जुड़े कई जोखिम होते हैं, जिनका प्रबंधन आवश्यक होता है। उचित निगरानी और कड़े नियामक उपायों के साथ, प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट का सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है। Eulerpool वेबसाइट का उद्देश्य आर्थिक डेटा को व्यापक रूप से प्रस्तुत करना है, ताकि जो भी इस क्षेत्र में शोध कर रहे हों, वे उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकें। प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट के महत्व और इसके विभिन्न पहलुओं को ठीक से समझकर, हम आर्थिक विकास को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगे।