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सिंगापुर वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य

शेयर मूल्य

3.6 %
परिवर्तन +/-
-2.8 %
प्रतिशत में परिवर्तन
-56.00 %

वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य का वर्तमान मूल्य सिंगापुर में 3.6 % है। सिंगापुर में वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य 1/10/2022 को 6.4 % के बाद 1/11/2022 को घटकर 3.6 % हो गया। 1/1/1979 से 1/8/2024 तक, सिंगापुर में औसत GDP -0.56 % थी। सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 1/3/1980 को 36.5 % के साथ पहुंचा गया, जबकि सबसे निचला मूल्य 1/8/1986 को -19.1 % दर्ज किया गया।

स्रोत: Statistics Singapore

वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निर्यात मूल्य YoY

वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य इतिहास

तारीखमूल्य
1/11/20223.6 %
1/10/20226.4 %
1/9/20229.7 %
1/8/202214 %
1/7/202219.1 %
1/6/202224.3 %
1/5/202227.6 %
1/4/202226.3 %
1/3/202224.7 %
1/2/202219.3 %
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वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य के समान मैक्रो संकेतक

सिंगापुर में, निर्यात मूल्य सूचकांक (EPI) निर्यात की गई वस्तुओं के मासिक मूल्यों में परिवर्तनों को रिकॉर्ड करता है। EPI का उपयोग मूल्य घटककर्ताओं के रूप में भी किया जाता है ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की मात्रा का अनुमान लगाया जा सके और स्थिर मूल्य राष्ट्रीय खाते के अनुमान तैयार किए जा सकें।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

वर्ष-दर-वर्ष (YoY) निर्यात मूल्य क्या है?

एक्सपोर्ट प्राइसिस सालाना वृद्धि (Export Prices YoY) एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतक है, जो निर्यात मूल्य में साल-दर-साल (Year-over-Year) परिवर्तन को दर्शाता है। यह संकेतक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों के संदर्भ में अत्यधिक प्रासंगिक है, क्योंकि यह देश के व्यापारिक संतुलन, मुद्रास्फीति, और व्यापक आर्थिक स्थिरता पर सीधा प्रभाव डालता है। 'Eulerpool' में, हम व्यापक और अचूक डाटा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ काम करते हैं ताकि नीति निर्धारकों, निवेशकों, और व्यापारियों को सूचित निर्णय लेने में सहायता मिल सके। एक्सपोर्ट प्राइसिस YoY समझने के लिए हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि निर्यात मूल्य में परिवर्तन किन कारकों पर निर्भर करते हैं। सबसे पहले, मुद्रा विनिमय दरों का उतार-चढ़ाव निर्यात मूल्यों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, यदि घरेलू मुद्रा का अवमूल्यन होता है, तो स्थानीय उत्पादों की विदेशी मुद्रा में कीमत कम हो जाती है, जिससे निर्यात में वृद्धि हो सकती है। दूसरी ओर, अगर घरेलू मुद्रा मजबूत होती है, तो निर्यात उत्पाद महंगे हो जाते हैं और निर्यात में गिरावट आ सकती है। दूसरे, अंतरराष्ट्रीय मांग और आपूर्ति भी मुख्य भूमिका निभाती है। वैश्विक आर्थिक स्थिति के आधार पर, विभिन्न देशों के उत्पादों की मांग में परिवर्तन हो सकता है। अगर किसी विशेष उत्पाद की वैश्विक मांग बढ़ जाती है, तो उसके निर्यात मूल्य में भी वृद्धि हो सकती है। इसी प्रकार, यदि किसी वस्तु की आपूर्ति में कमी होती है, तो उसके मूल्य में स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी हो सकती है। तीसरे, राजनीतिक और आर्थिक नीतियां, जैसे कि व्यापार नीतियां, आयात-निर्यात नियम और कराधान नियम, भी निर्यात मूल्य को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई देश अपने निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यात शुल्क को कम कर देता है, तो इससे निर्यात मूल्य में वृद्धि हो सकती है। एक्सपोर्ट प्राइसिस YoY में किसी भी प्रकार का बदलाव अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, निर्यात मूल्य में वृद्धि उद्योगों के उत्पादन लागत में वृद्धि का संकेत है, जिससे उत्पादित वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि हो सकती है और मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। इसके विपरीत, निर्यात मूल्यों में गिरावट से उद्योगों की आय में कमी हो सकती है, जिससे रोजगार और वेतन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। Eulerpool पर हमने विस्तार से और अद्यतित डाटा प्रदान करने के लिए आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग किया है। हम निरंतर यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे डाटा सही हों और यह नीति निर्धारकों, व्यवसायों और अनुभवी विश्लेषकों के लिए उपयोगी हों। हमारा उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वे आसानी से ऐतिहासिक डाटा के साथ-साथ वर्तमान रुझानों का विश्लेषण कर सकें और इन सूचनाओं का उपयोग व्यापक आर्थिक स्थिति की तैयारी और पूर्वानुमान में कर सकें। इन सभी तत्वों के अतिरिक्त, हमें यह भी समझना होगा कि एक्सपोर्ट प्राइसिस YoY का सांख्यिकीय विश्लेषण कैसे किया जाता है। यह संकेतक सामान्यतः प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, जो पिछले वर्ष के उक्त महीने की तुलना में वर्तमान वर्ष के उसी महीने के निर्यात मूल्यों में परिवर्तन को दर्शाता है। इस प्रकार का विश्लेषण मौसमी प्रभावों, जैसे कि त्योहारी सीजन, और अन्य अस्थायी कारकों को ध्यान में रखता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि किसी देश की निर्यात प्राथमिकताओं और व्यापारिक साझेदारियों में कौन-कौन से दीर्घकालिक परिवर्तन हो रहे हैं। इस संकेतक की नवीनतम स्टडीज और रिपोर्ट्स के आधार पर, नीति निर्धारक और आर्थिक विश्लेषक विभिन्न नीतियों और निर्णयों का प्रारूपण और कार्यान्वयन कर सकते हैं। यह ज्ञान विशेष रूप से उन समयों में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब वैश्विक बाजार सख्त प्रतिस्पर्धा, राजनीतिक अस्थिरता, या प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे होते हैं। Eulerpool पर, हम अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर डाटा का व्यापक विश्लेषण करते हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हो सके। हमारा मानना है कि एक्सपोर्ट प्राइसिस YoY जैसे मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों का सही विश्लेषण और समझ ही किसी भी देश की आर्थिक योजना की रूपरेखा में केंद्रीय भूमिका निभा सकती है। अतः, एक्सपोर्ट प्राइसिस YoY न केवल एक साधारण आँकड़ा है, बल्कि यह एक समग्र आर्थिक संकेतक है, जो किसी देश की अंतरराष्ट्रीय विपणन रणनीतियों और आर्थिक स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है। Eulerpool पर, हम इस महत्व को समझते हैं और इसी आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले, अद्यतित और विस्तृत डाटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।