अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें
2 यूरो में सुरक्षित करें नॉर्वे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र
शेयर मूल्य
नॉर्वे में वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र का मूल्य 0.3 % है। नॉर्वे में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र 1/12/2023 को बढ़कर 0.3 % हो गया, जबकि यह 1/9/2023 को 0.1 % था। 1/6/1978 से 1/3/2024 तक, नॉर्वे में औसत सकल घरेलू उत्पाद 0.59 % था। सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 1/12/1984 को 4.8 % के साथ पहुँचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/6/2020 को -6.2 % दर्ज किया गया।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
बीआईपी वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र | |
---|---|
1/6/1978 | 1.1 % |
1/9/1978 | 0.3 % |
1/12/1978 | 1.8 % |
1/3/1979 | 0.8 % |
1/9/1979 | 1 % |
1/12/1979 | 1.3 % |
1/3/1980 | 1.3 % |
1/9/1980 | 0.3 % |
1/12/1980 | 0.4 % |
1/3/1981 | 1.8 % |
1/12/1981 | 0.7 % |
1/3/1982 | 0.4 % |
1/12/1982 | 0.3 % |
1/3/1983 | 0.6 % |
1/6/1983 | 1.2 % |
1/9/1983 | 0.5 % |
1/12/1983 | 1.3 % |
1/3/1984 | 1 % |
1/9/1984 | 2 % |
1/12/1984 | 4.8 % |
1/3/1985 | 1.6 % |
1/9/1985 | 1.1 % |
1/12/1985 | 0.9 % |
1/3/1986 | 0.5 % |
1/6/1986 | 3.2 % |
1/6/1987 | 2.3 % |
1/12/1987 | 1.5 % |
1/12/1989 | 1.9 % |
1/12/1990 | 0.8 % |
1/3/1991 | 0.8 % |
1/6/1991 | 0.1 % |
1/9/1991 | 0.6 % |
1/3/1992 | 2.2 % |
1/6/1992 | 0.1 % |
1/9/1992 | 0.4 % |
1/12/1992 | 0.8 % |
1/3/1993 | 0.6 % |
1/6/1993 | 0.4 % |
1/9/1993 | 0.6 % |
1/12/1993 | 2.6 % |
1/6/1994 | 1.6 % |
1/9/1994 | 0.1 % |
1/12/1994 | 1.2 % |
1/3/1995 | 1.1 % |
1/9/1995 | 1.7 % |
1/3/1996 | 3.1 % |
1/9/1996 | 1.8 % |
1/12/1996 | 0.2 % |
1/3/1997 | 0.5 % |
1/6/1997 | 4.2 % |
1/9/1997 | 0.4 % |
1/12/1997 | 1.7 % |
1/6/1998 | 1.1 % |
1/9/1998 | 0.7 % |
1/12/1998 | 0.6 % |
1/6/1999 | 0.6 % |
1/9/1999 | 1.5 % |
1/12/1999 | 0.8 % |
1/3/2000 | 1.5 % |
1/9/2000 | 0.9 % |
1/12/2000 | 0.2 % |
1/3/2001 | 1.8 % |
1/12/2001 | 1.4 % |
1/3/2002 | 0.3 % |
1/6/2002 | 0.9 % |
1/9/2002 | 0.3 % |
1/3/2003 | 0.6 % |
1/6/2003 | 0.3 % |
1/9/2003 | 1.4 % |
1/3/2004 | 2.9 % |
1/6/2004 | 0.7 % |
1/9/2004 | 1.4 % |
1/12/2004 | 1 % |
1/3/2005 | 0.6 % |
1/6/2005 | 2.6 % |
1/9/2005 | 0.1 % |
1/12/2005 | 1.8 % |
1/3/2006 | 1 % |
1/6/2006 | 1.2 % |
1/9/2006 | 0.6 % |
1/12/2006 | 2.8 % |
1/3/2007 | 1.3 % |
1/6/2007 | 0.3 % |
1/9/2007 | 2.4 % |
1/12/2007 | 0.6 % |
1/6/2008 | 1.4 % |
1/9/2008 | 0.3 % |
1/6/2009 | 0.1 % |
1/12/2009 | 0.7 % |
1/3/2010 | 1.7 % |
1/9/2010 | 0.4 % |
1/3/2011 | 0.9 % |
1/6/2011 | 0.8 % |
1/9/2011 | 0.5 % |
1/12/2011 | 0.7 % |
1/3/2012 | 2.1 % |
1/6/2012 | 0.2 % |
1/9/2012 | 0.7 % |
1/12/2012 | 0.7 % |
1/3/2013 | 0.7 % |
1/9/2013 | 0.9 % |
1/12/2013 | 0.7 % |
1/3/2014 | 0.2 % |
1/6/2014 | 0.9 % |
1/9/2014 | 0.2 % |
1/12/2014 | 0.6 % |
1/3/2015 | 0.3 % |
1/6/2015 | 0.3 % |
1/9/2015 | 0.2 % |
1/3/2016 | 0.4 % |
1/9/2016 | 0.4 % |
1/3/2017 | 1.5 % |
1/6/2017 | 0.7 % |
1/9/2017 | 0.6 % |
1/12/2017 | 0.6 % |
1/3/2018 | 0.6 % |
1/6/2018 | 0.6 % |
1/9/2018 | 0.2 % |
1/12/2018 | 1 % |
1/3/2019 | 0.3 % |
1/6/2019 | 0.9 % |
1/9/2019 | 0.9 % |
1/9/2020 | 4.7 % |
1/12/2020 | 2.1 % |
1/6/2021 | 1.5 % |
1/9/2021 | 2.6 % |
1/12/2021 | 0.9 % |
1/3/2022 | 0.1 % |
1/6/2022 | 1.2 % |
1/9/2022 | 0.5 % |
1/12/2022 | 0.4 % |
1/6/2023 | 0.1 % |
1/9/2023 | 0.1 % |
1/12/2023 | 0.3 % |
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/12/2023 | 0.3 % |
1/9/2023 | 0.1 % |
1/6/2023 | 0.1 % |
1/12/2022 | 0.4 % |
1/9/2022 | 0.5 % |
1/6/2022 | 1.2 % |
1/3/2022 | 0.1 % |
1/12/2021 | 0.9 % |
1/9/2021 | 2.6 % |
1/6/2021 | 1.5 % |
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र के समान मैक्रो संकेतक
अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप
- 🇦🇱अल्बानिया
- 🇦🇹ऑस्ट्रिया
- 🇧🇾बेलारूस
- 🇧🇪बेल्जियम
- 🇧🇦बोस्निया और हर्जेगोविना
- 🇧🇬बुल्गारिया
- 🇭🇷क्रोएशिया
- 🇨🇾साइप्रस
- 🇨🇿चेक गणराज्य
- 🇩🇰डेनमार्क
- 🇪🇪एस्टोनिया
- 🇫🇴फ़ैरो द्वीपसमूह
- 🇫🇮फिनलैंड
- 🇫🇷फ्रांस
- 🇩🇪जर्मनी
- 🇬🇷ग्रीस
- 🇭🇺हंगरी
- 🇮🇸आइलैंड
- 🇮🇪आयरलैंड
- 🇮🇹इटली
- 🇽🇰कोसोवो
- 🇱🇻लातविया
- 🇱🇮लिकटेंस्टाइन
- 🇱🇹लिथुआनिया
- 🇱🇺लक्ज़मबर्ग
- 🇲🇰उत्तर मैसेडोनिया
- 🇲🇹माल्टा
- 🇲🇩मोल्दाऊ
- 🇲🇨मोनाको
- 🇲🇪मोंटेनेग्रो
- 🇳🇱नीदरलैंड
- 🇵🇱पोलैंड
- 🇵🇹पुर्तगाल
- 🇷🇴रोमानिया
- 🇷🇺रूस
- 🇷🇸सर्बिया
- 🇸🇰स्लोवाकिया
- 🇸🇮स्लोवेनिया
- 🇪🇸स्पेन
- 🇸🇪स्वीडन
- 🇨🇭स्विट्जरलैंड
- 🇺🇦यूक्रेन
- 🇬🇧संयुक्त राज्य शासित प्रदेश
- 🇦🇩अंडोरा
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र क्या है?
जीडीपी वृद्धि गैर-तेल क्षेत्र भारत, एक उभरता हुआ आर्थिक शक्ति केंद्र, समय के साथ-साथ अपने आर्थिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बना रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका 'गैर-तेल क्षेत्र में जीडीपी वृद्धि' निभा रही है। जीडीपी, अर्थात सकल घरेलू उत्पाद, किसी देश या क्षेत्र की कुल आर्थिक गतिविधियों का सम्मिलित मूल्य होता है। यह एक प्रमुख संकेतक है, जो किसी देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को दर्शाता है और भविष्य की संभावनाओं को समझने में मदद करता है। हमारे वेबसाइट, ईलरपूल पर, हम आधुनिक और प्रोफेशनल तरीके से व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा को प्रदर्शित करते हैं, जो व्यापारिक और निवेश निर्णय लेने में लाभकारी हो सकता है। गैर-तेल क्षेत्र में जीडीपी वृद्धि, विशेष रूप से उन देशों में जिनका अधिकांश राजस्व तेल निर्यात पर निर्भर नहीं है, आर्थिक सुदृढ़ता और विविधता के महत्वपूर्ण संकेतक हैं। भारत, जो बड़े पैमाने पर कृषि, सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्र पर निर्भर है, गैर-तेल क्षेत्र की जीडीपी वृद्धि में अग्रणी रहा है। यह प्रवृत्ति न केवल आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देती है, बल्कि रोजगार सृजन, जीवन स्तर में सुधार और तकनीकी उन्नति में भी सहायक है। भारत में गैर-तेल क्षेत्र की जीडीपी वृद्धि को समझने के लिए, हमें इस क्षेत्र में शामिल विभिन्न उद्योगों एवं इनमें हो रहे परिवर्तन को ध्यान में रखना होगा। कृषि, जो कि भारत का प्रमुख उद्योग रहा है, ने धीरे-धीरे अधिक तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों, जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात, को भी बल मिला है। सेवा क्षेत्र भी गैर-तेल जीडीपी वृद्धि में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। भारतीय सेवा क्षेत्र में आईटी और बीपीओ उद्योग विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। भारत ने वैश्विक आईटी हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिससे बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा अर्जित का योगदान मिला है। इसके साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, होटल और पर्यटन क्षेत्रों का भी तेजी से विस्तार हुआ है, जो गैर-तेल जीडीपी वृद्धि को ऊँचाइयों तक पहुंचा रहा है। विनिर्माण क्षेत्र की बात करें, तो "मेक इन इंडिया" जैसे सरकारी अभियानों ने विनिर्माण अधोद्योगों को बढ़ावा दिया है। यह पहल न केवल घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देती है, बल्कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ाती है। भारत में ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे गैर-तेल जीडीपी वृद्धि को बड़ा बल मिल रहा है। गैर-तेल जीडीपी वृद्धि के महत्व को समझने के लिए सिर्फ उसकी मात्रा को देखना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी गुणवत्ता को भी परखना जरूरी है। उच्च गुणवत्ता की आर्थिक वृद्धि न केवल जीडीपी के आंकड़ों में सुधार लाती है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को भी संजीवनी प्रदान करती है। भारत में, सरकार की विभिन्न योजनाएं, जैसे कि स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया, ने युवाओं को कौशलयुक्त एवं डिजिटल साक्षर बनाया है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हुई है और नए उद्योगों का जन्म हुआ है। इसके अलावा, गैर-तेल क्षेत्र में जीडीपी वृद्धि को सड़क, रेल, बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास द्वारा भी मजबूत किया जा रहा है। भारत में बुनियादी ढांचे का सुधार, न केवल सस्ता और सुगम परिवहन सुनिश्चित करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ता भी है। इसने व्यापार और उद्योग में नई उभरती प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन दिया है। निवेश और वित्तीय बाजारों का भी गैर-तेल क्षेत्र की जीडीपी वृद्धि में अहम योगदान है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) और घरेलू निवेश, जो नियमों में ढील और सुधारों के माध्यम से आकर्षित होते हैं, ने नए उद्योगों और परियोजनाओं के लिए पूंजी उपलब्ध कराई है। इससे न केवल आर्थिक स्थिरता में इजाफा हुआ है, बल्कि वित्तीय बाजारों की भी मजबूती बढ़ी है। कृषि और उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा, ई-कॉमर्स, स्टार्टअप और इनोवेशन भी आज के समय में गैर-तेल जीडीपी वृद्धि के महत्वपूर्ण घटक हैं। इन नए आयामों ने न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं, बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति को नए आयाम दिए हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम ने खासकर युवाओं को उद्यमिता के नए आयाम सिखाए हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। संक्षेप में, गैर-तेल क्षेत्र में जीडीपी वृद्धि, न केवल वर्तमान के आर्थिक आंकड़ों को सुदृढ़ बनाती है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी उज्जवल बनाती है। यह अर्थव्यवस्था को विविधता और स्थिरता प्रदान करती है, जिससे आर्थिक चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है। ईलरपूल पर, हम इन सभी आंकड़ों को एकत्रित कर, सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करते हैं ताकि निवेशक और व्यावसायिक उपयोगकर्ता सही और सटीक आर्थिक निर्णय ले सकें। इस प्रकार, गैर-तेल क्षेत्र में जीडीपी वृद्धि का महत्त्व महज आर्थिक वृद्धि तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संपूर्ण सामजिक और राष्ट्रीय प्रगति का हिस्सा है।