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प्रोफ़ाइल
🇱🇹

लिथुआनिया मनी सप्लाई M2

शेयर मूल्य

53.194 अरब EUR
परिवर्तन +/-
+931.2 मिलियन EUR
प्रतिशत में परिवर्तन
+1.77 %

लिथुआनिया में मनी सप्लाई M2 का वर्तमान मूल्य 53.194 अरब EUR है। लिथुआनिया में मनी सप्लाई M2 1/5/2024 को 53.194 अरब EUR हो गई, जो पहले 1/4/2024 को 52.263 अरब EUR थी। 1/12/1993 से 1/6/2024 के बीच, लिथुआनिया में औसत GDP 15.66 अरब EUR थी। सर्वकालिक उच्चतम 1/6/2024 को 53.43 अरब EUR के साथ पहुंचा, जबकि सबसे कम मूल्य 1/12/1993 को 774 मिलियन EUR दर्ज किया गया।

स्रोत: Bank of Lithuania

मनी सप्लाई M2

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

मुद्रा आपूर्ति M2

मनी सप्लाई M2 इतिहास

तारीखमूल्य
1/5/202453.194 अरब EUR
1/4/202452.263 अरब EUR
1/3/202452.361 अरब EUR
1/2/202452.081 अरब EUR
1/1/202451.791 अरब EUR
1/12/202351.988 अरब EUR
1/11/202350.426 अरब EUR
1/10/202350.017 अरब EUR
1/9/202350.244 अरब EUR
1/8/202350.31 अरब EUR
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...
37

मनी सप्लाई M2 के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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इंटरबैंक दर
3.91 %3.91 %मासिक
🇱🇹
केंद्रीय बैंक का बैलेंस शीट
31.383 अरब EUR31.128 अरब EURमासिक
🇱🇹
निजी क्षेत्र को दिए गए क्रेडिट
11.489 अरब EUR11.461 अरब EURमासिक
🇱🇹
बैंकों का बैलेंस शीट
66.189 अरब EUR65.746 अरब EURमासिक
🇱🇹
मुद्रा आपूर्ति M0
8.171 अरब EUR8.175 अरब EURमासिक
🇱🇹
मुद्रा आपूर्ति M1
35.148 अरब EUR35.102 अरब EURमासिक
🇱🇹
मुद्रा भंडार
5.571 अरब USD5.607 अरब USDमासिक
🇱🇹
मुद्रा समूह M3
53.346 अरब EUR53.112 अरब EURमासिक

लिथुआनिया मुद्रा आपूर्ति M2 में M1 के साथ-साथ बैंकों में अल्पकालिक समय जमा भी शामिल होते हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

मनी सप्लाई M2 क्या है?

मनी सप्लाई M2 (Money Supply M2) आर्थिक संकेतकों में से एक महत्वपूर्ण घटक है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था के समग्र नकदी प्रवाह को मापता है। यह एक व्यापक मापदंड है जो हमारी वेबसाइट Eulerpool पर मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस विवरण में, हम मनी सप्लाई M2 के विभिन्न पहलुओं, उसके महत्व, और उसकी गणना के तरीके का विश्लेषण करेंगे। मनी सप्लाई M2 मनी सप्लाई (मनी स्टॉक) की एक विशिष्ट श्रेणी है जिसमें विभिन्न वित्तीय परिसंपत्तियाँ शामिल होती हैं। यह मापदंड केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कुल मुद्रा प्लस वाणिज्यिक बैंकों में मौजूद जमा राशियों को समाहित करता है। साधारण शब्दों में, मनी सप्लाई M2 में निम्न बातें शामिल होती हैं: - मुद्रा (Currency) : जो सार्वभौमिक रूप से चलन में है, जैसे कि नोट और सिक्के। - मांग जमा (Demand Deposits) : ये आर्थिक एजेंटों द्वारा बैंकों में रखी जाने वाली वे जमा राशियाँ हैं जो बिना किसी नोटिस के वापस ली जा सकती हैं। - सहेजने योग्य जमा (Savings Deposits) : ये जमा राशि थोड़े समयावधि के लिए सुरक्षित रखते हुए बैंकों में जमा की जाती हैं। - छोटे समयावधि के जमा प्रमाणपत्र (Small Time Deposits) : ये जमा राशि एक निश्चित समयावधि के लिए बैंक में रखी जाती हैं और एक निर्धारित अवधि के बाद ही वापस ली जा सकती हैं। - गैर-व्यक्तिगत नाबालिग खातों में फंड्स (Non-Institutional Money Market Funds) : ये खातें विभिन्न प्रकार की वित्तीय संस्थाओं द्वारा संचालित होते हैं जो इंटरेस्ट अर्जित करने के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं। मनी सप्लाई M2 की गणना उन सभी वित्तीय परिसंपत्तियों का कुल योग है जो ऊपर उल्लिखित हैं। यह मापदंड व्यापक रूप से पसंद किया जाता है क्योंकि यह अधिक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है और अर्थव्यवस्था के समग्र स्वस्थ्य का सही आंकलन करने में मदद करता है। केंद्रीय बैंक और अन्य आर्थिक नीति निर्माता मनी सप्लाई M2 के अवलोकन के आधार पर विभिन्न आर्थिक नीतियों को निर्धारित करते हैं। जब मनी सप्लाई M2 का विस्तार होता है, यह सामान्यतः यह संकेत देता है कि अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ रही है। इसका अर्थ होता है कि नागरिकों और व्यवसायों के पास खर्च करने के लिए अधिक धन उपलब्ध है, जो आर्थिक वृद्धि को बल दे सकता है। इसके विपरीत, मनी सप्लाई M2 का सिकुड़न शुरुआती तौर पर यह संकेत दे सकता है कि आर्थिक गतिविधि में कमी हो रही है, जो मंदी का सूचक हो सकता है। मनी सप्लाई M2 और मुद्रास्फीति (Inflation) के बीच सीधा संबंध स्थापित होता है। यदि मनी सप्लाई M2 में तीव्र विस्तार होता है, तो यह अर्थव्यवस्था में अत्यधिक मुद्रा प्रवाह का सूचक हो सकता है जो मुद्रास्फीति का कारण बन सकता है। मुद्रास्फीति वह परिस्थिति है जब सामान्य मूल्य स्तर बढ़ जाता है जो वास्तविक धन की क्रय शक्ति को कम करता है। जहाँ यह उपभोक्ताओं के लिए नकारात्मक हो सकता है, वहीं इससे कर्ज़दाताओं और व्यवसायों को लाभ हो सकता है। भारतीय आर्थिक परिप्रेक्ष्य में, मनी सप्लाई M2 का तात्पर्य केवल मुद्रा आपूर्ति से नहीं हैं, बल्कि यह बैंकिंग प्रणाली की संपूर्ण गतिविधियों का भी प्रतिबिंब होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मनी सप्लाई M2 की नियमित निगरानी की जाती है और इसके आधार पर मौद्रिक नीति (Monetary Policy) बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, यदि RBI देखता है कि मनी सप्लाई M2 अत्यधिक बढ़ गई है, तो यह ब्याज दरों को बढ़ा सकता है जिससे उधारी महंगी हो जाती है और मनी सप्लाई M2 को नियंत्रित किया जा सके। मनी सप्लाई M2 के आंकड़ों का अनुसरण नीति निर्माताओं, निवेशकों और अर्थशास्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। नीति निर्माता इसका उपयोग आर्थिक स्थायित्व वर्त्त्मान और आगामी दशा का निर्धारण करने के लिए करते हैं। निवेशक इसे बाजार की स्थितियों का आकलन और उसकी दिशा का अनुमान लगाने के लिए देखते हैं। वहीं, अर्थशास्त्री इसका उपयोग विभिन्न आर्थिक मॉडल्स और भविष्यवाणियों के लिए करते हैं। Eulerpool पर मनी सप्लाई M2 के आंकड़े उपलब्ध कराना हमारे उपयोगकर्ताओं को एक विस्तृत और स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिससे उन्हें बेहतर निष्कर्ष निकालने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, यह हमारे विश्लेषकों और डेटा वैज्ञानिकों को अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति समझने और उसके अनुसार रणनीति बनाने में सक्षम बनाता है। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, जहां अस्थिरता विद्यमान है, मनी सप्लाई M2 जैसे सूचितक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर बाजार गतिशीलता को समझने में असाधारण रूप से आवश्यक बनते जा रहे हैं। इससे न सिर्फ अर्थशास्त्र के विद्वान, बल्कि आम जनता भी आर्थिक निर्णयों में स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं। संक्षेप में, मनी सप्लाई M2 किसी भी देश की मुद्रा व्यवस्था और आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह नीति निर्माताओं, निवेशकों और अर्थशास्त्रियों के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करता है जिससे वे आर्थिक रणनीतियों और पूर्वानुमानों को अधिक सटीकता से बना सकें। Eulerpool पर हम इस महत्वपूर्ण सूचक को प्रमुखता से प्रदर्शित कर, हमारे उपयोगकर्ताओं को विस्तृत और अद्यतन जानकारी प्रदान करने का प्रयास करते हैं।