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बहरीन उपभोक्ता व्यय

शेयर मूल्य

4.732 अरब BHD
परिवर्तन +/-
-217.1 मिलियन BHD
प्रतिशत में परिवर्तन
-4.49 %

बहरीन में मौजूदा उपभोक्ता व्यय का मूल्य 4.732 अरब BHD है। बहरीन में उपभोक्ता व्यय 1/1/2021 को घटकर 4.732 अरब BHD हो गया, जबकि यह 1/1/2020 को 4.949 अरब BHD था। 1/1/2003 से 1/1/2022 तक, बहरीन में औसत GDP 3.75 अरब BHD थी। सर्वकालिक उच्चतम 1/1/2022 को 6.1 अरब BHD के साथ पहुंचा गया, जबकि निम्नतम मूल्य 1/1/2003 को 1.47 अरब BHD दर्ज किया गया।

स्रोत: Ministry of Finance - Kingdom of Bahrain

उपभोक्ता व्यय

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

उपभोक्ता व्यय

उपभोक्ता व्यय इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20214.732 अरब BHD
1/1/20204.949 अरब BHD
1/1/20194.924 अरब BHD
1/1/20184.859 अरब BHD
1/1/20174.796 अरब BHD
1/1/20164.806 अरब BHD
1/1/20154.686 अरब BHD
1/1/20144.718 अरब BHD
1/1/20134.293 अरब BHD
1/1/20124.245 अरब BHD
1
2

उपभोक्ता व्यय के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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उपभोक्ता ऋण
5.854 अरब BHD5.836 अरब BHDमासिक
🇧🇭
पेट्रोल की कीमतें
0.37 USD/Liter0.37 USD/Literमासिक
🇧🇭
बैंक क्रेडिट ब्याज दर
6.14 %6.53 %तिमाही

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उपभोक्ता व्यय क्या है?

ईयूलरपूल पर आपका स्वागत है, जहाँ हम पेशेवर रूप से अत्याधुनिक मैक्रोइकनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं और इस लेख में हम 'उपभोक्ता खर्च' विषय पर विस्तृत जानकारी देंगे। उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण पक्ष है जो किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य और विकास को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। उपभोक्ता खर्च का अध्ययन या विश्लेषण करने से न केवल वित्तीय संगठनों, योजनाकारों और नीति निर्माताओं को लाभ होता है, बल्कि यह रोजमर्रा के निवेशक और सामान्य जनता के लिए भी अत्यंत उपयोगी हो सकता है। उपभोक्ता खर्च का सरलीकरण करने के लिए सबसे पहले इसके बुनियादी निर्धारकों की पहचान और समझ जरूरी है। इसे हम विभिन्न श्रेणियों में बांट सकते हैं जैसे कि नियमित घरेलू खर्च, अनियमित खर्च, और विलासिता पर खर्च। इन सभी श्रेणियों का संयुक्त विश्लेषण ही यह संकेत देता है कि अर्थव्यवस्था का वास्तविक प्रदर्शन कैसा है। अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के दृष्टिकोण से उपभोक्ता खर्च राष्ट्रीय आय या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का एक प्रमुख हिस्सा होता है। सामान्यतः यह GDP का लगभग 60% से अधिक हो सकता है। इस लिहाज़ से देखा जाए तो उपभोक्ता खर्च एक प्रमुख संकेतक है जो बताता है कि अर्थव्यवस्था बदलाव का सामना कर रही है या विकास की राह पर है। उपभोक्ता खर्च का प्रभाव न केवल मौजूदा बाजार पर बल्कि भविष्य की मांग और सप्लाई श्रृंखला पर भी पड़ता है। जब उपभोक्ता खर्च बढ़ता है तो इसे आमतौर पर आर्थिक स्थिरता और समृद्धि का संकेत माना जाता है। बढ़ता उपभोक्ता खर्च कंपनियों को अधिक उत्पादन करने और नई नौकरियों के सृजन की प्रेरणा देता है। इससे बेरोजगारी में कमी आती है और आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ती है। इसके विपरीत, यदि उपभोक्ता खर्च में कमी आती है तो यह आर्थिक मंदी और रोजगार हानि का कारण बन सकता है। उपभोक्ता खर्च को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों में परिवार की आय, ब्याज दरें, मुद्रास्फीति, और उपभोक्ता विश्वास प्रमुख हैं। उदाहरण के लिए, यदि परिवार की आय में वृद्धि होती है तो उसे व्यय योग्य आय भी बढ़ती है जिससे उपभोक्ता खर्च भी बढ़ता है। इसी प्रकार, यदि ब्याज दरें कम होती हैं तो लोगों को उधार लेने और खर्च करने के लिए प्रेरित किया जाता है। मुद्रास्फीति भी एक महत्त्वपूर्ण कारक है; उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति में उपभोक्ता खर्च पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ जाती हैं। नीति निर्माताओं के लिए उपभोक्ता खर्च में वृद्धि करना हमेशा प्राथमिकता होती है। इसके लिए उनको विभिन्न प्रकार की नीतियों का सहारा लेना पड़ता है जैसे कि कर में कटौती, सरकारी व्यय में वृद्धि, और ब्याज दरों में कटौती। वित्तीय नीतियाँ जैसे कि कर में कटौती और सरकारी व्यय में वृद्धि उपभोक्ताओं की व्यय शक्ति को बढ़ाती हैं। इसी प्रकार मौद्रिक नीति के तहत ब्याज दरों में कटौती लोगों को अधिक खर्च करने या निवेश करने के लिए प्रेरित करती है। डेटा और वित्तीय विश्लेषण की दृष्टि से, उपभोक्ता खर्च के आंकड़ों का विश्लेषण करके ट्रेंड्स और पैटर्न्स को समझा जा सकता है। यह जानकारी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उन्हें बाजार के मूवमेंट्स का पूर्वानुमान करने में मदद करती है। आंकड़ों को अच्छे से समझने के लिए विभिन्न मेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है, जैसे कि उपभोक्ता वस्त्र और सेवाओं पर खर्च, बचत की दरें, और अनिवार्य तथा विलासिता खर्च के अनुपात। आर्थिक सुधार और विकास की दृष्टि से उपभोक्ता खर्च में निरंतर वृद्धि आवश्यक है। इसका सीधा-सीधा असर रोजगार, उत्पादन, और रियल एस्टेट बाजारों पर भी पड़ता है। जब उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी होती है, तब कंपनियाँ नए उत्पाद और सेवाएँ विकसित करती हैं, रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश करती हैं और नए बाजार तलाशती हैं। इससे न केवल रोजगार बढ़ता है बल्कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर भी प्रभावित होती है। इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण बिंदु जिसे समझना आवश्यक है, वह है क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव। कुछ देशों में उपभोक्ता खर्च का पैटर्न और स्थिरता दूसरे देशों से भिन्न हो सकती है। यह फर्क उनकी आर्थिक संरचना, सांस्कृतिक प्रवृत्तियों, और सरकारी नीतियों के अंतर के कारण होता है। ईयूलरपूल पर आप विभिन्न देशों और क्षेत्रों के उपभोक्ता खर्च के विश्लेषण की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था के व्यापक प्रभाव को समझा जा सके। अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि आप उपभोक्ता खर्च को मासिक, तिमाही और वार्षिक आधार पर ट्रैक करें। यह अटल विश्वसनीयता और भविष्य की आर्थिक संभावनाओं का अनुमान लगाने का एक प्रमुख साधन है। ईयूलरपूल पर दिए गए डेटा और विस्तृत विश्लेषण की सहायता से आप उपभोक्ता खर्च के विभिन्न पहलुओं को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख 'उपभोक्ता खर्च' विषय पर आपकी संपूर्ण समझ को और अधिक विस्तृत और प्रासंगिक बनाने में सफल हुआ है। ईयूलरपूल का उद्देश्य आपको सटीक और अद्यतित मैक्रोइकनॉमिक डेटा प्रदान करना है ताकि आप अपने वित्तीय निर्णयों को बेहतर बना सकें।