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हंगरी आवास सूचकांक

शेयर मूल्य

298.05 अंक
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प्रतिशत में परिवर्तन
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हंगरी में आवास सूचकांक का मौजूदा मूल्य 298.05 अंक है। हंगरी में आवास सूचकांक 1/6/2024 को घटकर 298.05 अंक हो गया, जो 1/3/2024 को 298.06 अंक था। 1/3/2007 से 1/6/2024 तक, हंगरी में औसत GDP 140.55 अंक था। 1/3/2024 को सर्वकालिक उच्चतम स्तर 298.06 अंक पर पहुँच गया, जबकि 1/12/2013 को न्यूनतम मूल्य 84.13 अंक दर्ज किया गया।

स्रोत: EUROSTAT

आवास सूचकांक

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

वोहनुंग्सइंडेक्स

आवास सूचकांक इतिहास

तारीखमूल्य
1/6/2024298.05 अंक
1/3/2024298.06 अंक
1/12/2023277.19 अंक
1/9/2023272.63 अंक
1/6/2023271.54 अंक
1/3/2023268.81 अंक
1/12/2022258.43 अंक
1/9/2022262.98 अंक
1/6/2022255.23 अंक
1/3/2022241.42 अंक
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आवास सूचकांक के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇭🇺
आवासीय संपत्ति की कीमतें
9.08 %7.22 %तिमाही
🇭🇺
ईजनहोम कोटा
90.5 %90.1 %वार्षिक
🇭🇺
किराया-मूल्य अनुपात
157.657 160.966 तिमाही
🇭🇺
घर मूल्य सूचकांक वार्षिक वृद्धि
9.8 %10.9 %तिमाही
🇭🇺
निर्माण अनुमतियां
824 Units808 Unitsमासिक
🇭🇺
निर्माण उत्पादन
7.2 %15.6 %मासिक

हंगरी में, हाउस प्राइस इंडेक्स आवासीय संपत्ति बाजार की कीमतों को मापता है। एचपीआई सभी प्रकार की आवासीय संपत्तियों की मूल्य परिवर्तनों को दर्ज करता है जो परिवारों द्वारा खरीदी जाती हैं (फ्लैट, अलग-अलग घर, टेरेस घर आदि), चाहे वे नई हों या पुरानी। केवल बाजार कीमतों को शामिल किया जाता है, इसलिए स्व-निर्मित आवास इसमें शामिल नहीं होते। आवासीय संपत्ति के भूमि घटक को भी इसमें शामिल किया गया है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

आवास सूचकांक क्या है?

हाउसिंग इंडेक्स एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक है जो किसी देश, राज्य या शहर के आवासीय रियल एस्टेट बाजार के प्रदर्शन और प्रवृत्तियों का मापन करता है। हाउसिंग इंडेक्स विभिन्न कारकों पर आधारित हो सकता है जैसे कि मकानों की औसत कीमत, बिक्री की संख्या, निर्माण की गतिविधियों इत्यादि। यह इंडेक्स निवेशकों, नीति निर्माताओं, और आर्थिक विश्लेषकों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य और स्थिरता की जानकारी प्रदान करता है। जब हम हाउसिंग इंडेक्स की चर्चा करते हैं, तो इसमें उस क्षेत्र के रियल एस्टेट की विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है। यह न केवल मकानों की कीमतों में बदलाव दर्शाता है, बल्कि उन सामाजिक और आर्थिक कारकों को भी उजागर करता है जो रियल एस्टेट बाजार को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, इनकम लेवल, ब्याज दरें, बेरोजगारी दर, और जनसंख्या वृद्धि जैसे कारकों का हाउसिंग इंडेक्स पर प्रत्यक्ष प्रभाव होता है। हाउसिंग इंडेक्स को समझना और इसका विश्लेषण करना निवेशकों के लिए अति महत्वपूर्ण है। निवेशक इस इंडेक्स के माध्यम से यह जान सकते हैं कि कौन सा समय निवेश के लिए उपयुक्त है और कब बाजार में मंदी या उछाल की संभावना है। इसके अलावा, यह नीति निर्माताओं के लिए भी सहायक होता है, क्योंकि वे इसे आधार बनाकर आवासीय योजनाओं और विकास परियोजनाओं की योजना बना सकते हैं। हाउसिंग इंडेक्स आवासीय बाजार के लिये एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह न सिर्फ घरों की मौजूदा कीमतों की जानकारी देता है, बल्कि विभिन्न समयावधियों में कीमतों में आये बदलाव को भी ट्रैक करता है। यह जानकारी खरीदारों और विक्रेताओं के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया को अधिक सूचित और संगठित बनाती है। आमतौर पर, हाउसिंग इंडेक्स को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है, जैसे कि नए मकान, पुराने मकान, लक्जरी मकान, और किफायती मकान। इन विभिन्न श्रेणियों के माध्यम से, हाउसिंग इंडेक्स व्यक्तिगत मकानों और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए विशिष्ट प्रवृत्तियों का अनावरण करता है। इसके अलावा, हाउसिंग इंडेक्स ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवासीय बाजार की स्थिति का भी तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। विभिन्न क्षेत्रों के बीच की यह तुलना नीति निर्माताओं को क्षेत्रीय विकास और संयोजन के संबंध में सूचित निर्णय लेने में सहायता करती है। हाउसिंग इंडेक्स की गणना करने के कई तरीके होते हैं लेकिन उनमें से एक प्रमुख तरीका है हेडोनिक मॉडल। हेडोनिक मॉडल के माध्यम से, मकान की कीमत को उसके विभिन्न गुणों के आधार पर विभाजित किया जाता है, जैसे कि आकार, स्थान, निर्माण गुणवत्ता, और अन्य सुविधाएँ। यह मॉडल विश्लेषक को मकान की मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास के विभिन्न कारकों को अलग-अलग करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे अधिक सटीक और सूक्ष्म विश्लेषण कर सकते हैं। भारत के संदर्भ में हाउसिंग इंडेक्स की काफी महत्ता है, क्योंकि यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी आवास की बेहतर सुविधाओं की तलाश में है। तेजी से होती शहरीकरण, संयुक्त परिवारों की टूटती परंपरा और बढ़ते इनकम लेवल के कारण अचल संपत्ति में निवेश की प्रवृत्ति में भी वृद्धि हो रही है। ऐसे में हाउसिंग इंडेक्स निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होता है, क्योंकि यह उन्हें मार्केट की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का आकलन करने की सुविधा प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हाउसिंग इंडेक्स का बड़ा महत्व है। वैश्विक निवेशक विभिन्न देशों के हाउसिंग इंडेक्स का विश्लेषण कर वहां के रियल एस्टेट बाजार में निवेश के अवसरों का आकलन करते हैं। यह इंटरनेशनल निवेशक को स्थानीय बाजार की स्थिति, रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट और संभावित जोखिमों के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करता है। यह ध्यान देने योग्य है कि हाउसिंग इंडेक्स केवल रियल एस्टेट बाजार का संकेतक नहीं है, बल्कि यह व्यापक आर्थिक स्थिति का भी प्रतिबिंब है। मकानों की कीमतों में स्थिरता या उतार-चढ़ाव आमतौर पर अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों जैसे कि बैंकिंग, निर्माण, और कंज्यूमर स्पेंडिंग पर भी प्रभाव डालते हैं। एक स्थिर और बढ़ती हुई हाउसिंग मार्केट आर्थिक विकास का संकेत मानी जाती है, जबकि गिरती हुई मार्केट संभावित आर्थिक समस्याओं का संकेत हो सकती है। संक्षेप में, हाउसिंग इंडेक्स एक महत्वपूर्ण और जटिल संकेतक है जो कई आर्थिक, सामाजिक, और जनसांख्यिकीय कारकों को ध्यान में रखकर आवासीय बाजार की स्थिति का आकलन करता है। इसे समझना और इसका विश्लेषण करना न केवल निवेशकों के लिए बल्कि नीति निर्माताओं और अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों के लिये भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। Eulerpool जैसी वेबसाइट्स इस प्रकार की जानकारी को पेशेवर और सटीक तरीके से प्रस्तुत करती हैं, जिससे उपयोगकर्ता वह सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं जो उन्हें सूचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती हैं।