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🇩🇪

जर्मनी प्राकृतिक गैस भंडार निकासी

शेयर मूल्य

648.544 GWh/d
परिवर्तन +/-
-4,941.816 GWh/d
प्रतिशत में परिवर्तन
-158.42 %

जर्मनी में प्राकृतिक गैस भंडार निकासी का वर्तमान मूल्य 648.544 GWh/d है। जर्मनी में प्राकृतिक गैस भंडार निकासी 1/3/2025 को घटकर 648.544 GWh/d हो गया, जबकि 1/2/2025 को यह 5,590.361 GWh/d था। 2/1/2011 से 9/3/2025 तक, जर्मनी में औसत GDP 410.38 GWh/d थी। 2/2/2025 को इसका सर्वकालिक उच्च स्तर 1,01,872.5 GWh/d था, जबकि 18/4/2011 को सबसे कम मूल्य 0 GWh/d दर्ज किया गया।

स्रोत: Gas Infrastructure Europe

प्राकृतिक गैस भंडार निकासी

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

प्राकृतिक गैस भंडार निकासी

प्राकृतिक गैस भंडार निकासी इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/2025648.544 GWh/d
1/2/20255,590.361 GWh/d
1/1/20251,959.948 GWh/d
1/12/2024955.577 GWh/d
1/11/2024654.1 GWh/d
1/10/202457.139 GWh/d
1/9/202473.37 GWh/d
1/8/202418.507 GWh/d
1/7/202410.119 GWh/d
1/6/202420.633 GWh/d
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प्राकृतिक गैस भंडार निकासी के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇩🇪
प्राकृतिक गैस इन्वेंटरी
80.41 TWh80.366 TWhfrequency_daily
🇩🇪
प्राकृतिक गैस भंडारण क्षमता
250.684 TWh250.684 TWhfrequency_daily
🇩🇪
प्राकृतिक गैस स्टॉक इंजेक्शन
563.25 GWh/d615.42 GWh/dfrequency_daily

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

प्राकृतिक गैस भंडार निकासी क्या है?

नेशनल गैस स्टॉक्स में निकासी और इसका प्रभाव प्राकृतिक गैस स्टॉक्स से निकासी एक महत्वपूर्ण आर्थिक पहलू है जो ऊर्जा बाजार और व्यापक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डालता है। ईंधन के इस स्रोत का उत्पादन, भंडारण और खपत विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें भौतिक विदेशी मांग, मौसमी आवश्यकता, और नीतिगत रुख शामिल हैं। प्राकृतिक गैस स्टॉक्स से निकासी का अर्थशास्त्र और आर्थिक प्रभाव कई गुना होते हैं। जब स्टॉक्स की निकासी की जाती है, तो यह मुख्यतः सर्दियों के महीनों में हो सकता है जब ऊर्जा की मांग अपने चरम पर होती है। इस समय की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माताओं और ऊर्जा कंपनियों को अपनी रणनीतियों को जोड़ना पड़ता है। प्राकृतिक गैस स्टॉक्स का घट जाना बाजार में मूल्य पर दबाव डाल सकता है, जिससे अंततः उपभोक्ताओं को उच्च मूल्य चुकाना पड़ सकता है। संभावित रूप से, सुर्खियों में रहने का मुख्य कारण ऊर्जा की स्थिरता और उपलब्धता है। जब हम प्राकृतिक गैस स्टॉक्स की निकासी के डेटा का विश्लेषण करते हैं, तो हमें तकनीकी और मौलिक विश्लेषण को समझने की आवश्यकता है। प्राकृतिक गैस उत्पादन में कमी या अत्यधिक खपत के समय भंडारण में कमी आ सकती है, जिससे बाजार में झटका लग सकता है। यह स्थिति विशेषतः तब उत्पन्न होती है जब किसी प्राकृतिक आपदा, जैसे कि भूकम्प या तूफानों के परिणामस्वरूप आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित हो जाती है। मौसमी प्रभावों का भी महत्व है, जैसे कि सर्दी के समय बर्फबारी से गैस की मांग बढ़ जाती है, जो भंडारण को जल्दी खाली कर सकती है। संगठन और सरकारें भी इन गतिशीलताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां निर्धारित करती हैं। ऊर्जा विभाग और नियामक अधिकारियों के पास विस्तृत रिपोर्ट और पूर्वानुमान होते हैं जो प्राकृतिक गैस स्टॉक्स पर प्रभाव डालेंगे। यह जानकारी न केवल ऊर्जा क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए, बल्कि सामान्य निवेशकों और व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। इसके माध्यम से वे उचित योजना और तैयारी कर सकते हैं। एमेनेजमेंट और लॉजिस्टिक्स के दृष्टिकोण से गैस भंडारण महत्वपूर्ण होती है। जैसे-जैसे भंडारण की जगह कम होती जाती है, निकासी का तरीका अधिक कुशल होना चाहिए। लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में बाधाएं, जैसे कि परिवहन और वितरण में दिक्कतें, भी निकासी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे समय में प्रौद्योगिकी और नवीनीकरण का योगदान अहम हो जाता है, जो कि ऑपरेशन की कुशलता और प्रभावी स्लॉटिंग सुनिश्चित करता है। भारत और अन्य बड़े देशों के दृष्टिकोण से जब प्राकृतिक गैस की मांग तेजी से बढ़ रही है, तो इस क्षेत्र में निवेशकों ने भी अधिक रुचि दिखानी शुरू कर दी है। भारत जैसे विकासशील बाजारों में ऊर्जा की स्थिर आपूर्ति एक प्रमुख चिंता का विषय है। सरकार के नियामक कदम, जैसे कि सब्सिडी और प्रोत्साहनों के माध्यम से इस क्षेत्र को सशक्त बनाने की पहल करना, इसके व्यापक आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है। इसमें अधिक आपूर्ति चैनलों की स्थापना, पाइपलाइनों का विस्तार, और नवाचार के लिए निवेश शामिल है। निवेशकों के लिए, प्राकृतिक गैस स्टॉक्स की निकासी का व्यापक आर्थिक प्रभाव उनके पोर्टफोलियो निर्णयों को प्रभावित कर सकता है। उच्च मांग और कम आपूर्ति की संभावना मूल्य को बढ़ा सकती है। तथ्यों और आंकड़ों का सटीक और नियमित विश्लेषण निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद करता है। यहां निवेश के कई सकारात्मक पहलू हो सकते हैं, जैसे कि दीर्घकालीन स्थिरता और ऊर्जा की बढ़ती मांग, जिससे एक स्थिर निवेश विकल्प प्राप्त होता है। मुख्य वैश्विक घटनाओं का प्रभाव भी प्राकृतिक गैस स्टॉक्स के निकासी पर महत्वपूर्ण होता है। जैसे कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते, राजनीतिक उठापटक, और मानसिक बाधाएं। यह तत्व किसी भी देश की ऊर्जा सुरक्षा नीति और वैश्विक ऊर्जा बाजार पर दिखाई दे सकती है। यह प्रभावशीलता किसी भी ऊर्जा संकट के समय महत्वपूर्ण होती है, जब आपूर्ति और मांग अत्यधिक असंतुलित हो सकती है। स्थानीय उपभोक्ता बाजारों में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। प्राकृतिक गैस की कीमतों में क्रमिक वृद्धि उपभोक्ताओं की जीवनशैली और व्यय पैटर्न को प्रभावित कर सकती है। इससे हीटिंग, कुकिंग और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोगिताएं महंगी हो सकती हैं। व्यापार प्रतिष्ठानों के लिए अधिक परिचालन लागत हो सकती है, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था में निराशा का माहौल उत्पन्न हो सकता है। अंततः, प्राकृतिक गैस स्टॉक्स की निकासी न केवल ऊर्जा क्षेत्र का केंद्रीय मुद्दा है, बल्कि यह व्यापक आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे समझना, इसका विश्लेषण करना और इसके आधार पर नीतियों को बनाना प्रत्येक भागीदार के लिए अनिवार्य है। चाहे वह सरकार हो, निजी क्षेत्र हो, या निवेशक, हर एक का योगदान इस गतिशीलता को प्रभावित करेगा। ईंधन की मात्रा, उसकी मांग, और बाजार के पारिस्थितिक तंत्र की समझ से हम एक स्थिर और सशक्त ऊर्जा बाजार का निर्माण कर सकते हैं।