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हंगरी प्राकृतिक गैस आयात

शेयर मूल्य

32,423 Terajoule
परिवर्तन +/-
+2,046 Terajoule
प्रतिशत में परिवर्तन
+6.52 %

हंगरी में प्राकृतिक गैस आयात का वर्तमान मूल्य 32,423 Terajoule है। हंगरी में प्राकृतिक गैस आयात 1/4/2024 को बढ़कर 32,423 Terajoule हो गया, जबकि यह 1/3/2024 को 30,377 Terajoule था। 1/1/2008 से 1/5/2024 तक, हंगरी में औसत GDP 36,553.04 Terajoule था। सबसे उच्चतम स्तर 1/6/2019 को 83,527 Terajoule तक पहुंचा, जबकि सबसे न्यूनतम मूल्य 1/4/2009 को 12,377 Terajoule दर्ज किया गया।

स्रोत: EUROSTAT

प्राकृतिक गैस आयात

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

प्राकृतिक गैस आयात

प्राकृतिक गैस आयात इतिहास

तारीखमूल्य
1/4/202432,423 Terajoule
1/3/202430,377 Terajoule
1/2/202425,720 Terajoule
1/1/202425,295 Terajoule
1/12/202326,310 Terajoule
1/11/202330,310 Terajoule
1/10/202336,111 Terajoule
1/9/202340,391 Terajoule
1/8/202349,049 Terajoule
1/7/202351,561 Terajoule
1
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प्राकृतिक गैस आयात के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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आतंकवाद सूचकांक
0 Points0 Pointsवार्षिक
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आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
11.077 अरब EUR10.938 अरब EURमासिक
🇭🇺
कच्चे तेल का उत्पादन
20 BBL/D/1K20 BBL/D/1Kमासिक
🇭🇺
चालू खाता
1.86 अरब EUR-593.59 मिलियन EURतिमाही
🇭🇺
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
0.8 % of GDP-8.5 % of GDPवार्षिक
🇭🇺
निधि अंतरण
413.8 मिलियन EUR362.4 मिलियन EURतिमाही
🇭🇺
निर्यात
12.33 अरब EUR10.739 अरब EURमासिक
🇭🇺
पूंजी प्रवाह
715.6 मिलियन EUR1.813 अरब EURतिमाही
🇭🇺
विदेशी कर्ज
173.649 अरब EUR168.42 अरब EURतिमाही
🇭🇺
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
2.036 अरब EUR3.936 अरब EURतिमाही
🇭🇺
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
1.233 अरब EUR443 मिलियन EURमासिक
🇭🇺
व्यापारिक शर्तें
99.23 points98.29 pointsमासिक
🇭🇺
स्वर्ण भंडार
94.49 Tonnes94.49 Tonnesतिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

प्राकृतिक गैस आयात क्या है?

प्राकृतिक गैस आयात (Natural Gas Imports) वृहद आर्थिक (Macroeconomic) परिप्रेक्ष्य से एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्राकृतिक गैस ऊर्जा संसाधनों में से एक प्रमुख स्रोत है, और इसकी उपलब्धता औद्योगिक, व्यापारिक, और घरेलू उद्देश्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, प्राकृतिक गैस आयात के वृहद आर्थिक प्रभाव को समझना नितांत आवश्यक है। प्राकृतिक गैस आयात का अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार संतुलन, मुद्रास्फीति, और जीडीपी पर व्यापक असर डालता है। ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि देश में ऊर्जा की निरंतरता और उपलब्धता बनी रहे। जब घरेलू उत्पादन अपनी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ होता है या घरेलू स्रोत अपर्याप्त होते हैं, तो आयात ऊर्जा आपूर्ति को सुनिश्चित करने का एक आवश्यक साधन बन जाता है। व्यापार संतुलन की दृष्टि से, आयात बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ सकता है क्योंकि इसके लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, प्राकृतिक गैस आयात के माध्यम से औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है, जो अंततः आर्थिक विकास और व्यापार संतुलन में संतृप्ति ला सकती है। मुद्रास्फीति पर ध्यान देते हुए, जब प्राकृतिक गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती हैं, तो इससे आयातित गैस की कीमतें बढ़ जाती हैं। ये बढ़ोतरी घरेलू बाजार में ऊर्जा की कीमतों पर असर डालती हैं, जिससे उर्जा लागत बढ़ सकती है और मुद्रास्फीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। वहीं जीडीपी पर विचार किया जाए, तो प्राकृतिक गैस आयात औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास में सहायक होता है। ऊर्जा की निरंतर उपलब्धता उत्पादन प्रक्रियाओं को अस्थिर नहीं होने देती, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होती है और आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आती है। प्राकृतिक गैस आयात का वैश्विक व्यापार पर भी प्रभाव पड़ता है। हमारे देश द्वारा आयातित प्राकृतिक गैस स्रोत देशों पर निर्भरता बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए, ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण करना महत्वपूर्ण है ताकि किसी एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भरता न हो और ऊर्जा आपूर्ति का खतरा कम हो सके। ऊर्जा नीतियों और रणनीतियों में परिवर्तन भी प्राकृतिक गैस आयात के ऊपरुदायों पर प्रभाव डालता है। यदि सरकार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करने के उपाय करती है, तो इससे प्राकृतिक गैस आयात में कमी आ सकती है। इसके विपरीत, जब आर्थिक विकास की उच्च प्राथमिकता होती है और ऊर्जा मांग बढ़ती है, तो ऐसे परिदृश्य में प्राकृतिक गैस आयात महत्वपूर्ण भूमिका में आ सकता है। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिस्थितियाँ और कूटनीतिक संबंध भी प्राकृतिक गैस आयात पर प्रभाव डालते हैं। यदि किसी देश और उसके प्रमुख गैस आपूर्ति करने वाले देशों के बीच राजनीतिक तनाव होते हैं, तो आयात की नियमितता और सुलभता प्रभावित हो सकती है। इस संदर्भ में, नई तकनीकों और नवाचारों का उपयोग भी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) और तरल प्राकृतिक गैस (LNG) जैसी प्रौद्योगिकियाँ परिवहन और भण्डारण में सुधार करती हैं, जिससे आयातित गैस की नियमितता और गुणवत्ता बनी रहती है। इसके साथ ही, पर्यावरणीय प्रभावों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। प्राकृतिक गैस अपेक्षाकृत स्वच्छ ईंधन मानी जाती है, लेकिन इसके निष्कर्षण और परिवहन के दौरान पर्यावरणीय खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इन खतरों को कम करने के लिए पर्याप्त उपाय और निगरानी आवश्यक है ताकि सतत विकास सुनिश्चित हो सके। उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो प्राकृतिक गैस की उचित कीमत और नियमित आपूर्ति उपभोक्ताओं के हित में होती है। यह घरेलू जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है जैसे खाना पकाने, हीटिंग, और विद्युत उत्पादन। जब गैस आयात सुलभ होती है, तो इससे घरेलू ऊर्जा लागतें स्थिर रहती हैं और उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिलता है। अंत में, प्राकृतिक गैस आयात के वृहद आर्थिक प्रभाव को समझने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे ऊर्जा नीति, अंतराष्ट्रीय व्यापार, वित्तीय नीति, और पर्यावरण नीति का समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है। आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय दृष्टिकोणों से संतुलित रणनीतियाँ विकसित करके हम प्राकृतिक गैस आयात के लाभों को अधिकतम कर सकते हैं और इसके साथ आने वाली चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। परिणामस्वरूप, प्राकृतिक गैस आयात केवल एक आर्थिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रासंगिक घटनाओं का समावेशी तंत्र है जो देश के समग्र विकास और स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। eulerpool जैसी वेबसाइटों का उद्देश्य इन्हीं जटिलताओं को सरल ढंग से प्रस्तुत करना है ताकि नीति निर्माता, व्यवसायिक समुदाय, और आम नागरिक सभी विभिन्न पहलुओं को समझ सकें और सूचित निर्णय ले सकें।