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भारत ऑटो निर्यात

शेयर मूल्य

56,638 इकाइयाँ
परिवर्तन +/-
-947 इकाइयाँ
प्रतिशत में परिवर्तन
-1.66 %

भारत में ऑटो निर्यात का वर्तमान मूल्य 56,638 इकाइयाँ है। भारत में ऑटो निर्यात 1/2/2025 को घटकर 56,638 इकाइयाँ हो गया, जबकि यह 1/1/2025 को 57,585 इकाइयाँ था। 1/4/2002 से 1/2/2025 तक, भारत में औसत GDP 32,789.08 इकाइयाँ थी। 1/12/2024 को 78,870 इकाइयाँ के साथ अब तक का उच्चतम मूल्य प्राप्त हुआ था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/4/2002 को 4,034 इकाइयाँ दर्ज किया गया था।

स्रोत: SIAM - Society of Indian Automobile Manufacturers

ऑटो निर्यात

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

ऑटो निर्यात

ऑटो निर्यात इतिहास

तारीखमूल्य
1/2/202556,638 इकाइयाँ
1/1/202557,585 इकाइयाँ
1/12/202478,870 इकाइयाँ
1/11/202423,439 इकाइयाँ
1/10/202428,879 इकाइयाँ
1/9/202467,379 इकाइयाँ
1/8/202428,873 इकाइयाँ
1/7/202433,184 इकाइयाँ
1/6/202441,250 इकाइयाँ
1/5/202428,802 इकाइयाँ
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28

ऑटो निर्यात के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇮🇳
आतंकवाद सूचकांक
6.411 Points6.324 Pointsवार्षिक
🇮🇳
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
50.96 अरब USD59.42 अरब USDमासिक
🇮🇳
कच्चे तेल का उत्पादन
601 BBL/D/1K587 BBL/D/1Kमासिक
🇮🇳
चालू खाता
-11.457 अरब USD-16.674 अरब USDतिमाही
🇮🇳
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
-1.2 % of GDP-2 % of GDPवार्षिक
🇮🇳
निधि अंतरण
23.573 अरब USD22.407 अरब USDतिमाही
🇮🇳
निर्यात
36.91 अरब USD36.43 अरब USDमासिक
🇮🇳
पर्यटक आगमन
1.029 मिलियन 9,47,610 मासिक
🇮🇳
पूंजी प्रवाह
-137 मिलियन USD-11 मिलियन USDतिमाही
🇮🇳
विदेशी कर्ज
717.9 अरब USD711.8 अरब USDतिमाही
🇮🇳
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
5.784 अरब USD6.633 अरब USDमासिक
🇮🇳
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
-14.05 अरब USD-22.99 अरब USDमासिक
🇮🇳
व्यापारिक शर्तें
147.3 points147 pointsवार्षिक
🇮🇳
शस्त्र बिक्री
34 मिलियन SIPRI TIV7 मिलियन SIPRI TIVवार्षिक
🇮🇳
स्वर्ण भंडार
876.2 Tonnes853.63 Tonnesतिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

ऑटो निर्यात क्या है?

ऑटो निर्यात: वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख शक्ति ऑटो निर्यात या ऑटोमोबाइल निर्यात, आधुनिक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल देशों के आर्थिक अनुसंधानों को बढ़ावा देता है, बल्कि इसके माध्यम से विभिन्न बाजारों के बीच व्यापारिक संतुलन कायम होता है। Eulerpool जैसे वेबसाइटों पर, मैक्रोइकोनॉमिक डेटा को समझना और विश्लेषण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसी परिप्रेक्ष्य में ऑटो निर्यात का व्यापक महत्व है। पहली बात यह है कि ऑटो निर्यात एक देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जैसे-जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे उन देशों की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती जाती है, जो ऑटोमोबाइल का निर्यात करते हैं। उदाहरण के लिए, जापान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देश अपने उच्च गुणवत्ता वाले वाहनों के लिए विश्वविख्यात हैं। इन देशों ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अत्यधिक निवेश किया है और उन्नत तकनीकी विकास के माध्यम से वे विश्व बाजार में एक प्रमुख स्थान बना चुके हैं। ऑटो निर्यात का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देता है। ऑटोमोबाइल उद्योग में विभिन्न प्रकार के कार्य होते हैं, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, गुणवत्ता नियंत्रण, और रसद शामिल हैं। ये सभी कार्य देश की आर्थिक धारणीयता को सुनिश्चित करते हैं। ऑटो निर्यात के माध्यम से, देश न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित करता है, बल्कि अपने नागरिकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराता है। यह ध्यान देने योग्य है कि ऑटो निर्यात से जुड़ी कंपनियां अक्सर उच्च वेतन और उन्नति के बेहतर अवसर प्रदान करती हैं। न केवल आर्थिक, बल्कि तकनीकी दृष्टिकोण से भी ऑटो निर्यात का महत्व अत्यधिक है। ऑटोमोबाइल उद्योग में नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) के मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। जब कोई देश अपने ऑटोमोबाइल का निर्यात करता है, तो वह दीर्घकालिक आर्थिक और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल वाहनों की गुणवत्ता, सुरक्षा, और इंधन दक्षता में सुधार लाने के लिए किया जाता है, जो कि अंत में न केवल उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाता है बल्कि निर्यातकों की भी प्रतिष्ठा को बढाता है। वैश्विक व्यापार प्रणालियों का सामान्य विश्लेषण करने पर, हम देख सकते हैं कि मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और व्यापारिक नीतियों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। उदाहरण के लिए, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) के तहत अमेरिका, कनाडा, और मेक्सिको के बीच ऑटोमोबाइल निर्यात और आयात को प्रोत्साहन मिला है। इसी प्रकार, यूरोपीय संघ भी अपने सदस्य देशों के बीच वाहनों के निर्यात को प्रोत्साहित करता है, जो कि सामूहिक आर्थिक सुदृढ़ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु पर्यावरणीय कारकों का है। आज के युग में, पर्यावरणीय मुद्दे अत्यंत प्रासंगिक हो गए हैं, और ऑटोमोबाइल उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। विद्युत और हाइब्रिड वाहनों की बढ़ती मांग ऑटो निर्यात से जुड़े देशों को नई दिशा में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है। यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी यह नया बाजार खोलता है। उदाहरण के लिए, टेस्ला जैसी कंपनियां जो पूरी तरह से विद्युत वाहनों पर केंद्रित हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी विशेष पहचान बनाई है। संवाद माध्यमों और मार्केटिंग रणनीतियों का उल्लेख करना भी यहाँ महत्वपूर्ण होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑटोमोबाइल का निर्यात करने के लिए, एक सजीव और प्रभावी मार्केटिंग रणनीति का होना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल ब्रांड की पहचान को मजबूत करता है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी आकर्षित करता है। डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया, और अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो आज की दुनिया में एक प्रभावी माध्यम बन गए हैं जिनके माध्यम से कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपने उत्पादों का प्रचार कर सकती हैं। भविष्य की संभावनाओं के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो ऑटो निर्यात के क्षेत्र में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का योगदान भी उल्लेखनीय होगा। यह तकनीकें उत्पादन प्रक्रिया को तेज और सटीक बनाती हैं, जिससे उत्पादन की लागत कम होती है और गुणवत्ता में सुधार होता है। इस प्रकार, ऑटो निर्यात के क्षेत्र में नवाचार और उन्नति की अपार संभावनाएं हैं। अंततः, यह कहना सटीक होगा कि ऑटो निर्यात एक ऐसी धारा है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की धड़कन को दर्शाती है। यह केवल आर्थिक वृद्धि का माध्यम नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक और तकनीकी आदान-प्रदान का भी प्रतीक है। Eulerpool जैसे पेशेवर प्लेटफार्मों के माध्यम से, इन सूक्ष्म और व्यापक मुद्दों का गहन विश्लेषण संभव होता है, और यह विश्लेषण देशों की आर्थिक नीतियों और प्रगति की दिशा को निर्देशित करता है। इस प्रकार, ऑटो निर्यात ने न केवल वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अपनी महत्ता स्थापित की है, बल्कि यह युवा उद्यमियों और संभावित निवेशकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है, जो कि भविष्य की संभावनाओं को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।