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तुर्की इस्पात उत्पादन

शेयर मूल्य

3.1 मिलियन Tonnes
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तुर्की में इस्पात उत्पादन का वर्तमान मूल्य 3.1 मिलियन Tonnes है। तुर्की में इस्पात उत्पादन 1/8/2024 को घटकर 3.1 मिलियन Tonnes हो गया, जबकि यह 1/7/2024 को 3.1 मिलियन Tonnes था। 1/1/1980 से 1/9/2024 तक, तुर्की में औसत GDP 1.66 मिलियन Tonnes थी। अब तक का उच्चतम मूल्य 1/8/2021 को 3.5 मिलियन Tonnes था, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/7/1980 को 1,52,000 Tonnes पर था।

स्रोत: World Steel Association

इस्पात उत्पादन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

स्टील उत्पादन

इस्पात उत्पादन इतिहास

तारीखमूल्य
1/8/20243.1 मिलियन Tonnes
1/7/20243.1 मिलियन Tonnes
1/6/20243.1 मिलियन Tonnes
1/5/20243.2 मिलियन Tonnes
1/4/20242.8 मिलियन Tonnes
1/3/20243.2 मिलियन Tonnes
1/2/20243.1 मिलियन Tonnes
1/1/20243.2 मिलियन Tonnes
1/12/20233.2 मिलियन Tonnes
1/11/20233 मिलियन Tonnes
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3
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...
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इस्पात उत्पादन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇹🇷
ऑटोमोबिल उत्पादन
1,23,445 Units53,502 Unitsमासिक
🇹🇷
औद्योगिक उत्पादन
-0.7 %4.6 %मासिक
🇹🇷
औद्योगिक उत्पादन मासिक वृद्धि
-4.9 %-0.3 %मासिक
🇹🇷
कुल वाहन बिक्री
85,540 Units90,134 Unitsमासिक
🇹🇷
क्षमता उपयोगिता
74.9 %74.9 %मासिक
🇹🇷
खनन उत्पादन
-5.4 %1.1 %मासिक
🇹🇷
दिवालियापन
2,221 Companies1,867 Companiesमासिक
🇹🇷
निर्माण-PMI
47.9 points48.4 pointsमासिक
🇹🇷
वाहन पंजीकरण
2,12,451 Units2,11,389 Unitsमासिक
🇹🇷
विद्युत उत्पादन
23,206.176 Gigawatt-hour25,429.326 Gigawatt-hourमासिक
🇹🇷
विनिर्माण उत्पादन
-1.5 %4.1 %मासिक
🇹🇷
व्यापारिक माहौल
102.8 points105.4 pointsमासिक
🇹🇷
संयुक्त प्रारंभिक संकेतक
98.586 points98.327 pointsमासिक
🇹🇷
सूची में परिवर्तन
-453.514 अरब TRY-172.617 अरब TRYतिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

इस्पात उत्पादन क्या है?

ईस्टील उत्पादन, किसी भी देश की आर्थिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्टील उत्पादन का बढ़ता हुआ उपयोग और इसकी डिमांड, देश की औद्योगिक मजबूती और विकास को प्रतिबिंबित करती है। 'EulerPool' पर प्रस्तुत की जाने वाली मैक्रोइकोनॉमिक डेटा की सीरीज में, हम विशेष रूप से स्टील उत्पादन की दिशा में ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि यह व्यापक आर्थिक संकेतकों का एक महत्वपूर्ण घटक है। स्टील उत्पादन का विश्लेषण करने के लिए यह समझना आवश्यक है कि स्टील का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है – इन्फ्रास्ट्रक्चर, निर्माण कार्य, ऑटोमोबाइल उद्योग, मशीनरी, जहाज निर्माण आदि। इसलिए, जब स्टील उत्पादन बढ़ता है, तो यह इंगित करता है कि इन उद्योगों में भी वृद्धि हो रही है, जो आर्थिक स्वास्थ्य का एक सटीक संकेतक है। प्राचीन काल से ही स्टील उत्पादन का महत्व बहुत अधिक रहा है। आर्यावर्त में शुरुआती लोहे के उत्पादन से लेकर आधुनिक उच्च तकनीकी स्टील निर्माण तक, यह उद्योग निरंतर प्रगति करता आ रहा है। आधुनिक समय में, स्टील उत्पादन किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का प्रतीक बन गया है, क्योंकि एक मजबूत स्टील उद्योग का होना आर्थिक और सैन्य दृष्टिकोण से बेहद आवश्यक है। भारत, चीन, जापान, और अमेरिका जैसे प्रमुख देश स्टील उत्पादन में अग्रणी हैं, और यह न केवल उनके घरेलू बाज़ार को संतुष्ट करता है बल्कि वैश्विक बाजार में भी उनकी हिस्सेदारी को बढ़ाता है। स्टील उत्पादन में अग्रणी होने के कारण इन देशों की वैश्विक आर्थिक भूमिका भी महत्वपूर्ण बन जाती है। यह केवल उद्योगों को ही नहीं बल्क्‍ि आर्थिक समृद्धि, रोज़गार के अवसर, और राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को भी बल देता है। स्टील का बाजार कई घटकों से प्रभावित होता है - कच्चे माल की उपलब्धता, ऊर्जा की लागत, तकनीकी सुधार, सरकारी नीतियाँ और विदेशी मांग। स्टील उत्पादन में मुख्यतः प्रयोग होने वाले कच्चे माल लौह अयस्क, कोयला, और चूना पत्थर होते हैं। इन कच्चे मालों की उपलब्धता और लागत का सीधा प्रभाव स्टील उत्पादन की मात्रा और लागत पर पड़ता है। ऊर्जा की लागत भी एक महत्वपूर्ण कारक है। स्टील उत्पादन एक ऊर्जा-व्ययकारी प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली बिजली और अन्य ऊर्जा संसाधनों की कीमत का भी उत्पादन लागत पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। अधिक ऊर्जा लागत वाले देशों में स्टील उत्पादन की लागत भी अधिक होती है, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ता है। तकनीकी सुधार और नवाचारों ने स्टील उद्योग को और अधिक सक्षम और उत्पादक बनाया है। नई तकनीकों ने उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाया है, साथ ही लागत को भी कम किया है। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF) तकनीक ने पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेस की तुलना में स्टील उत्पादन को अधिक पर्यावरण संबद्ध और कुशल बनाया है। सरकारी नीतियाँ भी स्टील उत्पादन को अत्यधिक प्रभावित करती हैं। सरकारों द्वारा अपनाई गई नीतियाँ, जैसे कि आयात शुल्क, निर्यात सब्सिडी, व पर्यावरणीय मानदंड, स्टील उद्योग को प्रोत्साहन या बाधा दोनो दे सकती हैं। कई देशों ने अपने स्टील उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की हैं, जो उद्योग के विकास में सहायक सिद्ध हुई हैं। विदेशी मांग भी स्टील उत्पादन को बहुत हद तक प्रभावित करती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्टील की मांग की स्थिति और वैश्विक आर्थिक स्थितियों का प्रभाव सीधे उत्पादन पर पड़ता है। जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, तो स्टील की मांग बढ़ती है, जो उत्पादन में वृद्धि को प्रोत्साहित करती है। इसके विपरीत, आर्थिक मंदी की स्थिति में स्टील की मांग घट जाती है, जिससे उत्पादन को भी समायोजित करना पड़ता है। स्टील उत्पादन और इसके आर्थिक प्रभावों का व्यापक विश्लेषण करने के लिए इन सब पहलुओं पर गहराई से विचार करना आवश्यक है। 'EulerPool' के माध्यम से, हम हमारे उपयोगकर्ताओं को सटीक और व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करते हैं ताकि वे स्टील उत्पादन और उसके व्यापक प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सकें। अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि स्टील उत्पादन आर्थिक स्थिरता का एक असाधारण संकेतक है। यह विभिन्न उद्योगों के विकास को प्रेरित करता है और एक देश की आर्थिक संपन्नता को बढ़ावा देता है। स्टील उत्पादन की निरंतर निगरानी और विश्लेषण से न केवल वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों का अवलोकन किया जा सकता है, बल्कि भविष्य की आर्थिक अनुमान भी लगाए जा सकते हैं। इसलिए, 'EulerPool' पर आप सभी स्टील उत्पादन से संबंधित मैक्रोइकोनॉमिक डेटा और उसकी गहराई से की गई विश्लेषण प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके आर्थिक अनुसंधान और विश्लेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे।