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सऊदी अरब गैर-तेल निर्यात

शेयर मूल्य

18.607 अरब SAR
परिवर्तन +/-
+1.667 अरब SAR
प्रतिशत में परिवर्तन
+9.38 %

सऊदी अरब में गैर-तेल निर्यात का वर्तमान मूल्य 18.607 अरब SAR है। सऊदी अरब में गैर-तेल निर्यात 1/3/2025 को 18.607 अरब SAR हो गया, जब यह 1/2/2025 को 16.94 अरब SAR था। 1/3/2006 से 1/3/2025 तक, सऊदी अरब में औसत जीडीपी 23.78 अरब SAR था। सबसे उच्चतम स्तर 1/6/2014 को 55.99 अरब SAR के साथ पहुँचा गया था, जबकि सबसे निम्नतम मूल्य 1/5/2020 को 10.52 अरब SAR दर्ज किया गया था।

स्रोत: General Authority for Statistics, Saudi Arabia

गैर-तेल निर्यात

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

गैर-तेल निर्यात

गैर-तेल निर्यात इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/202518.607 अरब SAR
1/2/202516.94 अरब SAR
1/1/202518.575 अरब SAR
1/12/202420.45 अरब SAR
1/11/202418.123 अरब SAR
1/10/202419.645 अरब SAR
1/9/202419.197 अरब SAR
1/8/202419.165 अरब SAR
1/7/202418.904 अरब SAR
1/6/202416.516 अरब SAR
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गैर-तेल निर्यात के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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आतंकवाद सूचकांक
0.845 Points1.366 Pointsवार्षिक
🇸🇦
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
73.987 अरब SAR72.337 अरब SARमासिक
🇸🇦
कच्चे तेल का उत्पादन
9,005 BBL/D/1K8,958 BBL/D/1Kमासिक
🇸🇦
चालू खाता
-7.418 अरब USD-8.655 अरब USDतिमाही
🇸🇦
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
5.9 % of GDP13.6 % of GDPवार्षिक
🇸🇦
तेल निर्यात
66.74 अरब SAR67.621 अरब SARमासिक
🇸🇦
निधि अंतरण
12.904 अरब SAR11.63 अरब SARतिमाही
🇸🇦
निर्यात
93.78 अरब SAR94.636 अरब SARमासिक
🇸🇦
पर्यटक आगमन
29.7 मिलियन 27.4 मिलियन वार्षिक
🇸🇦
पर्यटन आयें
153.61 अरब SAR135 अरब SARवार्षिक
🇸🇦
पूंजी प्रवाह
-17.112 अरब USD-11.992 अरब USDतिमाही
🇸🇦
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
5.841 अरब USD4.256 अरब USDतिमाही
🇸🇦
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
19.793 अरब SAR22.299 अरब SARमासिक
🇸🇦
स्वर्ण भंडार
323.07 Tonnes323.07 Tonnesतिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

गैर-तेल निर्यात क्या है?

नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स या गैर-तेल निर्यात एक महत्त्वपूर्ण श्रेणी है जिसमें तेल और उसके उत्पादों के अलावा अन्य वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात शामिल होता है। यह श्रेणी वैश्विक अर्थव्यवस्था में विशेष भूमिका निभाती है और विभिन्न देशों की आर्थिक प्रगति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। Eulerpool जैसे वेबसाइटें, जो मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदर्शित करती हैं, के लिए नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स का विश्लेषण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। गैर-तेल निर्यात को कई संदर्भों में समझा जा सकता है। सबसे पहले, यह आवश्यक है कि हम इसे देशों की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में समझें। अधिकांश देश अपने आर्थिक विकास के लिए निर्यात पर निर्भर होते हैं। जबकि तेल उत्पादक देशों के लिए तेल और गैस का निर्यात प्रमुख होता है, वहीं अन्य वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात भी बेरोजगारी कम करने, व्यापार संतुलन सुधारने, और विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, भारत में सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएँ, वस्त्र, रत्न और आभूषण, औषधि उद्योग आदि गैर-तेल निर्यात में प्रमुख स्थान रखते हैं। यह क्षेत्र न केवल अर्थव्यवस्था को विविधता प्रदान करते हैं, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी देश की स्थिति को मजबूत बनाते हैं। चीन में मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, और खिलौनों का निर्यात प्रमुख है, जिससे उसकी गैर-तेल निर्यात श्रेणी बहुत व्यापक हो जाती है। गैर-तेल निर्यात के प्रभाव को समझने के लिए हमें इसे विभिन्न आर्थिक संकेतकों के संदर्भ में देखना होगा। सबसे पहले, यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर अत्यधिक प्रभाव डालता है। जब कोई देश विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करता है, तो उत्पादन और रोजगार में वृद्धि होती है। इससे व्यापार संवृद्धि होती है और विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि होती है। दूसरा प्रमुख संकेतक व्यापार संतुलन है। निर्यात और आयात के बीच का अंतर व्यापार संतुलन को निर्धारित करता है। जब एक देश के गैर-तेल निर्यात में वृद्धि होती है तब व्यापार घाटा कम होता है या व्यापार अधिशेष में सुधार आता है। यह देश की आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। तीसरे, रोजगार सृजन का भी गैर-तेल निर्यात में विशेष योगदान है। अधिक उत्पादन के लिए अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इससे लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है और गरीबी दर कम होती है। गैर-तेल निर्यात की क्षेत्रीय विविधता भी एक अन्य प्रमुख बिंदु है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्टताएं और ताकतें होती हैं, जो उसे वैश्विक व्यापारी बाजार में विशिष्ट बनाती हैं। उदाहरण स्वरूप, यूरोपीय देशों का निर्यात मुख्यतः मशीनरी, परिवहन उपकरण, और उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित होता है। वहीं, एशियाई देशों में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र प्रमुख होते हैं। नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स की वर्तमान रुख और भविष्य की प्रवृत्तियों का विश्लेषण भी महत्वपूर्ण है। वैश्विकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियों के कारण विभिन्न देशों के बीच व्यापार प्रवृद्धि और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। कई देशों की सरकारें नीतियों के माध्यम से अपने गैर-तेल निर्यात को बढ़ाने के प्रयास कर रही हैं। इसके लिए वे निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं, कर प्रोत्साहन, और व्यापार समझौते जैसी रणनीतियों का उपयोग कर रही हैं। एक अन्य कारक जो गैर-तेल निर्यात को प्रभावित करता है वह है प्रौद्योगिकी और नवाचार। उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचारों के कारण उत्पादन प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ी है, जिससे निर्यात की क्षमता भी बढ़ी है। उदाहरण के लिए, सूचना प्रौद्योगिकी के उदय ने सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं के निर्यात में विस्फोटक वृद्धि की है। Eulerpool जैसी वेबसाइटें अपने उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में डेटा और गहन विश्लेषण प्रदान करती हैं। नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स के संदर्भ में, हम विभिन्न देशों और उत्पाद श्रेणियों का विस्तृत डेटा प्रस्तुत करते हैं, ताकि उपयोगकर्ता समझ सकें कि कौन सा देश किन वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करता है और यह वैश्विक व्यापार पर कैसे प्रभाव डालता है। संक्षेप में, नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण घटक हैं। यह आर्थिक स्थिरता, रोजगार सृजन और व्यापार संतुलन में योगदान देता है। Eulerpool पर हम इस श्रेणी के विभिन्न पहलुओं का गहन विश्लेषण करते हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ता और पाठक व्यापक और सूक्ष्म जानकारी प्राप्त कर सकें। गैर-तेल निर्यात के महत्व और इसके आर्थिक प्रभावों को समझना आवश्यक है, ताकि सरकारें और व्यवसायी सही नीतियाँ और रणनीतियाँ बना सकें। भविष्य में भी नॉन ऑयल एक्सपोर्ट्स वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था के केंद्र में होंगे, और Eulerpool इस जानकारी को प्रस्तुत करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा।