अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें

2 यूरो में सुरक्षित करें
Analyse
प्रोफ़ाइल
🇺🇸

संयुक्त राज्य अमेरिका गैसोलीन उत्पादन

शेयर मूल्य

2,86,000 Barrels
परिवर्तन +/-
-3,60,500 Barrels
प्रतिशत में परिवर्तन
-77.32 %

संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान में गैसोलीन उत्पादन का मूल्य 2,86,000 Barrels है। संयुक्त राज्य अमेरिका में गैसोलीन उत्पादन 1/11/2024 को घटकर 2,86,000 Barrels हो गया है, जबकि यह 1/10/2024 को 6,46,500 Barrels था। 27/8/1982 से 8/11/2024 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में औसत GDP 1,843.42 Barrels थी। सर्वकालिक उच्चतम 15/1/2021 को 1.37 मिलियन Barrels के साथ प्राप्त हुआ, जबकि न्यूनतम मूल्य 30/12/2022 को -1.68 मिलियन Barrels दर्ज किया गया।

स्रोत: U.S. Energy Information Administration

गैसोलीन उत्पादन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

पेट्रोल उत्पादन

गैसोलीन उत्पादन इतिहास

तारीखमूल्य
1/11/20242,86,000 Barrels
1/10/20246,46,500 Barrels
1/9/20242,30,000 Barrels
1/8/202471,333.333 Barrels
1/7/20244,51,500 Barrels
1/6/20242,88,666.667 Barrels
1/5/20242,17,666.667 Barrels
1/4/20242,54,000 Barrels
1/3/20244,19,666.667 Barrels
1/2/20242,77,000 Barrels
1
2
3
4
5
...
50

गैसोलीन उत्पादन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇺🇸
API कच्चे तेल आयात
9,54,000 BBL/1-1.15 मिलियन BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API कच्चे तेल प्रवाह
91,000 BBL/1-12,000 BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API कुशिंग संख्या
-1.859 मिलियन BBL/11.724 मिलियन BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API डिस्टिलेट भंडार
1.136 मिलियन BBL/1-8,52,000 BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API पेट्रोलियम भंडार
-3.689 मिलियन BBL/13.31 मिलियन BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API हीज़ोल
-4,65,000 BBL/1-4,05,000 BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API-उत्पाद आयात
3,84,000 BBL/1-2,33,000 BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
API-कच्चे तेल का स्टॉक परिवर्तन
-7,77,000 BBL/13.132 मिलियन BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
कच्चे तेल का आयात
-57,000 Barrels5,52,000 Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
कच्चे तेल का स्टॉक परिवर्तन
3.591 मिलियन BBL/1-2.547 मिलियन BBL/1frequency_weekly
🇺🇸
कच्चे तेल के ड्रिलिंग यंत्र
479 485 frequency_weekly
🇺🇸
कशिंग कच्छे तेल के भंडार
-2,26,000 Barrels3,07,000 Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
कुल ड्रिलिंग रिग्स की संख्या
584 585 frequency_weekly
🇺🇸
डिस्टिलेट ईंधन उत्पादन
-1,27,000 Barrels2,33,000 Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
डिस्टिलेट सूचीभंडार
-1.394 मिलियन Barrels2.947 मिलियन Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
पेट्रोल स्टॉक परिवर्तन
-4.407 मिलियन Barrels4,12,000 Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
प्राकृतिक गैस स्टॉक परिवर्तन
21 अरब cubic feet18 अरब cubic feetfrequency_weekly
🇺🇸
रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व कच्चे तेल के भंडार
367.811 मिलियन Barrels367.218 मिलियन Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
रिफाइनरी क्रूड ऑयल थ्रूपुट
65,000 Barrels2,52,000 Barrelsfrequency_weekly
🇺🇸
हीज़िंग ऑयल इन्वेंटरी
-1.06 मिलियन Barrels3,35,000 Barrelsfrequency_weekly

गैसोलीन उत्पादन क्या है?

गैसोलीन उत्पादन: एक व्यापक दृष्टिकोण गैसोलीन उत्पादन भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, बल्कि आर्थिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस श्रेणी में, हम गैसोलीन के उत्पादन और इसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों की चर्चा करेंगे। हमारे पोर्टल, eulerpool पर, हम आपके लिए विस्तृत और अद्यतन मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा प्रस्तुत करते हैं जिससे आप गैसोलीन उत्पादन और इसके संबंधित पहलुओं को बेहतर समझ सकते हैं। गैसोलीन, जिसे आमतौर पर पेट्रोल के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य रूप से क्रूड ऑयल के प्रिष्करण से प्राप्त होता है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण ईंधन है, जिसका उपयोग प्रमुख रूप से आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों में होता है। भारत जैसे विकाशशील देशों में जहां निजी और सार्वजनिक परिवहन की भारी संख्या है, वहां गैसोलीन की मांग हमेशा उच्च बनी रहती है। भारत में गैसोलीन उत्पादन कई सरकारी और निजी स्वामित्व वाली रिफाइनरियों के माध्यम से होता है। इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम प्रमुख हैं। ये सभी कंपनियां घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिससे प्रीमियम गुणवत्ता वाले गैसोलीन का उत्पादन सुनिश्चित होता है। गैसोलीन उत्पादन की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है और इसमें कई तकनीकी और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का सम्मिलन होता है। क्रूड ऑयल को रिफाइनरी में विभिन्न चरणों में विभाजित किया जाता है, जिनमें डिस्टिलेशन, क्रैकिंग और ट्रीटिंग शामिल हैं। इन प्रक्रियाओं के माध्यम से, विभिन्न बायप्रोडक्ट्स जैसे कि डीजल, केरोसिन और नैफ्था के साथ-साथ गैसोलीन प्राप्त होता है। गैसोलीन उत्पादन का आर्थिक प्रभाव बहुत व्यापक है। इस उद्योग में बड़ी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होते हैं, जिससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। इसके अलावा, गैसोलीन उत्पादन से सरकार को भारी मात्र में टैक्स रेवेन्यू प्राप्त होता है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है। विशेष रूप से, पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाला उत्पाद शुल्क और वैट सरकार की आमदनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गैसोलीन उत्पादन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इसकी दरों का उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर महंगाई दर और अन्य आर्थिक सूचकों पर प्रभाव डालता है। जब गैसोलीन की कीमतें बढ़ती हैं, तो परिवहन लागत बढ़ जाती है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। इस प्रकार, गैसोलीन की कीमतें महंगाई और आर्थिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण घटक होती हैं। समाज के लिए गैसोलीन उत्पादन का अन्य महत्वपूर्ण पहलू पर्यावरणीय प्रभाव है। गैसोलीन के उत्पादन और जलाने से कई हानिकारक गैसें जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रॉजेन ऑक्साइड, और हाइड्रोकार्बन उत्सर्जित होते हैं, जो वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस प्रभाव में योगदान करते हैं। सरकारी नीतियों और नियमों के तहत, भारतीय रिफाइनरियों को उत्पादन प्रक्रियाओं को पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए सख्त मापदंडों का पालन करना होता है। भारत ने अपने स्वच्छ ऊर्जा अभियान और पेरिस जलवायु समझौते के तहत 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, अनेक कदम उठाए जा रहे हैं जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रमोशन, बायोफ्यूल्स का मिश्रण, और हाइड्रोजन-आधारित फ्यूल्स का विकास। गैसोलीन उत्पादन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी उन्नतियाँ, जैसे कि हाईड्रोक्रैकिंग और कैटलिटिक रिफॉर्मिंग, भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन तकनीकों के माध्यम से गैसोलीन की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसके अलावा, इंडस्ट्री 4.0 और डिजिटलाइजेशन ने डेटा एनालिटिक्स, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस और ऑपरेशनल एफिसिएंसी में भी वृद्धि की है। वैश्विक बाजार के संदर्भ में, गैसोलीन की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और ओपेक (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) जैसे संगठन के निर्णयों से बहुत हद तक प्रभावित होती हैं। ऐसे में भारतीय रिफाइनरियों और उपभोक्ताओं को भी वैश्विक घटनाक्रमों पर नज़र रखनी पड़ती है। उपरोक्त सभी बिंदुओं के मद्देनजर, यह साफ-साफ देखा जा सकता है कि गैसोलीन उत्पादन न केवल एक तकनीकी और औद्योगिक प्रक्रिया है, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं का एक उत्कृष्ट मिश्रण है। eulerpool पर हमारे अद्यतन मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा के माध्यम से, हम आपको गैसोलीन उत्पादन के विभिन्न पहलुओं की गहन जानकारी और विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। भारत में गैसोलीन उत्पादन की दिशा और इसकी प्रभावशीलता को बेहतर तरीके से समझने के लिए, आपको कई वाणिज्यिक, तकनीकी और पर्यावरणीय कारकों पर ध्यान देना होगा। इस विस्तृत और जटिल परिदृश्य को समझने में सक्षम होने के लिए, विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और विश्वसनीय डेटा आवश्यक हैं, जो आपको eulerpool पर सुलभ हैं। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि गैसोलीन उत्पादन एक बहुआयामी क्षेत्र है जो न केवल ऊर्जा और परिवहन की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि व्यापक आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी डालता है। हमारे पोर्टल पर, आप इस उद्योग के हर पहलू को समझने और इसका लाभ उठाने के लिए आवश्यक विश्वसनीय और सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।