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सिंगापुर व्यापार की शर्तें

शेयर मूल्य

98.347 अंक
परिवर्तन +/-
+0.223 अंक
प्रतिशत में परिवर्तन
+0.23 %

सिंगापुर में व्यापार की शर्तें का वर्तमान मूल्य 98.347 अंक है। सिंगापुर में व्यापार की शर्तें 98.347 अंक पर 1/8/2025 को पहुँच गईं, जब यह 1/7/2025 को 98.124 अंक थी। 1/1/1978 से 1/8/2025 तक, सिंगापुर में औसत जीडीपी 126.96 अंक रही। सर्वकालिक उच्चतम स्तर 1/3/1983 को 176.76 अंक के साथ प्राप्त हुआ, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/1/2021 को 97.7 अंक रिकॉर्ड किया गया।

स्रोत: Statistics Singapore

व्यापार की शर्तें

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

व्यापारिक शर्तें

व्यापार की शर्तें इतिहास

तारीखमूल्य
1/8/202598.347 अंक
1/7/202598.124 अंक
1/6/202599.085 अंक
1/5/2025100.443 अंक
1/4/2025100.668 अंक
1/3/2025100.526 अंक
1/2/2025100.622 अंक
1/1/202599.74 अंक
1/12/202499.742 अंक
1/11/2024100.168 अंक
1
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व्यापार की शर्तें के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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आतंकवाद सूचकांक
0 Points0 Pointsवार्षिक
🇸🇬
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
52.726 अरब SGD54.895 अरब SGDमासिक
🇸🇬
गैर-तेल निर्यात के निर्यात
-8.9 %-6 %मासिक
🇸🇬
घरेलू निर्यात गैर-तेल (NODX) (%YoY)
-11.3 %-4.7 %मासिक
🇸🇬
चालू खाता
34.797 अरब SGD36.604 अरब SGDतिमाही
🇸🇬
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
17.5 % of GDP17.7 % of GDPवार्षिक
🇸🇬
निर्यात
57.804 अरब SGD61.246 अरब SGDमासिक
🇸🇬
पर्यटक आगमन
1.609 मिलियन 1.681 मिलियन मासिक
🇸🇬
पूंजी प्रवाह
15.827 अरब SGD30.227 अरब SGDतिमाही
🇸🇬
विदेशी कर्ज
2.976 जैव. SGD2.975 जैव. SGDतिमाही
🇸🇬
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
55.118 अरब SGD55.829 अरब SGDतिमाही
🇸🇬
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
5.078 अरब SGD6.351 अरब SGDमासिक
🇸🇬
स्वर्ण भंडार
204.15 Tonnes215.11 Tonnesतिमाही

सिंगापुर में व्यापार की शर्तें (ToT) निर्यात योग्य वस्तुओं की कीमत के अनुपात को आयात योग्य वस्तुओं की कीमत से संबंधित होती हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

व्यापार की शर्तें क्या है?

टर्म्स ऑफ ट्रेड (व्यापार की शर्तें) एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक है जो एक देश के निर्यात और आयात के मूल्य अनुपात को दर्शाता है। इस श्रेणी के तहत, विभिन्न देशों की व्यापार शर्तों का विवरण प्रारूप किया जाता है जिससे वैश्विक आर्थिक स्थितियों का आकलन किया जा सके। हमारी वेबसाइट, Eulerpool, पेशेवर और अद्यतन मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है, और इसी दिशा में 'टर्म्स ऑफ ट्रेड' श्रेणी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। टर्म्स ऑफ ट्रेड को आमतौर पर निर्यात मूल्य सूचकांक (Export Price Index) और आयात मूल्य सूचकांक (Import Price Index) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है। यदि किसी देश के निर्यात मूल्यों में वृद्धि होती है और आयात मूल्यों में कोई बदलाव नहीं होता या वे घटते हैं, तो उस देश की टर्म्स ऑफ ट्रेड में सुधार होता है। इसके विपरीत, यदि आयात मूल्यों में वृद्धि होती है और निर्यात मूल्य स्थिर रहते हैं या घटते हैं, तो टर्म्स ऑफ ट्रेड में गिरावट होती है। टर्म्स ऑफ ट्रेड न केवल एक देश की आर्थिक सेहत का संकेत देती है, बल्कि यह उस देश की आय और खर्च क्षमता को भी प्रभावित करती है। बेहतर टर्म्स ऑफ ट्रेड से एक देश को अपने निर्यात से अधिक लाभ प्राप्त होता है, जो अंततः उसकी अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक होता है। इसके विपरीत, कमजोर टर्म्स ऑफ ट्रेड का अर्थ है कि देश को अपने उत्पादों के लिए कम मूल्य मिलता है, जिससे उसकी आय में गिरावट होती है। टर्म्स ऑफ ट्रेड के प्रभाव को समझने के लिए कुछ प्रमुख पहलुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है। पहले, वैश्विक बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की मांग और आपूर्ति का संतुलन। यदि एक देश के निर्यात उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ती है, तो उनके मूल्य में वृद्धि हो सकती है, जो टर्म्स ऑफ ट्रेड को सुधारने में मददगार होती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश का मुख्य निर्यात कच्चा तेल है और वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की मांग बढ़ती है, तो इस देश की टर्म्स ऑफ ट्रेड में सुधार होगा। दूसरे, मुद्रा विनिमय दर में बदलाव का भी टर्म्स ऑफ ट्रेड पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अगर किसी देश की मुद्रा का मूल्य अन्य मुद्राओं की तुलना में बढ़ता है, तो उसके निर्यात महंगे हो सकते हैं और आयात सस्ते हो सकते हैं, जिससे टर्म्स ऑफ ट्रेड में गिरावट आ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि भारतीय रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो भारतीय निर्यातक को अमेरिकी बाजार में अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई हो सकती है जबकि अमेरिकी उत्पाद भारत में सस्ते हो सकते हैं, जिससे टर्म्स ऑफ ट्रेड में कमी हो सकती है। तीसरे, अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियां और संधियां भी टर्म्स ऑफ ट्रेड पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। व्यापारिक प्रतिबंधों, शुल्क, और संधियों के माध्यम से सरकारें विद्यमान परिस्थितियों को प्रभावित कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश पर उच्च आयात शुल्क लगाए जाते हैं, तो उसकी आयात वस्तुओं की कीमत बढ़ सकती है, जिससे टर्म्स ऑफ ट्रेड में गिरावट हो सकती है। इसके विपरीत, व्यापारिक संधियों के माध्यम से यदि निर्यात उत्पादों पर शुल्क कम किया जाता है, तो निर्यातकों का लाभ बढ़ सकता है, जिससे टर्म्स ऑफ ट्रेड में सुधार हो सकता है। Eulerpool मैक्रोइकोनॉमिक डेटा और विश्लेषण की नवीनतम विधाओं का उपयोग करता है ताकि उपयोगकर्ता टर्म्स ऑफ ट्रेड के जटिलता को समझ सके। हम निरंतर अद्यतन और समृद्ध डेटा उपलब्ध कराते हैं, जो नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और व्यापारिक विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण संसाधन साबित होता है। टर्म्स ऑफ ट्रेड के ऐतिहासिक और वर्तमान डेटा का उपयोग करके, उपयोगकर्ता विभिन्न देशों के आर्थिक प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं और भविष्य के रुझानों का पूर्वानुमान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, टर्म्स ऑफ ट्रेड का उपयोग निवेशकों और व्यापारियों द्वारा वैश्विक आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के लिए भी किया जाता है। एक देश की टर्म्स ऑफ ट्रेड की जानकारी निवेशकों को संबंधित देश में निवेश के फायदों और जोखिमों को समझने में मदद कर सकती है। उच्च टर्म्स ऑफ ट्रेड के साथ देश निवेश के लिए अधिक आकर्षक हो सकते हैं, जबकि निम्न टर्म्स ऑफ ट्रेड वाले देश जोखिम भरे हो सकते हैं। निष्कर्षतः, टर्म्स ऑफ ट्रेड एक जटिल लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक है जो एक देश की आर्थिक और व्यापारिक स्थिति को दर्शाता है। Eulerpool पर, हम इस संकेतक के महत्व को समझते हैं और इसके अद्यतन एवं विस्तृत डेटा प्रदान करके उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाते हैं। चाहे आप एक शोधकर्ता, नीति निर्माता, व्यापारी या निवेशक हों, हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध टर्म्स ऑफ ट्रेड डेटा आपके लिए अमूल्य संसाधन साबित हो सकता है।