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रूस विनिर्माण में मजदूरी

शेयर मूल्य

88,637 RUB/महीना
परिवर्तन +/-
+3,553 RUB/महीना
प्रतिशत में परिवर्तन
+4.09 %

रूस में विनिर्माण में मजदूरी का मौजूदा मूल्य 88,637 RUB/महीना है। रूस में विनिर्माण में मजदूरी 1/7/2024 को बढ़कर 88,637 RUB/महीना हो गया, जबकि यह 1/6/2024 को 85,084 RUB/महीना था। 1/1/2005 से 1/7/2024 तक, रूस में औसत GDP 33,324.59 RUB/महीना थी। सबसे उच्चतम स्तर 1/12/2023 को 89,586 RUB/महीना के साथ पहुंचा, जबकि सबसे निचला मूल्य 1/1/2005 को 7,397 RUB/महीना के साथ दर्ज किया गया।

स्रोत: Federal State Statistics Service

विनिर्माण में मजदूरी

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निर्माण में मजदूरी

विनिर्माण में मजदूरी इतिहास

तारीखमूल्य
1/7/202488,637 RUB/महीना
1/6/202485,084 RUB/महीना
1/5/202483,873 RUB/महीना
1/4/202484,183 RUB/महीना
1/3/202484,995 RUB/महीना
1/2/202477,609 RUB/महीना
1/1/202477,170 RUB/महीना
1/12/202389,586 RUB/महीना
1/11/202373,675 RUB/महीना
1/10/202373,145 RUB/महीना
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विनिर्माण में मजदूरी के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇷🇺
उत्पादकता
-2.8 %3.9 %वार्षिक
🇷🇺
जनसंख्या
146.4 मिलियन 147 मिलियन वार्षिक
🇷🇺
न्यूनतम वेतन
19,242 RUB/Month16,242 RUB/Monthवार्षिक
🇷🇺
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
63 Years61.5 Yearsवार्षिक
🇷🇺
बेरोजगार व्यक्ति
2 मिलियन 2 मिलियन मासिक
🇷🇺
बेरोजगारी दर
2.6 %2.7 %मासिक
🇷🇺
मजदूरी
82,218 RUB/Month85,017 RUB/Monthमासिक
🇷🇺
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
58 Years56.5 Yearsवार्षिक
🇷🇺
रोजगार दर
61.6 %61.6 %मासिक
🇷🇺
रोजगार दर
62.6 %62.5 %मासिक
🇷🇺
रोजगार में लगे व्यक्ति
73.7 मिलियन 73.4 मिलियन मासिक
🇷🇺
वेतन वृद्धि
12.9 %10.8 %मासिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

विनिर्माण में मजदूरी क्या है?

हमें यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि आपकी वेबसाइट Eulerpool पर मैक्रोइकोनॉमिक श्रेणी 'विनिर्माण में वेतन' के बारे में पेश करने जा रहे हैं। विनिर्माण क्षेत्र में वेतन का विश्लेषण आर्थिक विकास, उत्पादकता और सामाजिक कल्याण के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विषय न केवल अध्येताओं और विश्लेषकों के लिए रोचक है, बल्कि नीति निर्माताओं और उद्यमियों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो श्रमिकों के वेतन के माध्यम से आर्थिक नीतियों को आकार देने में दिलचस्पी रखते हैं। विनिर्माण क्षेत्र में वेतन का निर्धारण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। इसमे मुख्य कारक हैं—स्थानीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, श्रम बाजार की मांग और आपूर्ति, श्रमिकों की शिक्षा और कौशल, और उद्योग के द्वारा अपनाई जाने वाली प्रौद्योगिकी। उदाहरण के लिए, उच्च तकनीकी विशेषज्ञता वाले उद्योगों में सामान्यतः ऊंचे वेतन का प्रावधान होता है, जबकि कम तकनीकी कुशलता की आवश्यकता वाले उद्योगों में अपेक्षाकृत कम वेतन देखा जाता है। विनिर्माण क्षेत्र में वेतन का अध्ययन करने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है श्रमिकों की उत्पादकता। जो श्रमिक उच्च उत्पादकता प्रदर्शित करते हैं, उन्हें अक्सर अधिक वेतन दिया जाता है। उत्पादकता में सुधार के लिए कई उपाय जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम, तकनीकी उन्नयन, और संस्थागत व्यवस्थाओं का प्रबंधन चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत कर सकता है। वेतन का स्तर इस बात का भी संकेतक हो सकता है कि किसी विशिष्ट क्षेत्र में कितनी प्रतिस्पर्धात्मकता और विकास की संभावनाएँ हैं। ग्लोबलाइजेशन के दौर में विनिर्माण में वेतन पर बाहरी економिक दबावों का भी गहरा प्रभाव पड़ा है। वैश्विक स्तर पर विनिर्माण उद्योग के वेतन में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, विशेष रूप से कम लागत वाले उत्पादक देशों में। इसका परिणाम यह हुआ है कि उच्च वेतन वाले देशों में विनिर्माण इकाइयां अपने उत्पादन को इन कम लागत वाले देशों में स्थानांतरित कर रही हैं। यह प्रवृत्ति न केवल स्थानिक श्रमिकों के वेतन पर दबाव डालती है, बल्कि उनके रोजगार के अवसरों पर भी व्यापक प्रभाव डालती है। भारत जैसे विकासशील देशों के संदर्भ में, विनिर्माण में वेतन का स्वरूप और उसकी गतिशीलता अत्यंत सांकेतिक है। भारतीय विनिर्माण सेक्टर में वेतन निर्धारण का परिप्रेक्ष्य श्रम कानून, उद्योग नीति, और सरकारी समर्थन कार्यक्रमों से भी प्रभावित होता है। 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों ने न केवल विनिर्माण की उत्पादकता को बढ़ावा दिया है, बल्कि उच्च वेतन वाली नौकरियों की संख्या में भी इजाफा किया है। विनिर्माण में वेतन असमानता एक और महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य है जो सामाजिक आर्थिक विश्लेषण के लिए प्रासंगिक है। श्रमिकों की सुविधाओं और सुरक्षा के मानकों के साथ-साथ लिंग भेद, जाति भेद और अन्य सामाजिक विभेदों के आधार पर वेतन में असमानता एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह असमानता नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौती है और इसे सम्बोधित करने के लिए उचित नीतियों और कार्यक्रमों की आवश्यकता है। डिजिटल क्रांति और चौथी औद्योगिक क्रांति का प्रभाव भी विनिर्माण क्षेत्र में वेतन पर ध्यान देने योग्य है। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग से श्रमिकों की मांग में बदलाव आया है। नई तकनीकें न केवल उत्पादन की प्रक्रिया को बदल रही हैं, बल्कि श्रम के स्वरूप और श्रमिकों के वेतन पर भी गहरा प्रभाव डाल रही हैं। उच्च तकनीकी ज्ञान और नए कौशल की मांग बढ़ रही है, जिससे जुड़े श्रमिकों के वेतन में वृद्धि हो रही है। वहीं, पारंपरिक और कम कौशल वाले श्रमिकों के रोजगार और वेतन पर दबाव है। Eulerpool पर 'विनिर्माण में वेतन' श्रेणी में इन सभी कारकों, प्रवृत्तियों और उनके प्रभावों का विश्लेषण प्रदान करेगा। हमारा लक्ष्य है कि आपसे प्राप्त फीडबैक के आधार पर हम अपने डाटा और विश्लेषण को निरंतर सुधारते रहें। हमारे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विस्तृत डाटा और इंटरैक्टिव टूल्स के माध्यम से आप उत्पादन प्रक्रिया, नीति निर्माण, और वेतन निर्धारण के सभी महत्वपूर्ण पक्षों का गहन अध्ययन कर सकते हैं। विनिर्माण में वेतन के प्रभाव का विस्तार करते हुए, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम वेतन सेट के संभावित निहितार्थों पर ध्यान दें। उच्च वेतन से श्रमिकों की जीवनस्तर में सुधार होता है, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके विपरीत, निम्न वेतन श्रमिकों की जीवन की गुणवत्ता में गिरावट ला सकता है, जिससे आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक असंतोष बढ़ सकता है। Eulerpool के माध्यम से हम आपको सटीक और अद्यतित जानकारी प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमारे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध आंकड़ों का उपयोग करके, आप विनिर्माण में वेतन के विभिन्न पहलुओं का गहन विश्लेषण कर सकते हैं और इस महत्वपूर्ण आर्थिक विषय पर अपनी जानकारी को बेहतर बना सकते हैं। इस प्रकार, 'विनिर्माण में वेतन' की श्रेणी अपने संपूर्ण और विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक अध्ययन के लिए एक मूल्यवान संसाधन बनेगी। Eulerpool पर प्रस्तुत यह सामग्री निश्चित रूप से आपके अध्ययन और अनुसंधान में सहायक सिद्ध होगी। धन्यवाद।