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प्रोफ़ाइल
🇷🇴

रोमानिया प्रेषण

शेयर मूल्य

423 मिलियन EUR
परिवर्तन +/-
-4 मिलियन EUR
प्रतिशत में परिवर्तन
-0.94 %

रोमानिया में वर्तमान में प्रेषण का मूल्य 423 मिलियन EUR है। रोमानिया में प्रेषण 1/2/2024 को घटकर 423 मिलियन EUR हो गया, जबकि यह 1/1/2024 को 427 मिलियन EUR था। 1/1/2005 से 1/3/2024 तक, रोमानिया में औसत जीडीपी 360.42 मिलियन EUR थी। 1/12/2006 को सबसे उच्चतम स्तर 787 मिलियन EUR पर पहुँचा, जबकि सबसे निम्नतम मूल्य 1/1/2017 पर 161 मिलियन EUR दर्ज किया गया था।

स्रोत: National Bank of Romania

प्रेषण

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निधि अंतरण

प्रेषण इतिहास

तारीखमूल्य
1/2/2024423 मिलियन EUR
1/1/2024427 मिलियन EUR
1/12/2023580 मिलियन EUR
1/11/2023517 मिलियन EUR
1/10/2023527 मिलियन EUR
1/9/2023400 मिलियन EUR
1/8/2023378 मिलियन EUR
1/7/2023383 मिलियन EUR
1/6/2023415 मिलियन EUR
1/5/2023417 मिलियन EUR
1
2
3
4
5
...
23

प्रेषण के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇷🇴
आतंकवाद सूचकांक
0 Points0.682 Pointsवार्षिक
🇷🇴
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
10.962 अरब EUR10.454 अरब EURमासिक
🇷🇴
कच्चे तेल का उत्पादन
56 BBL/D/1K56 BBL/D/1Kमासिक
🇷🇴
चालू खाता
-3.109 अरब EUR-2.719 अरब EURमासिक
🇷🇴
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
-9.1 % of GDP-7.2 % of GDPवार्षिक
🇷🇴
निर्यात
8.29 अरब EUR7.96 अरब EURमासिक
🇷🇴
पर्यटक आगमन
1,62,447 1,32,105 मासिक
🇷🇴
प्राकृतिक गैस आयात
8,210 Terajoule8,299 Terajouleमासिक
🇷🇴
विदेशी कर्ज
175.753 अरब EUR171.887 अरब EURमासिक
🇷🇴
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
300.07 मिलियन EUR210.11 मिलियन EURमासिक
🇷🇴
व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)
-2.672 अरब EUR-2.494 अरब EURमासिक
🇷🇴
स्वर्ण भंडार
103.6 Tonnes103.62 Tonnesतिमाही

रोमानिया में, प्रेषण (Remittances) का अर्थ है नकद और वस्तु में वर्तमान और पूंजी हस्तांतरण की आमदनी, जिसमें प्रवासियों और अल्पकालिक कर्मचारियों की आय हस्तांतरण (व्यक्तिगत प्रेषण) और सामाजिक लाभों में अर्जित अधिकार (कुल प्रेषण) शामिल हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

प्रेषण क्या है?

रेमिटेंस (Remittances) एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवधारणा है, जो सामान्यत: व्यक्तियों द्वारा अपने देश से बाहर रहते हुए अपने गृह देश में धन भेजने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। यह प्रक्रिया आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती है, और इनका प्रभाव व्यापक हो सकता है। हमारे वेबसाइट Eulerpool पर हम विस्तृत मैक्रोइकनॉमिक डेटा प्रस्तुत करते हैं, जिसमें रेमिटेंस का अध्ययन भी शामिल है। रेमिटेंस का महत्व विशेष रूप से उन देशों के लिए होता है जहां बड़ी संख्या में लोग विदेशों में काम करते हैं। यह उन देशों की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और गरीब एवं विकासशील देशों के लिए जीवनरेखा का काम करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में देखें तो 1970 के दशक से ही रेमिटेंस का महत्व बढ़ गया है। आज, विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। रेमिटेंस का आर्थिक दायरा और प्रभाव विस्तार से समझने के लिए, हमें इसे विभिन्न कोणों से देखना होगा। सबसे पहला और स्पष्ट प्रभाव तो बढ़ी हुई घरेलू आय में देखा जाता है। जब विदेशों में काम करने वाले व्यक्ति अपने परिवार को धन भेजते हैं, तो यह धन उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होता है। यह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, और घर की मरम्मत आदि अनेक जरूरी खर्चों में मदद करता है। इसके अलावा, यह पैसे बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से देश की वित्तीय स्थिरता को भी मजबूत करते हैं। इसके बाद, रेमिटेंस आर्थिक विकास के इंजन के रूप में भी कार्य करता है। विदेशों से आने वाला धन घरेलू बाजार में खर्च होता है, जिससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि होती है और छोटे एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) को बल मिलती है। इससे व्यवसाय एवं उत्पादन में वृद्धि होती है, जो रोजगार पैदा करती है और आमदनी में बढ़ोतरी लाती है। भारत में, विशेष रूप से केरल जैसे राज्य जहां बड़े पैमाने पर लोग खाड़ी देशों में काम करने जाते हैं, रेमिटेंस घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होता है। रेमिटेंस का एक और महत्वपूर्ण पहलू विदेशी मुद्रा की उपलब्धता है। जब विदेशों में काम करने वाले व्यक्ति भारत वापस धन भेजते हैं, तो वे डॉलर, यूरो, या अन्य विदेशी मुद्रा के रूप में यह रकम भेजते हैं, जिसे भारत में बदलकर भारतीय रुपया (INR) प्राप्त किया जाता है। इससे देश की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है, जो आयात बिलों का भुगतान करने, विदेशी ऋण का सेवाएं देने, और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है। सामाजिक दृष्टिकोण से भी रेमिटेंस का महत्वपूर्ण योगदान है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गरीबी में कमी के रूप में देखा जा सकता है। गरीब परिवार जिनके सदस्य विदेशों में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह धन जीवन-स्तर में सुधार लाने का प्रमुख साधन बनता है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और वे गरीबी की चंगुल से बाहर आ सकते हैं। इसके अलावा, रेमिटेंस सामाजिक न्याय और समता को भी बढ़ावा देते हैं। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलता है। जब महिलाएँ विदेशों में काम करके अपने देश में धन भेजती हैं, तो इससे उनके परिवार में उनकी स्थिति भी मजबूत होती है और वे निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, रेमिटेंस के कुछ नकारात्मक पहलू भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका एक प्रमुख नकारात्मक पक्ष ’ब्रेन ड्रेन’ का होता है। जब उच्च शिक्षित और कुशल युवा विदेशों में काम करने चले जाते हैं, तो इससे उनके अपने देश में कुशल मैनपावर की कमी हो जाती है। इससे दीर्घकालीन आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर बड़ी मात्रा में विदेशी धन वापस भेजा जाता है तो इससे घरेलू बाजार में असमानता भी बढ़ सकती है। जो परिवार विदेश से धन प्राप्त करते हैं, उनका जीवन-स्तर और क्रय शक्ति दूसरे परिवारों की तुलना में बहुत अधिक हो सकती है, जिससे सामाजिक असामानता में वृद्धि हो सकती है। अतः रेमिटेंस का सही उपयोग और प्रभावी प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। सरकारों और नीति निर्माताओं को इसे वैज्ञानिक ढंग से संचालित करने की आवश्यकता होती है, ताकि देश के समग्र विकास में रेमिटेंस का सकारात्मक योगदान बढ़ सके। Eulerpool पर हम रेमिटेंस से जुड़े विभिन्न आंकड़ों एवं विश्लेषणों को समेकित रूप से प्रस्तुत करते हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ता विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकें। इससे न केवल आर्थिक शोधकर्ताओं और विश्लेषकों को फायदा होता है, बल्कि नीति निर्माताओं को भी बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। अंततः, रेमिटेंस एक बहुमूल्य आर्थिक संसाधन है, जो व्यक्तिगत, सामुदायिक, और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक लाभ प्रदान करता है। इसके महत्व को समझना और उसका सही उपयोग करने के लिए यह आवश्यक है कि हम इसके विविध पहलुओं पर व्यापक दृष्टिकोण रखें और तदनुसार रणनीतियों का विकास करें।