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प्रोफ़ाइल
🇫🇷

फ्रांस दिवालिया

शेयर मूल्य

5,575 Companies
परिवर्तन +/-
+238 Companies
प्रतिशत में परिवर्तन
+4.36 %

फ्रांस में वर्तमान दिवालिया का मूल्य 5,575 Companies है। फ्रांस में दिवालिया 5,575 को बढ़कर 5,575 Companies हो गया, जबकि यह 1/1/2025 को 5,337 Companies था। 1/1/1990 से 1/2/2025 तक, फ्रांस में औसत सकल घरेलू उत्पाद 4,455.98 Companies था। सबसे ऊँचा स्तर 1/11/2024 को 5,985 Companies के साथ पहुँचा, जबकि सबसे न्यूनतम मूल्य 1/4/2020 को 1,387 Companies के साथ दर्ज किया गया।

स्रोत: Banque de France

दिवालिया

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

दिवालियापन

दिवालिया इतिहास

तारीखमूल्य
1/2/20255,575 Companies
1/1/20255,337 Companies
1/12/20245,850 Companies
1/11/20245,985 Companies
1/10/20245,749 Companies
1/9/20245,846 Companies
1/8/20244,358 Companies
1/7/20245,473 Companies
1/6/20245,796 Companies
1/5/20245,716 Companies
1
2
3
4
5
...
43

दिवालिया के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇫🇷
इलेक्ट्रिक कारों के अनुमोदन
25,335 Units19,923 Unitsमासिक
🇫🇷
ऑटोमोबिल उत्पादन
1.505 मिलियन Units1.383 मिलियन Unitsवार्षिक
🇫🇷
औद्योगिक उत्पादन
-0.43 %-1.24 %मासिक
🇫🇷
औद्योगिक उत्पादन मासिक वृद्धि
0.7 %-0.5 %मासिक
🇫🇷
क्षमता उपयोगिता
75.44 %75.19 %मासिक
🇫🇷
खनन उत्पादन
1.51 %3.83 %मासिक
🇫🇷
नई ऑर्डर्स
-23.5 points-26.1 pointsमासिक
🇫🇷
निर्माण-PMI
48.5 points45.8 pointsमासिक
🇫🇷
यात्री कारों के नए पंजीकरण YoY
-14.5 %-0.7 %मासिक
🇫🇷
वाहन पंजीकरण
1,53,842 Units1,41,568 Unitsमासिक
🇫🇷
विद्युत उत्पादन
46,001.367 Gigawatt-hour57,619.802 Gigawatt-hourमासिक
🇫🇷
विद्युत-स्पॉट मूल्य
61.5 EUR/MWh61.66 EUR/MWhfrequency_null
🇫🇷
विनिर्माण उत्पादन
-1.2 %-2 %मासिक
🇫🇷
व्यवसायिक धारणा सूचक
97 points96 pointsमासिक
🇫🇷
व्यापारिक माहौल
95.9 points97 pointsमासिक
🇫🇷
समग्र PMI
48 points45.1 pointsमासिक
🇫🇷
संयुक्त प्रारंभिक संकेतक
100.265 points100.09 pointsमासिक
🇫🇷
सूची में परिवर्तन
-4.258 अरब EUR-579 मिलियन EURतिमाही
🇫🇷
सेवा क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI)
47.9 points45.3 pointsमासिक

फ्रांस में, दिवालियापन उन असमर्थ कंपनियों को दर्शाता है जो अपने ऋणदाताओं को ऋण चुकाने में असमर्थ होती हैं और अपने व्यवसाय को जारी नहीं रख पाती हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

दिवालिया क्या है?

बैंकक्रप्तियों (Bankruptcies) का घटनाक्रम आधुनिक वित्तीय संस्थाओं और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में देखा जाता है। किसी भी राष्ट्र की आर्थिक स्थिति का आंकलन करने के लिए बैंकक्रप्तियों की संख्या, तीव्रता और उनका प्रभाव अति महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में, हम बैंकक्रप्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेंगे और उनकी मैक्रोइकोनॉमिक (Macro Economic) महत्वता को समझा जाएगा। बैंकक्रप्तियों का सामान्य अर्थ है कि किसी वाणिज्यिक संस्था, व्यवसाय या व्यक्तिगत इकाई की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर हो जाती है कि वे अपने आर्थिक दायित्वों को पूर्ण करने में असमर्थ हो जाते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कर्ज का बोझ इतना बढ़ जाता है कि संपत्तियों की बिक्री या अन्य साधनों से उसे चुकाना असंभव हो जाता है। बैंकक्रप्तियों के आंकड़े अर्थव्यवस्था की स्थिरता और उसकी चुनौतियों का प्रतिबिंब होते हैं। बैंकक्रप्तियों का विश्लेषण अर्थव्यवस्था में संभावित जोखिमों का पूर्वानुमान लगाने में सहायक हो सकता है। जब किसी विशेष क्षेत्र या उद्योग में बैंकक्रप्तियों की संख्या बढ़ती है, तो यह संकेत होता है कि उस क्षेत्र में आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक आर्थिक संकटों का प्रभाव स्थानीय बैंकक्रप्तियों पर भी देखा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, 2008 की वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान अमेरिका और यूरोप में बैंकक्रप्तियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि देखी गई थी। अर्थव्यवस्था में बैंकक्रप्तियों के अनेक कारण हो सकते हैं। व्यवसायों के स्तर पर, अत्यधिक कर्ज, आय में कमी, बाजार प्रतिस्पर्धा, प्रबंधन की विफलता, आर्थिक मंदी, और अन्य बाहरी कारण बैंकक्रप्तियों के मुख्य कारण हो सकते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, नौकरी का नुकसान, मेडिकल बिल, और अनियंत्रित खर्चे बैंकक्रप्तियों का कारण बन सकते हैं। बैंकक्रप्तियों का प्रभाव व्यापक और दीर्घकालिक हो सकता है। व्यवसायों की बैंकक्रप्तियों का असर केवल उन कंपनियों तक सीमित नहीं होता, बल्कि उनके कर्मचारियों, कर्ज दाताओं, निवेशकों और उपभोक्ताओं पर भी पड़ता है। यह समाज में रोजगार के अवसरों में कमी ला सकता है और आर्थिक अस्थिरता पैदा कर सकता है। व्यक्तिगत बैंकक्रप्तियों परिवारों को आर्थिक संकट में डाल सकती हैं और उनकी जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। उद्योगों और व्यवसायों में बढ़ती बैंकक्रप्तियों के कारण सरकारों को भी आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ता है। विभिन्न सरकारें और केंद्रीय बैंक संभावित बैंकक्रप्तियों को कम करने के लिए वित्तीय सहायताएं, ऋण माफी, और अन्य आर्थिक सुधार लागू कर सकते हैं। इस प्रयास का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता बनाए रखना और व्यवसायों और उपभोक्ताओं को वित्तीय संकट से बचाना होता है। आर्थिक विश्लेषण में, बैंकक्रप्तियों की सांख्यिकी महत्वपूर्ण होती है। यह आंकड़े मैक्रोइकोनॉमिक नीतियों के निर्माण में सहायक होते हैं। बैंकक्रप्तियों के आंकड़ों का विश्लेषण करके नीतिगत परिवर्तन, वित्तीय सुधार, और अनुगामी योजनाएं बनाई जा सकती हैं। यह आंकड़े निवेशकों को जोखिमों और अवसरों का मूल्यांकन करने में भी सहायता करते हैं। Eulerpool जैसे प्लेटफॉर्म इस डेटा को पेशेवर और व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करते हैं ताकि उपयोगकर्ता इसे समझ सकें और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग कर सकें। विभिन्न देशों की बैंकक्रप्तियों की दरें और उनकी कारणों में भिन्नताएं भी हो सकती हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बैंकक्रप्तियों के कारण और उनकी तीव्रता विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से अलग हो सकती है। विकसित राष्ट्रों में वित्तीय बाजारों की स्थिरता और सरकारी नीति अधिक प्रभावशाली हो सकती है, जबकि विकासशील राष्ट्रों में अस्थिरता अधिक हो सकती है। इसके अतिरिक्त, बैंकक्रप्तियों का प्रभाव उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न हो सकता है। वित्तीय सेवाएं, निर्माण, खुदरा व्यापार, और प्रौद्योगिकी क्षेत्र सभी बैंकक्रप्तियों से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन इनके प्रभाव और कारण भिन्न हो सकते हैं। उदाहरणस्वरूप, निर्माण क्षेत्र में मंदी के कारण या किसी वित्तीय संकट के चलते बैंकक्रप्तियों की दर बढ़ सकती है, जबकि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेज़ी से हो रही नवोन्मेष की प्रतिस्पर्धा का प्रभाव दिखाई दे सकता है। संक्षेप में, बैंकक्रप्तियों का अध्ययन और विश्लेषण किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए अति महत्वपूर्ण है। यह न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने में सहायता करता है, बल्कि भविष्य की नीतियों और योजनाओं को सशक्त बनाने में भी सहायक होता है। Eulerpool जैसे प्लेटफॉर्म इस महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा को प्रस्तुत करके उपयोगकर्ताओं को सक्षम बनाते हैं कि वे सही निर्णय ले सकें और अपने वित्तीय और व्यवसायिक रणनीतियों को और अधिक साधारण और सुरक्षित बना सकें। अंततः, बैंकक्रप्तियों के आंकड़ों का निरंतर अद्यतन और सही विश्लेषण किसी भी अर्थव्यवस्था की प्रगति और स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल व्यवसायों और निवेशकों को सशक्त बनाता है, बल्कि एक स्थिर और समृद्ध अर्थव्यवस्था के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।