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दक्षिण कोरिया रोजगार परिवर्तन

शेयर मूल्य

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दक्षिण कोरिया में वर्तमान समय में रोजगार परिवर्तन का मूल्य 0.5 % है। दक्षिण कोरिया में रोजगार परिवर्तन 1/2/2025 को घटकर 0.5 % हो गया, जब यह 1/1/2025 को 0.5 % था। 1/7/1983 से 1/2/2025 तक, दक्षिण कोरिया में औसत GDP 1.7 % थी। सबसे अधिक मूल्य 1/2/1987 को 9.59 % पर पहुँचा, जबकि सबसे कम मूल्य 1/8/1998 को -7.42 % दर्ज किया गया।

स्रोत: Kostat

रोजगार परिवर्तन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

रोजगार परिवर्तन

रोजगार परिवर्तन इतिहास

तारीखमूल्य
1/2/20250.5 %
1/1/20250.5 %
1/12/20240.2 %
1/11/20240.4 %
1/10/20240.3 %
1/9/20240.5 %
1/8/20240.4 %
1/7/20240.6 %
1/6/20240.3 %
1/5/20240.3 %
1
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रोजगार परिवर्तन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇰🇷
उत्पादकता
107.4 points109.7 pointsतिमाही
🇰🇷
जनसंख्या
51.751 मिलियन 51.713 मिलियन वार्षिक
🇰🇷
निर्माण में मजदूरी
5.15 मिलियन KRW/Month5.076 मिलियन KRW/Monthतिमाही
🇰🇷
न्यूनतम वेतन
10,030 KRW/Hour9,860 KRW/Hourवार्षिक
🇰🇷
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
60 Years60 Yearsवार्षिक
🇰🇷
बेरोजगार व्यक्ति
9,40,000 1.083 मिलियन मासिक
🇰🇷
बेरोजगारी दर
2.7 %2.9 %मासिक
🇰🇷
मजदूरी
4.491 मिलियन KRW/Month4.517 मिलियन KRW/Monthतिमाही
🇰🇷
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
60 Years60 Yearsवार्षिक
🇰🇷
युवा बेरोजगारी दर
7 %6 %मासिक
🇰🇷
रोजगार दर
61.7 %61 %मासिक
🇰🇷
रोजगार दर
63.7 %63.4 %मासिक
🇰🇷
रोजगार में लगे व्यक्ति
28.179 मिलियन 27.878 मिलियन मासिक

दक्षिण कोरिया में रोजगार परिवर्तन का मतलब 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या में साल दर साल होने वाले परिवर्तन से है, जिन्होंने संदर्भ अवधि में कम से कम एक घंटे के लिए आय अर्जित करने के लिए काम किया।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

रोजगार परिवर्तन क्या है?

ईलरपूल (eulerpool) एक पेशेवर वेबसाइट है जिसका उद्देश्य व्यापक आर्थिक डेटा को प्रदर्शित करना है। आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं एक महत्वपूर्ण व्यापक आर्थिक श्रेणी, 'रोज़गार परिवर्तन' के बारे में जानकारी। रोज़गार परिवर्तन देश की आर्थिक स्थिति को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है और विश्लेषकों, निवेशकों, तथा नीति-निर्माताओं के लिए एक प्रमुख अध्ययन क्षेत्र है। रोज़गार परिवर्तन से तात्पर्य देश की अर्थव्यवस्था में समय-समय पर होने वाले रोज़गार के स्तर में परिवर्तन होता है। यह संकेतक अर्थव्यवस्था की स्वास्थ्य गति को दर्शाता है और यह बताता है कि कितने लोगों को नई नौकरियां मिली हैं और कितने लोगों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं। नौकरी के अवसर और रोज़गार की दरों में परिवर्तन का अध्ययन करने से हम आर्थिक गतिविधियों की दिशा और गति का अनुमान लगा सकते हैं। रोज़गार परिवर्तन के आंकड़े आमतौर पर मासिक आधार पर निकाले जाते हैं और इन्हें विभिन्न सरकारी तथा निजी सर्वेक्षणों और एजेंसियों के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। इस आंकड़े की गणना करने के लिए विभिन्न मापदंडों का उपयोग किया जाता है, जिसमें कुल रोजगार की संख्या, बेरोजगारी दर, श्रम शक्ति की भागीदारी दर आदि शामिल होते हैं। इन आंकड़ों का अध्ययन करके, हम विभिन्न उद्योगों में रोजगार की स्थिति, विकास दर, तथा रोज़गार की प्रवृत्तियों की पहचान कर सकते हैं। रोज़गार परिवर्तन के आंकड़े जातीय, क्षेत्रीय, और उद्योग-विस्तारित आधार पर भी प्राप्त किए जाते हैं। इससे न केवल समग्र आर्थिक कार्यकलाप समझने में मदद मिलती है, बल्कि यह भी पता चलता है कि विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर कैसे बदल रहे हैं। उदाहरण के लिए, अगर आईटी उद्योग में रोजगार तेजी से बढ़ रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि तकनीकी क्षेत्र में निवेश करना लाभदायक हो सकता है। रोज़गार परिवर्तन के आंकड़ों का उपयोग विभिन्न वित्तीय नीतियों को निर्धारित करने में भी होता है। केंद्रीय बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान इन आंकड़ों का विश्लेषण करके मौद्रिक नीतियों को संशोधित कर सकते हैं। अगर रोज़गार के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होती है, तो यह आर्थिक वृद्धि का संकेत हो सकता है और बैंक ब्याज दरों को बढ़ाने का निर्णय ले सकते हैं। इसके विपरीत, अगर रोज़गार में कमी आती है, तो यह आर्थिक मंदी का संकेत हो सकता है और केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को घटा सकता है। रोज़गार परिवर्तन का सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। रोजगार के अवसरों में वृद्धि से समाज की समग्र आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होता है। नवयुवकों के पास अधिक रोजगार के अवसर होने से उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है और समाज में अपनत्व का भाव बढ़ता है। इसके अलावा, रोजगार के अवसर लोगों की क्रय शक्ति में भी इजाफा करते हैं, जिससे बाजार की समग्र मांग बढ़ती है और यह अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रो में भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। रोज़गार परिवर्तन के सांख्यिकीय विश्लेषण से रोजगार की गुणवत्ता में भी सुधार लाने के अवसर प्राप्त होते हैं। इसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि किन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और किन क्षेत्रों में रोजगार की आवश्यकता है। इससे सरकार और निजी क्षेत्र को नीतिगत निर्णय लेने में सहायता मिलती है, और रोजगार की गुणवत्ता में सुधार संभव होता है। रोज़गार परिवर्तन सूचकांक का अध्ययन वित्तीय बाजारों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। निवेशक और विश्लेषक रोज़गार परिवर्तन संबंधित आंकड़ों का उपयोग अर्थव्यवस्था की गति का अनुमान लगाने के लिए करते हैं। अगर रोजगार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, तो यह आर्थिक सुधार का संकेत हो सकता है और इससे शेयर बाजार में सकारात्मक रूख देखने को मिल सकता है। दूसरी ओर, अगर रोजगार में कमी आ रही है, तो यह आर्थिक मंदी का संकेत हो सकता है और निवेशकों को सतर्कता बरतनी पड़ सकती है। अन्ततः, रोजगार परिवर्तन एक बहुमुखी संकेतक है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को डिकोड करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, विकास की दिशा, और नीति-निर्माण के लिए एक प्रमुख सूचक है। इसलिए, इसे समझना और इसका विश्लेषण करना उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो आर्थिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं। हम, ईलरपूल (eulerpool), आपके लिए प्रस्तुत करते हैं रोजगार परिवर्तन से संबंधित नवीनतम और सटीक जानकारी, ताकि आप अर्थव्यवस्था की गति को समझ सकें और सूचित निर्णय ले सकें। हमारी वेबसाइट पर आप रोजगार परिवर्तन के आंकड़े, विश्लेषण और रिपोर्ट्स को प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप विभिन्न आर्थिक नीतियों और वित्तीय बाजारों की समीक्षाओं का लाभ उठा सकते हैं। रोज़गार परिवर्तन एक आवश्यक आर्थिक संकेतक है और इसे समझना और इसका विश्लेषण करना किसी भी आर्थिक अध्ययन या निवेशीय निर्णय का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इयलरपूल के साथ बने रहें और रोजगार परिवर्तन के हर पहलू को समझें, ताकि आप अपने अर्थिक निर्णयों में सफल हो सकें। इस प्रकार, रोजगार परिवर्तन न केवल आर्थिक गतिविधियों का दर्पण होता है, बल्कि यह एक प्रमुख उपकरण भी है जो राष्ट्र की समृद्धि और आर्थिक विकास की हर गाथा को विस्तृत रूप में चित्रित करता है।