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2 यूरो में सुरक्षित करें पेरू जमा ब्याज दर
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पेरू में जमा ब्याज दर का मौजूदा मूल्य 0.7 % है। पेरू में जमा ब्याज दर 1/1/2021 को घटकर 0.7 % हो गई, जो 1/1/2020 को 1.86 % थी। 1/1/1988 से 1/1/2022 तक, पेरू में औसत GDP 120.36 % था। 1/1/1990 को 2,439.56 % के साथ अब तक की सर्वाधिक उच्चतम दर प्राप्त की गई थी, जबकि 1/1/2021 को 0.7 % के साथ निम्नतम मूल्य रिकॉर्ड किया गया।
जमा ब्याज दर ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
जमा ब्याज दर | |
---|---|
1/1/1988 | 161.78 % |
1/1/1989 | 1,135.59 % |
1/1/1990 | 2,439.56 % |
1/1/1991 | 170.54 % |
1/1/1992 | 59.65 % |
1/1/1993 | 44.14 % |
1/1/1994 | 22.35 % |
1/1/1995 | 15.7 % |
1/1/1996 | 14.9 % |
1/1/1997 | 15.01 % |
1/1/1998 | 15.11 % |
1/1/1999 | 16.27 % |
1/1/2000 | 13.29 % |
1/1/2001 | 9.92 % |
1/1/2002 | 4.19 % |
1/1/2003 | 3.83 % |
1/1/2004 | 2.98 % |
1/1/2005 | 3.42 % |
1/1/2006 | 4.79 % |
1/1/2007 | 4.92 % |
1/1/2008 | 5.45 % |
1/1/2009 | 4.35 % |
1/1/2010 | 2.13 % |
1/1/2011 | 3.67 % |
1/1/2012 | 3.88 % |
1/1/2013 | 3.53 % |
1/1/2014 | 3.82 % |
1/1/2015 | 4.11 % |
1/1/2016 | 4.91 % |
1/1/2017 | 4.45 % |
1/1/2018 | 3.34 % |
1/1/2019 | 3.67 % |
1/1/2020 | 1.86 % |
1/1/2021 | 0.7 % |
जमा ब्याज दर इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/1/2021 | 0.7 % |
1/1/2020 | 1.86 % |
1/1/2019 | 3.67 % |
1/1/2018 | 3.34 % |
1/1/2017 | 4.45 % |
1/1/2016 | 4.91 % |
1/1/2015 | 4.11 % |
1/1/2014 | 3.82 % |
1/1/2013 | 3.53 % |
1/1/2012 | 3.88 % |
जमा ब्याज दर के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇵🇪 निजी क्षेत्र को दिए गए क्रेडिट | 251.119 अरब PEN | 249.454 अरब PEN | मासिक |
🇵🇪 ब्याज दर | 5.75 % | 5.75 % | frequency_daily |
🇵🇪 मुद्रा आपूर्ति M0 | 74.517 अरब PEN | 74.991 अरब PEN | मासिक |
🇵🇪 मुद्रा आपूर्ति M1 | 151.842 अरब PEN | 148.964 अरब PEN | मासिक |
🇵🇪 मुद्रा आपूर्ति M2 | 325.644 अरब PEN | 318.85 अरब PEN | मासिक |
🇵🇪 मुद्रा भंडार | 73.967 अरब USD | 74.062 अरब USD | मासिक |
डिपॉजिट ब्याज दर वह औसत दर है जो वाणिज्यिक बैंक व्यक्तियों या निगमों को जमा राशि पर भुगतान करते हैं।
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जमा ब्याज दर क्या है?
डिपॉज़िट ब्याज दर (डिपॉज़िट इंटरेस्ट रेट) एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनोमिक संकेतक है, जो किसी भी अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिति, आर्थिक विकास और सरकारी नीतियों को प्रतिबिंबित करता है। यह वह दर है जिस पर एक बैंक या वित्तीय संस्था, खातेधारकों को उनके जमा (फिक्स्ड डिपॉज़िट, सेविंग्स अकाउंट, आदि) पर ब्याज के रूप में भुगतान करती है। ब्याज दरें न केवल खातेदारों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि पूरे वित्तीय तंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण के लिए, उच्च डिपॉज़िट ब्याज दर से खाताधारकों को अपने धन को अधिक बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह एक प्रकार से पैसा बचाने की आदत को प्रोत्साहन देता है, जो लंबे समय में आर्थिक स्थिरता और विकास में सहायक हो सकता है। इसके विपरीत, निम्न ब्याज दर आम तौर पर निवेश को प्रेरित करती है क्योंकि लोग अपने धन को अन्य उच्च-प्रतिफल देने वाले निवेश विकल्पों में लगाना चाहते हैं। इससे व्यापार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलता है, जो आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिपॉज़िट इंटरेस्ट रेट का निर्धारण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। प्रमुख रूप से, यह केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति, मांग और आपूर्ति के सिद्धांत, और देश की महंगाई दर पर निर्भर होती है। केंद्रीय बैंक, जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), नियमित रूप से अपनी मौद्रिक नीतियों की समीक्षा करता है और उसका प्रमुख उद्देश्य मूल्य स्थिरता और आर्थिक विकास को संतुलित रूप से बनाए रखना होता है। जब केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति को सख्त बनाता है (यानी ब्याज दरों को बढ़ाता है), तो बैंक भी सामान्यतया अपनी डिपॉज़िट ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। इस प्रकार, जमा खातों पर ग्राहकों को उच्च रिटर्न प्राप्त होता है। वहीं, जब केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति को ढीला करता है, तो बैंक अपनी डिपॉज़िट ब्याज दरें कम कर देते हैं, जिसे अक्सर निवेश और खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाता है। महंगाई दर का भी डिपॉज़िट इंटरेस्ट रेट पर सीधा प्रभाव होता है। जब महंगाई दर उच्च होती है, तो वास्तविक ब्याज दरें (नाममात्र ब्याज दर माइनस महंगाई दर) निम्न हो जाती हैं, जिससे खातेदारों की क्रय शक्ति घट जाती है। इसे संतुलित करने के लिए, बैंकों को उच्च ब्याज दरें देनी पड़ती हैं ताकि खातेदारों की बचत को पर्याप्त आकर्षक बनाया जा सके। डिपॉज़िट इंटरेस्ट रेट प्रमुखता से वित्तीय बाजारों और आर्थिक चक्रों पर भी प्रभाव डालती है। जब दरें उच्च होती हैं, तो कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी बॉन्ड जैसे अन्य निवेश उत्पादों की भी मांग और कीमत प्रभावित होती है। यह सभी तत्व मिलकर एक जटिल और पारस्परिक समीकरण बनाते हैं, जो किसी भी आर्थिक नीति निर्माता के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है। इसलिये, यह समझना महत्वपूर्ण है कि डिपॉज़िट इंटरेस्ट रेट केवल व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय नहीं है, बल्कि यह समूची अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेतक है। इसलिए, इसे अनदेखा करना या केवल नाममात्र देखना नहीं चाहिए। इसके विभिन्न आयामों और प्रभावों का गहराई से विश्लेषण करना बेहद आवश्यक है, ताकि सही और सूचित आर्थिक और वित्तीय निर्णय लिए जा सकें। हमारी वेबसाइट eulerpool पर, हम इस महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक के सभी पहलुओं को उजागर करने का प्रयास करते हैं। हम अपने उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में अपडेटेड डेटा और गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं ताकि वे अपने वित्तीय निर्णयों को बेहतर बना सकें। चाहे आप एक निवेशक हों, एक नीति निर्माता हों, या एक आम खाताधारक हों, हमारे मैक्रोइकोनोमिक डेटा अपडेट्स आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं। हमारा उद्देश्य है कि हमारे उपयोगकर्ता न केवल अद्यतित जानकारी प्राप्त करें, बल्कि उसे समझें और उसके आधार पर सूझबूझ से निर्णय लें। वित्तीय स्थिरता, आर्थिक विकास और व्यक्तिगत संपत्ति के बीच संतुलन बनाना संभव है, अगर सही सूचनाएँ और विश्लेषण उपलब्ध हो। इसी लक्ष्य के साथ, हम eulerpool पर आपके लिए मैक्रोइकोनोमिक डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।