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2 यूरो में सुरक्षित करें मिस्र राजकोषीय व्यय
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मिस्र में वर्तमान राजकोषीय व्यय का मूल्य 2.185 जैव. EGP है। मिस्र में राजकोषीय व्यय 2.185 जैव. EGP पर 1/1/2023 को बढ़ गया, जबकि यह 1.831 जैव. EGP पर 1/1/2022 को था। 1/1/2003 से 1/1/2024 तक, मिस्र में औसत जीडीपी 881.62 अरब EGP था। ऑल-टाइम हाई 1/1/2024 को 2.99 जैव. EGP था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/1/2004 को 153.37 अरब EGP दर्ज किया गया।
राजकोषीय व्यय ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
राजकोषीय व्यय | |
---|---|
1/1/2003 | 164.39 अरब EGP |
1/1/2004 | 153.37 अरब EGP |
1/1/2005 | 170.79 अरब EGP |
1/1/2006 | 223.62 अरब EGP |
1/1/2007 | 244.02 अरब EGP |
1/1/2008 | 305.79 अरब EGP |
1/1/2009 | 356.94 अरब EGP |
1/1/2010 | 396.69 अरब EGP |
1/1/2011 | 401.87 अरब EGP |
1/1/2012 | 470.99 अरब EGP |
1/1/2013 | 588.19 अरब EGP |
1/1/2014 | 701.51 अरब EGP |
1/1/2015 | 733.35 अरब EGP |
1/1/2016 | 817.84 अरब EGP |
1/1/2017 | 1.03 जैव. EGP |
1/1/2018 | 1.24 जैव. EGP |
1/1/2019 | 1.37 जैव. EGP |
1/1/2020 | 1.43 जैव. EGP |
1/1/2021 | 1.58 जैव. EGP |
1/1/2022 | 1.83 जैव. EGP |
1/1/2023 | 2.18 जैव. EGP |
राजकोषीय व्यय इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/1/2023 | 2.185 जैव. EGP |
1/1/2022 | 1.831 जैव. EGP |
1/1/2021 | 1.579 जैव. EGP |
1/1/2020 | 1.435 जैव. EGP |
1/1/2019 | 1.37 जैव. EGP |
1/1/2018 | 1.244 जैव. EGP |
1/1/2017 | 1.032 जैव. EGP |
1/1/2016 | 817.844 अरब EGP |
1/1/2015 | 733.35 अरब EGP |
1/1/2014 | 701.514 अरब EGP |
राजकोषीय व्यय के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇪🇬 भ्रष्टाचार रैंक | 108 | 130 | वार्षिक |
🇪🇬 भ्रष्टाचार सूचकांक | 35 Points | 30 Points | वार्षिक |
🇪🇬 राजकीय व्यय | 135.1 अरब EGP | 158.13 अरब EGP | तिमाही |
🇪🇬 राजकोष | -7.1 % of GDP | -6.1 % of GDP | वार्षिक |
🇪🇬 राजकोष का मूल्य | -824.44 अरब EGP | -609.901 अरब EGP | वार्षिक |
🇪🇬 राजकोषीय ऋण से सकल घरेलू उत्पाद | 95.8 % of GDP | 87.2 % of GDP | वार्षिक |
🇪🇬 राजस्व | 1.518 जैव. EGP | 1.347 जैव. EGP | वार्षिक |
🇪🇬 सैन्य व्यय | 3.165 अरब USD | 4.646 अरब USD | वार्षिक |
राजकोषीय व्यय वह राशि है जो सरकारी खर्चों का योग है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च, निवेश और स्थानांतरण भुगतान जैसे सामाजिक सुरक्षा और बेरोजगारी भत्ते शामिल हैं। राजकोषीय व्यय सरकार के बजट संतुलन की गणना का एक हिस्सा होता है।
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राजकोषीय व्यय क्या है?
फिस्कल एक्स्पेंडिचर (Fiscal Expenditure) का अध्ययन और विश्लेषण किसी भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की समझ के लिए अत्यधिक आवश्यक है। ईलरपूल (eulerpool) के मंच पर, हम आपको गहन और विस्तृत मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रस्तुत करते हैं, जिसमें फिस्कल एक्स्पेंडिचर का एक महत्वपूर्ण स्थान है। फिस्कल एक्स्पेंडिचर का संदर्भ सरकारी खर्चों से है, जिसमें विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएँ, विकास प्रकल्प, सुरक्षा, तथा प्रशासनिक खर्च शामिल होते हैं। फिस्कल एक्स्पेंडिचर का सीधा असर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। यह विभिन्न आर्थिक सूचकांक जैसे GDP (सकल घरेलू उत्पाद), मुद्रास्फीति, बेरोजगारी दर, और वितरण नीति को प्रभावित करता है। जब सरकार विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं में निवेश करती है, तो यह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सार्वजनिक नीति और फिस्कल एक्स्पेंडिचर के माध्यम से सरकारें बहुत से सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करती हैं। इन लक्ष्यों में आय असमानता को कम करना, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाना, और आधारभूत संरचना का विकास करना शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में मनेरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। फिस्कल एक्स्पेंडिचर को समझने और विश्लेषित करने के लिए इसे मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है: राजस्व खर्च और पूंजीगत खर्च। राजस्व खर्च वह खर्च है, जो दिन-प्रतिदिन की सरकारी गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए होता है, जैसे वेतन, पेंशन, और सब्सिडी। दूसरी ओर, पूंजीगत खर्च वे व्यय होते हैं जो आधारभूत संरचना के विकास, जैसे सड़कें, पुल, और हवाई अड्डे, में निवेश के लिए होते हैं। फिस्कल एक्स्पेंडिचर की प्रभावात्मकता इस बात पर निर्भर करती है कि किस प्रकार और कहाँ निवेश किया जा रहा है। कुशलता और पारदर्शिता से किये गए खर्च राष्ट्र को दीर्घकालिक लाभ देते हैं। उदाहरण के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गए निवेश आने वाले वर्षों में आर्थिक वृद्धि और सामाजिक समृद्धि में सहायक होते हैं। फिस्कल पॉलिसी के माध्यम से वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने का उद्देश्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य होता है। यदि सरकार अत्यधिक खर्च करती है और राजस्व में कमी होती है, तो इससे वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) बढ़ सकता है। वित्तीय घाटा को पूरे करने के लिए सरकार को धन उधार लेना पड़ता है, जिससे सार्वजनिक ऋण (Public Debt) में वृद्धि होती है। इसके दीर्घकालिक प्रभाव अत्यधिक गंभीर हो सकते हैं, जिनमें देश की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट, मुद्रास्फीति में वृद्धि, और आर्थिक अस्थिरता शामिल होती है। ईलरपूल वेबसाइट आपको फिस्कल एक्स्पेंडिचर से जुड़े विभिन्न प्रकार के डेटा और एनालिटिक्स प्रदान करती है। हम आपको सरकारी खर्चों का विभाजन, समयकालिक रुझान, और आर्थिक प्रभाव से संबंधित ग्राफ और चार्ट्स उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा, वेबसाइट पर आप विभिन्न देशों और क्षेत्रों के फिस्कल एक्स्पेंडिचर की तुलनात्मक जानकारी पा सकते हैं, जिससे आप समझ सकेंगे कि विभिन्न नीतियां और रणनीतियाँ कैसे विभिन्न आर्थिक परिदृश्यों पर प्रभाव डालती हैं। फिस्कल एक्स्पेंडिचर के प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों का अध्ययन करना आवश्यक होता है। इन संकेतकों में सकल घरेलू उत्पाद (GDP), सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP), मुद्रास्फीति दर, और बेरोजगारी दर शामिल हैं। उदाहरण के लिए, अगर सरकार बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करती है, तो प्रारंभिक चरण में यह संभव हो सकता है कि बेरोजगारी दर में कमी आए और GDP में वृद्धि हो। राजकोषीय पारदर्शिता भी फिस्कल एक्स्पेंडिचर की प्रभावशीलता का एक महत्वपूर्ण घटक है। जब सरकारें अपने खर्चों और नीतियों को पारदर्शी तरीके से प्रकट करती हैं, तो इससे जनसाधारण को सरकार की नीतियों और उनके उद्देश्यों का स्पष्ट ज्ञान होता है। इससे जनता की सरकार में विश्वास बढ़ता है और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होता है। फिस्कल एक्स्पेंडिचर के माध्यम से सरकारें विभिन्न सार्वजनिक वस्त्र और सेवाएं प्रदान करती हैं। इनमें सड़कों और पुलों का निर्माण, विद्यालयों और अस्पतालों का संचालन, और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। इन सभी का आर्थिक और सामाजिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, सरकारी खर्चों की नीतियों का अध्ययन और समझ किसी भी अर्थव्यवस्था के स्वस्थ संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक है। ईलरपूल (eulerpool) आपको इस विश्वस्तरीय डेटा के माध्यम से फिस्कल एक्स्पेंडिचर की जटिलताओं और उसके आर्थिक प्रभावों को समझने में मदद करता है। हमारा उद्देश्य आपको उन सभी तत्वों और कारकों के बारे में जागरूक करना है जो सरकारी खर्चों को प्रेरित करते हैं और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास और स्थिरता में कैसे भूमिका निभानी होती है। अंततः, फिस्कल एक्स्पेंडिचर किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जा सकती है। इसके माध्यम से न केवल आर्थिक विकास और रोजगार सृजन होता है, बल्कि सामाजिक समृद्धि और न्यायसंगत वितरण की दिशा में भी बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। ईलरपूल के डेटाबेस और विश्लेषण उपकरण आपको फिस्कल एक्स्पेंडिचर से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आयामों को समझने में सक्षम बनाएंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आप वर्तमान आर्थिक परिदृश्यों में सरकार की नीतियों और उनके प्रभावों का समग्र ज्ञान प्राप्त कर सकें।