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2 यूरो में सुरक्षित करें मंगोलिया श्रम बल सहभागिता दर
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मंगोलिया में वर्तमान श्रम बल सहभागिता दर 58.9 % है। मंगोलिया में श्रम बल सहभागिता दर 1/9/2023 को बढ़कर 58.9 % हो गई, जबकि यह 1/6/2023 को 57.9 % थी। 1/9/2006 से 1/12/2023 तक, मंगोलिया में औसत GDP 60.82 % थी। इतिहास में उच्चतम स्तर 1/9/2006 को 64.8 % था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/3/2021 को 54.9 % दर्ज किया गया।
श्रम बल सहभागिता दर ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
रोजगार दर | |
---|---|
1/9/2006 | 64.8 % |
1/12/2006 | 61.6 % |
1/3/2007 | 62.6 % |
1/6/2007 | 62.1 % |
1/9/2007 | 63.8 % |
1/12/2007 | 59.7 % |
1/3/2008 | 60.1 % |
1/6/2008 | 59.2 % |
1/9/2008 | 61.5 % |
1/12/2008 | 61.1 % |
1/3/2009 | 59.6 % |
1/6/2009 | 62.6 % |
1/9/2009 | 61.3 % |
1/12/2009 | 61.4 % |
1/3/2010 | 61.1 % |
1/6/2010 | 62.1 % |
1/9/2010 | 61.7 % |
1/12/2010 | 61.3 % |
1/3/2011 | 59.4 % |
1/6/2011 | 62.1 % |
1/9/2011 | 64.8 % |
1/12/2011 | 64.2 % |
1/3/2012 | 64.6 % |
1/6/2012 | 63.6 % |
1/9/2012 | 64.3 % |
1/12/2012 | 61.6 % |
1/3/2013 | 61.5 % |
1/6/2013 | 63.7 % |
1/9/2013 | 62.1 % |
1/12/2013 | 60.9 % |
1/3/2014 | 61.7 % |
1/6/2014 | 63.1 % |
1/9/2014 | 63.7 % |
1/12/2014 | 60.3 % |
1/3/2015 | 61.5 % |
1/6/2015 | 62.8 % |
1/9/2015 | 61.4 % |
1/12/2015 | 60.5 % |
1/3/2016 | 60 % |
1/6/2016 | 60.2 % |
1/9/2016 | 61.6 % |
1/12/2016 | 60.4 % |
1/3/2017 | 59.5 % |
1/6/2017 | 61.6 % |
1/9/2017 | 61.1 % |
1/12/2017 | 62.4 % |
1/3/2018 | 60.6 % |
1/6/2018 | 61 % |
1/9/2018 | 61.3 % |
1/12/2018 | 61.9 % |
1/3/2019 | 60.7 % |
1/6/2019 | 60.8 % |
1/9/2019 | 60.1 % |
1/12/2019 | 60.7 % |
1/3/2020 | 59 % |
1/6/2020 | 59.8 % |
1/9/2020 | 59 % |
1/12/2020 | 57 % |
1/3/2021 | 54.9 % |
1/6/2021 | 56.8 % |
1/9/2021 | 57.9 % |
1/12/2021 | 58.3 % |
1/3/2022 | 58 % |
1/6/2022 | 59.3 % |
1/9/2022 | 59.2 % |
1/12/2022 | 57.9 % |
1/3/2023 | 56.5 % |
1/6/2023 | 57.9 % |
1/9/2023 | 58.9 % |
श्रम बल सहभागिता दर इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/9/2023 | 58.9 % |
1/6/2023 | 57.9 % |
1/3/2023 | 56.5 % |
1/12/2022 | 57.9 % |
1/9/2022 | 59.2 % |
1/6/2022 | 59.3 % |
1/3/2022 | 58 % |
1/12/2021 | 58.3 % |
1/9/2021 | 57.9 % |
1/6/2021 | 56.8 % |
श्रम बल सहभागिता दर के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇲🇳 जनसंख्या | 3.5 मिलियन | 3.45 मिलियन | वार्षिक |
🇲🇳 निर्माण में मजदूरी | 2.029 मिलियन MNT /Month | 1.884 मिलियन MNT /Month | तिमाही |
🇲🇳 न्यूनतम वेतन | 6,60,000 MNT/Month | 5,50,000 MNT/Month | वार्षिक |
🇲🇳 पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु | 60 Years | 60 Years | वार्षिक |
🇲🇳 बेरोजगार व्यक्ति | 48,797 | 66,029 | तिमाही |
🇲🇳 बेरोजगारी दर | 3.9 % | 5.2 % | तिमाही |
🇲🇳 मजदूरी | 2.235 मिलियन MNT /Month | 2.009 मिलियन MNT /Month | तिमाही |
🇲🇳 महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु | 55 Years | 55 Years | वार्षिक |
🇲🇳 रोजगार दर | 55.4 % | 55.9 % | तिमाही |
🇲🇳 रोजगार में लगे व्यक्ति | 1.197 मिलियन | 1.193 मिलियन | तिमाही |
श्रम बल भागीदारी दर उस संख्या को दर्शाता है, जो कार्यरत और बेरोजगार लेकिन नौकरी की खोज में लगे व्यक्तियों की है, विभाजित करके कुल कार्य करने योग्य आयु की जनसंख्या से।
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श्रम बल सहभागिता दर क्या है?
लेबर पूल भागीदारी दर, जिसे श्रमिक बल भागीदारी दर भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति को मापने में सहायक होता है। यह दर हमें यह बताती है कि कितने प्रतिशत नागरिक, जो कार्य करने योग्य आयु में हैं, वे या तो कार्यरत हैं या सक्रिय रूप से रोजगार की खोज में हैं। इस मैक्रोइकोनॉमिक श्रेणी का महत्व इस बात में निहित है कि यह दर किसी देश की आर्थिक सक्रियता, उत्पादिवता, और समग्र आर्थिक स्थिरता को प्रदर्शित करती है। लेबर पूल भागीदारी दर का संकलन और विश्लेषण करना न केवल नीति निर्धारकों के लिए उपयोगी होता है, बल्कि निवेशकों, अर्थशास्त्रियों और व्यवसायिक प्रबंधकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दर अक्सर आर्थिक नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने में सहायता करती है और यह भी दर्शाती है कि कैसे विभिन्न सामाजिक और आर्थिक कारक आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं। समय के साथ, लेबर पूल भागीदारी दर में बदलाव अर्थवस्था की संरचना, जनसांख्यिकी, सामाजिक मान्यताओं और तकनीकी बदलावों के प्रभाव को उजागर करता है। उदाहरण के लिए, बढ़ती हुई शिक्षित जनसंख्या, पारिवारिक संरचनाओं में बदलाव, और सामाजिक मान्यताओं के परिवर्तन इस दर को प्रभावित कर सकते हैं। लेबर पूल भागीदारी दर की गणना कुल पारदर्शी कार्यबल को कुल कार्य योग्य जनसंख्या से विभाजित कर के की जाती है, जो आम तौर पर 15 से 64 वर्ष की आयु सीमा में होते हैं। यह दर विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखती है जैसे कि महिला कार्यबल की भागीदारी, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच अंतर, और अनुभवी बनाम नवोदित कार्यबल। महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि आमतौर पर आर्थिक विकास और सामाजिक बदलावों का संकेत होती है। वे देश जहां महिला श्रम बल भागीदारी दर अधिक है, वहां की अर्थवस्था आमतौर पर अधिक संतुलित और विविधतापूर्ण होती है। इसके विपरीत, अगर किसी देश में महिला श्रम बल भागीदारी दर निचले स्तर पर है, तो यह देश की विकासशील स्तिथि, सांस्कृतिक बाधाओं और शिक्षा एवं प्रशिक्षण की कमी को प्रदर्शित कर सकता है। लेबर पूल भागीदारी दर के संग्रहण में आधुनिक तकनीकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। डेटा संग्रहण उपकरणों के उन्नति के साथ, हमारे पास अब तेजी से अद्यतन और अधिक सटीक आंकड़े उपलब्ध होते हैं। इससे नीति निर्माताओं को त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने में सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए, बेरोजगारी की दर और लेबर पूल भागीदारी दर का तुलनात्मक विश्लेषण करना संभावित आर्थिक संकटों की पहचान करना और इसके समाधान के लिए कार्य योजना बनाना आसान बनाता है। अर्थवस्था के अलावा, यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों का भी मापदंड हो सकता है। शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा जैसे कारक लेबर पूल भागीदारी दर को सीधे रूप से प्रभावित कर सकते हैं। जैसे-जैसे शिक्षा स्तर बढ़ता है, लोगों की नौकरी पाने की संभावनाएं भी बढ़ती हैं, और इसके परिणामस्वरूप लेबर पूल भागीदारी दर में वृद्धि होती है। अक्सर ऐसे समय आते हैं जब वैश्विक आर्थिक मंदी या महामारी जैसी अप्रत्याशित घटनाओं का लेबर पूल भागीदारी दर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आर्थिक मंदी के दौरान, लोगों को नौकरियों से निकाला जा सकता है या वे नौकरी की तलाश छोड़ सकते हैं, जिससे लेबर पूल भागीदारी दर में गिरावट आ सकती है। ऐसी परिस्थितियों में, डेटा का विश्लेषण और इसके पीछे के कारकों की पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। डेटा दृष्टिकोण से, लेबर पूल भागीदारी दर के ट्रेंड का नियमित विश्लेषण करना महत्वपूर्ण होता है। इससे न केवल यह समझ में आता है कि किन उद्योगों में अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, बल्कि यह भी पता चलता है कि किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। यह डेटा नीति निर्माताओं को बेहतर रोजगार नीतियां बनाने और सामाजिक सेवाओं को सुधारने में सहायता करता है। आर्थिक संकेतकों में लेबर पूल भागीदारी दर एक प्रमुख भूमिका निभाती है, क्योंकि अन्य आर्थिक संकेतकों के साथ इसका गहन संबंध होता है। यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP), बेरोजगारी दर, और श्रम उत्पादकता जैसे कारकों के साथ परस्पर जुड़ी हुई है। उच्च लेबर पूल भागीदारी दर आमतौर पर एक मजबूत और स्थिर अर्थवस्था का संकेत देती है, जबकि निम्न दर संभावित आर्थिक समस्याओं को इंगित कर सकती है। इस प्रकार, लेबर पूल भागीदारी दर के विश्लेषण और प्रबंधन का महत्व अत्यधिक है। यह केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ एक मानक है। इसका विश्लेषण हमें आर्थिक नीतियों और रणनीतियों को सुधारने में मदद करता है, जिससे आर्थिक विकास और स्थिरता प्राप्त की जा सके। Eulerpool वेबसाइट पर, हम आपको लेबर पूल भागीदारी दर के सटीक और अद्यतन डेटा प्रदान करते हैं, जिससे आप अपने आर्थिक निर्णयों को अधिक सटीकता से ले सकें। हमारे डेटा संग्रहण और विश्लेषण उपकरण सुनिश्चित करते हैं कि आपके पास सबसे भरोसेमंद और उपयोगी जानकारी हो, जिससे आप अपने निवेश, व्यवसाय, या नीति निर्णयों को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें। अप-टू-डेट, व्यापक और विश्वसनीय डेटा हमारे प्लेटफॉर्म की पहचान हैं, जो आपको अर्थव्यवस्था की गहरी समझ प्रदान करते हैं।