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कांगो खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

शेयर मूल्य

4.254 अरब CDF
परिवर्तन +/-
+392 मिलियन CDF
प्रतिशत में परिवर्तन
+9.66 %

कांगो में खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का वर्तमान मूल्य 4.254 अरब CDF है। 1/1/2021 को कांगो में खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़कर 4.254 अरब CDF हो गया, जो 1/1/2020 को 3.862 अरब CDF था। 1/1/2011 से 1/1/2022 तक, कांगो में औसत खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 3.13 अरब CDF था। 1/1/2022 को 5.19 अरब CDF के साथ यह सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जबकि 1/1/2011 को 1.84 अरब CDF के साथ सबसे कम मूल्य दर्ज किया गया।

स्रोत: Banque Centrale du Congo

खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

खनन से सकल घरेलू उत्पाद

खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20214.254 अरब CDF
1/1/20203.862 अरब CDF
1/1/20193.521 अरब CDF
1/1/20183.486 अरब CDF
1/1/20172.982 अरब CDF
1/1/20162.766 अरब CDF
1/1/20152.784 अरब CDF
1/1/20142.657 अरब CDF
1/1/20132.226 अरब CDF
1/1/20122.022 अरब CDF
1
2

खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇨🇬
उपयोगिता कंपनियों से सकल घरेलू उत्पाद
87 मिलियन CDF84 मिलियन CDFवार्षिक
🇨🇬
कृषि से सकल घरेलू उत्पाद
2.028 अरब CDF1.981 अरब CDFवार्षिक
🇨🇬
निर्माण क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद
609 मिलियन CDF588 मिलियन CDFवार्षिक
🇨🇬
परिवहन क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद
1.854 अरब CDF1.773 अरब CDFवार्षिक
🇨🇬
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद
555.8 USD528.79 USDवार्षिक
🇨🇬
वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर
6.2 %8.9 %वार्षिक
🇨🇬
विनिर्माण से सकल घरेलू उत्पाद
1.435 अरब CDF1.401 अरब CDFवार्षिक
🇨🇬
सकल घरेलू उत्पाद
66.38 अरब USD65.8 अरब USDवार्षिक
🇨🇬
सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति समता
1,506.046 USD1,432.856 USDवार्षिक
🇨🇬
सार्वजनिक प्रशासन से सकल घरेलू उत्पाद
434 मिलियन CDF426 मिलियन CDFवार्षिक
🇨🇬
सेवाओं से सकल घरेलू उत्पाद
5.313 अरब CDF5.144 अरब CDFवार्षिक
🇨🇬
स्थिर मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद
15.819 अरब CDF14.9 अरब CDFवार्षिक

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज अफ्रीका

खनन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) क्या है?

GDP from Mining एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचकांक है जो किसी देश की खनन गतिविधियों से उत्पादित कुल आर्थिक मूल्य को मापता है। खनन उद्योग, कोई भी अर्थव्यवस्था के लिए आधारभूत उद्योगों में से एक है और इसका प्रभाव व्यापक रूप से देखने को मिलता है। खनिज संसाधन जैसे कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, धातुएं और अन्य खनिज पदार्थों का उत्पादन, किसी भी राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि और विकास दर में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहां हम विस्तार में वर्णन करेंगे कि कैसे 'GDP from Mining' एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है। खनन उद्योग का अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव होता है। प्रत्यक्ष प्रभाव में खनिज संसाधनों का उत्पादन और उनकी बिक्री शामिल होती है, जिससे रोजगार सृजन, टैक्स राजस्व और विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। उदाहरणस्वरूप, किसी देश द्वारा निकाले गए कोयले का बड़ा हिस्सा बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है, जो औद्योगिक उत्पादन को सशक्त करता है। इसी तरह, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के उत्पादन से ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति होती है और इस प्रकार यह उद्योग कई अन्य उद्योगों को संचालित करता है, जैसे पेट्रोलियम रिफाइनरी, केमिकल उद्योग, आदि। अप्रत्यक्ष प्रभाव में खनन उद्योग द्वारा उत्पन्न अधोसंरचना विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल है। खनन मोटरवे, रेलवे और बंदरगाहों के निर्माण को भी प्रोत्साहित करता है, जो न सिर्फ खनन क्षेत्र की बल्कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों की भी जरूरतों को पूरा करता है। इसके अलावा, खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में किया जा सकता है जो समग्र समाज को लाभ पहुंचाती हैं। 'GDP from Mining' की गणना में खनिज उत्पादन के मूल्य को उसके विक्रय मूल्य पर मापा जाता है। इसे नेशनल अकाउंट्स जारी करने वाले संस्थान द्वारा मापा जाता है, जैसे भारत में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा। इसमें सभी खनिज पदार्थों का मूल्य शामिल होता है, चाहे वे घरेलू बाजार में बेचे जाएं या निर्यात किए जाएं। यहां हमें इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि मूल्य निर्धारण एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें अलग-अलग कारक जैसे वैश्विक बाजार दर, स्थानीय उत्पादन लागत और मांग व आपूर्ति के संतुलन को ध्यान में रखा जाता है। वैश्विक स्तर पर खनिज पदार्थों की कीमतें लगातार परिवर्तनशील होती हैं। यह कीमतें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड मार्केट, राजनीतिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होती हैं। उदाहरणस्वरूप, अगर किसी देश में सोने के भंडार एकाएक खोजे जाते हैं, तो इससे वैश्विक बाजार में सोने की आपूर्ति बढ़ जाती है और उसकी कीमतें गिर सकती हैं। इसके विपरीत, अगर किसी मुख्य खनिज उत्पादक देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा होती है, तो इसकी आपूर्ति में बाधा आ सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं। किसी देश की खनन उद्योग की स्वास्थ्य स्थिति का प्रत्यक्ष संबंध उसके 'GDP from Mining' से है। एक विकसित खनन क्षेत्र अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ तकनीकी और सामाजिक तरक्की में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकासशील देशों के लिए, यह क्षेत्र निवेश आकर्षित करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक हो सकता है। खनन में निवेश के माध्यम से न सिर्फ रोजगार सृजन होता है, बल्कि तकनीकी और मानव संसाधनों का भी विकास होता है। भारत जैसे विकासशील देशों के संदर्भ में, खनन क्षेत्र का विकास विदेशी निवेश को आकर्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विभिन्न सरकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार लाया जा सकता है। विशेषकर, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं के माध्यम से खनन क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है और विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। खनन क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का उपयोग भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। डिजिटलाइजेशन, बिग डेटा, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का प्रयोग खनन प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और कुशल बना रहा है। अधुनातन ड्रिलिंग तकनीकें और ऑटोमेटेड मशीनरी न केवल सुरक्षा मानकों में सुधार ला रही हैं, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में भी वृद्धि कर रही हैं। खनन क्षेत्र के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पर्यावरण प्रदूषण, जल स्रोतों पर दबाव, जैव विविधता को क्षति, और स्थानीय जनसंख्या के विस्थापन जैसी समस्याएं खनन से संबंधित हैं। इसलिए, सरकार और उद्योग दोनों को यह सुनिश्चित करना होता है कि खनन प्रक्रियाएं सतत विकास के अनुकूल हों। पर्यावरण संरक्षण कानूनों का पालन, स्थायिकता के उपायों को लागू करना और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को सुनिश्चित करना आवश्यक है। संक्षेप में, 'GDP from Mining' किसी भी देश की आर्थिक संरचना का अविभाज्य हिस्सा है और इसकी महत्ता को कम करके नहीं आंका जा सकता। यह न केवल आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक और तकनीकी प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे जैसे प्रोफेशनल वेबसाइट, eulerpool, में इस डेटा को प्रस्तुत करते समय इन सभी पहलुओं का ध्यान रखते हैं ताकि उपयोगकर्ताओं को सम्पूर्ण और सटीक जानकारी प्राप्त हो सके। खनन क्षेत्र की आर्थिक महत्वपूर्णता, उसके उत्पादन मूल्य और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उसकी भूमिका पर विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण करना बेहद महत्वपूर्ण है। यह डाटा न सिर्फ नीति निर्माण के लिए उपयोगी है, बल्कि निवेशकों, शोधकर्ताओं और व्यवसायियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अंततः, 'GDP from Mining' एक ऐसा सूचकांक है जो किसी राष्ट्र की आर्थिक मजबूती और सतत विकास के मार्ग को परिलक्षित करता है। इसके प्रभाव को समझना और इसका सही उपयोग करना हमारी वेबसाइट eulerpool का प्रमुख उद्देश्य है।