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किर्गिज़स्तान औद्योगिक उत्पादन

शेयर मूल्य

16.5 %
परिवर्तन +/-
+7.9 %
प्रतिशत में परिवर्तन
+62.95 %

किर्गिज़स्तान में औद्योगिक उत्पादन का वर्तमान मूल्य 16.5 % है। किर्गिज़स्तान में औद्योगिक उत्पादन 1/1/2024 को 16.5 % हो गया, जबकि 1/12/2023 को यह 8.6 % था। 1/1/1999 से 1/5/2024 तक, किर्गिज़स्तान में औसत GDP 5.35 % था। सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 1/2/2010 को 105.8 % के साथ प्राप्त हुआ, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/12/2011 को -44.1 % दर्ज किया गया था।

स्रोत: National Statistical Committee of Kyrgyz Republic

औद्योगिक उत्पादन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

औद्योगिक उत्पादन

औद्योगिक उत्पादन इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/202416.5 %
1/12/20238.6 %
1/11/20233.5 %
1/10/202313.9 %
1/9/20232.6 %
1/8/20236.1 %
1/6/20237.8 %
1/3/20235 %
1/2/202317.9 %
1/1/20237.5 %
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औद्योगिक उत्पादन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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खनन उत्पादन
-3.8 %-7.4 %मासिक
🇰🇬
विनिर्माण उत्पादन
-5.4 %-14.7 %मासिक
🇰🇬
सूची में परिवर्तन
67.085 अरब KGS162.777 अरब KGSतिमाही

किर्गिज़स्तान में औद्योगिक उत्पादन अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र में एकीकृत व्यवसायों के उत्पादन को मापता है। निर्माण सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इसका कुल उत्पादन में 78.1 प्रतिशत हिस्सा है। निर्माण के अंदर सबसे बड़े खंड हैं: धातुएं (62.2 प्रतिशत); खाद्य उत्पाद और तंबाकू (16.1 प्रतिशत); रबर और प्लास्टिक (9.8 प्रतिशत); और कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 प्रतिशत)। कुल उत्पादन में बिजली, गैस, भाप और एयर कंडीशनिंग आपूर्ति का 15.1 प्रतिशत, खनन और उत्खनन का 5.7 प्रतिशत और जल आपूर्ति, सीवरेज, कचरा प्रबंधन और पुनर्वास का 0.9 प्रतिशत हिस्सा है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

औद्योगिक उत्पादन क्या है?

ईंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन (औद्योगिक उत्पादन) एक महत्वपूर्ण और व्यापक आर्थिक संकेतक है, जो किसी देश की औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति, विकास और उसमें हो रही बदलावों को स्पष्ट रूप में दर्शाता है। Eulerpool पर, हम व्यापक और अद्यतित आंकड़ों के माध्यम से औद्योगिक उत्पादन के विभिन्न पहलुओं को पेश करते हैं, जिससे कि हमारे उपयोगकर्ता न केवल वर्त्तमान परिस्थिति को समझ सकें, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का अंदाजा भी लगा सकें। औद्योगिक उत्पादन, जिसे संक्षेप में IP के रूप में भी जाना जाता है, किसी देश के उत्पादन क्षमता का एक विश्लेषणात्मक माप है। इसमें खनन, विनिर्माण, और सार्वजनिक उपयोगिता क्षेत्रों में उत्पादन को शामिल किया जाता है। यह संकेतक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यवसायी, निवेशक और नीति निर्माता को अर्थव्यवस्था की सेहत का आकलन करने में मदद करता है। उदाहरण के रूप में, उच्च औद्योगिक उत्पादन आमतौर पर आर्थिक विकास का संकेत होता है, जबकि निम्न उत्पादन मंदी या आर्थिक परेशानियों का संकेत हो सकता है। भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था में, औद्योगिक उत्पादन का महत्व और भी ज्यादा है। यह न केवल आर्थिक विकास दर को प्रभावित करता है, बल्कि रोजगार, जीवन स्तर, और देश के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है और सामाजिक समृद्धि में भी इज़ाफ़ा होता है। इसके विपरीत, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से बेरोजगारी बढ़ सकती है और आर्थिक मंदी का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। Eulerpool पर, हमने औद्योगिक उत्पादन को समझने के लिए कई मापदंड और विश्लेषणात्मक टूल्स उपलब्ध कराए हैं। हमारा डेटाबेस नियमित रूप से अपडेट किया जाता है ताकि उपयोगकर्ता ताजे और सटीक आंकड़े प्राप्त कर सकें। औद्योगिक उत्पादन के बारे में अधिक जानने के लिए, आप हमारी वेबसाइट पर विभिन्न रिपोर्ट्स, ग्राफ्स और चार्ट्स देख सकते हैं। ये सभी डेटा आपको इस क्षेत्र के गतिशीलता को समझने और स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करेंगे। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों को समझने में पीएमआई (Purchasing Managers' Index) और IIP (Index of Industrial Production) जैसे संकेतकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पीएमआई आमतौर पर निजी क्षेत्र के सर्वेक्षणों पर आधारित होता है और विनिर्माण क्षेत्र की स्वास्थ्य स्थिति को दर्शाता है। दूसरी तरफ, IIP एक सरकारी संकेतक है और यह औद्योगिक उत्पादन के मौसमी समायोजित आंकड़े प्रदान करता है। औद्योगिक उत्पादन का अध्ययन करते समय, मौसमी समायोजन और कंपोज़िट मापदंड आमतौर पर बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। स्थिति को पूरी तरह से समझने के लिए विश्लेषकों को अन्य आर्थिक संकेतकों जैसे कि मजदूरी, मुद्रास्फीति, और राजकोषीय नीतियों का भी ध्यान रखना पड़ता है। उदाहरण के लिए, जब तेल की कीमतें कम होती हैं, तो अधिकांश विनिर्माण क्षेत्र इससे लाभान्वित होते हैं, जिससे उत्पादन में बूम आता है। भारत में, औद्योगिक उत्पादन के प्रमुख घटक हैं: खनन, विनिर्माण, और विद्युत संयंत्र। इन सभी वर्गों की निरंतर निगरानी करनी होती है ताकि समग्र उत्पादन की सही तस्वीर सामने आ सके। उद्योग के विकास को संज्ञान में लेने के लिए उपयोगकर्ताओं को विस्तृत डेटा और विश्लेषण की जरूरत होती है, जिसे Eulerpool पर उपलब्ध कराया गया है। विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन दर का उतार-चढ़ाव, विशेषकर, ट्रेंड एनालिसिस के माध्यम से समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है। उच्च उत्पादन दर यह दर्शाता है कि उद्योग में मांग बढ़ रही है, जिससे भविष्य में संभावित आर्थिक विकास की उम्मीद की जा सकती है। इसके विपरीत, उत्पादन दर में गिरावट उद्योग की मांग में कमी और भविष्य में आर्थिक मंदी का संकेत देती है। Eulerpool पर हम इन सभी पहलुओं का व्यापक विश्लेषण प्रदान करते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को न केवल मौजूदा उत्पादन की स्थिति का ज्ञान हो, बल्कि वे भविष्य की संभावनाओं का भी आकलन कर सकें। हमारे प्लेटफार्म पर उपलब्ध जानकारी के माध्यम से औद्योगिक उत्पादन की बारीकियों को समझने में आसानी होती है, जिसमें उद्योग के विकास, उसकी प्रवृत्तियों और उसमें आने वाले संभावित बदलावों का समग्र आकलन करना शामिल है। हमारा उद्देश्य है कि हम आपको अद्यतित, सटीक और व्यापक डेटा प्रदान करें, जो न केवल निवेशकों के लिए बल्कि नीति निर्माताओं और दूसरी प्रमुख आर्थिक संस्थाओं के लिए भी उपयोगी हो। Eulerpool के मतलब आपको एक ऐसी जानकारी प्रदान करना है, जो आपको सही दिशा में निर्णय लेने में मदद करती है। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों को एनालिसिस और प्रस्तुत करने के हमारे तरीके अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक टूल्स और तकनीकों पर आधारित हैं। इस प्रकार, आप न केवल वर्तमान परिस्थिति को समझ सकते हैं, बल्कि नए अवसरों और संभावित जोखिमों का भी पूर्वानुमान लगा सकते हैं। इस तरह, औद्योगिक उत्पादन का गहन अध्ययन और विश्लेषण न केवल तत्कालिक आर्थिक स्थिति को आंकने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में आर्थिक नीतियों और योजनाओं को आकार देने के लिए भी अत्यंत उपयुक्त है। Eulerpool पर उपलब्ध औद्योगिक उत्पादन से जुड़ी सभी जानकारी आपको एक समग्र दृष्टिकोण और सही निवेश निर्णय लेने में मदद करेगी।