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🇮🇸

आइलैंड दीर्घकालिक बेरोजगारी दर

शेयर मूल्य

0.5 %
परिवर्तन +/-
-0.6 %
प्रतिशत में परिवर्तन
-75.00 %

आइलैंड में वर्तमान दीर्घकालिक बेरोजगारी दर का मूल्य 0.5 % है। आइलैंड में दीर्घकालिक बेरोजगारी दर 1/1/2022 को घट कर 0.5 % हो गई, जबकि यह 1/1/2021 को 1.1 % थी। 1/1/2003 से 1/1/2023 तक, आइलैंड में औसत GDP 0.59 % थी। सबसे उच्च मात्रा 1/1/2011 को 1.7 % के साथ दर्ज हुई, जबकि सबसे कम मूल्य 1/1/2008 को 0.1 % था।

स्रोत: EUROSTAT

दीर्घकालिक बेरोजगारी दर

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

दीर्घकालिक बेरोजगारी दर

दीर्घकालिक बेरोजगारी दर इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/20220.5 %
1/1/20211.1 %
1/1/20200.5 %
1/1/20180.3 %
1/1/20170.3 %
1/1/20150.5 %
1/1/20140.6 %
1/1/20131 %
1/1/20121.5 %
1/1/20111.7 %
1
2

दीर्घकालिक बेरोजगारी दर के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇮🇸
अंशकालिक काम
46,400 40,400 तिमाही
🇮🇸
जनसंख्या
3,98,900 3,87,800 वार्षिक
🇮🇸
नौकरी की पेशकश दर
3 %2.7 %तिमाही
🇮🇸
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
67 Years67 Yearsवार्षिक
🇮🇸
पूर्णकालिक रोजगार
1,63,200 1,67,800 तिमाही
🇮🇸
बेरोजगार व्यक्ति
7,700 5,700 मासिक
🇮🇸
बेरोजगारी दर
3.2 %2.5 %मासिक
🇮🇸
मजदूरी
8,68,000 ISK/Month8,09,000 ISK/Monthवार्षिक
🇮🇸
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
67 Years67 Yearsवार्षिक
🇮🇸
युवा बेरोजगारी दर
6.7 %7.2 %मासिक
🇮🇸
रोजगार के अवसर
229 223 मासिक
🇮🇸
रोजगार दर
79 %80 %मासिक
🇮🇸
रोजगार दर
83.5 %83.6 %मासिक
🇮🇸
रोजगार में लगे व्यक्ति
2,30,400 2,31,800 मासिक
🇮🇸
वेतन वृद्धि
0.1 %0.4 %मासिक

आइसलैंड में, दीर्घकालिक बेरोजगारी दर उन बेरोजगार व्यक्तियों के हिस्से को संदर्भित करती है जो 12 महीने या उससे अधिक समय से बेरोजगार हैं, जो श्रम बाजार में सक्रिय व्यक्तियों (वे जो या तो नियोजित या बेरोजगार हैं) की कुल संख्या में शामिल हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

दीर्घकालिक बेरोजगारी दर क्या है?

लंबी अवधि बेरोजगारी दर (Long Term Unemployment Rate) एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचकांक है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति का गहन विश्लेषण करने में सहायक होता है। यह सूचकांक सामान्यतः उन व्यक्तियों की संख्या को दर्शाता है जो छह महीने या उससे अधिक समय से बेरोजगार हैं। बेरोजगारी दर के इस प्रकार के विश्लेषण का महत्व इसलिए अधिक होता है क्योंकि यह केवल वर्तमान व्यावसायिक चक्रों के दौरान रोजगार स्थिति को ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक स्थायित्व और संरचनात्मक मुद्दों को भी प्रकट करता है। लंबी अवधि बेरोजगारी दर के महत्व को अच्छी तरह समझने के लिए हमें पहले यह जानने की आवश्यकता है कि इस दर को कैसे मापा और परिभाषित किया जाता है। लंबी अवधि बेरोजगारी दर की गणना करते समय, आमतौर पर उन लोगों को शामिल किया जाता है जिन्होंने सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश की है लेकिन सफलता हासिल नहीं कर पाई है। यह दर समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, जैसे कि व्यापारिक जगत, सरकार, अर्थशास्त्री, और सामाजिक कार्यकर्ता, क्योंकि यह दर्शाती है कि कितने लोग अपनी उत्पादन क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। लंबी अवधि बेरोजगारी दर के विभिन्न कारण होते हैं। इनमें से प्रमुख कारणों में संरचनात्मक बेरोजगारी, जिसमें विशेष योग्यता और अनुभव की मांग में कमी होती है, और आर्थिक मंदी शामिल हैं। अन्य कारणों में संगठनों में बदलाव, तकनीकी प्रगति, और अन्य सामाजिक व राजनीतिक कारक शामिल होते हैं। विशेष रूप से उन देशों में जहाँ आर्थिक संरचना में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं, वहाँ लंबी अवधि बेरोजगारी दर में वृद्धि का खतरा अधिक हो सकता है। प्रत्येक देश की आर्थिक नीतियाँ और कार्यक्रम इस दर को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुशलतापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो कामगारों के कौशल को उन्नत करने में सहायक होते हैं, लंबी अवधि बेरोजगारी दर को कम कर सकते हैं। इसके विपरीत, यदि आर्थिक नीति और कार्यक्रम उपयुक्त नहीं होते हैं, तो संभव है कि दर और बढ़ जाए। लंबी अवधि बेरोजगारी दर का समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्तिगत स्तर पर, लंबे समय तक बेरोजगार रहने वाले व्यक्ति न केवल आर्थिक संकट का सामना करते हैं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्याओं से भी ग्रसित हो सकते हैं। आत्म-विश्वास में कमी, उच्च तनाव स्तर, सामाजिक अलगाव जैसे मुद्दे इस दर के बढ़ने की वजह बन सकते हैं। समुदाय और राष्ट्र स्तर पर, उच्च लंबी अवधि बेरोजगारी दर आर्थिक उत्पादन में कमी, सरकारी लाभ योजनाओं पर अधिक दबाव, और सामाजिक अस्थिरता जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। व्यापारिक संगठनों के लिए भी इस दर का महत्व अत्यंत होता है। यदि लंबे समय तक बेरोजगार रहने वाले व्यक्तियों की संख्या अधिक हो, तो इसका मतलब है कि श्रमिक बाजार में कुशल श्रमिकों की कमी हो सकती है, जिससे वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है और उत्पादन गतिविधियों में बाधा आ सकती है। वित्तीय संस्थाओं और निवेशकों के लिए भी यह दर महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह सूचक है कि अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक स्थायित्व और विकास की संभावनाएँ कितनी मजबूत हैं। Eulerpool जैसे पेशेवर वेबसाइट के लिए लंबी अवधि बेरोजगारी दर का समुचित प्रदर्शन और इसका विस्तृत विश्लेषण महत्वपूर्ण होता है। हमारे उपयोगकर्ता जैसे कि निवेशक, अनुसंधानकर्ता, और व्यवसायिक योजना निर्मাতে इस जानकारी का उपयोग अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया में करते हैं। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े और विश्लेषण उन्हें अधिक सटीक और सूचित निर्णय लेने में सहायता करते हैं। हमारी टीम यह सुनिश्चित करती है कि आंकड़े सही और ताजे हों, और उनका विश्लेषण वर्तमान आर्थिक परिदृश्य के अनुरूप हो। हम विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डाटा को संकलित करते हैं और उसे पेशेवर तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिससे यह उपयोगकर्ता के लिए सहज और सरल हो सके। इसके लिए हम विभिन्न विज़ुअल टूल्स और ग्राफ़िक्स का भी उपयोग करते हैं, जिससे कि आंकड़े और अधिक सुस्पष्ट और समझने में आसान हो जाएं। निष्कर्षत: लंबी अवधि बेरोजगारी दर एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो किसी देश की दीर्घकालिक आर्थिक स्थितियों और समस्याओं को दर्शाता है। यह केवल व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर नहीं, बल्कि व्यापार और निवेशक स्तर पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। Eulerpool, पेशेवर डेटा प्रदाता के रूप में, लंबी अवधि बेरोजगारी दर को स्पष्ट और विश्लेषणात्मक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि हमारे उपयोगकर्ताओं को सही और महत्वपूर्ण आर्थिक जानकारी प्राप्त हो।