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2 यूरो में सुरक्षित करें हंगरी भ्रष्टाचार रैंक
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हंगरी में वर्तमान भ्रष्टाचार रैंक का मूल्य 77 है। हंगरी में भ्रष्टाचार रैंक 1/1/2022 को 77 तक बढ़ गया, जब यह 1/1/2021 को 73 था। 1/1/1995 से 1/1/2023 तक, हंगरी में औसत GDP 47.86 था। सर्वकालिक उच्च 1/1/2022 को 77 के साथ पहुंच गया था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/1/1995 को 28 के साथ रिकॉर्ड किया गया था।
भ्रष्टाचार रैंक ·
३ वर्ष
5 वर्ष
10 वर्ष
२५ वर्ष
मैक्स
भ्रष्टाचार रैंक | |
---|---|
1/1/1995 | 28 |
1/1/1996 | 31 |
1/1/1997 | 28 |
1/1/1998 | 33 |
1/1/1999 | 31 |
1/1/2000 | 32 |
1/1/2001 | 31 |
1/1/2002 | 33 |
1/1/2003 | 40 |
1/1/2004 | 42 |
1/1/2005 | 40 |
1/1/2006 | 41 |
1/1/2007 | 39 |
1/1/2008 | 47 |
1/1/2009 | 46 |
1/1/2010 | 50 |
1/1/2011 | 54 |
1/1/2012 | 46 |
1/1/2013 | 47 |
1/1/2014 | 47 |
1/1/2015 | 50 |
1/1/2016 | 57 |
1/1/2017 | 66 |
1/1/2018 | 64 |
1/1/2019 | 70 |
1/1/2020 | 69 |
1/1/2021 | 73 |
1/1/2022 | 77 |
भ्रष्टाचार रैंक इतिहास
तारीख | मूल्य |
---|---|
1/1/2022 | 77 |
1/1/2021 | 73 |
1/1/2020 | 69 |
1/1/2019 | 70 |
1/1/2018 | 64 |
1/1/2017 | 66 |
1/1/2016 | 57 |
1/1/2015 | 50 |
1/1/2014 | 47 |
1/1/2013 | 47 |
भ्रष्टाचार रैंक के समान मैक्रो संकेतक
नाम | वर्तमान | पिछला | फ्रीक्वेंसी |
---|---|---|---|
🇭🇺 भ्रष्टाचार सूचकांक | 42 Points | 42 Points | वार्षिक |
🇭🇺 राजकीय व्यय | 1.064 जैव. HUF | 1.165 जैव. HUF | तिमाही |
🇭🇺 राजकोष | -6.7 % of GDP | -6.2 % of GDP | वार्षिक |
🇭🇺 राजकोष का मूल्य | -234 अरब HUF | -427 अरब HUF | मासिक |
🇭🇺 राजकोषीय ऋण | 54.633 जैव. HUF | 54.136 जैव. HUF | मासिक |
🇭🇺 राजकोषीय ऋण से सकल घरेलू उत्पाद | 73.5 % of GDP | 74.1 % of GDP | वार्षिक |
🇭🇺 राजकोषीय व्यय | 3.733 जैव. HUF | 2.715 जैव. HUF | मासिक |
🇭🇺 राजस्व | 3.306 जैव. HUF | 2.949 जैव. HUF | मासिक |
🇭🇺 राज्य व्यय से सकल घरेलू उत्पाद | 49.5 % of GDP | 48.7 % of GDP | वार्षिक |
🇭🇺 शरणार्थी आवेदन | 0 persons | 5 persons | मासिक |
🇭🇺 सैन्य व्यय | 4.356 अरब USD | 3.257 अरब USD | वार्षिक |
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक देशों और क्षेत्रों को इस आधार पर रैंक करता है कि उनके सार्वजनिक क्षेत्र को कितना भ्रष्ट माना जाता है। किसी देश या क्षेत्र की रैंक सूचकांक में अन्य देशों और क्षेत्रों के सापेक्ष उसकी स्थिति को दर्शाती है।
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भ्रष्टाचार रैंक क्या है?
कोरप्शन रैंक: आधुनिक अर्थव्यवस्था पर एक समीक्षात्मक दृष्टिकोण कोरप्शन रैंक (Corruption Rank) वर्तमान में आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है। यह आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक न्याय की मूलभूत संरचना को प्रभावित करता है। जब हम कोरप्शन रैंक की बात करते हैं, तो हम सामान्यतः किसी भी देश में मौजूद भ्रष्टाचार की सीमा की ओर संकेत करते हैं। Eulerpool जैसी वेबसाइटें इस तरह के आंकड़ों को प्रस्तुत करके उपयोगकर्ताओं को व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। यह लेख कोरप्शन रैंक की महत्वता, इसके निर्धारण के तरीके, और इसके आर्थिक व सामाजिक प्रभाव की विस्तृत जांच करेगा। कोरप्शन रैंक का महत्व: कोरप्शन रैंक एक महत्वपूर्ण मानक है जो किसी भी देश की प्रशासनिक और सरकारी राजनीति की पारदर्शिता को मापता है। इसका सीधा संबंध आर्थिक स्थिरता, विदेशी निवेश और व्यापक समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से होता है। जब किसी देश की कोरप्शन रैंक ऊपर होती है, तो यह संकेत देती है कि उस देश में भ्रष्टाचार की स्थिति गंभीर है। इससे विदेशी निवेशक उस देश में निवेश करने से कतराते हैं और स्थानीय व्यापारिक गतिविधियाँ भी प्रभावित होती हैं। कोरप्शन रैंक का निर्धारण: कोरप्शन रैंक का निर्धारण कई स्रोतों और सूचकांकों के माध्यम से किया जाता है। Transparency International जैसे प्रतिष्ठित संगठन विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार का अध्ययन करते हैं और विभिन्न देशों की रैंकिंग प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न गैर-सरकारी संगठन, थिंक टैंक्स, और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियाँ भी भ्रष्टाचार के स्तर की जांच करती हैं और रिपोर्ट्स प्रस्तुत करती हैं। इन रिपोर्ट्स को संकलित करते समय विभिन्न मापदंडों पर विचार किया जाता है, जैसे कि सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी, आम जनता की धारणा, न्याय प्रणाली की निष्पक्षता, और प्रशासनिक पारदर्शिता। इन मापदंडों के आधार पर किसी भी देश की कोरप्शन रैंक निर्धारित की जाती है। आर्थिक प्रभाव: कोरप्शन रैंक का आर्थिक प्रभाव अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जो देश उच्च कोरप्शन रैंक पर होते हैं, उन्हें विदेशी निवेश आकृष्ट करने में कठिनाई होती है। व्यवसायिक वातावरण अनिश्चित होता है और व्यापारिक लेनदेन पर अतिरिक्त बोझ और जोखिम बढ़ता है। यह स्थिति अंततः मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता की ओर ले जाती है। इसके विपरीत, जो देश निम्न कोरप्शन रैंक पर होते हैं, उन्हें विदेशी निवेश मिलता है और आर्थिक विकास की सम्भावनाएँ बढ़ती हैं। सामाजिक प्रभाव: भ्रष्टाचार का प्रभाव सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी होता है। उच्च कोरप्शन रैंक वाले देशों में सार्वजनिक सेवाएँ जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा प्रभावित होती हैं। ऐसे में समाज के कमजोर वर्गों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है और समाज में असमानता बढ़ती है। इससे समाजिक अस्थिरता उत्पन्न होती है और जनसंख्या के बड़े हिस्से में अविश्वास का माहौल बन जाता है। सरकार की भूमिका: सरकार का कार्य है कि वह भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कठोर कदम उठाए। इसके तहत प्रभावी कानून व्यवस्था, पारदर्शिता, और सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ावा देना आवश्यक है। उदाहरण के रूप में, सूचना के अधिकार (RTI) जैसे कानून, नागरिकों को सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही प्राप्त करने में मदद करते हैं। सरकार द्वारा तकनीकी साधनों का उपयोग करके भी भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है, जैसे कि डिजिटलीकरण और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म्स का उपयोग। निष्कर्ष: कोरप्शन रैंक एक बहुआयामी और महत्वपूर्ण मापदंड है जो किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को प्रतिबिंबित करता है। Eulerpool जैसी वेबसाइटें इस तरह के आंकड़ों को सटीक और संजीदगी से प्रस्तुत करती हैं जिससे उपयोगकर्ताओं को बेहतर जानकारी मिलती है। कोरप्शन रैंक की गणना और उसके प्रभाव के अध्ययन के माध्यम से, हम न केवल अतीत और वर्तमान की स्थिति की समझ प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों का भी विश्लेषण कर सकते हैं। यह आलेख यह दर्शाता है कि कोरप्शन रैंक किस प्रकार से एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है किसी भी देश की असल स्थिति का माप लेने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए।