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🇭🇰

हांगकांग उत्पादकता

शेयर मूल्य

110.5 अंक
परिवर्तन +/-
+4.6 अंक
प्रतिशत में परिवर्तन
+4.25 %

हांगकांग में वर्तमान उत्पादकता का मूल्य 110.5 अंक है। हांगकांग में उत्पादकता 1/1/2021 को बढ़कर 110.5 अंक हो गई, जबकि 1/1/2020 को यह 105.9 अंक थी। 1/1/2000 से 1/1/2022 तक, हांगकांग में औसत GDP 89.19 अंक थी। 1/1/2021 को सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 110.5 अंक पहुंचा, जबकि न्यूनतम मूल्य 1/1/2001 को 63.4 अंक दर्ज किया गया।

स्रोत: Census and Statistics Department, Hong Kong

उत्पादकता

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

उत्पादकता

उत्पादकता इतिहास

तारीखमूल्य
1/1/2021110.5 अंक
1/1/2020105.9 अंक
1/1/2019105.3 अंक
1/1/2018106.6 अंक
1/1/2017106.1 अंक
1/1/2016102.1 अंक
1/1/2015100 अंक
1/1/201498.5 अंक
1/1/201394.7 अंक
1/1/201293 अंक
1
2
3

उत्पादकता के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇭🇰
जनसंख्या
7.5 मिलियन 7.47 मिलियन वार्षिक
🇭🇰
निर्माण में मजदूरी
17,135 HKD/Month17,020 HKD/Monthतिमाही
🇭🇰
न्यूनतम वेतन
40 HKD/Hour37.5 HKD/Hourवार्षिक
🇭🇰
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
65 Years65 Yearsवार्षिक
🇭🇰
बेरोजगार व्यक्ति
1,14,700 1,16,200 मासिक
🇭🇰
बेरोजगारी दर
3 %3 %मासिक
🇭🇰
मजदूरी
18,494 HKD/Month18,402 HKD/Monthतिमाही
🇭🇰
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
65 Years65 Yearsवार्षिक
🇭🇰
युवा बेरोजगारी दर
5.9 %5.9 %मासिक
🇭🇰
रोजगार के अवसर
73,072 80,652 तिमाही
🇭🇰
रोजगार दर
57.1 %57.1 %मासिक
🇭🇰
रोजगार में लगे व्यक्ति
3.697 मिलियन 3.694 मिलियन मासिक

हांगकांग में श्रम उत्पादकता सूचकांक को स्थिर मूल्य वर्धन सूचकांक को व्यक्ति-घंटों के सूचकांक द्वारा विभाजित कर और 100 के गुणक से गुणा करके प्राप्त किया जाता है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

उत्पादकता क्या है?

ईुलरपूल वेबसाइट पर मैक्रोइकोनॉमिक श्रेणी 'उत्पादकता' के लिए एक पेशेवर SEO ऑप्टिमाइज्ड विवरण उत्पादकता किसी भी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक है, जो न केवल आर्थिक विकास का संकेतक है बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को भी निर्धारण करता है। उत्पादकता की परिभाषा और महत्व को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि हम बेहतर नीतियों और रणनीतियों का विकास कर सकें जो आर्थिक प्रगति को गति दे सकें। ईुलरपूल वेबसाइट, जहां हम व्यापक और विस्तृत मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदर्शित करते हैं, 'उत्पादकता' श्रेणी में निम्नलिखित पहलुओं को कवर करते हैं: उत्पादकता की परिभाषा: आम तौर पर, उत्पादकता को आउटपुट्स और इनपुट्स के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह दर्शाता है कि किसी इकाई ने कितने संसाधनों (जैसे श्रम, पूंजी, समय) का उपयोग करते हुए कितना उत्पादन किया। उच्च उत्पादकता का मतलब है कि कम संसाधनों में अधिक उत्पादन हो रहा है, जो आर्थिक सफलता और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए महत्वपूर्ण है। उत्पादकता के प्रकार: 1. श्रम उत्पादकता: यह प्रति कर्मचारी द्वारा उत्पन्न उत्पादन की मात्रा को मापता है। इसे आम तौर पर कुल उत्पादन को कुल श्रमिक घंटों द्वारा विभाजित करके गणना किया जाता है। 2. पूंजी उत्पादकता: यह संसाधनों की दक्षता का अनुमान करके उत्पादन की गणना करता है। यह निवेश की गयी पूंजी की इकाइयों के प्रति उत्पादन की मात्रा को दर्शाता है। 3. मल्टी-फैक्टर उत्पादकता (MFP): यह अतिशयता की व्यापकता को मापता है और यह बताता है कि विभिन्न उत्पादन कारकों (जैसे श्रम, पूंजी, तकनीक) का सामूहिक योगदान कितना है। उत्पादकता के लाभ: उत्पादकता में वृद्धि से कई लाभ होते हैं। सबसे प्रमुख लाभों में शामिल हैं: 1. आर्थिक वृद्धि: उत्पादकता वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सुधार होता है, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधि बढ़ती है। 2. उच्च जीवनस्तर: उच्च उत्पादकता आमतौर पर उच्च वेतन और बेहतर जीवन स्थितियों के साथ संबंधित होती है। 3. प्रतिस्पर्धात्मकता: अधिक उत्पादकता वाले देश वैश्विक मुक्त बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धात्मक होते हैं। 4. मुद्रास्फीति की कम दर: उत्पादकता में वृद्धि से उत्पादन लागत में कमी आती है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें स्थिर रहती हैं। उत्पादकता प्रभावित करने वाले कारक: उत्पादकता में कई कारकों का योगदान होता है: 1. तकनीकी प्रगति: नई तकनीकों और नवाचारों का प्रयोग उत्पादन प्रक्रियाओं को दक्ष बनाता है। 2. शिक्षा और कौशल विकास: श्रम शक्ति की दक्षता को सुधारने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक है। 3. स्वास्थ्य और कल्याण: स्वस्थ और खुशहाल कर्मी अधिक उत्पादन करने में सक्षम होते हैं। 4. निवेश: पूंजी निवेश से बेहतर साधन और प्रौद्योगिकी प्राप्त होते हैं, जो उत्पादन की दक्षता में सुधार करते हैं। 5. संस्थागत ढांचा: देश का कानूनी और संस्थागत ढांचा भी उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है, जैसे कि श्रम बाजार नीतियां और व्यापार नीतियां। विकसित और विकासशील देशों में उत्पादकता: विकसित देशों में उत्पादकता वृद्धि मुख्यतः तकनीकी प्रगतियों और नवाचारों पर निर्भर करती है, जबकि विकासशील देशों में यह अक्सर शारीरिक और मानव पूंजी में निवेश पर निर्भर करती है। हालांकि, दोनों ही स्थितियों में, उत्पादकता में सुधार करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और संस्थागत सुधार महत्वपूर्ण हैं। उत्पादकता मापन के तरीके: उत्पादकता को मापने के कई तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है। सबसे आम तरीकों में शामिल हैं: 1. सकल उत्पादकता माप: यह देश की समग्र उत्पादकता को मापता है। 2. उद्योग आधारित उत्पादकता माप: यह विभिन्न उद्योगों में उत्पादकता की माप करता है। 3. संगठनात्मक उत्पादकता माप: यह व्यक्तिगत संगठनों और कंपनियों के स्तर पर उत्पादकता का मूल्यांकन करता है। उत्पादकता और नीति निर्माण: उत्पादकता में सुधार के लिए नीतिगत उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं। नीतिगत सुधारों में शामिल हो सकते हैं: 1. शिक्षा और प्रशिक्षण में निवेश: उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना। 2. नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना: अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ाना। 3. बुनियादी ढांचे में सुधार: परिवहन, संचार और ऊर्जा बुनियादी ढांचे में निवेश को प्राथमिकता देना। 4. व्यापार और निवेश नीतियों का सुधार: व्यापार अवरोधों को कम करना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना। 5. श्रम बाजार सुधार: श्रम बाजार में लचीलापन और सुरक्षा सुधार करना। ईुलरपूल वेबसाइट इस दिशा में विस्तृत और विश्वसनीय डेटा प्रदान करता है, जिससे नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और व्यवसायिक नेताओं को उत्पादकता से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता मिलती है। हमारी वेबसाइट के माध्यम से, आप उत्पादकता के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर सकते हैं और संपूर्ण आर्थिक वातावरण पर उनके प्रभावों को समझ सकते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम आपके लिए ऐसा डेटा उपलब्ध कराएं जो व्यावहारिक और उपयोगी हो, ताकि आप स्थायी आर्थिक प्रगति की दिशा में सार्थक कदम उठा सकें। ईुलरपूल वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहां आप उत्पादकता और अन्य मैक्रोइकोनॉमिक कारकों के संबंध में व्यापक और गहन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।