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🇫🇷

फ्रांस उत्पादक मूल्य

शेयर मूल्य

120 अंक
परिवर्तन +/-
+0.3 अंक
प्रतिशत में परिवर्तन
+0.25 %

फ्रांस में वर्तमान उत्पादक मूल्य 120 अंक है। फ्रांस में उत्पादक मूल्य 1/7/2024 को 120 अंक तक बढ़ गया, जबकि यह 1/6/2024 को 119.7 अंक था। 1/1/1995 से 1/8/2024 तक, फ्रांस की औसत GDP 87.68 अंक थी। 1/3/2023 को उत्पादक मूल्य का सर्वकालिक उच्चतम स्तर 138 अंक पर पहुंचा, जबकि न्यूनतम स्तर 1/2/1999 को 70.5 अंक दर्ज किया गया।

स्रोत: INSEE, France

उत्पादक मूल्य

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

निर्माता मूल्य

उत्पादक मूल्य इतिहास

तारीखमूल्य
1/7/2024120 अंक
1/6/2024119.7 अंक
1/5/2024120.1 अंक
1/4/2024122.2 अंक
1/3/2024126.7 अंक
1/2/2024128.3 अंक
1/1/2024130.3 अंक
1/12/2023131.6 अंक
1/11/2023131.7 अंक
1/10/2023128.7 अंक
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...
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उत्पादक मूल्य के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇫🇷
CPI ट्रांसपोर्ट
124.09 points129.35 pointsमासिक
🇫🇷
उत्पादक मूल्य परिवर्तन
-6.3 %-5.7 %मासिक
🇫🇷
उत्पादक मूल्य स्फीति मासिक दर मास
0.2 %0.3 %मासिक
🇫🇷
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)
119.64 points121.06 pointsमासिक
🇫🇷
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आवास और पार्श्व लागत
131.97 points132.05 pointsमासिक
🇫🇷
ऊर्जा मुद्रास्फीति
-2 %-3.3 %मासिक
🇫🇷
किराया मुद्रास्फीति
2.7 %2.8 %मासिक
🇫🇷
खाद्य मुद्रास्फीति
0.6 %0.5 %मासिक
🇫🇷
मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
116.28 points116.71 pointsमासिक
🇫🇷
मुख्य मुद्रास्फीति दर
1.4 %1.7 %मासिक
🇫🇷
मुद्रास्फीति दर
1.2 %1.8 %मासिक
🇫🇷
मुद्रास्फीति दर मासिक
0.2 %0.1 %मासिक
🇫🇷
समन्वित उपभोक्ता मूल्य
123.6 points123.4 pointsमासिक
🇫🇷
सामंजस्त मुद्रास्फीति दर वार्षिक
1.5 %2.2 %मासिक
🇫🇷
सामंजस्यित मुद्रास्फीति दर मासिक वृद्धि
0.3 %-1.3 %मासिक
🇫🇷
सेवा मुद्रास्फीति
2.2 %2.4 %मासिक

फ्रांस में उत्पादक मूल्य सूचकांक एक निर्दिष्ट अवधि के दौरान थोक बाजार में निर्माताओं और उत्पादकों द्वारा बेचे जाने वाले वस्त्रों और सेवाओं की कीमत में औसत परिवर्तन को मापता है।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

उत्पादक मूल्य क्या है?

ई-उलरपूल (Eulerpool) के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है व्यापक जानकारी और विवरण के साथ मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रस्तुत करना। इस संदर्भ में, 'प्रोड्यूसर प्राइसेस' (उत्पादक कीमतें) एक अत्यंत महत्वपूर्ण श्रेणी है जिसे समझना आवश्यक है। उत्पादक कीमतें किसी भी अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण मापदंड होती हैं, जिन्हें उनकी व्यापक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के स्तर को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए इस श्रेणी का व्यापक विश्लेषण और समझ विकसित करें। ** उत्पादक कीमतें (Producer Prices) क्या हैं? ** उत्पादक कीमतें उन कीमतों को दर्शाती हैं जिन्हें उत्पादक अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए प्राप्त करते हैं, इससे पहले कि वे उपभोक्ता बाजार के लिए तैयार हो जाएं। इसे उत्पादन मूल्य सूचकांक (Producer Price Index या PPI) के माध्यम से मापा जाता है। PPI का उपयोग विभिन्न उद्योगों के डाटा को समाहित करके एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिससे कि अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को समझा जा सके। ** PPI का महत्व ** उत्पादन मूल्य सूचकांक (PPI) का प्रमुख उपयोग मुद्रास्फीति के उच्चतम और मामूली स्तर को मापने में होता है। यह सूचकांक विभिन्न उत्पादन चरणों में मूल्य परिवर्तनों को मापता है, जिससे कि केंद्र और राज्य सरकारें, नीति निर्धारक, और वित्तीय संस्थान व्यापक आर्थिक नीतियाँ बना सकें। इसके अलावा, यह सूचकांक बिजनेस प्लानिंग, मूल्य निर्धारण रणनीतियों और लागत प्रबंधन में भी मदद करता है। ** कैसे मापा जाता है PPI? ** PPI को मापने के लिए उत्पाद और सेवाओं की एक खास टोकरी का चयन किया जाता है, जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है। इसमें विभिन्न उद्योगों से संबंधित उत्पादों और सेवाओं के मूल्य शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि, खनन, विनिर्माण, बिजली उत्पादन आदि उद्योगों के डेटा को शामिल किया जाता है। ये कीमतें नियमित अंतराल पर एकत्र की जाती हैं और एक सामान्य आधार वर्ष के साथ तुलना करके सूचकांक तैयार किया जाता है। ** PPI और सीपीआई (CPI) के बीच अंतर ** PPI और CPI (Consumer Price Index) दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति सूचकांक हैं, लेकिन इनके कुछ बुनियादी अंतर हैं। PPI उत्पादन स्तर पर कीमतें मापता है, जबकि CPI उपभोक्ता स्तर पर कीमतों को मापता है। PPI सीधे उत्पादकों की कीमतों को दर्शाता है, वहीं CPI उपभोक्ताओं द्वारा खुदरा बाजार में चुकाई गई कीमतों को मापता है। इस प्रकार, PPI आमतौर पर पहले बदलावों को रिकॉर्ड करता है जो कि अंततः CPI में परिलक्षित होते हैं। ** PPI के व्यावहारिक उद्देश्‍य ** 1. **मुद्रास्फीति को समझना और नियंत्रित करना:** PPI नीति निर्माताओं को मुद्रास्फीति दर को समझने और उचित कदम उठाने में मदद करता है। इससे मौद्रिक नीतियों और फिस्कल नीतियों के निर्धारण में सहायता मिलती है। 2. **विभिन्न उद्योगों की लागत और लाभ का विकास:** अलग-अलग उद्योगों में उत्पादक कीमतों का विश्लेषण करके यह समझा जा सकता है कि किन उद्योगों में लागत बढ़ रही है और किस प्रकार की मूल्य निर्धारण रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। 3. **विनिर्माण और व्यापार नीति:** PPI के माध्यम से सरकार और उद्योग जगत को यह समझ में आता है कि किस प्रकार की व्यापार नीतियाँ और विनिर्माण प्रक्रियाएँ अपनाई जानी चाहिए। 4. **आर्थिक पूर्वानुमान:** PPI के डेटा के आधार पर आर्थिक विशेषज्ञ और वित्तीय संस्थान भविष्य की आर्थिक स्थितियों का पूर्वानुमान लगा सकते हैं, जिससे वे निवेशकों को सही सलाह दे सकें। ** PPI विसंगतियों के संभावित कारण ** 1. **सट्टेबाजी और व्यापार नीति:** अगर किसी विशेष समय सीमा में रॉ मटेरियल्स की कीमतें अधिक होती हैं, तो यह PPI में वित्तीय विसंगतियों का कारण बन सकता है। 2. **विनिमय दर में परिवर्तन:** विदेशी मुद्रा विनिमय दर में बदलाव भी PPI को प्रभावित कर सकता है, विशेषत: उन उत्पादों के लिए जो आयातित होते हैं। 3. **प्राकृतिक आपदाएँ:** बाढ़, सूखा, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी उत्पादन और निम्न व्यावसायिक गतिविधियों को प्रभावित करती हैं, जिससे मूल्य परिवर्तनों में विसंगति पैदा हो सकती है। ** भारत में PPI का भूमिका ** भारत में उत्पादन मूल्य सूचकांक (PPI) का महत्व अन्य देशों जितना ही महत्वपूर्ण है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापार और विनिर्माण की एक सटीक तस्वीर प्रस्तुत करता है। भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) PPI डेटा का विश्लेषण करके मौद्रिक नीतियों को संशोधित करते हैं और आगामी आर्थिक-सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। ई-उलरपूल (Eulerpool) पर हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे उपयोगकर्ताओं को सभी प्रकार के मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, विशेष रूप से PPI, का सटीक और विस्तृत विश्लेषण प्राप्त हो। हमारे अत्याधुनिक डेटाबेस और विश्लेषण उपकरण इस दिशा में आपकी हर संभव सहायता करेंगे। PPI के विभिन्न पहलुओं और अन्य मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों के बारे में अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट के अन्य अनुभागों का भी निरीक्षण करें।