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प्रोफ़ाइल
🇪🇪

एस्टोनिया वेतन वृद्धि

शेयर मूल्य

6.1 %
परिवर्तन +/-
-2.2 %
प्रतिशत में परिवर्तन
-30.56 %

एस्टोनिया में वर्तमान वेतन वृद्धि का मूल्य 6.1 % है। एस्टोनिया में वेतन वृद्धि 1/3/2025 को घट कर 6.1 % हो गया, जब यह 1/12/2024 को 8.3 % था। 1/3/2003 से 1/3/2025 तक, एस्टोनिया में औसत जीडीपी 8.01 % थी। यह सर्वकालिक उच्चतम मूल्य 1/6/2007 को 21.2 % के साथ पहुँचा, जबकि निम्नतम मूल्य 1/12/2009 को -6.6 % दर्ज किया गया।

स्रोत: Statistics Estonia

वेतन वृद्धि

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

वेतन वृद्धि

वेतन वृद्धि इतिहास

तारीखमूल्य
1/3/20256.1 %
1/12/20248.3 %
1/9/20248.1 %
1/6/20247.2 %
1/3/20248.8 %
1/12/20239.7 %
1/9/202310.4 %
1/6/202312.4 %
1/3/202313.3 %
1/12/202212.1 %
1
2
3
4
5
...
9

वेतन वृद्धि के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇪🇪
अंशकालिक काम
85,400 87,900 तिमाही
🇪🇪
उत्पादकता
118.247 points116.978 pointsतिमाही
🇪🇪
औसत घंटे की कमाई
12.61 EUR/Hour12.14 EUR/Hourतिमाही
🇪🇪
काम करने के लागत
147.09 points144.27 pointsतिमाही
🇪🇪
जनसंख्या
1.38 मिलियन 1.37 मिलियन वार्षिक
🇪🇪
दीर्घकालिक बेरोजगारी दर
1.4 %2.1 %तिमाही
🇪🇪
निर्माण में मजदूरी
1,836 EUR/Month1,911 EUR/Monthतिमाही
🇪🇪
नौकरी की पेशकश दर
1.5 %1.7 %तिमाही
🇪🇪
न्यूनतम वेतन
886 EUR/Month886 EUR/Monthतिमाही
🇪🇪
पुरुषों की सेवानिवृत्ति आयु
64.75 Years64.75 Yearsवार्षिक
🇪🇪
पूर्णकालिक रोजगार
5,64,000 5,66,800 तिमाही
🇪🇪
बेरोजगार व्यक्ति
47.357 मिलियन 49,858 मासिक
🇪🇪
बेरोजगारी दर
8.6 %7.4 %तिमाही
🇪🇪
मजदूरी
2,011 EUR/Month2,062 EUR/Monthतिमाही
🇪🇪
महिलाओं की सेवानिवृत्ति आयु
64.75 Years64.75 Yearsवार्षिक
🇪🇪
युवा बेरोजगारी दर
19.1 %19 %मासिक
🇪🇪
रोजगार के अवसर
5,876 4,676 मासिक
🇪🇪
रोजगार दर
67.4 %68.5 %तिमाही
🇪🇪
रोजगार दर
73.7 %74 %तिमाही
🇪🇪
रोजगार परिवर्तन
-0.8 %0 %तिमाही
🇪🇪
रोजगार में लगे व्यक्ति
6,81,600 6,94,800 तिमाही

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

वेतन वृद्धि क्या है?

वेतन वृद्धि (Wage Growth) एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक है, जो किसी देश की आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रगति के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। वेतन वृद्धि को समझने के लिए, सबसे पहले हमें यह समझना आवश्यक है कि यह किन घटकों पर निर्भर करती है और इसके प्रभाव क्या हो सकते हैं। वेतन वृद्धि का निर्धारण विभिन्न कारकों के आधार पर होता है, जिसमें शामिल हैं कंपनियों की उत्पादकता, श्रम बाजार की स्थिति, मुद्रास्फीति और सरकारी नीतियां। जब कंपनियां ज्यादा लाभ कमाती हैं और उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है, तो वे अपने कर्मचारियों को ज्यादा वेतन देने में सक्षम होती हैं। इसी प्रकार, यदि श्रम बाजार में मांग अधिक होती है और आपूर्ति कम, तो श्रमिकों को बेहतर वेतन प्राप्त करने के अवसर बढ़ जाते हैं। वेतन वृद्धि का एक सीधा संबंध मुद्रास्फीति से भी होता है। अगर मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है, तो जीवन यापन की लागत भी बढ़ जाती है। ऐसे में कर्मचारी सामान्यतः उच्च वेतन की मांग करते हैं ताकि वे अपने जीवन स्तर को बनाए रख सकें। सरकारी नीतियां, जैसे कि न्यूनतम वेतन कानून और श्रमिक सांविधिक लाभ, भी वेतन वृद्धि को प्रभावित करती हैं। वेतन वृद्धि का व्यापक प्रभाव विभिन्न आर्थिक और सामाजिक पहलुओं पर भी पड़ता है। उच्च वेतन वृद्धि श्रमिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाती है, जिससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होती है। इससे घरेलू मांग में वृद्धि होती है, जो आर्थिक विकास को गति प्रदान करती है। इसी प्रकार, वेतन वृद्धि से सरकार को भी लाभ होता है क्योंकि इससे कर राजस्व में भी इज़ाफा होता है। वहीं दूसरी ओर, वेतन वृद्धि अत्यधिक हो जाती है, तो इससे मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा भी रहता है। जब कंपनियों को अपने कर्मचारियों को उच्च वेतन देना पड़ता है, तो वे अपनी उत्पादन लागत को कम करने के लिए उत्पादों और सेवाओं की कीमतें बढ़ा सकती हैं। इससे सामान्य मुद्रास्फीति दर बढ़ सकती है, जो कि एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। वेतन वृद्धि का समग्र प्रभाव समाज पर भी देखने को मिलता है। यह श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाता है, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उच्च वेतन वृद्धि से श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, और जीवन की अन्य सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। इसके साथ ही, इसके कारण श्रम बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, जिससे कंपनियों को अपनी कार्यप्रणालियों में सुधार करना पड़ता है। यदि हम विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में वेतन वृद्धि का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि हर क्षेत्र और उद्योग में वेतन वृद्धि की दर भिन्न होती है। उच्च तकनीकी और प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों में वेतन वृद्धि की दर अपेक्षाकृत अधिक होती है, क्योंकि इन उद्योगों में कुशल श्रमिकों की अत्यधिक मांग होती है। इसके विपरीत, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में वेतन वृद्धि की दर अपेक्षाकृत कम होती है। वेतन वृद्धि की दर का अध्ययन करना और समझना न केवल नीति निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे वे यह जान सकते हैं कि अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है और किन क्षेत्रों में अवसर अधिक हैं। इसके अलावा, यह निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वेतन वृद्धि से कंपनी के मुनाफे और योजनाओं पर प्रभाव पड़ता है। वेतन वृद्धि के प्रभावी अध्ययन और विश्लेषण के लिए व्यापक डेटा की आवश्यकता होती है। यह डेटा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है, जैसे कि सरकारी आंकड़े, सर्वेक्षण रिपोर्ट और कंपनी का आंतरिक डेटा। इन आंकड़ों की विश्लेषण से हमें वेतन वृद्धि की दिशा और प्रवृत्ति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलती है। Eulerpool वेबसाइट पर हम अपने उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीय और अद्यतित मैक्रोइकोनॉमिक डेटा प्रदान करने का प्रयास करते हैं। वेतन वृद्धि के आंकड़ों को समझकर हमारे उपयोगकर्ता बेहतर आर्थिक निर्णय ले सकते हैं और अपनी आर्थिक रणनीतियों को और अधिक सटीकता से तैयार कर सकते हैं। अंत में, वेतन वृद्धि एक अत्यंत जटिल और महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक है, जो किसी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाता है। इसके अध्ययन से हमें न केवल आर्थिक प्रवृत्तियों के बारे में जानकारी मिलती है, बल्कि हमें भविष्य की योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से तैयार करने में भी मदद मिलती है। Eulerpool की टीम निरंतर यह सुनिश्चित करती है कि हमारे उपयोगकर्ताओं को सटीक, विश्वसनीय और अद्यतित आंकड़े प्राप्त हों, ताकि वे अपनी आर्थिक रणनीतियों को अधिक लाभमयी रूप से लागू कर सकें।