अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ निवेश करें

23,8 % Ø-Performance der Fair-Value-Strategie seit 2003
2 यूरो में सुरक्षित करें
Analyse
प्रोफ़ाइल
🇨🇾

साइप्रस विदेशी मुद्रा भंडार

शेयर मूल्य

2.117 अरब EUR
परिवर्तन +/-
-26.5 मिलियन EUR
प्रतिशत में परिवर्तन
-1.24 %

साइप्रस में विदेशी मुद्रा भंडार का वर्तमान मूल्य 2.117 अरब EUR है। साइप्रस में विदेशी मुद्रा भंडार 1/3/2025 को 2.144 अरब EUR से घटकर 1/4/2025 को 2.117 अरब EUR हो गया। 1/1/1980 से 1/4/2025 तक साइप्रस का औसत सकल घरेलू उत्पाद 1.28 अरब EUR था। 1/12/2006 पर उच्चतम मूल्य 4.45 अरब EUR के साथ प्राप्त हुआ, जबकि सबसे कम मूल्य 1/6/1980 को 174.7 मिलियन EUR दर्ज किया गया।

स्रोत: Central Bank of Cyprus

विदेशी मुद्रा भंडार

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास

तारीखमूल्य
1/4/20252.117 अरब EUR
1/3/20252.144 अरब EUR
1/2/20252.105 अरब EUR
1/1/20252.087 अरब EUR
1/12/20242.01 अरब EUR
1/11/20242.005 अरब EUR
1/10/20242.002 अरब EUR
1/9/20241.899 अरब EUR
1/8/20241.85 अरब EUR
1/7/20241.85 अरब EUR
1
2
3
4
5
...
55

विदेशी मुद्रा भंडार के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇨🇾
मुद्रा आपूर्ति M0
3.351 अरब EUR3.349 अरब EURमासिक
🇨🇾
मुद्रा आपूर्ति M1
34.573 अरब EUR34.584 अरब EURमासिक
🇨🇾
मुद्रा आपूर्ति M2
51.228 अरब EUR51.373 अरब EURमासिक
🇨🇾
मुद्रा समूह M3
50.848 अरब EUR51.002 अरब EURमासिक

साइप्रस में विदेशी मुद्रा भंडार वे विदेशी संपत्तियां हैं जो देश के केंद्रीय बैंक द्वारा धारण या नियंत्रित की जाती हैं। इन भंडारों में सोना या एक विशिष्ट मुद्रा शामिल होती है। यह स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स और ट्रेजरी बिल्स, सरकारी बांड, कॉर्पोरेट बांड और इक्विटीज और विदेशी मुद्रा ऋण जैसी विदेशी मुद्राओं में नामांकित विपणन योग्य प्रतिभूतियां भी हो सकते हैं।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज यूरोप

विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?

विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) किसी भी देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन होते हैं, जो देश की आर्थिक स्थिति, वित्तीय स्थिरता और बाहरी आर्थिक संबंधों की क्षमता को प्रतिबिंबित करते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार की परिभाषा, महत्व, घटक और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत दृष्टिकोण से समझना आवश्यक है, जिससे इसकी उपयोगिता और इसकी भूमिका को संपूर्णता में जाना जा सके। इस लेख में हम विदेशी मुद्रा भंडार के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को आधुनिक मानक हिंदी में पेश करेंगे। विदेशी मुद्रा भंडार को केंद्रीय बैंक और अन्य सरकारी संस्थानों द्वारा संचित किए गए विदेशी मुद्रा, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से प्राप्त ऋण के रूप में समझा जा सकता है। यह भंडार देश की मुद्रा को स्थिर रखने, वित्तीय संकटों से निपटने और वैश्विक भुगतान संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है। विदेशी मुद्रा भंडार की प्राथमिक भूमिका देश की विनिमय दर को स्थिर बनाए रखने में होती है। केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग कर बाजार में मुद्रा की आपूर्ति और मांग को नियंत्रित करता है। यदि मुद्रा के मूल्य में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है तो केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बेच या खरीद कर मुद्रा के मूल्य को स्थिर करता है। इससे न केवल अर्थव्यवस्था की स्थिरता बढती है बल्कि वैश्विक व्यापार और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ता है। विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व केवल विनिमय दर की स्थिरता तक ही सीमित नहीं है। यह भंडार देश की आयात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी आवश्यक होता है। एक देश को आयात के लिए विदेशी मुद्रा में भुगतान करना होता है और यदि देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार नहीं होता है तो आयात की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसके अतिरिक्त, विदेशी मुद्रा भंडार संकट के समय में एक बफर का काम करता है। वैश्विक वित्तीय संकट, प्राकृतिक आपदाओं या किसी अन्य असामान्य स्थिति में विदेशी मुद्रा भंडार राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में सहायक साबित होता है। विदेशी मुद्रा भंडार का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू निवेश संबंधित निर्णयों में सहायता करना है। विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके माध्यम से देश को लाभप्रद निवेश अवसरों का लाभ उठाने का मौका मिलता है। केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का कुछ हिस्सा विदेशी सरकारों या अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी की गई बांडों में निवेश करता है जिससे न केवल सुरक्षा मिलती है बल्कि उचित रिटर्न भी प्राप्त होता है। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार अंतर्राष्ट्रीय ऋण दायित्वों को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होने से अंतर्राष्ट्रीय ऋण चुकाने में आसानी होती है और देश के अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग में सुधार होता है जो भविष्य में कर्ज लेकर आर्थिक विकास की दिशा में अग्रसर होने में मदद करता है। विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखने और प्रबंधित करने में केंद्रीय बैंक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। केंद्रीय बैंक नियमित रूप से विभिन्न फैक्टर्स जैसे कि मुद्रा विनिमय दर, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को ध्यान में रखते हुए विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन की रणनीति बनाता है। केंद्रीय बैंक द्वारा समय-समय पर विदेशी मुद्रा भंडार से संबंधित डेटा जारी किया जाता है जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और निवेशकों तथा नागरिकों को विश्वसनीय सूचना प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि करने हेतु नीतिगत निर्णय भी लिए जाते हैं। जैसे कि सरकार द्वारा निर्यात को प्रोत्साहित करना, विदेशी निवेश आकर्षित करना, और पर्यटन को बढ़ावा देना जिससे विदेशी मुद्रा की आवक होती है। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा को बढ़ाना और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना होता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बढ़ते हुए महत्व को ध्यान में रखते हुए विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व और प्रासंगिकता भविष्य में और भी बढ़ेगी। आर्थिक नीतियों, वित्तीय प्रबंधन और वैश्विक रिश्तों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक देश को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना और उसे संतुलित मात्रा में बनाए रखना आवश्यक होगा। अंततः, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का महत्वपूर्ण आयाम होते हैं। यह भंडार न केवल वित्तीय स्थिरता और विनिमय दर को संतुलित बनाए रखता है बल्कि वैश्विक आर्थिक संकटों के समय एक सुरक्षित कवच के रूप में कार्य करता है। उचित प्रबंधन और रणनीतिक दृष्टिकोण से विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग देश की आर्थिक प्रगति और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आपके लिए हमारे वेबसाइट eulerpool पर विदेशी मुद्रा भंडार से संबंधित अद्यतित और विस्तृत जानकारियाँ उपलब्ध हैं। हमारी तकनीकी सेवाओं और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके आप अपने वित्तीय निर्णयों को और भी ज्यादा सूक्ष्म और सटीक बना सकते हैं।