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🇨🇳

चीन व्यापार संतुलन

शेयर मूल्य

72.35 अरब USD
परिवर्तन +/-
+13.8 अरब USD
प्रतिशत में परिवर्तन
+21.08 %

चीन में वर्तमान व्यापार संतुलन का मूल्य 72.35 अरब USD है। चीन में व्यापार संतुलन 72.35 अरब USD पर 72.35 अरब को बढ़ गया, जबकि यह 58.55 अरब USD पर 1/3/2024 को था। 1/1/1981 से 1/5/2024 तक, चीन में औसत GDP 15.52 अरब USD थी। 1/2/2024 को 125.16 अरब USD के साथ सर्वकालिक उच्चतम स्तर प्राप्त हुआ, जबकि सबसे कम मूल्य 1/2/2020 को -61.99 अरब USD के साथ रिकॉर्ड किया गया।

स्रोत: General Administration of Customs

व्यापार संतुलन

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

व्यापार शेष (ट्रेड बैलेंस)

व्यापार संतुलन इतिहास

तारीखमूल्य
1/4/202472.35 अरब USD
1/3/202458.55 अरब USD
1/2/2024125.16 अरब USD
1/1/202485.46 अरब USD
1/12/202375.31 अरब USD
1/11/202369.45 अरब USD
1/10/202356.13 अरब USD
1/9/202375.5 अरब USD
1/8/202367.81 अरब USD
1/7/202380.22 अरब USD
1
2
3
4
5
...
41

व्यापार संतुलन के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
🇨🇳
आतंकवाद सूचकांक
0.582 Points0 Pointsवार्षिक
🇨🇳
आयात rss_CYCLIC_REPLACE_MARK rss_CYCLIC_REPLACE_MARK
219.73 अरब USD220.15 अरब USDमासिक
🇨🇳
आयात YoY
-2.3 %0.3 %मासिक
🇨🇳
इलेक्ट्रिक कारों का निर्यात
1,53,660 1,44,639 मासिक
🇨🇳
ऑटो निर्यात
5,12,235 74,890 मासिक
🇨🇳
कच्चे तेल का उत्पादन
4,250 BBL/D/1K4,274 BBL/D/1Kमासिक
🇨🇳
चालू खाता
39.2 अरब USD56.192 अरब USDतिमाही
🇨🇳
चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में
1.5 % of GDP2.2 % of GDPवार्षिक
🇨🇳
जलमार्ग माल परिवहन
831.45 मिलियन Ton838.59 मिलियन Tonमासिक
🇨🇳
निर्यात
302.35 अरब USD292.45 अरब USDमासिक
🇨🇳
निर्यात YoY
12.7 %2.4 %मासिक
🇨🇳
पर्यटक आगमन
13.78 मिलियन 0 वार्षिक
🇨🇳
पूंजी प्रवाह
-48.373 अरब USD-74.429 अरब USDतिमाही
🇨🇳
प्रत्यक्ष निवेश देयताएँ
17.668 अरब USD-11.753 अरब USDतिमाही
🇨🇳
माल ढुलाई रेलवे
427.01 मिलियन Ton432.85 मिलियन Tonमासिक
🇨🇳
माल परिवहन
4.958 अरब Ton4.881 अरब Tonमासिक
🇨🇳
माल यातायात ऑटोबाहन
3.699 अरब Ton3.608 अरब Tonमासिक
🇨🇳
मालवाहक नागरिक उड्डयन
8,00,000 Ton7,60,000 Tonमासिक
🇨🇳
विदेशी कर्ज
2.448 जैव. USD2.453 जैव. USDवार्षिक
🇨🇳
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
49.73 अरब USD49.7 अरब USDमासिक
🇨🇳
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश YoY
-28.2 %-27.9 %मासिक
🇨🇳
व्यापार शेष (माल)
167.108 अरब USD121.309 अरब USDतिमाही
🇨🇳
व्यापारिक शर्तें
96.4 points92.4 pointsमासिक
🇨🇳
शस्त्र बिक्री
2.432 अरब SIPRI TIV2.083 अरब SIPRI TIVवार्षिक
🇨🇳
सेवा व्यापार शेष
-61.744 अरब USD-61.226 अरब USDतिमाही
🇨🇳
स्वर्ण भंडार
2,264.32 Tonnes2,262.45 Tonnesतिमाही

1995 से, चीन लगातार व्यापार अधिशेष दर्ज कर रहा है। 2022 में, व्यापार अधिशेष 31% बढ़कर USD 876.91 अरब हो गया, जो 1950 से रिकॉर्ड शुरू होने के बाद सबसे अधिक है, जिसमें निर्यात में 7% की वृद्धि और आयात में 1% की वृद्धि हुई।

अन्य देशों के लिए मैक्रो-पेज एशिया

व्यापार संतुलन क्या है?

बैलेंस ऑफ ट्रेड (व्यापार संतुलन) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो एक देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति व उसकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों को मापता है। यह संकेतक, किसी भी देश का कुल निर्यात और कुल आयात के मध्य के अंतर को निर्धारित करता है। जब किसी देश का निर्यात आयात से अधिक होता है, तो इसे व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) कहा जाता है, और जब आयात निर्यात से अधिक होता है, तो इसे व्यापार घाटा (ट्रेड डेफिसिट) कहते हैं। वर्तमान समय में, व्यापार संतुलन विभिन्न राष्ट्रों की आर्थिक रणनीतियों और नीतियों का केंद्र बिंदु बना हुआ है। व्यापार संतुलन का अध्ययन और विश्लेषण न केवल नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि निवेशकों, अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों और आर्थिक शोधकर्ताओं के लिए भी प्रमुख है। व्यापार संतुलन का महत्व कई पहलुओं में देखा जा सकता है। सबसे पहले, यह किसी देश की विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावित करता है। व्यापार अधिशेष से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है, जबकि व्यापार घाटा से भंडार में कमी आती है। विदेशी मुद्रा भंडार का स्तर किसी देश की मिंटरी नीति, मुद्रा स्थिरता और व्यापारिक परिवेश पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। दूसरे, व्यापार संतुलन किसी देश की आर्थिक वृद्धि (GDP) पर भी प्रभाव डालता है। निर्यात में वृद्धि से उत्पादन और व्यवसायों में बढ़ोतरी होती है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। इसके विपरीत, आयात में वृद्धि से घरेलू उद्योगों पर दबाव बनता है और कई बार रोजगार के अवसरों में कटौती भी हो सकती है। तीसरे, व्यापार संतुलन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है। व्यापार घाटा वाले देश अक्सर व्यापार संतुलन सुधारने के लिए विभिन्न नीतियां अपनाते हैं, जैसे की आयात शुल्क में वृद्धि या निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देना। इन नीतियों से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में असंतुलन और व्यापार विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। चौथे, व्यापार संतुलन किसी देश की मुद्रा मूल्य को भी प्रभावित कर सकता है। व्यापार अधिशेष से मुद्रा में मजबूती आ सकती है जबकि व्यापार घाटा से मुद्रा पर दबाव बनता है। मुद्रा मूल्य के इस उतार-चढ़ाव से निवेशकों और व्यापारियों के लिए व्यापार वातावरण में अनिश्चितता बढ़ सकती है। आर्थिक नीति निर्माताओं के लिए, व्यापार संतुलन को ठीक प्रकार से संतुलित रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इसके लिए उन्हें देश की उत्पादन क्षमता, वैश्विक मांग और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखना पड़ता है। व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे कि निर्यात को प्रोत्साहन देना, आयात पर नियंत्रण लगाना, उत्पादन लागत को कम करना, और विविधता लाने के लिए नए व्यापारिक साझेदार ढूँढना। भारत के मामले में, व्यापार संतुलन का अत्यधिक महत्व है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ गहरे अंतर्राष्ट्रीय संबंध रखती है। निर्यात में वृद्धि से भारतीय मुद्रा, रूपया, को मजबूती मिलती है और विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होती है। आयात के मामले में, भारत जैसे विकासशील देश के लिए आयातित वस्तुओं की कीमतों का कम होना आवश्यक होता है ताकि देश की आर्थिक वृद्धि में बाधा न आ सके। उभरते हुए आर्थिक परिवर्तनों और वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं के मध्य, भारत को व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए मजबूत रणनीतियों और नीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए भारतीय सरकार विभिन्न प्रकार की नीतियों को लागू कर रही है जैसे कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान, जो कि देश की उत्पादन क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास हैं। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और मंचों पर भी व्यापार संतुलन का विश्लेषण महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), और विश्व बैंक जैसे संगठनों द्वारा विभिन्न देशों के व्यापार संतुलन पर नियमित रूप से रिपोर्ट प्रकाशित की जाती हैं। इन रिपोर्ट्स के माध्यम से विभिन्न देशों के नीति निर्माता और आर्थिक विशेषज्ञ, अन्य देशों की आर्थिक स्थितियों और नीतियों का विश्लेषण कर सकते हैं और अपने देश में आवश्यक सुधार कर सकते हैं। अंततः, बैलेंस ऑफ ट्रेड का न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से, बल्कि संपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में भी महत्व है। इसलिए, इसका नियमित विश्लेषण और अध्ययन हर देश के लिए आवश्यक है। भारत जैसे देश के लिए, जहाँ पर आर्थिक विकास और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशिष्ट महत्व रखते हैं, व्यापार संतुलन की एहमियत और भी बढ़ जाती है। एक सक्रिय और संतुलित व्यापार नीति द्वारा ही देश पूर्ण रूप से आर्थिक समृद्धि और स्थिरता प्राप्त कर सकता है। Eulerpool के रूप में, हमारी वेबसाइट का उद्देश्य हमारे उपयोगकर्ताओं को व्यापार संतुलन और अन्य मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों से संबंधित डेटा और विश्लेषण प्रदान करना है। उच्च गुणवत्तायुक्त डेटा और स्तरीय शोध के माध्यम से, हम आर्थिक जगत के प्रति आपके ज्ञान में वृद्धिक्र करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।