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ब्राज़ील आवासीय संपत्ति मूल्य

शेयर मूल्य

3.69 %
परिवर्तन +/-
+0.74 %
प्रतिशत में परिवर्तन
+22.29 %

ब्राज़ील में आवासीय संपत्ति मूल्य का वर्तमान मूल्य 3.69 % है। 1/12/2023 को ब्राज़ील में आवासीय संपत्ति मूल्य बढ़कर 3.69 % हो गया, जबकि 1/9/2023 को यह 2.95 % था। 1/3/2002 से 1/3/2024 तक, ब्राज़ील में औसत GDP 9.23 % थी। 1/3/2010 को उच्चतम स्तर 26.17 % पर पहुंच गया था, जबकि सबसे कम मूल्य 1/9/2016 को -2.89 % दर्ज किया गया था।

स्रोत: Bank for International Settlements

आवासीय संपत्ति मूल्य

  • ३ वर्ष

  • 5 वर्ष

  • 10 वर्ष

  • २५ वर्ष

  • मैक्स

आवासीय संपत्ति की कीमतें

आवासीय संपत्ति मूल्य इतिहास

तारीखमूल्य
1/12/20233.69 %
1/9/20232.95 %
1/6/20232.22 %
1/3/20231.71 %
1/12/20221.62 %
1/9/20222.12 %
1/6/20223.17 %
1/3/20224.63 %
1/12/20216.24 %
1/9/20217.69 %
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आवासीय संपत्ति मूल्य के समान मैक्रो संकेतक

नामवर्तमानपिछला फ्रीक्वेंसी
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वोहनुंग्सइंडेक्स
166.6 points165.4 pointsमासिक

ब्राज़ील में आवासीय संपत्ति की कीमतें नाममात्र आवासीय संपत्ति की कीमतों में वर्ष-दर-वर्ष परिवर्तन को संदर्भित करती हैं।

आवासीय संपत्ति मूल्य क्या है?

Eulerpool वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहां हम आपको विभिन्न आर्थिक श्रेणियों के बारे में विशेषज्ञ जानकारी प्रदान करते हैं। आज, हम भारतीय वित्तीय परिदृश्य के एक महत्वपूर्ण पहलू पर बातचीत करेंगे: आवासीय संपत्ति की कीमतें। यह मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक न केवल व्यक्तिगत वित्तीय योजनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह सम्पूर्ण आर्थिक विकास और स्थिरता का भी प्रतिनिधित्व करता है। आवासीय संपत्ति की कीमतें वह सूचकांक हैं जो यह बताते हैं कि किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में घरों की बिक्री के मूल्य कैसे बदल रहे हैं। यह संकेतक एक देश की आर्थिक स्थिति, उपभोक्ता विश्वास, और वित्तीय नीतियों के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। आवासीय संपत्ति की कीमतें अक्सर विभिन्न विभिन्न कारकों से प्रभावित होती हैं, जिनमें ब्याज दरें, मुद्रास्फीति, रोजगार दरें, और सरकारी नीतियां शामिल हैं। भारत में, आवासीय संपत्ति की कीमतों में उतार-चढ़ाव विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकते हैं। महानगरों में जहां आर्थिक गतिविधियां और जनसंख्या उच्च होती हैं, वहां संपत्ति की कीमतें अक्सर अधिक होती हैं। इसके विपरीत, ग्रामीण इलाकों में दरें अपेक्षाकृत कम हो सकती हैं। इसे समझने के लिए, हमें बाजार की मांग और आपूर्ति के मूल सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए। जब मांग बढ़ती है और आपूर्ति सीमित होती है, तो कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ती हैं। वहीं जब बाजार में अधिशेष आवास उपलब्ध होते हैं, तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि आवासीय संपत्ति की कीमतें एक संकेतक के रूप में कई मैक्रोइकोनॉमिक पहलुओं को प्रतिबिंबित करती हैं। उदाहरण के लिए, जब कीमतें बढ़ती हैं, तो यह उपभोक्ता विश्वास और आर्थिक स्थिरता का संकेत हो सकता है। लोग अधिक आय और वित्तीय सुरक्षा का अनुभव करते हैं और इसलिए वे आवासीय निवेश में अधिक पैसे लगाते हैं। इसके अलावा, जब ब्याज दरें कम होती हैं, तब बंधक दरें अधिक सुलभ हो जाती हैं, जिससे अधिक लोग घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। यह एक अद्वितीय चक्र है जहां आर्थिक कारक एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। आवासीय संपत्ति बाजार को सरकार द्वारा लागू नीतियों और नियमों से भी प्रभावित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार गृह ऋण पर छूट या सब्सिडी प्रदान करती है, तो इससे संपत्ति की मांग और मूल्य दोनों बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, शहरी विकास योजनाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, और सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता भी संपत्ति की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सुविधाओं और अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्धता का मतलब है कि उस क्षेत्र में संपत्ति की कीमतें अपेक्षाकृत उच्च होंगी। इस परिप्रेक्ष्य में, मुद्रास्फीति भी एक महत्वपूर्ण कारक है जो आवासीय संपत्ति की कीमतों को प्रभावित करता है। जब मुद्रास्फीति दर बढ़ती है, तो निर्माण सामग्री और लेबर की लागत भी बढ़ती है, जिससे नए घरों की निर्माण लागत में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, मौजूदा घरों की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है क्योंकि उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति में लोग अधिक स्थिर और मुद्रास्फीति से सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश करते हैं, जिसमें रियल एस्टेट एक प्रमुख विकल्प होता है। भारत में आवासीय संपत्ति की कीमतों का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह समाज के विभिन्न वर्गों की वित्तीय क्षमता और उपलब्ध जीवन शैली को दर्शाता है। उच्च आय वर्ग के लोग आम तौर पर अधिक सुरक्षित और प्रतिष्ठित क्षेत्रों में आवासीय संपत्ति की खरीद करते हैं, जबकि मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग अपने बजट के अनुसार संपत्ति का चयन करते हैं। इसलिए, विभिन्न क्षेत्रों और श्रेणियों में आवासीय संपत्ति की कीमतें सामाजिक आर्थिक विभाजनों को भी स्पष्ट रूप से दिखाती हैं। नेटवर्क इफेक्ट्स भी आवासीय संपत्ति के बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, जब एक क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल, अस्पताल, और शॉपिंग सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, तो उस क्षेत्र की संपत्ति की मांग और कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं। यह क्षेत्र विशेष निवेशकों और घरेलू खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बन जाता है, और इस प्रकार यह एक पॉजिटिव फीडबैक लूप उत्पन्न करता है। अब जब हमने आवासीय संपत्ति की कीमतों के विविध पहलुओं को समझ लिया है, तो इसे समय-समय पर मॉनिटर करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। Eulerpool पर हम आपको आवासीय संपत्ति की कीमतों के ताजा आंकड़ों के साथ-साथ उन कारकों के विश्लेषण भी प्रदान करते हैं, जो इन कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। यह जानकारी न केवल निवेशकों के लिए उपयोगी है, बल्कि सरकारी नीति निर्माताओं, अनुसंधान संस्थानों, और आम नागरिकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। Eulerpool पर हमारा लक्ष्य न केवल आपको सही और सटीक डेटा प्रदान करना है, बल्कि उसे एक व्यापक और समझने योग्य संदर्भ में प्रस्तुत करना भी है। हमारी विशेषज्ञ टीम ने आवासीय संपत्ति की कीमतों के बारे में महत्वपूर्ण शोध और विश्लेषण किया है, ताकि आप इस महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक को बेहतर तरीके से समझ सकें और उसका सही उपयोग कर सकें। हमारे डेटा और विश्लेषण का लाभ उठाकर, आप भारतीय आवासीय संपत्ति बाजार के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं और इस निर्देशित और सटीक जानकारी का उपयोग विभिन्न वित्तीय और विकासात्मक योजनाओं में कर सकते हैं। Eulerpool आपका सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी डेटा का एकमात्र स्रोत है जो आपको आवासीय संपत्ति बाजार को सही ढंग से समझने और उपयोग करने में मदद करेगा। आशा है कि आपने दिशानिर्देशित और गहन जानकारी का लाभ उठाया होगा। Eulerpool पर आवासीय संपत्ति की कीमतों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषयों और विवरणों के लिए हमें नियमित रूप से विजिट करें। धन्यवाद!